जशपुर में 15 अक्टूबर को होगा फिल्म अर्पण का पोस्टर विमोचन, डॉ हरविंदर मांकड़ और आदेश शर्मा रहेंगे विशेष अतिथि

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जशपुर में 15 अक्टूबर को होगा फिल्म अर्पण का पोस्टर विमोचन, डॉ हरविंदर मांकड़ और आदेश शर्मा रहेंगे विशेष अतिथि जशपुर,12 अक्टूबर 2025/ जशपुर की धरती एक बार फिर बड़ी सांस्कृतिक और प्रेरणादायक घटना की साक्षी बनने जा रही है। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ ग्रेस कुजूर के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित फिल्म अर्पण का भव्य पोस्टर विमोचन समारोह 15 अक्टूबर को जशपुर में आयोजित होगा। पॉपकॉर्न फ्लिक्स इंडिया के प्रोडक्शन हेड संतोष चौधरी ने बताया कि इस अवसर पर एपीजे अब्दुल कलाम पर पुस्तक लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक और लोटपोट पत्रिका के मोटू पतलू के क्रिएटर, सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट डॉ हरविंदर मांकड़ तथा बालाजी फिल्म्स इंडिया के संस्थापक आदेश शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। खास बात है कि पॉपकॉर्न फ्लिक्स इंडिया की फिल्म अर्पण में नायिका की भूमिका स्वयं डॉ ग्रेस कुजूर ने निभाई है। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक भी विशेष रूप से आमंत्रित हैं, क्योंकि डॉ ग्रेस के पिता स्वर्गीय स्तानिसलास कुजूर भारतीय सेना के वीर सैनिक रहे हैं, जिन्होंने चार लड़ाइयां, 1962, 1965, 1971 तथा गोवा मुक्ति संग्राम में अपनी वीरता का प्रदर्शन किया था। डॉ हरविंदर मांकड़ ने कहा कि “जशपुर की खूबसूरत और अनछुई वादियाँ मुझे दोबारा खींच लाई हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी की स्वच्छ पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पेड़ माँ के नाम अभियान की सफलता देखकर यह फिल्म उसी भावना को समर्पित है।” वहीं, आदेश शर्मा ने भी डॉ ग्रेस के कार्यों से प्रभावित होकर समारोह में शामिल होने की सहमति दी है। वे पिछले 35 वर्षों से मीडिया और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सक्रिय हैं और तथास्तु इंडिया, वायदूत न्यूज नेटवर्क, बालाजी फिल्म्स के संस्थापक होने के साथ ही दूरदर्शन स्ट्रिंगर फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। यह समारोह न केवल जशपुर की कला और सौंदर्य को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने वाला साबित होगा, बल्कि डॉ ग्रेस कुजूर के प्रेरक जीवन की कहानी को भी जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बनेगा।

रायकेरा में दोहरी हत्या से दहशत — सास और दामाद की निर्मम हत्या, गांव में मचा हड़कंप

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रायकेरा गांव में दोहरी हत्या से सनसनी सास और दामाद की देर रात हत्या, गांव में मचा हड़कंप। पुलिस और एफएसएल टीम मौके पर जांच में जुटी। एक महिला समेत दो संदेहियों से पूछताछ जारी। प्राथमिक जांच में पैसे के लेन-देन का मामला आया सामने।   रायकेरा (रायगढ़)। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा थाना क्षेत्र के रायकेरा गांव में देर रात हुए दोहरे हत्याकांड से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। सास और दामाद की हत्या की खबर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी हुई है।   घटना देर रात की बताई जा रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद हत्या की वजह हो सकती है। पुलिस ने संदेह के आधार पर एक महिला सहित दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।   हत्या की वारदात की जानकारी मिलते ही घरघोड़ा थाना पुलिस ने इलाके को घेर लिया और एफएसएल टीम को मौके पर बुलाकर साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू की। गांव में बड़ी संख्या में लोग मौके पर जुट गए हैं, वहीं घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।   पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हत्या के कारणों की जांच में तेजी लाई जा रही है। थाना प्रभारी के अनुसार, प्राथमिक जांच में आर्थिक लेनदेन को लेकर विवाद सामने आया है, हालांकि पुलिस अन्य सभी बिंदुओं पर भी गहनता से जांच कर रही है।  

पेट दर्द की शिकायत पर खुला मामला — 8 माह की गर्भवती पाई गई नाबालिक, आरोपी गिरफ्तार

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पेट दर्द की शिकायत पर खुला मामला — 8 माह की गर्भवती पाई गई नाबालिक, आरोपी गिरफ्तार     जगदलपुर/कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक नाबालिक से लंबे समय से अनाचार का मामला सामने आया है। फरसगांव थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली नाबालिक को पेट दर्द की शिकायत पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जांच में यह खुलासा हुआ कि वह 8 माह की गर्भवती है। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कुछ ही घंटों में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।   पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 2 अक्टूबर को परिजन नाबालिक को पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल ले गए थे। जांच के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि नाबालिक लगभग 8 माह की गर्भवती है। यह सुनते ही परिजन स्तब्ध रह गए। जब परिजनों ने नाबालिक से पूछताछ की, तो उसने आरोपी की करतूतों का खुलासा किया।   नाबालिक ने बताया कि 2 दिसंबर 2024 को सोनाबेड़ा में रहने वाले आरोपी युवक ने उसे बहला-फुसलाकर खेत की ओर ले जाकर जबरन दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद आरोपी द्वारा कई बार नाबालिक के साथ गलत काम किया गया। डर की वजह से पीड़िता ने इस बात की जानकारी किसी को नहीं दी थी।   परिजनों की रिपोर्ट पर फरसगांव थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 26 वर्षीय आरोपी को उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया।

*Brown Sugar* : जशपुर में ‘ऑपरेशन आघात’ की बड़ी कार्रवाई: ब्राउन शुगर के साथ तकीम खान गिरफ्तार, 30 हजार रुपये की मादक पदार्थ जब्त

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जशपुर, 3 अक्टूबर 2025 जशपुर पुलिस द्वारा नशे के सौदागरों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन आघात’ के तहत लोदाम थाना क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस ने ग्राम साईं टांगर टोली से एक आरोपी को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से ब्राउन शुगर की पुड़ियां जब्त की हैं।   पुलिस के अनुसार, 2 अक्टूबर को मुखबिर से सूचना मिली थी कि मोहम्मद तकीम खान (28 वर्ष), निवासी ग्राम साईं टांगर टोली, अपने पास ब्राउन शुगर रखकर बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहा है। सूचना के आधार पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के निर्देशन में लोदाम पुलिस की टीम तत्काल कार्रवाई के लिए रवाना हुई।   टीम को देखकर आरोपी भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन पुलिस ने पीछा कर घेराबंदी करते हुए उसे हिरासत में ले लिया। तलाशी के दौरान आरोपी के पैंट की जेब से पीले रंग की प्लास्टिक की पन्नी में लिपटी 19 कागज की पुड़ियां बरामद की गईं, जिनमें कुल 1 ग्राम 95 मिलीग्राम ब्राउन शुगर रखी हुई थी। जब्त मादक पदार्थ की बाजार कीमत लगभग 30 हजार रुपये बताई जा रही है।   लोदाम थाना में आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 21(a) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपी से यह भी पता लगाने में जुटी है कि वह ब्राउन शुगर कहां से लाता था और इस नेटवर्क में अन्य कौन लोग शामिल हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।   इस कार्रवाई में थाना प्रभारी लोदाम निरीक्षक हर्षवर्धन चौरासे, उप निरीक्षक सुनील सिंह, सहायक उप निरीक्षक सहबीर भगत, आरक्षक मोरिस किस्पोट्टा, धनसाय राम और राजेश गोप की महत्वपूर्ण भूमिका रही।   वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि नशे के कारोबार के खिलाफ ऑपरेशन आघात के तहत पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। जिले में मादक पदार्थों की अवैध तस्करी व बिक्री में लिप्त तत्वों पर सख्त निगरानी और सटीक कार्रवाई की जा रही है।

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: संवैधानिकता, पारदर्शिता और न्याय की मजबूती

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लेखक : निर्मल कुमार 15 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जो इस कानून की संवैधानिक वैधता को मजबूत करता है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की खंडपीठ ने पूरे अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, हालांकि कुछ विशिष्ट प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई। यह फैसला वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और सार्वजनिक हितों की रक्षा को प्राथमिकता देता है, जबकि मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों को बरकरार रखता है। इस लेख में हम इस फैसले के आधार पर वक्फ संशोधन अधिनियम की आवश्यकता और इसके सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और अतिक्रमण के उदाहरण शामिल हैं। यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को सुरक्षित रखते हुए राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है। वक्फ संपत्तियां भारत में मुस्लिम समुदाय की एक महत्वपूर्ण धरोहर हैं, जो धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कल्याण के लिए समर्पित हैं। देश में लगभग 9.4 लाख वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं, जिनकी अनुमानित कीमत लाखों करोड़ रुपये है। हालांकि, पुराने वक्फ अधिनियम 1995 में कमियां होने से इन संपत्तियों में भ्रष्टाचार और अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ी हैं। उदाहरण के लिए, तेलंगाना में ‘वक्फ बाय यूजर’ की अवधारणा का दुरुपयोग कर 5,000 से अधिक सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण किया गया। इसी तरह, कर्नाटक में वक्फ बोर्ड घोटाले में लाखों एकड़ भूमि का गबन हुआ, जहां अधिकारियों ने अवैध हस्तांतरण किए। ये मामले दर्शाते हैं कि बिना सुधार के, वक्फ संपत्तियां समुदाय के बजाय कुछ व्यक्तियों के लाभ का माध्यम बन रही हैं। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 इन कमियों को दूर करने के लिए लाया गया, और सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसकी जरूरत को प्रमाणित करता है। सुप्रीम कोर्ट ने संसद द्वारा पारित कानूनों की संवैधानिकता की मजबूत धारणा को दोहराया। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को यह साबित करना होता है कि अधिनियम संवैधानिक प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन करता है, जो वे नहीं कर सके। यह फैसला अधिनियम की वैधता को मजबूत करता है, क्योंकि विधायिका को जनता की जरूरतों का बेहतर ज्ञान होता है। अदालत ने ऐतिहासिक संदर्भ और सामान्य ज्ञान को ध्यान में रखते हुए कहा कि कानून की संवैधानिकता पर संदेह तभी उठाया जा सकता है जब स्पष्ट प्रमाण हों। यह दृष्टिकोण न केवल वक्फ अधिनियम को बल देता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा करता है। अदालत ने ‘वक्फ बाय यूजर’ की अवधारणा को अक्सर दुरुपयोग का माध्यम मानते हुए, इसकी समाप्ति को बरकरार रखा। यह प्रावधान सरकारी भूमि पर बिना उचित दस्तावेज के दावे करने की अनुमति देता था, जिससे सार्वजनिक संपत्तियों को खतरा था। उदाहरणस्वरूप, तेलंगाना में 5,000 से अधिक सरकारी संपत्तियां ‘वक्फ बाय यूजर’ के नाम पर कब्जा की गईं। अधिनियम में इसकी सीमा तय करने से सार्वजनिक संपत्तियां सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित होंगी। अदालत ने सेक्शन 3सी को बरकरार रखा, जो सरकारी संपत्तियों की जांच की अनुमति देता है, हालांकि कुछ उप-प्रावधानों पर रोक लगाई ताकि जांच के दौरान संपत्ति की स्थिति बनी रहे। यह बदलाव भ्रष्टाचार को रोकते हुए न्याय सुनिश्चित करता है। अधिनियम में सभी वक्फों का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित किया गया है, जो जवाबदेही, पारदर्शिता और दुरुपयोग की रोकथाम करता है। अदालत ने इस प्रावधान को बरकरार रखा, नोट करते हुए कि 1923 से विभिन्न समितियों ने गैर-पंजीकरण और दुरुपयोग को उजागर किया है।यह बदलाव वास्तविक वक्फ लाभार्थियों की रक्षा करता है, क्योंकि डिजिटल रिकॉर्ड और सार्वजनिक नोटिस से आम लोग आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। पहले की अनियमितताएं, जैसे उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड में अवैध बिक्री, अब कम होंगी। अदालत ने केंद्रीय वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्डों में 2-4 गैर-मुस्लिम सदस्यों (ज्यादातर पदेन अधिकारी) की शामिली को बरकरार रखा। यह धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि वित्तीय, प्रशासनिक और धर्मनिरपेक्ष निगरानी को मजबूत करता है। यह विविधता, समावेशिता और बेहतर शासन को बढ़ावा देता है, बिना मुस्लिम धार्मिक अधिकारों को कमजोर किए। अदालत ने कहा कि काउंसिल की भूमिका मुख्यतः सलाहकारी है, जो आर्थिक और वित्तीय गतिविधियों को नियंत्रित करती है। अधिनियम में अनुसूचित जनजाति भूमि और पुरातात्विक स्मारकों पर वक्फ दावों को रोकने के प्रावधानों को अदालत ने संवैधानिक दायित्व मानते हुए बरकरार रखा। यह जनजातीय अधिकारों और भारत की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करता है, साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखता है। उदाहरण के लिए, पुरातत्व सर्वेक्षण ऑफ इंडिया को समानांतर प्रबंधन की समस्याओं से राहत मिलेगी। यह सामाजिक न्याय और सांस्कृतिक संरक्षण को प्राथमिकता देता है। अदालत ने देखा कि वक्फ ट्रिब्यूनल को विवादों के निर्णय के लिए व्यापक शक्तियां हैं, और अपील हाई कोर्ट तक जा सकती है। इससे वक्फ ‘उपचारहीन’ नहीं रहते; बल्कि एक संरचित न्यायिक उपचार वैध हितों की रक्षा करता है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष है, जो पहले की अनियमितताओं को दूर करती है। फैसले में स्पष्ट किया गया कि अधिनियम केवल धर्मनिरपेक्ष प्रशासन (भूमि, संपत्ति, वित्त) को नियंत्रित करता है, न कि धार्मिक अनुष्ठानों को। इसलिए, अनुच्छेद 25 और 26 (धार्मिक स्वतंत्रता) बरकरार रहते हैं। यह संवैधानिक सिद्धांत से मेल खाता है कि धार्मिक दान के धर्मनिरपेक्ष पहलुओं को नियंत्रित किया जा सकता है। यह फैसला वक्फ संशोधन अधिनियम को एक सकारात्मक दिशा देता है, जो भ्रष्टाचार को रोकते हुए समुदाय की उन्नति सुनिश्चित करता है। महिलाओं और बच्चों के उत्तराधिकार अधिकारों की रक्षा, डिजिटल प्रक्रियाएं और सरकारी निगरानी से वक्फ संपत्तियां अधिक उत्पादक बनेंगी। निष्कर्षतः, यह अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट का फैसला राष्ट्रीय एकता और न्याय की दिशा में एक मील का पत्थर है, जो मुस्लिम समुदाय को सशक्त बनाएगा। नोट: यह लेख एशिया महाद्वीप के सामाजिक,आर्थिक मामलों के जानकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।  

*कुनकुरी को मिला स्वास्थ्य सेवाओं का नया वरदान, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर 8 करोड़ 77 लाख की लागत से गिनाबहार में 50 बिस्तरीय मातृ-शिशु चिकित्सालय का निर्माण कार्य शुरू…*

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जशपुर/कुनकुरी –  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिलेवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक और बड़ी सौगात दी है। जिले के कुनकुरी ब्लॉक अंतर्गत गिनाबहार में 50 बिस्तरीय मातृ-शिशु चिकित्सालय का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। लगभग 8 करोड़ 77 लाख रुपए की लागत से बनने वाला यह अस्पताल क्षेत्रवासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण, जिले के विकास और लोगों के जीवन स्तर में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके बन जाने से न केवल जशपुर बल्कि आसपास के ग्रामीण अंचलों की माताओं, बहनों और बच्चों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को समय पर उपचार और देखभाल मिल सकेगी। उन्होंने अधिकारियों व निर्माण एजेंसी को निर्देश दिए कि कार्य की गुणवत्ता में कोई समझौता न हो और निर्धारित समय सीमा में अस्पताल का निर्माण पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। क्षेत्रवासियों ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त किया और कहा कि अब मरीजों को इलाज के लिए दूर दराज नहीं जाना पड़ेगा। *स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में बढ़ता जशपुर* मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले में लगातार स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो रहा है। हाल के वर्षों में अनेक योजनाओं को मूर्त रूप दिया गया है। जिले को 220 बिस्तर का आधुनिक अस्पताल मिल चुका है, वहीं 35 करोड़ की लागत से कल्याण आश्रम में अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण हो रहा है। आधा दर्जन नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्वीकृति दी गई है, 11 अतिरिक्त एम्बुलेंस और 2 शव वाहन की व्यवस्था भी की गई है। मातृ-शिशु देखभाल को प्राथमिकता देते हुए नए अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कार्य तेज़ी से शुरू किया गया है। इन पहलों से आने वाले समय में जिले के आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा और जशपुर स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में प्रदेश का अग्रणी जिला बनकर उभरेगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवरात्रि पर्व की प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

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जशपुर – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवरात्रि पर्व के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। उन्होंने कहा कि शक्ति उपासना का यह पर्व सभी के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और नई ऊर्जा का संचार करे। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संदेश में कहा कि नवरात्रि का पर्व मातृ शक्ति की आराधना और श्रद्धा का प्रतीक है। यह पर्व हमें सत्य, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि इस पावन पर्व को आपसी भाईचारे और सौहार्द की भावना के साथ मनाएं।श्री साय ने कामना की है कि देवी मां की कृपा से प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का जीवन सुखमय बने और छत्तीसगढ़ प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर होता रहे।

हाथी के हमले में महिला की मौत,ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

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हाथी के हमले में महिला की मौत, ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप जशपुर जिले में जंगली हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष कम करने के दावों के बीच एक बुरी खबर आई है,जिसमें जंगली मशरूम बीन रही महिला एक जंगली हाथी की चपेट में आ गई।ग्रामीणों के शोरगुल से जंगली हाथी ने महिला को बुरी तरह घायल कर दिया।स्थानीय ग्रामीणों और वन विभाग की मदद से घायल को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन इलाज के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। जशपुर,20 सितंबर 2025 – कुनकुरी विकासखंड के कुड़ुकेला जंगलपारा में हाथी के हमले से एक महिला की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार 44 वर्षीय ग्रामीण महिला ज्योति मिंज शुक्रवार की सुबह जंगल से खुखड़ी (जंगली मशरुम) बीनकर लौट रही थी। घर से महज 200 मीटर दूर जंगल की सीमा पर हाथी ने उस पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल हालत में उसे तत्काल कुनकुरी के होलीक्रॉस अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।   घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका आरोप है कि क्षेत्र में हाथियों की मौजूदगी की जानकारी होने के बावजूद वन विभाग की ओर से मुनादी नहीं कराई गई और न ही लोगों को सावधान किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है। वहीं वन विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि हाथियों के विचरण को लेकर विभिन्न संचार माध्यमों से लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।लोग जंगल में जाते समय लापरवाही कर रहे हैं।घटना की सूचना मिलते ही एंबुलेंस से घायल को अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने हाथियों की लगातार आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने और लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है।

एकजुटता से मजबूत होगी पत्रकार बिरादरी रायपुर में स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न

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एकजुटता से मजबूत होगी पत्रकार बिरादरी रायपुर में स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न पत्रकारों को ख़बरों की होड़ और प्रतियोगी माहौल से उपजे तनाव से निकालकर संगठन की सद्भावना और एकजुटता ही राहत दिला सकती है। यही संदेश शुक्रवार को रायपुर के रिंग रोड स्थित एक होटल में आयोजित स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन छत्तीसगढ़ की रायपुर जिला इकाई के शपथ ग्रहण समारोह में उभरकर सामने आया। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पी.सी. रथ ने की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और चुनौतियों के बीच एकजुट रहना सबसे बड़ी जरूरत है। यूनियन पिछले छह वर्षों से पत्रकारों के सम्मानजनक वेतन, कार्य स्थितियों और कानूनी अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है। आईजेयू से संबद्ध होने के बाद संगठन को राष्ट्रीय स्तर के अनुभवों और सहयोग का भी लाभ मिल रहा है। रायपुर जिला इकाई के पदाधिकारी शपथ ग्रहण समारोह में रायपुर जिला इकाई की नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई। इसमें निम्न पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है : अध्यक्ष : राहुल सिन्हा (प्रसार भारती) उपाध्यक्ष : खोमन साहू (विस्तार न्यूज़), विक्की पंजवानी (ए वी न्यूज़) महासचिव : लविंदर पाल सिंघोत्रा (सीजी24) कोषाध्यक्ष : अमित बाघ (आईएनडी24) संयुक्त सचिव : वर्षा यादव (झूठा सच), हरिमोहन तिवारी (प्राइम डे) मीडिया प्रभारी : जिज्ञासा चंद्रा (साधना न्यूज), सुधीर वर्मा (स्वदेश न्यूज) जिला कार्यकारिणी सदस्य निधि प्रसाद (IND24 न्यूज़) अंकुश शर्मा (न्यूज़ नेशन) पार्थ सारथी बेहरा (टाइम्स ऑफ़ इंडिया) स्नेहल सराफ (पीटीआई) खुशबू ठाकरे (राष्ट्रीय जगत विजन) हिमांशु पटेल (स्वदेश न्यूज़ चैनल) मोनिका दुबे (आईएनएच) श्रवण तम्बोली (आईबीसी24) वरिष्ठ पत्रकारों का मार्गदर्शन वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार गिरीश पंकज ने वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के 30 साल पुराने संघर्षों को याद करते हुए कहा कि आज पत्रकार अकेले पड़ते जा रहे हैं, इसलिए संगठन से जुड़ना बेहद जरूरी है। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार और सेवानिवृत्त समाचार संपादक घनश्याम गुप्ता ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में संगठन ही पत्रकारों की असली ताकत है। वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट गोकुल सोनी ने पत्रकारिता के शुरुआती दिनों की स्मृतियों को साझा किया और कहा कि आज की युवा पीढ़ी को नई तकनीक के साथ-साथ पुराने साथियों के अनुभव से भी सीखना चाहिए। रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने यूनियन की भूमिका को प्रेस क्लब से व्यापक बताते हुए स्वास्थ्य बीमा, आवास और अधिमान्यता जैसे मुद्दों पर सरकार से ठोस बातचीत की जरूरत बताई। आईजेयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दिलीप कुमार साहू ने पत्रकारों से यूनियन की गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन वर्षा यादव ने किया। उन्होंने प्रदेश संगठन सचिव सुधीर आज़ाद तंबोली को पूरे प्रदेश में यूनियन के विस्तार के लिए बधाई दी। रायपुर प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव पांडेय ने भी मौजूदा हालात पर प्रकाश डाला। शपथ ग्रहण समारोह ने साफ संकेत दिया कि पत्रकार बिरादरी अगर संगठन के साथ एकजुट रहे तो न केवल उनके अधिकारों की रक्षा होगी बल्कि पत्रकारिता की गरिमा भी बनी रहेगी।

कुनकुरी: खेत में पेड़ पर टंगी अधेड़ की लाश, मवेशी तस्करी से जुड़ाव की आशंका, सनसनी

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कुनकुरी: खेत में पेड़ पर टंगी अधेड़ की लाश, मवेशी तस्करी से जुड़ाव की आशंका, सनसनी कुनकुरी,17 सितम्बर 2025 – कुनकुरी थाना क्षेत्र के गिनाबहार गांव में सोमवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब गांव के पास एक खेत में पेड़ से एक अधेड़ व्यक्ति का शव लटका हुआ मिला। सुबह लगभग 9 बजे ग्रामीणों की नजर जब खेत में पेड़ पर लटकी लाश पर पड़ी तो पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पन्ना मास्टर के घर से दो खेत बाद जयनाथ चौहान की बाड़ी में सेंधवार के पेड़ पर एक अज्ञात व्यक्ति रस्सी से लटका मिला। मृतक के पैरों पर खरोंच के गहरे निशान थे, जिनसे खून निकल रहा था। घटनास्थल पर एक टॉर्च भी बरामद की गई है। मृतक ने नीले रंग की टी-शर्ट पहन रखी थी। ग्रामीणों ने मृतक की पहचान के लिए व्हाट्सएप के जरिए तस्वीरें शेयर कर प्रयास किया, लेकिन अब तक उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। आसपास के लोगों का कहना है कि मृतक कुनकुरी थाना क्षेत्र का नहीं लगता। इस घटना को लेकर ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कई लोगों ने आशंका जताई है कि मृतक मवेशी तस्करी से जुड़ा हो सकता है और किसी विवाद में फंसकर हत्या का शिकार हुआ हो। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि उसने खुद ही आत्महत्या कर ली होगी। ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते का वर्षों से मवेशी तस्कर इस्तेमाल करते आ रहे हैं।   घटना की खबर मिलते ही कुनकुरी थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश यादव ने सब इंस्पेक्टर राकेश सिंह को टीम के साथ मौके पर रवाना किया। फिलहाल पुलिस ने शव को पेड़ से उतारने की कार्यवाही शुरू कर दी है और मृतक की पहचान में जुट गई है। रहस्य यह है कि क्या यह आत्महत्या का मामला है या फिर हत्या ? पुलिस जांच के बाद ही पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ पाएगा।