पांच बच्चों की मां की मांग में भरा सिंदूर, फिर रचाई किसी और से शादी — जब भांडा फूटा तो पहुंचा जेल
समाज की मर्यादाओं और विश्वास को ठगने वाली एक घटना जशपुर जिले के फरसाबहार थाना क्षेत्र से सामने आई है, जहां एक युवक ने पहले तलाकशुदा महिला को शादी का झांसा देकर उसकी मांग में सिंदूर भरा, वर्षों तक उसका शारीरिक शोषण किया और फिर चुपचाप किसी और से शादी कर ली। महिला को जब इस धोखे की सच्चाई पता चली तो उसने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना की पीड़िता पांच बच्चों की मां है, जो वर्ष 2012 में अपने पति से तलाक के बाद अपने बच्चों के साथ अलग रह रही थी। 14 सितंबर 2021 को उसके गांव के ही युवक अनूप एक्का ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया। पहले तो महिला ने अपने हालात बताते हुए इनकार कर दिया, लेकिन युवक ने विश्वास दिलाया कि वह उसी से शादी करेगा। उस रात आरोपी ने महिला के घर पहुंचकर जबरन शारीरिक संबंध बनाए और कुछ समय बाद उसकी मांग में सिंदूर भरकर उसे अपनी पत्नी जैसा व्यवहार देने लगा। पीड़िता को यह भरोसा था कि उसके जीवन में फिर से स्थिरता आएगी, लेकिन तीन वर्षों तक जब उसने बार-बार विवाह की बात की, तो आरोपी टालता रहा। अंततः जब महिला को पता चला कि आरोपी ने किसी और लड़की से शादी कर ली है, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जब उसने युवक से इस बारे में पूछताछ की, तो उसने स्पष्ट कहा कि अब वह किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहता। इस धोखाधड़ी और मानसिक-शारीरिक पीड़ा से आहत महिला ने फरसाबहार थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल मामला संज्ञान में लेते हुए आरोपी अनूप एक्का (27 वर्ष) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 450, 376 और 376(2)(n) के तहत अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। मामले की विवेचना में थाना प्रभारी विवेक कुमार भगत, सहायक उपनिरीक्षक शांति प्रमोद टोप्पो, आरक्षक नीरज तिर्की, ईश्वर साय और महिला आरक्षक बीरजीनिया टोप्पो की विशेष भूमिका रही। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा कि “महिलाओं के प्रति अपराधों पर जशपुर पुलिस अत्यंत संवेदनशील है। ऐसे मामलों में कानून सख्ती से अपना काम करेगा, ताकि समाज में भरोसे और न्याय की भावना बनी रहे।” यह घटना न केवल एक महिला के विश्वास के साथ छल है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि प्रेम और विवाह जैसे पवित्र संबंधों में धोखा देने वालों को कैसे समय पर कानून के शिकंजे में लाया जाए।