**देवघर: सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन और श्रावणी मेला का अंतिम दिन, भक्तों ने बाबा बैजनाथ धाम में अर्पित किया जल**

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देवघर, झारखंड – सावन पूर्णिमा के अवसर पर आज रक्षाबंधन और श्रावणी मेला का अंतिम दिन भी एक साथ आया, जिससे भक्तों के बीच धार्मिक उत्साह और भी बढ़ गया। आज देवघर के प्रसिद्ध बैजनाथ धाम मंदिर में पांचवीं और अंतिम सोमवारी के दिन, सुबह से ही जल अर्पण के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। परंपरा के अनुसार, तीर्थ पुरोहितों ने सरकारी पूजा के बाद बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर रक्षा सूत्र अर्पित किया। इसके पश्चात आम श्रद्धालुओं के लिए जल अर्पण की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बार सावन मास में पांच सोमवारी का अद्वितीय संयोग बना, जिसे धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान पांचवीं सोमवारी के दिन शंख की उत्पत्ति हुई थी, जो शिव भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करता है। इस बार सावन में चंद्र और सूर्य मास के अनुसार पांच सोमवारी का संयोग भी मिला, जो बेहद दुर्लभ होता है। आज बाबा बैजनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, क्योंकि रक्षाबंधन के पर्व के कारण अधिकांश श्रद्धालु कांवड़ यात्रा के लिए नहीं पहुंच सके। हालांकि, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ शिव भक्तों को जल अर्पण कराया जा रहा है। कल से भादो मेला की शुरुआत भी हो जाएगी। लंबोदर पंडा बाबा ने इसे बहुत बड़ा संयोग बताते हुए कहा कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार करेगा। श्रावणी मेला के समापन के साथ ही देवघर में शिव भक्तों की आस्था और श्रद्धा का यह पर्व समाप्त हो रहा है, लेकिन भादो मेला की शुरुआत के साथ ही बाबा बैजनाथ धाम में भक्तों की भक्ति का सिलसिला निरंतर जारी रहेगा।

*मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन पर्व की दी शुभकामनाएं*

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रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर उन्होंने सभी नागरिकों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। रक्षाबंधन पर्व की पूर्वसंध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में श्री साय ने कहा है कि भाई-बहन के स्नेह और विश्वास का पर्व ’रक्षाबंधन’ हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन बहनें मंगल कामना के साथ अपने भाईयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं। यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और मजबूत बनाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन का त्यौहार अपनी बहनों के साथ सभी महिलाओं के प्रति सम्मान, सुरक्षा और अस्मिता के लिए जागरूक और प्रतिबद्ध करता है।

विश्व आदिवासी दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी आदिवासी समुदाय को शुभकामनाएं*

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  रायपुर, 9 अगस्त 2024 – छत्तीसगढ़ राज्य के  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासी समुदाय को अपनी बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) और अपने फेसबुक पेज पर संदेश साझा करते हुए कहा, “जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में सदियों से तल्लीन, प्रकृति के सच्चे सेवक आदिवासी भाई-बहनों को विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।” विष्णुदेव साय ने आदिवासी समुदाय की महती भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा, “आप सभी सदियों से प्रकृति की उपासना करते हुए सभ्यता और संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रख रहे हैं एवं हमारी स्वर्णिम इतिहास की धरोहर का परचम थामे हुए हैं। राष्ट्र और समाज के उत्थान में आप सभी आदिवासी भाई-बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गौरवशाली आदिम संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर कार्यरत है और आदिवासियों की खुशहाल जिंदगी और उनकी प्रगति के लिए समर्पित है। अंत में उन्होंने पुनः आदिवासी समुदाय को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई दी। साय का यह संदेश आदिवासी समुदाय के प्रति उनके सम्मान और संवेदनशीलता को दर्शाता है, जो इस दिवस को और भी खास बना देता है।

*विश्व आदिवासी दिवस: कुनकुरी ब्लॉक में धूमधाम से मनाया जाएगा, तैयारियाँ पूर्ण*

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कुनकुरी, जशपुर – पूरे विश्व में 9 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस की तैयारियाँ कुनकुरी ब्लॉक में जोर-शोर से चल रही हैं। इस अवसर पर, क्षेत्र के विभिन्न जनजातीय आदिवासी समुदाय के लोग खेल मैदान में एकत्र होकर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे और अपनी एकजुटता का परिचय देंगे। इस आयोजन का नेतृत्व सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले किया जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज के उपाध्यक्ष वाल्टर कुजूर ने बताया कि कुनकुरी क्षेत्र के सभी आदिवासी भाई-बहन सुबह 10 बजे खेल मैदान में एकत्रित होंगे। इसके बाद, वे पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते हुए जय स्तम्भ चौक और बस स्टैंड से होते हुए पुनः खेल मैदान में सामूहिक कार्यक्रम के लिए एकत्रित होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12 बजे ध्वजारोहण से होगी। इसके बाद, दोपहर 1 बजे युवा एवं महिलाओं के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया जाएगा। मुख्य कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से शुरू होगा, जिसमें मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं आदिवासी समाज के नेताओं का उद्बोधन होगा। संध्या 4 बजे कार्यक्रम का समापन होगा। इस बड़े आयोजन की तैयारियों में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष अनिल कुमार किस्पोट्टा के निर्देशन में संरक्षक डॉ. पी.सी. कुजूर, मुनेश्वर बैगा, अनिमानन्द एक्का, ब्लॉक अध्यक्ष श्याम सुन्दर मरावी, उपाध्यक्ष वाल्टर कुजूर, कुन्दन पन्ना, श्रीमती राजकुमारी लकड़ा, महासचिव दिलीप सिंह बेसरा, श्रीमती अंजना मिंज, कुलदीप मिंज, सचिव प्रवीण तिर्की, राधेश्याम गंगेश्री, सहायक सचिव जयन्त लकड़ा, रंजलाल भगत, कोषाध्यक्ष श्रीमती कलिस्ता तिकी, प्रदीप लकड़ा, बसंत बेक, सलाहकार अभिनन्द खलखो, एवं विधिक सलाहकार आशीष जोनी केरकेट्टा शामिल हैं। आयोजक मंडल के सदस्य जयंत लकड़ा ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस पर कुनकुरी के साथ ही जशपुर जिले के विभिन्न विकासखंडों में भी हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग अपने गौरवशाली इतिहास और परंपराओं को सम्मानित करेंगे और आने वाली पीढ़ी को इससे परिचित कराएंगे। विश्व आदिवासी दिवस पर इस तरह के आयोजन न केवल आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का माध्यम हैं, बल्कि ये उनकी एकजुटता और समाज में उनके योगदान को भी रेखांकित करते हैं।

*उत्कल ब्राह्मण महिला मंडल ने मनाया भव्य सावन मिलन समारोह* *नई पीढ़ी को सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में मिली जानकारी*

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**जशपुर/कुनकुरी, 3 अगस्त 2023** – उत्कल ब्राह्मण महिला मंडल द्वारा शनिवार को आयोजित सावन मिलन समारोह एक भव्य और हर्षोल्लासपूर्ण आयोजन के रूप में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर समाज की महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुए और इस आयोजन को विशेष बना दिया। समारोह की शुरुआत समाज की महिलाओं द्वारा प्रस्तुत विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुई। महिलाओं ने सावन के गीतों और पारंपरिक नृत्यों से सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर ‘मां के नाम एक पेड़ लगाने’ का संकल्प लेते हुए सभी ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और ‘प्लास्टिक मुक्त कुनकुरी’ का संकल्प भी लिया। समाज की वरिष्ठ महिलाओं को विशेष सम्मान देते हुए उन्हें श्रीफल और सुहाग सामग्री भेंट की गई, साथ ही उनसे सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद लिया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ महिलाओं के अनुभवों और समाज के प्रति उनके योगदान को भी याद किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चों की उत्साही भागीदारी से आयोजन में नई ऊर्जा का संचार हुआ। सावन मिलन समारोह ने न केवल समाज को एकजुट किया बल्कि हिंदू संस्कृति और परंपराओं को भी सजीव रूप में प्रस्तुत किया। इस भव्य आयोजन ने समाज के बीच भाईचारे और एकजुटता को मजबूत किया और आने वाले समय में समाज सेवा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के संकल्प को दोहराया। समारोह की सफलता के लिए सभी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का सराहनीय योगदान रहा। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समाज की प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करता है। ऐसे आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत होती है और नई पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का सुअवसर मिलता है।