बच्चों के लिए सुरक्षित शिक्षा: जशपुर में अवैध छात्रावास से बच्चों का सफल रेस्क्यू** **शासकीय छात्रावास में स्थानांतरित बच्चों का भव्य स्वागत, SDM ने बच्चों को उपलब्ध कराई गई सभी सुविधाएं**

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  रायपुर – जशपुर जिले से बाल अधिकार को लेकर अच्छी खबर आई है जहां दीपू बगीचा में नियम विरुद्ध संचालित एक छात्रावास से रेस्क्यू किए गए बालक और बालिकाओं को सुरक्षित रूप से सरकारी छात्रावासों में स्थानांतरित कर दिया गया। यह कदम न सिर्फ प्रशासन की ओर से तत्परता से उठाया गया बल्कि अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि इन बच्चों का स्वागत और देखभाल पूरे सम्मान और आदर के साथ हो। छात्रों के आगमन पर अधिकारियों और अन्य छात्रावासी बच्चों द्वारा भव्य स्वागत किया गया और केक काटकर उत्सव मनाया गया।   एसडीएम प्रशांत कुशवाहा के निर्देशन में इस पूरी प्रक्रिया को कुशलता से अंजाम दिया गया। उन्होंने हॉस्टल अधीक्षक और अधीक्षिका को निर्देश दिया कि वे बच्चों की विशेष निगरानी रखें और किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत सूचना दें। साथ ही सहायक आयुक्त आदिवासी विकास संजय सिंह और तहसीलदार राहुल कौशिक जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति इस कदम की गंभीरता को रेखांकित करती है। उल्लेखनीय है कि स्थल जांच के दौरान, एसडीएम ने पाया कि संस्कृति कला केंद्र दीपू बगीचा और राजी पड़हा में बने दो भवनों में बच्चों को बिना किसी आधिकारिक अनुमति के छात्रावास के रूप में रखा जा रहा था, और कई तरह की अनियमितताएं सामने आई थीं। कार्रवाई के तहत बच्चों को अवैध छात्रावास से निकालकर शासकीय छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया गया।   इस घटना ने एक बार फिर देश में बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। ऐसे उदाहरण हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि शिक्षा और सुरक्षा के प्रति समाज और प्रशासन की ज़िम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है। बाल अधिकारों के लिए समर्पित एसडीएम प्रशांत कुशवाहा और सहायक आयुक्त संजय सिंह जैसे अधिकारी, जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस से पहले इस अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया, समाज के सामने एक मिसाल पेश करते हैं। *भारत में बच्चों के अधिकारों के लिए महान कार्यकर्ताओं के उदाहरण पढ़िए* भारत में बाल अधिकारों की लड़ाई में कई महान व्यक्तित्वों ने अहम भूमिका निभाई है। जिनमे 1. **कैलाश सत्यार्थी**: बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की शुरुआत की, जिसके तहत उन्होंने हजारों बच्चों को बंधुआ मजदूरी और शोषण से मुक्त कराया। 2. **मदर टेरेसा**: अपनी करुणा और सेवा के लिए विख्यात मदर टेरेसा ने समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर बच्चों के लिए समर्पित कार्य किया। उन्होंने ‘मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की, जिसके तहत अनाथालयों और शेल्टर होम्स का संचालन किया जाता है। 3. **सुरभि सिंह**: ‘सोकोफाऊंडेशन’ की संस्थापक सुरभि सिंह ने सड़कों पर रहने वाले बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए। 4. **शांति राघवन**: दिव्यांग बच्चों और युवाओं के लिए काम करने वाली शांति राघवन ने ‘एनाबिल इंडिया’ की स्थापना की। उनकी पहल से दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और करियर के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिला। इन सभी व्यक्तियों ने अपने कार्यों के माध्यम से यह दिखाया है कि जब समाज में बच्चे सुरक्षित और शिक्षित होते हैं, तभी एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र का निर्माण संभव है। जशपुर में उठाए गए कदम बाल अधिकारों के लिए एक सार्थक पहल है और इस दिशा में अन्य राज्यों को भी प्रेरित करता है।

‘बाल सक्षम अभियान’ मनोरा विकासखंड के इन गांवों में चलाया गया,बच्चों का किया गया चिन्हांकन,कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के निर्देश पर टीम गांवों में पहुंच रही

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जशपुर जिले में कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के निर्देश अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग (मिशन वात्सल्य) द्वारा “बाल सक्षम” अभियान चलाया जा रहा है इस अभियान के तहत बाल श्रमिक, भिक्षावृत्ति, मादक द्रव्यों के शिकार बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यू, पुनर्वास, एवं “एक युध्द नशे के विरुद्ध” हेतु दिनाँक 15/07/2024 से 14/08/2024 तक विशेष अभियान संचालित किया गया है।जिसके तहत आज मनोरा विकासखंड के गांवों में जाकर टीम के सदस्यों ने बच्चों का चिन्हांकन किया। टीम की सदस्या कंचन ने बताया कि बाल सक्षम अभियान के तहत हर वह बालक/बालिका जो * सड़क जैसी परिस्थिति में बिना किसी सहयोग के अकेले रहता है। * सड़क जैसी परिस्थितियों में अपने परिवार के साथ रहता है और * दिन में सड़क जैसी परिस्थितियों में और रात को अपने परिवार, जो पास की झुग्गी/ झोपड़ियों में रहते है, के साथ घर में जीवन यापन कर रहा/रही है। उक्त श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षो एवं चुनौतियों का सामना करते हैं। उपरोक्त के तारतम्य में यह अवश्यक है कि सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाकर उनको शिक्षा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही उनके परिवारों को भी शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए, उनको प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था की जाए। इन बच्चों के चिन्हाँकन कर संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी SOP अनुसार चरणबद्ध रूप से कर्यवाही की जानी है । इस हेतु आज जशपुर ब्लॉक के मनोरा बस स्टैंड, बाजार डांड, केसरा, भीमसिला, आस्ता, कांताबेल में रेस्क्यू टीम द्वारा जिसमें जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड हेल्प लाइन, की संयुक्त टीम शामिल थी के द्वारा सर्वे किया गया। तथा बच्चों का चिन्हाँकन किया गया है।

कलेक्टर रवि मित्तल की पहल पर जिले में शुरू हुआ “बाल सक्षम” अभियान

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जशपुर –  जिले में कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के निर्देश अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग (मिशन वात्सल्य) द्वारा “बाल सक्षम” अभियान चलाया जा रहा है इस अभियान के तहत बाल श्रमिक, भिक्षावृत्ति, मादक द्रव्यों के शिकार बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यू, पुनर्वास, एवं “एक युध्द नशे के विरुद्ध” हेतु दिनाँक 15/07/2024 से 14/08/2024 तक विशेष अभियान संचालित किया गया है। इसके तहत वे बच्चे जो सड़क जैसी परिस्थिति में बिना किसी सहयोग के अकेले रहते हैं अथवा परिस्थितियों में अपने परिवार के साथ रहते हैं और दिन में सड़क जैसी परिस्थितियों में और रात को अपने परिवार, जो पास की झुग्गी/ झोपड़ियों में रहते है, के साथ घर में रहता है। उक्त श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षो एवं चुनौतियों का सामना करते हैं।ऐसे में यह अवश्यक है कि सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाकर उनको शिक्षा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही उनके परिवारों को भी शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए, उनको प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। बच्चों का चिन्हाँकन कर संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी SOP अनुसार चरणबद्ध रूप से कार्यवाही की जानी है । जिसके लिए जशपुर के डीपाटोली, बस स्टैंड, गढाटोली, बरटोली, बालाछापार, डोडकाचौरा, गम्हरिया में रेस्क्यू टीम द्वारा जिसमें जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड हेल्प लाइन, बाल गृह बालक एवं बालिका, तथा पुलिस विभाग की संयुक्त टीम शामिल थी के द्वारा सर्वे किया गया और बच्चों का चिन्हाँकन भी किया गया है।

*कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने ब्लैकस्पॉट पतराटोली का किया निरीक्षण* *निरीक्षण कर दुर्घटना में कमी लाने हेतु किया जा रहा है प्रयास, पतराटोली में बनाया गया है ट्रैफिक मित्र*

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*जनजागरूकता हेतु ट्रैफिक मित्र की ली बैठक दिए आवश्यक दिशा-निर्देश* *कलेक्टर ने ट्रैफिक इंजरी में आवश्यक सुधार हेतु संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश* जशपुर – 25 जुलाई 2024/कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल एवं पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने जशपुर जिले के ब्लैकस्पॉट एन.एच. 43 पतराटोली विकासखण्ड दुलदुला क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, परिवहन अधिकारी, यातायात प्रभारी, रक्षित निरीक्षक जशपुर एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी के साथ आमजन भी उपस्थित थे। विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी आन रोड़ सेफ्टी के गाईडलाईन के अनुसार धारा 135 एम.व्ही.एक्ट के तहत ब्लैक स्पॉट का निरीक्षण कर दुर्घटना में कमी लाने के निर्देश दिये गये हैं।वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 के सड़क दुघर्टनाओं के आधार पर पूर्व चिन्हित ब्लैक स्पॉट में कुल प्रकरण 13 जिसमें मृतक 06 घायल 10 एवं वर्ष 2021, 2022 एवं 2023 के आधार पर चिन्हित ब्लैक स्पॉट प्रकरण 12 मृतक 06 घायल 09 हुई है, जिसका जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग, शिक्षा विभाग संयुक्त टीम के अधिकारियों के द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया। सड़क दुर्घटना घटित होने के प्रमुख कारण में यात्री बस का चौक में रुकना एवं सवारी उतारना, निर्धारित गति सीमा से अधिक गति में वाहन चलना, चौक से दुलदुला की ओर जाने वाले मार्ग के बाएं तरफ गुमटी होने से वाहन चालकों को बेहतर दृष्यता का नहीं होना, पतराटोली चौक से दुलदुला जाने वाले सहायक मार्ग में स्पीड ब्रेकर का ना होना, पतराटोली चौक से जशपुर मार्ग में लगभग 250 मीटर की दूरी मोड़ में क्रॉस बैरियर का ना होना पाया गया। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. रवि मित्तल द्वारा चौक में अनूप गुप्ता मोबाइल दुकान के सामने बेरीकेट लगाने, रम्बलर स्ट्रिप की ऊंचाई बढ़ाने, दुलदुला जाने वाले मार्ग में स्पीड ब्रेकर लगाने, गुमटी को हटाने, पतरा टोली चौक से जशपुर रोड़ लगभग 250 मीटर दूरी में क्रॉस बैरियर लगाने, यात्री प्रतीक्षालय को 07 दिवस के अंदर दुरुस्त करने हेतु निर्देशित किया। पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह द्वारा मौके पर उपस्थित बस एजेंटो को चौक में बस खड़ा न करने हेतु 03 दिवस का समय दिया गया है एवं मार्किंग स्थल पर ही बस खड़ा करने की समझाईश दी गई। यातायात नियमों को उल्लंघन करने वाले बस चालकों के विरुद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालानी कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करने हेतु ग्राम पतरा टोली में ग्राम सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया गया एवं घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार किए जाने हेतु सड़क सुरक्षा मितानों का चिहांकन किया गया। यातायात नियमों एवं संकेतों का पालन कराने हेतु यातायात जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया गया जिससे क्षेत्र के लोग लाभान्वित हुए। इसके अतिरिक्त ग्रामीण के सुझाव पर स्वामी आत्मानंद स्कूल पतराटोली के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग में बेरीकेट्स लगाने एवं दुर्घटनाजन्य क्षेत्र लोरो घाट में हाई मास्क लाइट लगाने एवं लोरो घाटी में बने वॉल में आवश्यकता अनुसार सांकेतिक चिन्ह लगाने हेतु लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग को निर्देशित किया गया। जिले के विभिन्न थाना चौकी क्षेत्र में 07 अति सड़क दुर्घटनाजन्य क्षेत्र का चिन्हांकन किया गया है इनमें मुड़ापारा एन.एच. 43 थाना पत्थलगांव, तहसील चौक बगीचा एवं बिमड़ा थाना बगीचा, भलमंडा थाना लोदाम, रायगढ़िया चौक कोतबा थाना बागबाहर, गड़ाकटा थाना कुनकुरी, भिंजपुर थाना दुलदुला हैं । उक्त अति दुर्घटना जन्य स्थलों का निरीक्षण कर आवश्यक सुधारात्मक कार्य किए जाने की कार्य योजना है। ब्लैक स्पॉट पतराटोली के संयुक्त निरीक्षण दौरान प्रदीप कुमार साहू अपर कलेक्टर जिला जशपुर, अनिल कुमार सोनी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला जशपुर, नितेश तिवारी कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग संभाग अंबिकापुर, प्रमोद कुमार भटनागर जिला शिक्षा अधिकारी जिला जशपुर, नंद जी पांडे एसडीएम कुनकुरी, अजय कुमार बंजारे उप अभियंता लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग उप संभाग जशपुर, विजय निकुंज जिला परिवहन अधिकारी, दीपक मिंज जनपद पंचायत सीईओ दुलदुला, ओमकार बघेल तहसीलदार दुलदुला, अमरजीत कुंटे रक्षित निरीक्षक जिला जशपुर, आर. एस. पैंकरा निरीक्षक यातायात प्रभारी जिला जशपुर, कृष्ण कुमार साहू निरीक्षक थाना प्रभारी दुलदुला, बरन साय सहायक उप निरीक्षक हाईवे पेट्रोलिंग प्रभारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि राजकुमार सिदार बीडीसी पतराटोली, जगनारायण सिदार सरपंच पतरा टोली विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे। पुलिस अधीक्षक जशपुर  शशि मोहन सिंह ने जिले के सभी थाना, चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र के दुर्घटनाजन्य क्षेत्र की पहचान कर दुर्घटना में कमी लाने हेतु तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये।