सीबीएसई 10वीं परीक्षा में जशपुर की वर्णिका पाठक ने 90.4% अंक के साथ रचा कीर्तिमान, बनीं जिले की प्रेरणा

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जशपुर,13 मई 2025 मेहनत, लगन और अनुशासन के बल पर सफलता की ऊँचाइयों को छूने वाली जशपुर की बेटी वर्णिका पाठक ने सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 90.4 प्रतिशत अंक अर्जित कर जिले का गौरव बढ़ाया है। डीपीएस स्कूल की छात्रा वर्णिका की इस सफलता से न केवल विद्यालय, बल्कि पूरा जशपुर गौरवान्वित है। पत्रकार और शिक्षिका की बेटी ने रचा गौरवशाली अध्याय वर्णिका जशपुर के वरिष्ठ पत्रकार विक्रांत पाठक और डीपीएस स्कूल की शिक्षिका श्रीमती सुधा पाठक की सुपुत्री हैं। पिता पत्रकारिता के माध्यम से समाज को दिशा दे रहे हैं, तो मां शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों का भविष्य संवार रही हैं। माता-पिता के अनुशासन और प्रेरणा ने ही वर्णिका को अध्ययन के प्रति प्रतिबद्ध और आत्मविश्वासी बनाया। नियमित पढ़ाई और सकारात्मक सोच से मिली सफलता अपनी सफलता का श्रेय वर्णिका ने माता-पिता, शिक्षकों और अपने आत्मविश्वास को दिया। उन्होंने बताया, “मैंने पढ़ाई में नियमितता और हर विषय को बराबर महत्व दिया। तनाव से दूर रहकर, मनोबल ऊँचा रखते हुए लगातार तैयारी की। शिक्षकों से मिली मार्गदर्शन ने मेरी राह आसान की।” देश के लिए कुछ कर दिखाने का सपना वर्णिका आगे विज्ञान विषय लेकर इंजीनियरिंग या शोध के क्षेत्र में जाना चाहती हैं। उनका सपना है कि वे विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देकर देश का नाम रोशन करें। इस दिशा में उन्होंने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। विद्यालय और समाज में उत्साह की लहर डीपीएस स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने वर्णिका की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वह विद्यालय की शान हैं। उनकी सफलता अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी। वहीं पत्रकारिता जगत और समाज के प्रबुद्धजनों ने विक्रांत पाठक व परिवार को बधाई दी है। आज की पीढ़ी के लिए मिसाल बनी वर्णिका आज जहां distractions और एकाग्रता की चुनौतियाँ विद्यार्थियों के सामने हैं, वहीं वर्णिका पाठक ने यह साबित किया है कि समर्पण, अनुशासन और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। उनकी सफलता जशपुर की बेटियों की प्रतिभा और परिश्रम का प्रतीक बन गई है।

कुनकुरी नगरपंचायत अध्यक्ष ने दिखाए भ्रष्टाचार के पोस्टर, सीएमओ पर गंभीर आरोप, मुख्यमंत्री से की कार्रवाई की मांग

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जशपुर/कुनकुरी, 13 मई 2025 — मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” के नारे को सच साबित करने की चुनौती अब खुद उनकी ही विधानसभा कुनकुरी से उठी है। कुनकुरी नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने आज अपने ही नगर पंचायत कार्यालय में प्रेसवार्ता आयोजित कर सीएमओ प्रवीण उपाध्याय पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। विनयशील ने कहा कि यह कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि दस्तावेजों पर आधारित तथ्य हैं और मुख्यमंत्री को स्वयं इस मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। खास बात यह रही कि कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले नगर अध्यक्ष ने किसी भी राजनीतिक रंग से परे जाकर सिर्फ नगर पंचायत के सीएमओ को घेरते हुए सीधा मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है क्योंकि यह मुख्यमंत्री की विधानसभा है और इकलौता नगर पंचायत भी।ऊपर से ये कि आखिर विनयशील यह क्यों चाहते हैं कि सीएम विष्णुदेव साय का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सफल हो? तीन प्रमुख घोटाले उजागर! 1. छठघाट तालाब टेंडर घोटाला: नगर अध्यक्ष के अनुसार, पारिस्थितिक पुनर्स्थापन (संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण) के नाम पर छठघाट तालाब के लिए 97.50 लाख रुपए का टेंडर निकाला गया। यह ठेका डुगडुगिया के सिविल ठेकेदार राजकुमार गुप्ता को दिया गया, जिन्हें पूर्व में ऐसे किसी कार्य का अनुभव नहीं था । इसके बाद CMO और इंजीनियर द्वारा बिना कार्य की MB रिकॉर्ड लिए ही 48.75 लाख रुपए की पहली किश्त सीधे ठेकेदार को दे दी गई । विनयशील ने इसे स्पष्ट रूप से टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन और भ्रष्टाचार बताया। 2. सीएमओ की “हवेली” और दरवाजा विवाद: विनयशील ने आरोप लगाया कि सीएमओ ने पुराने नगर पंचायत कार्यालय पर अवैध रूप से कब्जा कर निजी निवास बना लिया है, जिसका बिजली बिल भी नगर पंचायत से भुगतान हो रहा है। इतना ही नहीं, वहां पर एक गेट की मरम्मत के नाम पर 1.48 लाख रुपए खर्च कर दिए गए, जिसकी ऊंचाई 30 मीटर बताई गई है। नगर अध्यक्ष ने इसे मजाकिया लहजे में सम्राट अशोक के किले से भी ऊंचा बताया। 3. प्लेसमेंट कर्मचारी घोटाला: नगर पंचायत के कर्मचारियों की प्लेसमेंट व्यवस्था में भी भारी घोटाले का आरोप लगाया गया है। अध्यक्ष के मुताबिक, 60 लाख रुपए की स्वीकृत राशि को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए कर दिया गया। यहां तक कि विवाद की स्थिति में निर्णय का अधिकार नगर पंचायत भटगांव को देना भी गंभीर सवाल खड़े करता है।इस टेंडर उन्होंने निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी दी।   मुख्यमंत्री से की खुली अपील प्रेसवार्ता के अंत में विनयशील ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सार्वजनिक अपील करते हुए कहा, “आपकी ही विधानसभा के नगर पंचायत में इस तरह के खुलेआम भ्रष्टाचार से जनता का भरोसा डगमगा रहा है। यदि आप जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, तो इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और सीएमओ प्रवीण उपाध्याय को तत्काल निलंबित करें।” नगर अध्यक्ष द्वारा जारी किए गए पोस्टरों में भी “गरीब नगर पंचायत के अमीर सीएमओ एंड ठेकेदार” जैसे वाक्य लिखे गए हैं, जो पूरे मामले को और अधिक सुर्ख़ियों में ले जा रहा है। बहरहाल,इस पूरे मामले में सीएमओ प्रवीण उपाध्याय से संपर्क नहीं हो पाया है।कार्यालय से जानकारी मिली है कि वे अभी अवकाश पर हैं।

Big News: ट्रेलर – स्वराज माजदा में ऐसी टक्कर, जिसमें दस लोगों की मौत,कई गंभीर,ऐसे हुआ मौत का तांडव

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अभी हादसे के आठ से दस घंटे बीत गए है,वहां क्या मंजर होगा, अकल्पनीय है कि एक ही गांव के दस लोगों की घटनास्थल पर मौत,कई अभी भी जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे होंगे।इस घटना की सूचना बीती रात एक बजे ही पुलिस ने मीडिया के व्हाट्सएप ग्रुप में दे दी थी।अभी जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक स्वराज माजदा में 30 से ज्यादा लोग सवार थे जो छठी के कार्यक्रम से देर रात अपने घर लौट रहे थे कि ट्रेलर और ट्रक में भिड़ंत हो गई।हादसा इतना भयंकर था कि ट्रक में सवार लोग हवा में उड़ते हुए सड़क पर गिरे,कुछ ट्रक के ऊपर ही टकराकर मौत की आगोश में चले गए। रायपुर,12 मई 2025-  बीती रात रायपुर-बलौदाबाज़ार मुख्य मार्ग पर सारागांव के पास एक दर्दनाक सड़क हादसे में 10 से अधिक लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह सभी लोग ग्राम चटौद थाना विधानसभा क्षेत्र,रायपुर से स्वराज माजदा वाहन (क्रमांक CG 04 MQ 1259) में सवार होकर खरोरा थाना अंतर्गत ग्राम बाना बनारसी में आयोजित चौथिया छट्ठी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। कार्यक्रम के बाद लौटते समय देर रात माजदा वाहन की एक ट्रेलर से जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसे में वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मृतकों में अधिकांश ग्रामीण शामिल हैं, जिनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है। घायलों को तत्काल ग्रामीणों और पुलिस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खरोरा लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद कई को रायपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। रायपुर ग्रामीण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।

डॉन बॉस्को जुमईकेला में व्यक्तित्व विकास व करियर गाइडेंस वर्कशॉप, डॉ. ग्रेस ने विद्यार्थियों को दिखाई सफलता की राह

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कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के 350 विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा, जीवन व करियर पर हुई प्रभावशाली चर्चा कुनकुरी(जशपुर), 11मई 2025 डॉन बॉस्को जुमईकेला शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे वार्षिक इंग्लिश स्पोकन कोर्स (1 मई से 31 मई) के अंतर्गत आयोजित व्यक्तित्व विकास और करियर गाइडेंस वर्कशॉप में ग्रामीण पुनर्वास कार्य प्रमुख मनोवैज्ञानिक डॉ. ग्रेस कुजूर ने छात्रों को जीवन निर्माण की प्रेरणादायक दिशा दी। कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के लगभग 350 छात्र-छात्राओं ने इस सत्र में भाग लेकर जीवन, शिक्षा और करियर की बारीकियों को समझा। डॉ. ग्रेस ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से बच्चों को समझाया कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का जरिया नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनने का आधार है। उन्होंने कहा, “हर कोई अच्छी जिंदगी चाहता है, लेकिन उसे जीने का तरीका सीखना होता है – और यही इस वर्कशॉप का उद्देश्य है।” असफलता को बनाएं चुनौती, न कि बाधा डॉ. ग्रेस ने छात्रों को 12वीं के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “फॉर्म भरिए, तैयारी कीजिए, अगर असफल भी हो गए तो हार मानने की जरूरत नहीं है — असफलता को चुनौती बनाइए और कहिए कि मैं सफल होकर ही रहूंगा।” केवल विरासत नहीं, विकल्प को भी बनाएं अपना भविष्य उन्होंने एक अहम संदेश देते हुए कहा, “अगर पढ़ाई नहीं करेंगे तो किसान का बेटा किसान और व्यापारी का बेटा व्यापारी बनता रहेगा। लेकिन पढ़ाई करने से आपको अपनी पहचान खुद बनाने का विकल्प मिलेगा। विरासत से आगे बढ़ने का यही रास्ता है।” शिक्षा से ही बनेगा स्वस्थ समाज कार्यक्रम के समापन पर डॉ. ग्रेस ने शिक्षा और समाज के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य में सोचने, समझने और संवेदनशीलता की शक्ति होती है, जिसे शिक्षा सकारात्मक दिशा में मोड़ती है। उन्होंने कहा, “जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन – वैसे ही जैसा पढ़ेगा बालमन, वैसा बनेगा जीवन। आप देश का भविष्य हैं। अगर आपकी सोच सकारात्मक विकास की ओर बढ़ेगी तो आपका घर, गांव, समाज और देश सब मजबूत बनेंगे।” यह वर्कशॉप डॉन बॉस्को सेंटर जुमईकेला द्वारा संचालित वार्षिक इंग्लिश स्पोकन कोर्स का हिस्सा है, जिसमें हर वर्ष की भांति इस बार भी विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास व करियर गाइडेंस के लिए विशिष्ट वक्ताओं से मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। आयोजकों ने बताया कि 31 मई तक इसी तरह के उपयोगी सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस सत्र को बहुउपयोगी बनाने के लिए समन्वयक फ़ा. पॉल तिर्की SDB, फा लिवेंस ऐंड SDB,शिक्षकगण सिस्टर नेहा कुजूर FMA, सिस्टर महिमा बारला FMA, ब्रदर बिपिन एक्का SDB, ब्रदर अर्पण तिर्की SDB, सिस्टर मार्था कुजूर FMA, ब्रदर अनिल टोप्पो,सहायक स्टाफ सिल्वेस्टर टोप्पो, लिबुन टोप्पो, अपोल केरकेट्टा सक्रिय हैं।

ऑपरेशन सिंदूर की वीरांगना कर्नल सोफिया कुरैशी का वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से कितना गहरा है कनेक्शन? बड़ा खुलासा पढ़िए

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भारतीय सेना की दो महिला अधिकारी — कर्नल सोफिया कुरैशी और कर्नल व्योमिका सिंह ने दिखाई शौर्य गाथा | पहलगाम हमले का लिया बदला | रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ा पारिवारिक इतिहास आया सामने सेंट्रल डेस्क, ख़बर जनपक्ष न्यूज़,9 मई 2025 भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए बड़ा और निर्णायक कदम उठाया। यह जवाब था कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का, जिसमें 26 भारतीय पर्यटक शहीद हुए थे। इस सैन्य कार्रवाई की अगुवाई दो जांबाज महिला सैन्य अधिकारियों — कर्नल सोफिया कुरैशी और कर्नल व्योमिका सिंह — ने की। कर्नल सोफिया की परदादी थीं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेनानी ऑपरेशन के बाद सोशल मीडिया X पर कर्नल सोफिया को लेकर जो जानकारी सामने आई, उसने पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया। पांचजन्य द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, कर्नल सोफिया ने स्वयं बताया कि उनकी परदादी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के साथ अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी थीं।एक इंटरव्यू में कर्नल सोफिया ने बताया है “मेरी परदादी ने रानी लक्ष्मीबाई के साथ रहकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे।” इतिहासकार आचार्य सत्यम ने की पुष्टि इतिहासकार आचार्य सत्यम (Satyanarayan) ने इस तथ्य को ऐतिहासिक प्रमाणों के साथ जोड़ते हुए लिखा: “यह सत्य है कि सोफिया का परिवार बुंदेलखंडी है और महारानी झांसी की सेना में झांसी के प्रधान तोपची मोहम्मद गौस तथा सेनापति काले खान के अतिरिक्त कई मुस्लिम सैनिक और वीरांगनाएं थीं।” सोशल मीडिया पर सराहना और सीख इस गौरवशाली जानकारी को साझा करने के लिए यूजर @AmitMishra1207 ने लिखा: “धन्यवाद बताने के लिए, उम्मीद है धर्म विशेष को गाली देने और बात-बात पर उनसे अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए कहने वाले ‘सांस्कृतिक संगठन’ और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने वाले सोशल मीडिया हैंडल इस कहानी को याद रखेंगे!” कर्नल सोफिया कुरैशी और कर्नल व्योमिका सिंह ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की बेटियां न केवल जमीनी जंग में बल्कि इतिहास की विरासत में भी सबसे आगे हैं। रानी लक्ष्मीबाई की परंपरा को जीवित रखते हुए कर्नल सोफिया ने आतंक के खिलाफ निर्णायक प्रहार कर देश की आन-बान-शान को कायम रखा है।

ख़बर अपडेट:प्रेस ब्रीफिंग में हो सकती देरी,कुछ ही देर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह साउथ ब्लॉक में तीनों सेना प्रमुखों के साथ करनेवाले महत्वपूर्ण बैठक,काफिला रवाना

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नई दिल्ली,9 मई 2025 – ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज सुबह दस बजे प्रेस ब्रीफिंग होनी थी लेकिन अभी तक मीडिया को मैसेज नहीं आया है।मतलब देरी होगी।वहीं कुछ ही देर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह साउथ ब्लॉक पहुंचनेवाले हैं,जहां नभ – जल – थल सेना के प्रमुख और CDS मौजूद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साउथ ब्लॉक में महत्वपूर्ण बैठक के बाद संभवतः रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री आवाज जा सकते हैं। अभी बड़ी खबर आई है चीन ने पाकिस्तान से किनारा कर लिया है।चीन ने कहा है कि भारत भी हमारा पड़ोसी है। हम आतंकवाद का विरोध करते हैं। वहीं चंडीगढ़ में आम नागरिकों को हवाई हमले की आशंका को देखते हुए अलर्ट सायरन बज रहे हैं।पाकिस्तान में डिफेंस सिस्टम की नाकामी के बाद ख़ौफ़ बढ़ गया है।कैट एरिया से हथियार शिफ्ट किया गया है।अपने गोला बारूद को अंडर ग्राउंड कर रहा है एलओसी पर बीती रात बीएसएफ ने 7 पाकिस्तानी आतंकी घुसपैठियों को मार गिराया है। वहीं राजस्थान के लाठी में पाक युद्धक विमान का एक पायलट भारतीय सेना के कब्जे में है।

ताज़ा खबर: ऑपरेशन सिंदूर जारी, भारत ने दिखाई सैन्य ताकत — पाकिस्तान के तीन फाइटर जेट मार गिराए, S-400 ने 100 हमले किए नाकाम

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ताज़ा खबर: ऑपरेशन सिंदूर जारी, भारत ने दिखाई सैन्य ताकत — पाकिस्तान के तीन फाइटर जेट मार गिराए, S-400 ने 100 हमले किए नाकाम नई दिल्ली,9 मई 2025 – ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत सरकार ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खात्मे तक यह सैन्य अभियान जारी रहेगा। अब तक इस अघोषित युद्ध को 72 घंटे पूरे हो चुके हैं। भारत पर कल रात 8 बजकर 20 मिनट पर पाकिस्तान की सेना ने हमला किया था, जिसके जवाब में भारतीय सेनाओं ने जबरदस्त पलटवार किया। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का प्रमाण यह है कि भारत ने अब तक पाकिस्तान के तीन जेट फाइटर मार गिराए हैं। पाकिस्तान बौखलाहट में अब सीधे युद्ध थोपने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत की ओर से मिले जवाब ने उसकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया। भारत के अत्याधुनिक सुदर्शन चक्र S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने अब तक पाकिस्तान की ओर से किए गए सौ से अधिक हवाई हमलों को नाकाम किया है। इस पूरे घटनाक्रम पर भारत सरकार आज सुबह 10 बजे एक अहम प्रेस ब्रीफिंग करने जा रही है। इधर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान से भी बड़ी खबर आ रही है। वहां विद्रोहियों ने कई सरकारी भवनों से पाकिस्तान का झंडा उतारकर अपना स्वतंत्र झंडा फहरा दिया है। यह घटनाएं पाकिस्तान के भीतर भी उथल-पुथल की स्थिति का संकेत दे रही हैं।

“जैसे को तैसा” — जशपुर पुलिस की चाल में दिल्ली में फंसे ‘बंटी-बबली’! एसएसपी शशिमोहन सिंह ने किया बड़ा खुलासा

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दिल्ली के ताज होटल में बैठा था शातिर ठगों का सिंडिकेट, छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस बनी ‘मंत्रालय का अफसर’, रची ऐसी स्क्रिप्ट कि फंस गए दोनों  जशपुर, 08 मई 2025 क्या आपने कभी सोचा है कि कोई पुलिस टीम फिल्मी स्टाइल में सादी वर्दी में, नकली मंत्रालय अफसर बनकर दिल्ली के ताज होटल में ठगों से मीटिंग करे और उन्हें रंगे हाथों दबोच ले? जी हां, जशपुर पुलिस ने ऐसा ही कर दिखाया है। 150 करोड़ की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय ठगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने चाल चली – और ठगों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया – “जैसे को तैसा!” ठगों का ‘बंटी-बबली स्टाइल’ गैंग अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड रत्नाकर उपाध्याय और उसकी पत्नी अनीता उपाध्याय, जिन्होंने खुद को ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ का डायरेक्टर बताकर देशभर में व्यापारियों को करोड़ों का चूना लगाया, अब सलाखों के पीछे हैं। इन ठगों ने CSR फंड और सरकारी टेंडर के नाम पर व्यापारियों को सपने दिखाए, और फिर उनसे सिक्योरिटी मनी, प्रोसेसिंग चार्ज और एडवांस पेमेंट ले डकार गए। पत्थलगांव के व्यापारी ने तोड़ी चुप्पी, पुलिस ने बुनी जाल पत्थलगांव के व्यापारी अमित अग्रवाल ने जब इनकी ठगी का शिकार होने की शिकायत की, तो जशपुर पुलिस एक्टिव हुई। एसएसपी शशि मोहन सिंह के डायरेक्शन में एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम दिल्ली रवाना हुई। लेकिन ये कोई आम गिरफ्तारी नहीं थी – ये था ‘ऑपरेशन मंत्रालय’! हालांकि एसएसपी शशिमोहन सिंह ने क्लियर किया है कि इस ऑपरेशन का कोई नाम नहीं रखा है। पुलिस अफसर बना ‘मंत्रालय का अफसर’, मॉडल को बनाया असिस्टेंट पुलिस ने अनीता उपाध्याय से खुद को मंत्रालय का अफसर बताते हुए 1000 करोड़ की सप्लाई का झांसा दिया और होटल ताज में मीटिंग फिक्स की। भरोसा जमाने के लिए दिल्ली में एक लोकल मॉडल को हायर कर उसे नया कोट-पैंट पहनाया, उसे मंत्रालय का ‘असिस्टेंट’ बताया गया। अनीता चकमा देने की बहुत कोशिश करती रही, पर पुलिस की एक्टिंग इतनी परफेक्ट थी कि वो मीटिंग के लिए तैयार हो गई। रत्नाकर को ढूंढा, पीछा किया, और… पकड़ लिया! मीटिंग के दौरान अनीता से रत्नाकर का संपर्क करवाया गया, और पुलिस की तकनीकी टीम ने रत्नाकर के मोबाइल को ट्रेस कर लिया। लोकेशन बार-बार बदलते रत्नाकर को पकड़ना आसान नहीं था। मगर आखिरकार सागरपुर के मेडिकल स्टोर के पास उसे एसडीओपी ध्रुवेश ने दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के वक्त उसने जोर से चिल्लाकर कहा – “मेरा अपहरण हो रहा है!” लेकिन पुलिस पहले से ही दिल्ली पुलिस को अलर्ट कर चुकी थी। हंगामा, मारपीट और फिर गिरफ़्तारी गिरफ्तारी के दौरान रत्नाकर और अनीता दोनों ने एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल पर हाथापाई करने की कोशिश की, पर अफसर ने गर्दन नहीं छोड़ी। दिल्ली पुलिस के आने तक आरोपी पुलिस की पकड़ में ही रहे। इस बहादुरी पर रेंज आईजी दीपक झा ने टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की है। अब बारी संपत्ति की – करोड़ों की कमाई, जांच जारी पुलिस जांच में सामने आया है कि ठगों के पास लखनऊ में 24 फ्लैट, दिल्ली में 2 फ्लैट और एक 2.5 करोड़ की रेंज रोवर है। अनुमान है कि अब तक ये गिरोह देशभर में 150 करोड़ से ज़्यादा की ठगी कर चुका है। पुलिस विवेचना में जुट गई है।

समसामयिक लेख : झूठ की क़ीमत: ग़लत जानकारी का प्रभाव और समाज पर उसका संकट

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निर्मल कुमार आज की डिजिटल दुनिया में, जहां जानकारी एक क्लिक में फैल जाती है, वहाँ गलत जानकारी (misinformation) का प्रसार एक वैश्विक संकट बन चुका है। फोटोशॉप की गई तस्वीरें, झूठी खबरें और षड्यंत्र के सिद्धांत — इन सबने न केवल जनविश्वास को चोट पहुंचाई है, बल्कि लोगों की जान खतरे में डाली है और सामाजिक स्थिरता को भी गंभीर नुकसान पहुँचाया है। ये झूठ जितनी तेजी से फैलते हैं, उन्हें उतनी ही मुश्किल से सुधारा जा सकता है। लोकतांत्रिक देशों में यह गलत जानकारी चुनाव परिणामों की वैधता पर सवाल उठाने और हिंसा भड़काने का जरिया बन जाती है, जबकि अधिनायकवादी शासन इस जानकारी को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं — असहमति को दबाने और जनता की सोच को नियंत्रित करने के लिए। इस पूरी प्रक्रिया में सच सबसे बड़ा शिकार बन जाता है। गलत जानकारी कई स्रोतों से जन्म ले सकती है। कई बार यह अज्ञानता, अधूरी जानकारी या गलतफहमी का परिणाम होती है। लेकिन वर्तमान समय में अधिकतर झूठ योजनाबद्ध ढंग से फैलाए जाते हैं — सोच-समझकर, किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए। राजनीतिक दल इसका उपयोग जनमत को मोड़ने या विरोधियों को बदनाम करने के लिए करते हैं। विदेशी ताकतें इसे दूसरे देशों को अस्थिर करने के लिए इस्तेमाल करती हैं। कुछ प्रभावशाली व्यक्ति, स्वयंभू विशेषज्ञ या सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर अपने प्रसिद्धि, प्रभाव या आर्थिक लाभ के लिए झूठी जानकारी फैलाते हैं। चाहे मंशा कुछ भी हो, परिणाम एक जैसे होते हैं — सच्चाई का क्षरण, समाज का विभाजन और लोकतंत्र की नींव पर प्रहार। भारत भी इस संकट से अछूता नहीं है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देशभर में झूठी खबरों का सिलसिला चल पड़ा। सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनलों, कुछ तथाकथित समाचार पोर्टलों और प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा फैलाया गया यह भ्रम था कि देश में मुस्लिमों और कश्मीरी नागरिकों पर बदले की भावना से हमले किए जा रहे हैं। कुछ वीडियो और तस्वीरें वायरल की गईं, जिनमें मारपीट या हमले के दृश्य थे, और उन्हें हालिया आतंकवादी घटना से जोड़ दिया गया। लेकिन जब इन दावों की गहराई से पड़ताल की गई — कई स्वतंत्र फैक्ट-चेकिंग प्लेटफ़ॉर्म्स और पुलिस रिपोर्ट्स द्वारा — तो ज़्यादातर घटनाएं या तो पुरानी निकलीं, या उनका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं था। कुछ मामले निजी दुश्मनी, संपत्ति विवाद या सामान्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़े हुए थे। इन झूठी खबरों ने भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाया और आंतरिक सामाजिक तनाव को हवा दी। इस तरह की गलत जानकारी न केवल अफवाह फैलाती है, बल्कि समाज में संदेह और नफरत का ज़हर भी घोलती है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जानबूझकर फैलाए गए झूठ के बीच की रेखा बहुत बारीक होती है। लेकिन जब कोई व्यक्ति या संस्था बार-बार झूठी जानकारी फैलाए, और उसके कारण समाज में भय या हिंसा उत्पन्न हो, तो उनकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। ऐसे लोगों को सामाजिक और कानूनी स्तर पर ज़िम्मेदार ठहराया जाना ज़रूरी है। सरकार और न्यायपालिका को भी चाहिए कि वे जानबूझकर फैलाई गई गलत जानकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें, विशेषकर जब वह राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाए। परंतु यह कार्रवाई विचारों की अभिव्यक्ति को दबाने के रूप में नहीं, बल्कि हानिकारक आचरण को रोकने के रूप में की जानी चाहिए। विचार का विरोध तब आवश्यक है जब वह विचार किसी व्यक्ति या समुदाय के विरुद्ध नफरत फैलाता है या हिंसा को प्रोत्साहित करता है। फर्जी खबरों का खंडन करना तो आवश्यक है ही, लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण है उन व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान करना जो बार-बार समाज को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं। जब हम ऐसे झूठ फैलाने वालों को चुनौती देते हैं, तब हम सिर्फ तथ्यों की नहीं, बल्कि लोकतंत्र, सहिष्णुता और सत्यनिष्ठा की रक्षा करते हैं। झूठे विमर्शों से जूझना आज एक राष्ट्रीय जिम्मेदारी बन चुका है। तकनीक के इस युग में जहां एक झूठ लाखों लोगों तक मिनटों में पहुंच सकता है, वहीं सच की रक्षा करने के लिए जागरूकता, जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की भी उतनी ही आवश्यकता है। आज जब भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में खड़ा है, तब यह और अधिक आवश्यक हो गया है कि हम सत्य के पक्ष में खड़े हों। झूठ से लड़ना केवल एक सूचना युद्ध नहीं, यह संविधान, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता की रक्षा का कार्य है । (लेखक निर्मल कुमार वैश्विक आर्थिक व सामाजिक मामलों के जानकर हैं।यह उनके निजी विचार हैं।)

आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता: पहलगाम की त्रासदी और भारत की इंसानियत

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निर्मल कुमार 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला न केवल एक भयावह त्रासदी है, बल्कि मानवता के खिलाफ किया गया एक गहन अपराध भी है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनकर हिन्दू तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया और पीड़ितों की पहचान धर्म पूछकर की। यह घटना केवल एक समुदाय पर हमला नहीं थी, बल्कि पूरे भारत की साझा संस्कृति, भाईचारे और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर किया गया प्रहार थी। इस कायराना हरकत ने न केवल भारत की एकता को चुनौती दी, बल्कि इस्लाम जैसे शांतिप्रिय धर्म की भी गलत तस्वीर प्रस्तुत की। यह समझना बेहद आवश्यक है कि आतंकवादियों की इस नृशंसता का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। क़ुरान स्पष्ट रूप से कहता है — “जो लोग तुमसे लड़ते हैं, उनसे तुम भी अल्लाह की राह में लड़ो, लेकिन ज़्यादती मत करो, निस्संदेह अल्लाह ज़्यादती करने वालों को पसंद नहीं करता” (क़ुरान 2:190)। इस्लाम में निर्दोषों की हत्या को सबसे बड़ा गुनाह माना गया है — चाहे वो हिन्दू हो, मुस्लिम, सिख, ईसाई या किसी भी अन्य धर्म के अनुयायी। भारत में 17 करोड़ से अधिक मुस्लिम नागरिक रहते हैं — वे कोई बाहरी नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने बार-बार आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई है, भाईचारे को बढ़ावा दिया है और राष्ट्रभक्ति की मिसाल पेश की है। पहलगाम हमले के दौरान कश्मीरी मुसलमानों का व्यवहार इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है। जब गोलियों की गूंज और चीख-पुकार के बीच आतंकियों ने धर्म देखकर लोगों की जान ली, तब कई स्थानीय मुसलमान युवकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना घायल तीर्थयात्रियों की मदद की। घायलों को उठाकर अस्पताल पहुँचाने से लेकर, रक्तदान करने और उन्हें ढाढ़स बंधाने तक, हर कदम पर उन्होंने दिखा दिया कि इंसानियत किसी मज़हब की मोहताज नहीं होती। कुछ मामलों में तो स्थानीय लोगों ने अपने घरों को अस्थायी चिकित्सा केंद्र बना दिया, ताकि समय पर उपचार मिल सके। उन्होंने साबित किया कि कश्मीर का दिल अमन के लिए धड़कता है, और असली कश्मीरी आतिथ्य कभी मर नहीं सकता। देश की प्रमुख मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं और नेताओं ने भी इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने देश भर की 5.5 लाख मस्जिदों में आतंकवाद के खिलाफ विशेष दुआओं की अपील की और साफ कहा कि जो निर्दोषों की हत्या करते हैं, उन्हें भारत की धरती पर दफनाने का कोई हक नहीं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना अर्शद मदनी ने इन आतंकियों को “दरिंदे” कहा, जबकि जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के प्रमुख सैयद सादतुल्लाह हुसैनी ने पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने की मांग की। हमारे संविधान की आत्मा धर्मनिरपेक्षता है, और भारत की असली ताक़त इसकी विविधता में निहित है। यह ज़रूरी है कि हम इस घटना को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के नजरिए से न देखें। आतंकवाद न किसी धर्म को मानता है, न किसी राष्ट्र को। जो लोग निहत्थे लोगों की हत्या करते हैं, उनकी तुलना किसी धर्म के अनुयायियों से करना सरासर नाइंसाफी है। क़ुरान की आयतें आतंकियों के दावों को सिरे से खारिज करती हैं: “धर्म के मामले में कोई ज़बरदस्ती नहीं है” (क़ुरान 2:256) और “दुश्मनी के बावजूद भी इंसाफ करो, यही अल्लाह का तक़वा है” (क़ुरान 5:8)। आज जब कुछ तत्व नफरत फैलाकर देश को बांटना चाहते हैं, तब भारत के नागरिकों को पहले से कहीं ज़्यादा एकजुट होने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कुछ आतंकवादियों की कायरता के कारण करोड़ों भारतीय मुस्लिमों को शक की नजर से न देखा जाए। हमें ये समझना होगा कि आतंकवादियों की कोई कौम नहीं होती, उनका कोई धर्म नहीं होता — वे केवल हत्यारे होते हैं। हमारा जवाब नफरत नहीं, इंसानियत होनी चाहिए। पहलगाम का रक्तपात हमें डराने के लिए था, लेकिन हमें और मज़बूती से यह दिखाना होगा कि भारत न झुकता है, न बंटता है। हर वह भारतीय जो अमन, इंसाफ और भाईचारे में विश्वास करता है — वही सच्चा देशभक्त है। भारत की आत्मा एक है, और आतंकवाद उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पहलगाम के घाव अभी भरे नहीं हैं, लेकिन वहां दिखी इंसानियत की रोशनी हमें अंधेरे से बाहर निकालने की ताक़त देती है। इस मुश्किल घड़ी में यह आवश्यक है कि हम धर्म के नाम पर किसी भी नफरत को अपने बीच जगह न दें। अंत में हम सभी को यह याद रखना होगा: आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। (लेखक निर्मल कुमार आर्थिक व सामाजिक मुद्दों के स्तंभकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।)