*सीएम कैम्प ने तीजा पर्व पर महिलाओं को दिलाई अंधेरे से मुक्ति,24 घण्टे के भीतर बदला खराब ट्रांसफार्मर, ग्रामीणों ने जताया आभार*

IMG 20240907 WA0002

  *जशपुर, 7 सितंबर 2024*: मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय जशपुर जिले के लोगों के लिए उम्मीदों का नया केंद्र बनकर उभरा है। यहाँ लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है, जिससे जिले में सकारात्मक माहौल निर्मित हो रहा है। इसी कड़ी में, जिले के कुनकुरी विकासखंड के नारायणपुर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम चिटकवाईन गंझूटोली में गुरुवार शाम को हुई तेज बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने से ट्रांसफार्मर खराब हो गया, जिससे गाँव में बिजली संकट उत्पन्न हो गया। गाँववासियों ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के निज सहायक को व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दी। कार्यालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिजली विभाग को निर्देशित किया। बिजली विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की और पाया कि ट्रांसफार्मर खराब हो चुका था। इसके तुरंत बाद, 24 घंटे के भीतर शुक्रवार की शाम को ट्रांसफार्मर बदल दिया गया और गाँव की बिजली समस्या का समाधान हो गया। ग्रामीणों में इस त्वरित कार्रवाई से खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनके कैंप कार्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया। तीजा पर्व पर महिलाओं की मदद: हरितालिका तीज के पावन अवसर पर, जब महिलाएं निर्जला व्रत रख रही थीं, बिजली की समस्या ने उनकी कठिनाईयों को बढ़ा दिया था। लेकिन सीएम कैंप कार्यालय ने समय रहते बिजली विभाग को निर्देशित किया कि किसी भी स्थिति में बिजली बहाल की जाए, ताकि त्योहार के दौरान किसी को परेशानी न हो। ट्रांसफार्मर के बदले जाने से महिलाएं भी राहत महसूस कर रही हैं। बिजली विभाग के डीई भगत लगातार बारिश के मौसम में क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और जहां भी बिजली समस्या सामने आती है, वहां कैंप लगाकर तब तक कार्यवाही करते हैं, जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता। उनकी इस कर्तव्यनिष्ठा के कारण जशपुर के ग्रामीण इलाकों में बिजली समस्या का त्वरित समाधान हो रहा है और लोग अब अंधकार से मुक्ति पा रहे हैं। ग्रामीणों ने जताया आभार: गाँववासियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और सीएम कैंप कार्यालय की सराहना करते हुए कहा कि यह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई प्रशासन की जनता के प्रति संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाती है।

शिक्षक दिवस विशेष – पढ़ाई के साथ चूल्हा भी सम्हाल रहे हैँ शिक्षक,पहाड़ी कोरवा बाहुल्य सिहारडांड में उजागर हुई संकुल की बड़ी लापरवही,

IMG 20240905 WA0004

  ( सोनू जायसवाल की रिपोर्ट ) जशपुर –  जी हाँ,आप ठीक पढ़ रहे हैँ, जिले में एक स्कूल ऐसा भी है जहां शिक्षक किताबों के साथ स्कूल का चूल्हा – चौका भी सम्हालते हैँ ताकि स्कूली बच्चो को ज्ञान और मध्यान भोजन दोनों मिलता रहे। मामला जिले के बगीचा ब्लॉक के ग्राम पंचायत कलिया के सिहारडांड पूर्व माध्यमिक स्कूल का है। इस स्कूल में निर्धारित समय पर स्कूल पहुंचने के साथ ही प्रधान पाठक सहित सारे शिक्षक मध्यान भोजन के लिए लकड़ी जुटाने के साथ अनाज को साफ करने और इसे पकाने की व्यवस्था करने में जुट जाते हैं। बीते 6 माह से यह काम निरंतर चला आ रहा है। इससे शिक्षकों को परेशानी तो हो रही है,लेकिन बच्चों की भूख और स्वास्थ्य को बनाएं रखने के लिए सभी शिक्षक मिल कर मध्यान भोजन पका कर खिलाने का आदर्श प्रस्तुत कर रहें हैं। यहां के प्रधान पाठक नारायण राम यादव ने बताया कि सितम्बर 2023 में बीमारी के कारण स्कूल में पदस्थ रसोईया की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से ही यह पद रिक्त है। उन्होनें बताया कि स्कूल में चालू शिक्षा सत्र में 33 बच्चे अध्ययनरत हैं। रसोईया के अभाव में बच्चों को मध्यान भोजन से वंचित करना ठीक नहीं था। इसलिए उन्होनें संस्था में पदस्थ शिक्षकों से चर्चा की। सबने मिल कर निर्णय किया कि जब तक रसोईया की नियुक्ति नहीं हो जाती है,सब मिल कर बच्चों के लिए मध्यान भोजन तैयार करेगें। स्कूल पहुंचने के साथ ही शिक्षक मध्यान भोजन की तैयारी में जुट जाते हैं। प्रधानपाठक ने बताया कि जिस शिक्षक का पिरीयड खाली होता है,वह अनाज को साफ करने,सब्जी काटने और चुल्हा जलाने के काम में सहयोग करते हैं। सब मिल कर बच्चों के लिए मध्यान भोजन पकाते हैं और उन्हें खिलाते है। प्रायः देखा जाता है कि रसोईया ना होने या कोई और समस्या होने पर शिक्षक रसोई बंद कर देते हैं,जिससे अक्सर विवाद की स्थिति बन जाती है। बच्चे और अभिभावक इसकी शिकायत लेकर उच्च अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच जाते हैं। शिक्षक दिवस पर ऐसे सेवाभावी शिक्षकों को खबर जनपक्ष का बारम्बार प्रणाम। प्रधान पाठक नारायण राम यादव ने कहा कि मध्यान भोजन संचालित करने में संस्था के सभी षिक्षकों का योगदान सराहनीय है। उन्होनें बताया कि रसोईया की नियुक्ति को लेकर वे पंचायत के साथ विभागिय अधिकारियों से लगातार संपर्क कर रहें हैं,उम्मीद है कि जल्द ही नियुक्ति हो जाएगी।

*प्रभारी मंत्री ओपी का दौरा* *भाजयुमो मंडल अध्यक्ष रित्विक जैन ने बगीचा में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की मांग उठाई*

IMG 20240904 WA0007

जशपुर (बगीचा) – भाजयुमो मंडल अध्यक्ष रित्विक जैन ने बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में प्रभारी मंत्री ओ पी चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति और उच्च तकनीक से लैस सोनोग्राफी मशीन की उपलब्धता की मांग की है। रित्विक जैन ने प्रभारी मंत्री से मुलाकात के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बगीचा में स्त्री रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, और सोनोग्राफी टेक्नीशियन की पदस्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बगीचा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है, जिसके चलते लोगों को इलाज के लिए दूर-दराज के अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को बेहतर सुविधाओं से लैस करने की अपील की। प्रभारी मंत्री ओ पी चौधरी ने रित्विक जैन की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए जल्द ही इन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। इस मुलाकात के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जल्द ही नई सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध होंगे, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।

*छत्तीसगढ़ में 8.46 लाख गरीबों को मिलेगा पक्का मकान: प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मिली मंजूरी*

IMG 20240904 175532

रायपुर: छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के अंतर्गत राज्य में 8,46,931 पक्के मकानों की स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थित गरीब परिवारों को आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी। स्वीकृत मकानों में 6,99,331 आवास एसईसीसी 2011 की सूची के अनुसार और 1,47,600 आवास आवास प्लस सूची के आधार पर स्वीकृत किए गए हैं। **मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया आभार** छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का हार्दिक आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मिली यह स्वीकृति राज्य के लाखों गरीब परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी। इससे लोगों को अपने घर का सपना पूरा करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का भाव आएगा। **राज्य के विकास में मील का पत्थर** मुख्यमंत्री साय ने इस स्वीकृति को छत्तीसगढ़ के विकास में एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार गरीब और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इस योजना से राज्य के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे, और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। इस महत्वपूर्ण निर्णय से छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों के लिए एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है, जहां उन्हें अपने सपनों का पक्का घर मिलने की उम्मीद जगी है।

*वक्फ बोर्ड सुधार: एक मुस्लिम महिला की आवाज से सशक्त होगा समुदाय*

IMG 20240902 083504

  हालांकि सरकार के प्रस्तावित संशोधन सही दिशा में एक कदम हैं, फिर भी वक्फ बोर्डों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं। निर्मल कुमार (लेखक अंतर्राष्ट्रीय समाजिक,आर्थिक मामलों के जानकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।) वक्फ बोर्ड, जो 1995 के वक्फ अधिनियम के तहत स्थापित किए गए थे, का उद्देश्य इस्लामी कानून के अनुसार धार्मिक, परोपकारी, और पवित्र उद्देश्यों के लिए संपत्तियों का प्रबंधन और सुरक्षा करना था। हालांकि, हाल के वर्षों में इन बोर्डों की शक्तियों के दुरुपयोग, पारदर्शिता की कमी, और प्रबंधन में असफलता को लेकर आलोचना की गई है। इसके चलते सुधार की मांग उठी है, और सरकार ने इन मुद्दों को सुलझाने के लिए वक्फ अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित किए हैं। ये संशोधन सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं, जो लंबे समय से उठे हुए मुद्दों को हल करने और सचर समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए वक्फ बोर्डों का दायरा बढ़ाने की दिशा में है। वर्तमान वक्फ बोर्डों की एक मुख्य समस्या उनकी “असीमित शक्तियाँ” हैं, जो उन्हें बिना उचित निगरानी या सत्यापन के किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने की अनुमति देती हैं। इस कारण से वक्फ बोर्डों द्वारा संपत्ति हड़पने और वक्फ अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग करने की कई शिकायतें मिली हैं। कुछ मामलों में बोर्डों ने याचिकाकर्ताओं को न्यायपालिका से न्याय प्राप्त करने से भी रोका है, जिससे कानून का उल्लंघन हुआ है। संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया में उचित सत्यापन की कमी और मनमाने ढंग से संपत्तियों को वक्फ घोषित करना आम जनता और विभिन्न मुस्लिम समुदायों में असंतोष को बढ़ा रहा है। इन चिंताओं के जवाब में, सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के कई प्रस्ताव दिए हैं, जिनका उद्देश्य जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाना है। इन संशोधनों में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की संरचना को पुनर्गठित करने का प्रावधान है ताकि बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके, जिसमें महिलाओं का अनिवार्य समावेश भी शामिल है। एक महत्वपूर्ण संशोधन में यह प्रावधान है कि किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसका अनिवार्य सत्यापन किया जाएगा। यह मनमाने और अनुचित घोषणाओं को रोकने के लिए किया गया है, जो विवाद और दुरुपयोग का कारण बने हैं। प्रस्तावित बदलावों में विवादित संपत्तियों की न्यायिक जांच का प्रावधान भी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उचित और पारदर्शी तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित किया जाए। इसके अलावा, विधेयक में उन धाराओं को निरस्त करने का प्रावधान है जो बोर्डों को अत्यधिक शक्तियाँ देती हैं, जिससे उनके द्वारा इन शक्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सके। ये संशोधन वक्फ बोर्डों के कामकाज को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं। सरकार ने इन सुधारों के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों और संगठनों से सुझाव भी प्राप्त किए हैं। हालांकि सरकार के प्रस्तावित संशोधन सही दिशा में एक कदम हैं, फिर भी वक्फ बोर्डों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं। सभी वक्फ संपत्तियों के लिए एक डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग सिस्टम लागू कर पारदर्शिता बढ़ाई जा सकती है। इन रिकॉर्डों तक जनता की पहुँच होने से ज्यादा निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। एक स्वतंत्र निगरानी समिति की स्थापना, जिसमें कानूनी विशेषज्ञ, सामुदायिक नेता, और सरकारी प्रतिनिधि शामिल हों,जो वक्फ बोर्डों की गतिविधियों की निगरानी कर सकती है और कानून का पालन सुनिश्चित कर सकती है। यह वक्फ बोर्ड के सदस्यों और कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम करते हुए उनके कानूनी, वित्तीय, और प्रशासनिक पहलुओं की समझ को सुधार सकता है, जिससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन हो सके। स्थानीय समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन समुदाय की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप हो। सरकार द्वारा केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं के अनिवार्य समावेश के प्रस्ताव के अलावा, इन भूमिकाओं में महिलाओं को सशक्त और समर्थन करने के लिए विशेष कार्यक्रम और पहल बनाना महत्वपूर्ण होगा। इसमें नेतृत्व प्रशिक्षण, मेंटरशिप कार्यक्रम और यह सुनिश्चित करना कि महिलाओं को वक्फ प्रबंधन के सभी पहलुओं में भाग लेने के बराबर अवसर मिलें, शामिल हो सकते हैं। प्रस्तावित संशोधनों ने मुस्लिम महिलाओं की आवाज को सशक्त किया है, वक्फ बोर्डों में मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करके उनकी सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाया है। केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं का समावेश लैंगिक समानता और समावेशी निर्णय-निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन सुधारों के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त उपाय भी महत्वपूर्ण हैं, ताकि वक्फ प्रणाली में विश्वास बहाल हो सके और यह निष्पक्ष और न्यायपूर्ण ढंग से संचालित हो, जिससे हमारे समाज के सभी सदस्यों को लाभ हो।

*बड़ी खबर: जशपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ जजासु का बड़ा आंदोलन 12 को, सन्ना में विशाल रैली की तैयारी शुरू*

Picsart 24 09 02 08 07 28 661

  **जशपुर, छत्तीसगढ़:** जशपुर जिले से बड़ी खबर सामने आई है। अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के नेतृत्व में रविवार को सन्ना में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में खुड़िया क्षेत्र के लगभग 30 पंचायतों के सैकड़ों ग्राम प्रमुख, जजासु मंच के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में प्रमुख रूप से क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार, मनरेगा में मजदूरी भुगतान में देरी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की लंबित राशि, और बगीचा ब्लॉक में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई। विशेष रूप से, कांग्रेस सरकार के दौरान बगीचा ब्लॉक में आंगनबाड़ी भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था, जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की जा रही है। गणेश राम भगत ने बैठक में जोर देते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिकारी जनता को परेशान कर रहे हैं और अब समय आ गया है कि जनता अपनी आवाज उठाए। **12 सितंबर को सन्ना में विशाल रैली का ऐलान** बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 12 सितंबर, गुरुवार को सन्ना के बस स्टैंड में एक विशाल रैली और आंदोलन किया जाएगा, जिसमें दावा किया गया है कि 10,000 से अधिक लोग भाग लेंगे। इस रैली के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। गणेश राम भगत ने जनता से अपील की है कि वे इस आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने अधिकारों के लिए लड़ें। इस बैठक में विधिक सलाहकार रामप्रकाश पांडे, संरक्षक राजकुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष चंद्रदेव ग्वाला, अनिल भगत, सुखलाल यादव, राकेश गुप्ता, सल्लू राजवाड़े, प्रकाश यादव, शिव यादव, हरि राम नागवंशी, रतन शर्मा, और जगमोहन भगत जैसे प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे। खुड़िया क्षेत्र में इस आंदोलन को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है, और प्रशासन भी इस विशाल रैली के लिए तैयारियों में जुट गया है।

वर्षों पुरानी मांग पूरी करके मुख्यमंत्री साय ने घासीमुंडा को दी नई पहचान,लोगों ने जताया आभार

Screenshot 2024 08 30 10 46 41 82 6012fa4d4ddec268fc5c7112cbb265e7

जशपुर/कुनकुरी – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वर्षों पुरानी मांग घासीमुंडा मुहल्ला को राजस्व ग्राम का दर्जा मिल गया है,इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने सीएम कैंप कार्यालय बगिया आकर सीएम साय का आभार जताते हुए खुशी जाहिर की है। आप को बता दें की जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत केरसई के घांसीमुंडा मुंहल्ला के ग्रामीण विगत कई वर्षों से राजस्व ग्राम का दर्जा पाने के लिए लगातार मांग करते आ रहे थे। प्रदेश में सरकार बदली और कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बनने के बाद यहां के ग्रामीणों ने सीएम साय से मुलाकात कर घासीमुंडा को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने की मांग की थी । जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने इस मुहल्ले को राजस्व ग्राम का दर्जा देते हुए आदेश जारी किया है। घासीमुंडा के जनप्रतिनिधि सरिता पैंकरा महिला बीडीसी,पूर्व सरपंच विशेश्वर साय, पूर्व सरपंच बैजनाथ साय एवं ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निजी निवास बगिया पहुंचकर उनका आभार जताया ।

**जशपुर के किसानों का अनोखा विरोध: आवारा मवेशियों को नीलाम करने की दी चेतावनी**

IMG 20240829 WA0003

  जशपुर/सन्ना: जशपुर जिले के सन्ना थाना क्षेत्र के किसानों ने एक साहसिक और अनोखा कदम उठाते हुए आवारा मवेशियों से परेशान होकर विरोध का अनूठा तरीका अपनाया है। क्षेत्र के अनेकों किसान हाथों में डंडा लेकर सड़कों पर उतर आए और सन्ना के अटल चौक के पास स्थित एक बाउंड्री के भीतर आवारा गाय-बैलों को बंद कर दिया। किसानों का यह कदम मवेशी मालिकों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, जो अपने मवेशियों को सड़कों पर खुला छोड़ देते थे, जिससे किसानों की फसलें नष्ट हो रही थीं। मामला तब गरमाया जब कुछ मवेशी मालिक अपने पशुओं को छुड़ाने के लिए रात में ही किसानों से बहस करने लगे। हालांकि, स्थानीय लोगों के समझाने पर मामला शांत हुआ। किसानों ने मवेशी मालिकों को चेतावनी दी कि अगर उनके मवेशी दोबारा सड़कों पर या खेतों में आवारा घूमते पाए गए, तो उन्हें नीलाम कर दिया जाएगा। इसके बाद, कुछ मवेशियों को उनके मालिकों को लौटा दिया गया, लेकिन कई मवेशी अभी भी बाउंड्री के अंदर बंद हैं, जिनके मालिकों का कोई अता-पता नहीं है। दरअसल, यह कदम उस लंबे संघर्ष का नतीजा है जो किसान पिछले चार वर्षों से झेल रहे थे। आवारा मवेशियों के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा था, क्योंकि ये मवेशी उनकी फसलें चट कर जाते थे। कई बार ग्राम पंचायत, तहसील कार्यालय, और पुलिस थाना में लिखित शिकायत देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। हफ्ते भर पहले ही किसानों ने लोकल प्रशासन को मवेशियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो किसानों ने खुद ही समस्या का समाधान करने का फैसला किया। किसानों का कहना है कि अब अगर मवेशियों को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता, बल्कि ग्राम पंचायत के सहयोग से इन आवारा मवेशियों की नीलामी की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में कोई भी मवेशी मालिक अपने पशुओं को इस तरह से सड़कों पर नहीं छोड़ेगा। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी हाल ही में आवारा मवेशियों के संबंध में ऐसी ही पहल की है, जिससे प्रदेश के अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है। जशपुर के किसानों का यह कदम न केवल उनकी मजबूरी और आक्रोश को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जब प्रशासन चुप बैठता है, तो आम जनता अपने हक के लिए खुद ही खड़ी हो जाती है।

*शमशाद किराना स्टोर पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: एक्सपायरी खाद्य सामग्री जब्त, दुकान सील*

IMG 20240827 WA0025 scaled

**जशपुर, 27 अगस्त 2024:** जिला प्रशासन की टीम ने आज जशपुर विकासखंड के लोदाम स्थित शमशाद किराना स्टोर पर अचानक छापा मारा और भारी मात्रा में एक्सपायरी खाद्य सामग्री जब्त की। इस निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि दुकान में बड़ी संख्या में खाद्य पदार्थ एक्सपायरी हो चुके थे। प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से इन पदार्थों को जब्त कर लिया और दुकान को सील कर दिया गया है। **खाद्य सुरक्षा और लोक स्वास्थ्य के प्रति सख्त कदम:** निरीक्षण के दौरान पाया गया कि शमशाद किराना स्टोर में खाद्य सामग्री बेचने के लिए आवश्यक फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट भी मौजूद नहीं था। लोक स्वास्थ्य और लोक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन ने एक्सपायरी हो चुके खाद्य पदार्थों को तुरंत जब्त करने का निर्णय लिया। दुकानदार को सख्त हिदायत दी गई कि भविष्य में केवल उन उत्पादों का विक्रय किया जाए, जिनकी उत्पादन तिथि और समाप्ति तिथि स्पष्ट रूप से दर्ज हो। इसके अलावा, दुकान में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से प्राप्त करने का भी निर्देश दिया गया है। **एक्सपायरी सामान बेचने पर नियम और दंड:** एक्सपायरी खाद्य सामग्री का विक्रय एक गंभीर अपराध माना जाता है, जो न केवल कानून के उल्लंघन के तहत आता है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के तहत ऐसे मामलों में सख्त दंड का प्रावधान है। 1. **भारी जुर्माना और सजा:** एक्सपायरी खाद्य सामग्री बेचने पर दुकानदार को भारी जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है। 2. **लाइसेंस रद्द:** यदि कोई दुकानदार बार-बार इस प्रकार का उल्लंघन करता है, तो उसके फूड लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है। 3. **दुकान सील:** तत्काल प्रभाव से दुकान को सील कर दिया जाता है, और व्यवसाय को आगे बढ़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है। **प्रशासन की कड़ी चेतावनी:** जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि खाद्य सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन ने सभी दुकानदारों को चेतावनी दी है कि वे खाद्य सामग्री की बिक्री के दौरान FSSAI के नियमों का कड़ाई से पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से एक बार फिर साबित हुआ है कि जिला प्रशासन जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति गंभीर है और इसके लिए कोई समझौता नहीं करेगा।

राशन लेने 8 किलोमीटर जाने की जद्दोजहद सीएम कैम्प बगिया ने ख़त्म की,मड़ियाझरिया के ग्रमीणों ने मुख्यमंत्री श्री साय का आभार जताया

IMG 20240827 WA0014

*सीएम कैम्प कार्यालय की पहल से मड़ियाझरिया में पीडीएस दुकान संचालन करने की मिली स्वीकृति* जशपुर,27,अगस्त,2024/बगिया स्थित सीएम कैम्प कार्यालय की पहल पर मड़ियाझरिया में सार्वजनिक राशन वितरण दुकान (पीडीएस) संचालित करने का आदेश बगीचा के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने जारी कर दिया है। इससे ग्रामीणों को राशन लेने के लिए 8 किलोमीटर की दौड़ लगाने से बड़ी राहत मिली है। इस पहल के लिए ग्रामीणों ने सीएम कैम्प कार्यालय का आभार जताते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापन सौंपा है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व ही जिले के कांसाबेल ब्लाक के ग्राम पंचायत केनाडांड़ के आश्रित ग्राम मड़ियाझरिया से आए ग्रामीणों ने सीएम कैम्प में ज्ञापन सौंपा था। इसमें उन्होंने बताया था कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंर्तगत,सरकार द्वारा दिया जाने वाला राशन लेने के लिए हर महिने 8 किलोमीटर की दौड़ लगानी होती है। भीषण गर्मी के महिना हो या बरसात का,मौसम का मार झेलते हुए वे चेटबा,ढूंढरूडांड पार कर बंदरचुआं पहुंचते भी है लेकिन शाम हो जाने के कारण उन्हें कई बार खाली हाथ लौटा दिया जाता है। इस समस्या को देखते हुए उन्होनें मड़ियाझरिया में ही राशन दुकान संचालित करने का अनुरोध किया था। इस पर कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत ने प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव का निरीक्षण कर,खाद्य विभाग प्रशासन को प्रतिवेदन भी भेज चुकी है। लेकिन गाँव में दुकान का संचालन शुरू नहीं हो पाया था । इससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही थी। सीएम कैंप कार्यालय ने ग्रामीणों इस समाधान को निराकरण के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया था,जिस पर जिला प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए अब एसडीएम के आदेश के बाद,मड़ियाझरिया में जल्द ही सरकारी राशन दुकान का संचालन शुरू हो जाएगा। ग्रामीणों को अपने गांव में ही अब राशन मिल जायेगा,जिससे ग्रामीणों में खुशी की लहर है।