वर्ल्ड रिकार्ड: विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक प्रतिकृति शिवलिंग बना मधेश्वर पर्वत,गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने सीएम साय को दिया सर्टिफिकेट

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गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ जशपुर, 11 दिसंबर 2024: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिलने का ऐतिहासिक गौरव प्राप्त हुआ है। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री को सौंपा गया वर्ल्ड रिकॉर्ड का मान्यता प्रमाणपत्र  गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि श्रीमती हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री श्री साय को वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट सौंपा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े भी उपस्थित थे। जशपुर जिले को मिली नई पहचान यह उपलब्धि जशपुर जिले के पर्यटन को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में जशपुर को प्रसिद्ध पर्यटन वेबसाइट EaseMyTrip.com पर शामिल किया गया था, जिससे यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा जिला बना जिसने इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त की। अब मधेश्वर पहाड़ को मिली यह मान्यता न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र को और मजबूती देगी बल्कि जशपुर को पर्यटन और रोमांचक खेलों का हब बनाने में भी सहायक होगी। मधेश्वर पहाड़: आस्था और रोमांच का संगम मधेश्वर पहाड़, जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। शिवलिंग के आकार में बनी इसकी प्राकृतिक संरचना इसे अद्वितीय बनाती है। स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मानते हैं और यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण 1. धार्मिक महत्व: यहाँ हर साल बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सावन के महीनों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। 2. प्राकृतिक सुंदरता: मधेश्वर पहाड़ अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है। 3. एडवेंचर स्पोर्ट्स: पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यह स्थान तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जशपुर जिले में इन गतिविधियों के लिए असीम संभावनाएँ मौजूद हैं। जशपुर का बढ़ता पर्यटन महत्व जशपुर को हाल ही में EaseMyTrip.com में शामिल किया गया था, जो जिले की प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर लाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने की अपील मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे मधेश्वर पहाड़ जैसे प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करें और इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि जशपुर जिले को छत्तीसगढ़ का पर्यटन गढ़ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। भविष्य की संभावनाएँ इस उपलब्धि के बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटकों की सुविधा के लिए नई योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया है। मधेश्वर पहाड़ को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाने की योजना तैयार की जा रही है।  

शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण: मुस्लिम समुदाय के लिए स्वर्णिम युग का प्रारंभ

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निर्मल कुमार (लेखक आर्थिक,सामाजिक मामलों के स्तम्भकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।) हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय में अल्पसंख्यक समुदायों को अपने शैक्षिक संस्थान स्थापित करने और संचालित करने के संवैधानिक अधिकार को पुनः स्पष्ट और सुदृढ़ किया है। यह निर्णय भारतीय संविधान की मूल भावना और लोकतंत्र के तीन स्तंभों—कानून के समक्ष समानता, संवैधानिक सर्वोच्चता और अल्पसंख्यकों की जिम्मेदारी—का प्रभावशाली उदाहरण है। विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए, यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने और समाज के सर्वांगीण विकास में योगदान देने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। यह ऐतिहासिक फैसला केवल संवैधानिक अधिकारों को स्थापित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समुदाय को इस अधिकार का उपयोग करते हुए शिक्षा के माध्यम से अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने की प्रेरणा भी देता है। यह समय है कि मुस्लिम समुदाय, अपने इतिहास, वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को समझते हुए, शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाए और इसे सामाजिक सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी साधन बनाए। शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति और विकास का मूल मंत्र होती है। इतिहास गवाह है कि कोई भी समुदाय या राष्ट्र तब तक उन्नति नहीं कर सकता, जब तक उसके नागरिक शिक्षित न हों। मुस्लिम समुदाय के पास शिक्षा की समृद्ध परंपरा है। इतिहास में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों से लेकर इस्लामी स्वर्ण युग के दौरान विज्ञान, चिकित्सा, गणित और खगोल विज्ञान में योगदान देने वाले मुस्लिम विद्वानों तक, शिक्षा की शक्ति ने हमेशा समाज को ऊंचाई प्रदान की है। आधुनिक भारत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) और अन्य संस्थान समुदाय के लिए गौरव का प्रतीक हैं। इन संस्थानों ने उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हुए लाखों छात्रों को समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया है। सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय इस परंपरा को और आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। आज शिक्षा की भूमिका केवल साक्षरता तक सीमित नहीं है। यह आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास का एक शक्तिशाली माध्यम बन चुकी है। मुस्लिम समुदाय को न केवल पारंपरिक विषयों बल्कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा (STEM) और उद्यमिता जैसे आधुनिक क्षेत्रों में अधिक संस्थानों की स्थापना करनी चाहिए। उन्नत संस्थानों जैसे इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज, अनुसंधान केंद्र और प्रौद्योगिकी आधारित विश्वविद्यालयों का निर्माण समय की मांग है। महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देना भी आवश्यक है ताकि समाज के उस हिस्से को सशक्त किया जा सके जो किसी भी प्रगति में बराबर का योगदान दे सकता है। कौशल विकास केंद्र स्थापित करके युवाओं को रोजगार के लिए तैयार किया जा सकता है। मौजूदा विश्वविद्यालयों और स्कूलों को वैश्विक मानकों के अनुरूप आधुनिक बनाना अत्यंत आवश्यक है। अनुसंधान केंद्रों की स्थापना से छात्रों को नवीनतम तकनीकों और वैश्विक विकास से जोड़ा जा सकता है। भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी से छात्रों और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव और ज्ञान मिलेगा। आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन पाठ्यक्रम और डिजिटल शिक्षण उपकरण का उपयोग शिक्षा को और अधिक सुलभ और प्रभावशाली बना सकता है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं और शिक्षा ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इससे यह गारंटी होगी कि किसी भी छात्र की शिक्षा आर्थिक सीमाओं के कारण बाधित न हो। शिक्षा के इस अभियान को सफल बनाने के लिए केवल समुदाय के नेता और बुद्धिजीवी ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। माता-पिता को अपने बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों, की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। यह मानसिकता बदलनी होगी कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन है। शिक्षा बच्चों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और समाज में सम्मानजनक स्थान प्रदान करती है। वहीं शिक्षकों को न केवल शिक्षण सामग्री पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि छात्रों को नैतिक, सामाजिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी मजबूत बनाना चाहिए। सामुदायिक संगठन, गैर-सरकारी संस्थान (एनजीओ) और अन्य समूह कार्यशालाओं, करियर काउंसलिंग और कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। ये प्रयास छात्रों और उनके परिवारों को शिक्षा के महत्व और इसके लाभों से परिचित कराने में सहायक होंगे। शिक्षा का महत्व केवल व्यक्तिगत और सामुदायिक प्रगति तक सीमित नहीं है। यह राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का भी साधन है। शिक्षित व्यक्ति अधिक सहिष्णु, विचारशील और समावेशी होता है। मुस्लिम समुदाय यदि शिक्षा को प्राथमिकता देता है, तो यह अन्य समुदायों के साथ संवाद और सहयोग के नए रास्ते खोलेगा। इसके अलावा, शिक्षा उन सामाजिक विभाजनों को भी कम कर सकती है, जो अक्सर गलतफहमियों और पूर्वाग्रहों के कारण उत्पन्न होते हैं। आज का यह निर्णय मुस्लिम समुदाय के लिए एक सुनहरा अवसर है। अब समय आ गया है कि समुदाय अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करे। नए शैक्षिक संस्थानों की स्थापना, उच्च शिक्षा में अधिक भागीदारी, आधुनिक शिक्षा प्रणाली का विकास और महिला शिक्षा को प्राथमिकता देना—यह सब मिलकर समुदाय को न केवल प्रगति की ओर ले जाएगा, बल्कि इसे एक आत्मनिर्भर और सशक्त समूह में बदल देगा। यह निर्णय एक आह्वान है कि शिक्षा को सामाजिक और आर्थिक समानता प्राप्त करने का माध्यम बनाया जाए। यह केवल मुस्लिम समुदाय के विकास का मार्ग नहीं है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। शिक्षा केवल भविष्य का निर्माण नहीं करती, यह समाज और राष्ट्र की आत्मा को आकार देती है। अब यह समुदाय पर निर्भर करता है कि वह इस अवसर का किस प्रकार उपयोग करता है। शिक्षा के माध्यम से न केवल अपनी पीढ़ियों का भविष्य संवारें, बल्कि भारत की समृद्धि और एकता में भी अपना योगदान दें।

इंटरनेट के युग में मुस्लिम युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने में मुस्लिम धर्मगुरुओं की भूमिका

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 निर्मल कुमार (लेखक सामाजिक,आर्थिक मुद्दों के जानकार हैं।यह लेख उनके निजी विचार हैं।) आज इंटरनेट हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, जिससे हम न केवल सूचना प्राप्त करते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। इसके जरिए लोग शिक्षा लेते हैं, संवाद करते हैं, और समाज का हिस्सा बनते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने कई समस्याएं भी खड़ी की हैं। इनमें से एक गंभीर चुनौती है – इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से मुस्लिम युवाओं में कट्टरपंथ का प्रसार। कई अतिवादी संगठन जैसे इस्लामिक स्टेट (ISIS) और अल-कायदा ने इन प्लेटफार्मों का उपयोग कर युवा मुस्लिमों को अपने विचारों से आकर्षित किया है, जिससे वे हिंसक विचारधाराओं की ओर मुड़ जाते हैं। इन संगठनों ने धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर, इस्लाम के संदेशों को विकृत रूप में प्रस्तुत कर युवाओं को कट्टरपंथी बनने के लिए प्रेरित किया है। कट्टरपंथ का सामना करने में मुस्लिम धर्मगुरुओं का दायित्व इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में मुस्लिम धर्मगुरुओं (उलेमा) और इस्लामी संगठनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। धर्मगुरुओं के पास वह धार्मिक ज्ञान और सामुदायिक प्रभाव होता है, जो युवाओं को सही राह दिखाने और कट्टरपंथी विचारधाराओं का मुकाबला करने के लिए आवश्यक है। उनके पास समुदाय के बीच एक ऐसा विश्वास है, जो युवाओं को सही संदेश देने में सहायक होता है। धर्मगुरुओं का सबसे प्रमुख कार्य यह है कि वे इस्लाम की उन अवधारणाओं की सही व्याख्या करें, जिन्हें आतंकवादी संगठन अपने उद्देश्य के लिए तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं। विशेषकर “जिहाद” और “शहादत” जैसे शब्दों का सही अर्थ सामने रखना जरूरी है। असल में, जिहाद का मतलब आत्म-सुधार और समाज की भलाई के लिए संघर्ष करना है, न कि हिंसा फैलाना। धर्मगुरु और इस्लामी विद्वान, कुरान के शांति, सहिष्णुता और आपसी भाईचारे के संदेशों को लोगों तक पहुंचाकर कट्टरपंथ का प्रभाव कम कर सकते हैं। इस्लाम का असली संदेश शांति, समानता और मानवता के प्रति प्रेम का है, जिसे कट्टरपंथी संगठन अपनी सुविधा अनुसार तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं। धर्मगुरु कुरान की उस आयत पर विशेष जोर दे सकते हैं, जिसमें कहा गया है कि एक निर्दोष की हत्या पूरी मानवता की हत्या के समान है (कुरान 5:32)। साथ ही, वे पैगंबर मुहम्मद साहब के जीवन से जुड़े किस्सों का उदाहरण देकर भी दिखा सकते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में कितनी बार सहिष्णुता, दया और मानवता का संदेश दिया। सोशल मीडिया पर सकारात्मक संवाद की आवश्यकता धर्मगुरुओं को यह समझना चाहिए कि आज के युवा ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ही सक्रिय रहते हैं। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि धर्मगुरु और इस्लामी संगठन उन ऑनलाइन स्थानों पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं, जहां अतिवादी संगठन युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। यदि हम कट्टरपंथ का मुकाबला करना चाहते हैं, तो सोशल मीडिया पर युवाओं के बीच धर्मगुरुओं की एक सक्रिय उपस्थिति होनी चाहिए। इसके लिए धर्मगुरुओं को छोटे वीडियो, ब्लॉग, इन्फोग्राफिक्स और अन्य डिजिटल सामग्री बनानी चाहिए जो इस्लाम के वास्तविक संदेश को सरल और आकर्षक तरीके से युवाओं के सामने रखे। दुनियाभर में कई सफल प्रयास हो चुके हैं, जहां डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग कर कट्टरपंथ को चुनौती दी गई है। उदाहरण के लिए, यूके में क्विलियम फाउंडेशन कट्टरपंथ के खिलाफ काम कर रहा है और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं तक शांति और सहिष्णुता का संदेश पहुंचा रहा है। इसी प्रकार, सऊदी अरब का सकीना कैंपेन सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी विचारों का विरोध कर रहा है, और संयुक्त अरब अमीरात में सवाब सेंटर आईएसआईएस के प्रचार का सामना कर रहा है। ऐसे प्रयासों को और भी बढ़ाने की जरूरत है, ताकि युवाओं को उनके भाषा और संस्कृति के अनुसार उचित और संतुलित जानकारी मिल सके। कट्टरपंथ के सामाजिक कारण और धर्मगुरुओं की भूमिका कट्टरपंथ केवल धार्मिक मुद्दा नहीं है, इसके कई सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कारण भी होते हैं। बेरोजगारी, भेदभाव, गरीबी, शिक्षा की कमी और समाज में हाशिए पर होने का अहसास, ये सब कारण हैं जिनकी वजह से युवा कट्टरपंथ की ओर खिंच सकते हैं। धर्मगुरुओं और इस्लामी संगठनों को चाहिए कि वे इन मुद्दों को भी ध्यान में रखें और युवाओं को केवल धार्मिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि समाज में सशक्त बनाने के अवसर भी प्रदान करें। धर्मगुरुओं और स्थानीय मस्जिदों के साथ-साथ समुदायिक केंद्रों को भी चाहिए कि वे युवाओं के लिए रोजगार, शिक्षा और मानसिक सहयोग की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। मस्जिदों को एक ऐसा स्थान बनाया जाना चाहिए जहां पर युवाओं को मेंटरशिप, करियर काउंसलिंग और मनोरंजन के अवसर मिल सकें। इससे न केवल उनका आत्म-सम्मान बढ़ेगा, बल्कि वे कट्टरपंथी विचारों से भी दूर रहेंगे। इसके साथ ही, इस्लामी संगठनों और धर्मगुरुओं को सरकारी एजेंसियों, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। एक समग्र डी-रेडिकलाइजेशन रणनीति बनाई जानी चाहिए, जिसमें युवाओं के लिए रोजगार, मानसिक स्वास्थ्य और समाज में अपनापन महसूस कराने की योजनाएं शामिल हों। अंतर-धार्मिक संवाद का आयोजन भी कट्टरपंथ का प्रभाव कम करने में सहायक हो सकता है। इससे विभिन्न समुदायों के बीच समझ और सौहार्द्र बढ़ता है, जो अतिवादी संगठनों के नकारात्मक संदेशों का सामना करने में सहायक हो सकता है। धर्मगुरुओं की भूमिका: भविष्य की ओर एक कदम मुस्लिम युवाओं का सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथ की ओर बढ़ना एक गंभीर चुनौती है। इसे केवल कानून और सुरक्षा एजेंसियों के बल पर नहीं रोका जा सकता। इसके लिए धार्मिक और सामुदायिक नेताओं को जिम्मेदारी के साथ आगे आना होगा। प्रामाणिक इस्लामी शिक्षाओं का प्रचार करके, सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर और युवाओं के सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करके, मुस्लिम नेता और धर्मगुरु युवा मुस्लिमों को कट्टरपंथी विचारधाराओं से दूर रखने में मदद कर सकते हैं। यह लड़ाई केवल आतंकवाद को रोकने की नहीं है, बल्कि मुस्लिम समाज के सुरक्षित भविष्य की रक्षा करने की भी है। इससे युवा मुस्लिम समाज का सकारात्मक हिस्सा बन सकेंगे और एक बेहतर और समझदारी से भरी दुनिया में अपनी जगह बना सकेंगे।

जशपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को दी दीपावली की शुभकामनाएं

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जशपुर,02 नवम्बर 2024- दीपावली के शुभ अवसर पर जशपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सीएम हाउस बगिया में भेंट की और उन्हें दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों की इस सौहार्दपूर्ण मुलाकात का स्वागत करते हुए उन्हें भी दीपावली की मंगलकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्रकारों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि त्योहारों का यह समय सभी को मिलकर काम करने और एकजुट रहने का अवसर प्रदान करता है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रेस क्लब के सदस्य जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास और पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह से भी मिले और उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं।इस दौरान सहायक संचालक व जिला जनसम्पर्क अधिकारी श्रीमती नूतन सिदार भी मौजूद रहीं।   इस सौहार्दपूर्ण मुलाकात ने जिले में अधिकारियों और पत्रकारों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय की भावना को बढ़ावा दिया। प्रेस क्लब के सदस्यों ने इस अवसर पर आशा व्यक्त की कि इस तरह के आयोजन से क्षेत्र के विकास में सभी का सहयोग बना रहेगा। इस अवसर पर जशपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष विकास पांडे, वरिष्ठ पत्रकार एवं संरक्षक विष्णु जोशी, विजय त्रिपाठी, विनोद शर्मा, सीएम हाउस बगिया के मीडिया प्रभारी टंकेश्वर यादव, संतोष चौधरी, आनंद गुप्ता, राजेश पांडे, सुरेंद्र चेतवानी, दीपक सिंह, योगेश थवाईत, संजीत यादव, नवीन ओझा, प्रशांत सहाय, नीरज गुप्ता, शिवप्रताप सिंह, सागर जोशी, निरंजन मोहंती, परेश दास, मिथलेश गुप्ता, गणेश साहू, मयंक शर्मा, सजन बंजारा, नवीन शर्मा, अभिषेक शुक्ला, कमलेश अम्बस्थ, धवलेश्वर सिंह, सुमीत ठाकुर समेत बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को दीपावली पर दिया उपहार, हितग्राहियों ने उपहारस्वरूप धान की बाली भेंट की

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जशपुर, 01 नवंबर 2024: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दीपावली के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को अपने निवास कार्यालय, बगिया में आमंत्रित कर विशेष उपहार और शुभकामनाएं दीं। इस आत्मीय भेंट के दौरान हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए समृद्धि और खुशहाली की कामना के साथ धान की बाली उपहारस्वरूप भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना की लाभार्थी श्रीमती तिलासो बाई से विशेष रूप से मिट्टी के दीये और कलश की खरीदारी की। उल्लेखनीय है कि माटी कला बोर्ड द्वारा श्रीमती तिलासो बाई को कुम्भकार टेराकोटा योजना के तहत इलेक्ट्रिक चाक प्रदान किया गया है, जिसके माध्यम से वह विभिन्न मिट्टी के उत्पादों का निर्माण कर रही हैं। दीपावली के दौरान उनके उत्पादों की मांग बढ़ने से उनकी आय में भी वृद्धि हुई है। हितग्राही तिलासो बाई और उनके साथ आए अन्य लाभार्थी, जैसे नवीता पैंकरा, अमृता बाई, रजनी चौहान, कुमारी शशि चौहान ने मुख्यमंत्री से आवास प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और मुख्यमंत्री की विशेष पहल के लिए आभार जताया। इस अवसर पर जशपुर कलेक्टर  रोहित व्यास और पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह भी उपस्थित रहे। इलेक्ट्रिक चाक से बढ़ी कार्यकुशलता, आमदनी में इजाफा श्रीमती तिलासो बाई ने बताया कि माटी कला बोर्ड द्वारा प्राप्त इलेक्ट्रिक चाक से उनकी कार्यकुशलता में बढ़ोतरी हुई है। अब वे दीये, चिमनी, गुल्लक सहित अन्य मिट्टी के सामानों का निर्माण तेजी से कर पाती हैं। दीपावली के दौरान उनके उत्पादों की अच्छी बिक्री हुई, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।  

जशपुर जिले को स्वास्थ्य सेवा में बड़ी सौगात, 35.53 करोड़ से होगा जगदेव राम उरांव स्मृति चिकित्सालय का आधुनिकीकरण

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जशपुर,28 अक्टूबर2024 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से जिले को स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। गम्हरिया रोड पर वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा संचालित जगदेव राम उरांव स्मृति चिकित्सालय का 35.53 करोड़ की लागत से आधुनिकीकरण किया जाएगा। एनटीपीसी लारा ने इस परियोजना के लिए राशि स्वीकृत कर दी है। इसके बाद यह अस्पताल 100 बिस्तरों के साथ आधुनिक उपकरणों से लैस होगा, जिससे जशपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने जिले में 220 बिस्तर का एक अत्याधुनिक अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनाने की भी घोषणा की थी। साथ ही, पिछले 10 महीनों में 15 अतिरिक्त एंबुलेंस, डायलिसिस केंद्र, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड करने जैसे कई कदम भी उठाए गए हैं।  

जशपुर पुलिस ने जनता के सहयोग से 5 हजार के इनामी आरोपी को किया गिरफ्तार

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जशपुर, 24 अक्टूबर 2024: लंबे समय से फरार लूट के आरोपी कृष्णा कुमार यादव को जशपुर पुलिस ने जनता की सहायता से गिरफ्तार कर लिया है। एसपी शशि मोहन सिंह द्वारा इस पर 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। आरोपी चावल प्राप्त करने के लिए सोसायटी में KYC कराने के दौरान जनता से मिली सूचना के आधार पर पकड़ा गया। गौरतलब है कि इस मामले के अन्य चार आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, और आरोपी कृष्णा कुमार यादव फरसाबहार थाना क्षेत्र का रहने वाला है। इस पर कुनकुरी थाने में अपराध क्रमांक 50/2023 के तहत धारा 392 और 395 के तहत मामला दर्ज है। जाने कैसे हुई गिरफ्तारी: मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी सिकिरमा पंचायत में चावल लेने के लिए KYC कराने आया है। सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम की इस कामयाबी में थाना प्रभारी विवेक भगत और उनकी टीम की अहम भूमिका रही। इस लूटकांड में 27 अप्रैल 2023 को पीकअप वाहन में DJ साउंड सिस्टम को ग्राम रेमते ले जाते समय आरोपी और उसके सहयोगियों ने पीड़ित को रोककर मारपीट की धमकी देते हुए DJ सिस्टम लूट लिया था। पहले ही चार आरोपियों को मई 2023 में गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि कृष्णा कुमार फरार था। एसपी शशि मोहन सिंह ने बताया, “जशपुर पुलिस ने लूट के प्रकरण में 5 हजार के इनामी आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। फरार आरोपियों पर इनाम की घोषणाएं जारी की गई हैं, और सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। पुलिस-पब्लिक का यह सहयोग कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।” इस गिरफ्तारी से उम्मीद जगी है कि पुलिस और जनता के बीच के मजबूत संबंध अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। जनता की सतर्कता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिल रही है।  

सीएम विष्णुदेव साय ने लांच की ‘बिजली सखी’ योजना,क्या है बिजली सखी पायलट योजना?जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर,,,,

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जशपुर, 23 अक्टूबर 2024 – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज एक महत्वपूर्ण पहल के तहत ‘बिजली सखी योजना’ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में आयोजित इस कार्यक्रम में बगीचा विकास खंड की 21 स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बिजली सखी के रूप में चुना गया, जिन्हें मुख्यमंत्री ने विशेष बिजली किट प्रदान किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय भी उपस्थित रहीं।   बिजली सखी योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें रोजगार से जोड़ना है। जशपुर जिले के कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के निर्देशन में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया है, जहां बिजली सखी बनने वाली महिलाओं को मीटर रीडिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। योजना के तहत महिलाओं को प्रत्येक घर की मीटर रीडिंग लेने पर 12 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिससे उन्हें नियमित आय होगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा, “बिजली सखी योजना महिलाओं के लिए एक स्वर्णिम अवसर है। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी और रोजगार के नए द्वार खोलेगी।” उन्होंने योजना के सफल क्रियान्वयन पर जिला प्रशासन और जनपद पंचायत बगीचा के प्रयासों की सराहना की। योजना के पीछे प्रमुख विचार यह है कि मीटर रीडर की कमी के कारण उपभोक्ताओं को अक्सर असमान्य बिजली बिल का सामना करना पड़ता है। अब बिजली सखी द्वारा नियमित मीटर रीडिंग से उपभोक्ताओं को समय पर बिल मिल सकेगा, जिससे उन्हें बिल के भुगतान में सहूलियत होगी और बिजली विभाग की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। बगीचा एसडीएम श्री ओंकार यादव ने बताया कि इस योजना का लक्ष्य 300 महिलाओं को बिजली सखी बनाकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है। वर्तमान में 21 महिलाओं को इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत नियुक्त किया गया है। इस पहल से जशपुर जिले की महिलाओं को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि वे आर्थिक रूप से सशक्त होकर ‘लखपति दीदी’ के रूप में उभरेंगी।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र की S.H.G महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किया बड़ा काम, 24 लाख रुपये के चेक वितरित

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भेलवां के ग्रामीणों को मिली नई बैंकिंग सुविधा, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किया यूको बैंक शाखा का शुभारंभ जशपुर/बगिया, 23 अक्टूबर 2024 – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में फरसाबहार विकास खंड के ग्राम भेलवां में आज यूको बैंक की नई शाखा का शुभारंभ किया गया, जिससे ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 40 स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों को 24 लाख रुपये के चेक प्रदान किए, जिससे वे रोजगार के नए अवसरों को साकार कर सकेंगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बैंक शाखा के उद्घाटन पर स्थानीय ग्रामीणों को बधाई देते हुए कहा, “यह कदम वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे फरसाबहार और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलेगा, खासकर महिलाओं को, जो आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हो रही हैं।” श्री साय ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन स्व-सहायता समूहों की महिलाएं सब्जी उत्पादन, व्यापार, आचार-पापड़ निर्माण, कोसा उद्योग और अन्य क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर रही हैं, जिससे उनका आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए निरंतर प्रयासरत है। “बैंकिंग सुविधा ग्रामीणों के लिए बहुत आवश्यक है और यह शाखा उनके आर्थिक और सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी,” उन्होंने कहा। सीएम निवास बगिया में यूको बैंक के उद्घाटन के मौके पर श्री साय अपनी धर्मपत्नी कौशल्या साय के साथ स्व सहायता समूह की महिलाओं को लखपति दीदी बनने की शुभकामना दी। इस मौके पर स्थानीय नागरिकों और महिलाओं ने भी मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार व्यक्त किया और इस नई सुविधा के लिए खुशी जाहिर की।  

*विष्णु राज में अंधेरे से उजाले की ओर: मोतियाबिंद ऑपरेशन करने में नम्बर 1 बना जशपुर जिला,कलेक्टर की मॉनिटरिंग रंग लाई*

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जशपुनगर, 20 अक्टूबर 2024 – मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के निर्देशानुसार जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में किए गए प्रयासों के तहत मोतियाबिंद मुक्त अभियान ने नया मुकाम हासिल किया है। 19 और 20 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय जशपुर और सिविल अस्पताल पत्थलगांव में 94 मरीजों की सफल सर्जरी कर उन्हें नई दृष्टि प्रदान की गई। इस अभियान के अंतर्गत जिला चिकित्सालय जशपुर में 60 और सिविल अस्पताल पत्थलगांव में 34 मरीजों की आंखों की सर्जरी की गई। विशेष रूप से इस सर्जरी को सफल बनाने में विजिटिंग सर्जन डॉ. मधुरीमा पैंकरा (जिला चिकित्सालय कोरिया), डॉ. रजत टोप्पो (जिला चिकित्सालय अंबिकापुर), और स्थानीय नेत्र सर्जन डॉ. अनिता मिंज (सिविल अस्पताल पत्थलगांव) एवं डॉ. सी.पी. एक्का (जिला चिकित्सालय जशपुर) का विशेष योगदान रहा। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के निर्देश और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह जात्रा के मार्गदर्शन में जिले में नियमित रूप से मोतियाबिंद सर्जरी के शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। आगामी शिविर 26 अक्टूबर को सिविल अस्पताल पत्थलगांव और जिला चिकित्सालय जशपुर में आयोजित होगा, जहां फिर से सैकड़ों मरीजों को जीवनदायिनी दृष्टि प्राप्त होने की उम्मीद है। डॉ. जात्रा ने बताया कि अब तक इस वित्तीय वर्ष में 1105 मरीजों की मुफ्त सर्जरी की जा चुकी है, जिसमें मरीजों को निःशुल्क परिवहन, भोजन और सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने जिले के नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान का अधिकतम लाभ उठाएं और अपनी आंखों की जांच कराएं। सर्जरी और शिविर की जानकारी के लिए जिला नोडल अधिकारी डॉ. आर.एस. पैंकरा और जिला प्रभारी सलाहकार  सत्येंद्र यादव से संपर्क किया जा सकता है। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं – 9131318933 और 9340797400। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और मितानिनों के योगदान से यह अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है, और लोगों की जागरूकता में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। मोतियाबिंद मुक्त जशपुर के इस अभियान ने न केवल जिले के नागरिकों की दृष्टि को वापस लाया है, बल्कि उनके जीवन को भी नई दिशा दी है।