प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर होगा पौधा रोपण,कौशल्या साय ने हर घर में दीप जलाने की अपील की

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जशपुर,15 सितंबर 2025 – सत्रह सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय प्रातः 9 बजे बगिया के श्री फलेश्वर नाथ मंदिर परिसर में पौधा रोपण करेंगी एवं सांय 6 बजे कुनकुरी के छठ घाट में शहरवासियों के साथ दीप प्रज्वलन कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर राष्ट्र प्रगति की कामना करेंगी। इस मौके पर भव्य कार्यक्रम के साथ छठ घाट को दीपों से सजा कर रोशन किया जाएगा।कुनकुरी के नगरवासियों ने इस आयोजन की तैयारी उत्साहपूर्वक शुरू कर दी है। श्रीमती कौशल्या साय ने समस्त प्रदेश वासियों से अपील किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर को सभी लोग अपने घरों में पौधारोपण कर शाम को दीपक जला कर एकजुटता का संदेश दें और राष्ट्र प्रगति की कामना करें। उन्होनें आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी बीते 11 साल से लगातार देश के विकास के लिए पूरे समर्पण भाव से काम कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है। देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा मजबूत हुई है। देश का आर्थिक विकास एक नई उंचाई को छू रहा है। अंर्तराष्ट्रीय मंच में भारत की उपस्थिति पहले से अधिक मजबूत हुई है। बीते दो साल में नक्सल मुक्ति की ओर छत्तीसगढ़ ने तेजी से कदम बढ़ाया है।ऐसे में हम सब प्रदेश वासियों का दायित्व है कि हम जन्म दिवस के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एकजुटता का संदेश देकर उनका उत्साहवर्द्वन करे ताकि वे एक नई उर्जा के साथ देश और देशवासियों की सेवा कर सकें।

कुनकुरी में अग्रवाल समाज का विरोध प्रदर्शन, नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता बोले – मेरा उद्देश्य किसी समाज को ठेस पहुँचाना नहीं, लड़ाई सरकार से है

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कुनकुरी, 11 सितम्बर 2025/ कुनकुरी शहर में नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता की फेसबुक पोस्ट को लेकर अग्रवाल समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसपर विनयशील ने बयान जारी कर खेद प्रकट किया है। इस बीच नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि “मेरे द्वारा बगीचा के जुरूडांड में जो घटना घटी, वहां के पीड़ित और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग लगातार की जा रही है। इसके संदर्भ में मैंने एक पोस्ट लिखा था जिससे अग्रवाल समाज के लोगों की भावना आहत हुई। मैंने फेसबुक पर ही उस पर खेद प्रकट किया था। मेरा उद्देश्य कभी भी किसी समाज की भावना को ठेस पहुँचाने का नहीं रहा है। मेरी मांग भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार, विष्णु साय जी की सरकार से है और मृतकों के आश्रितों, पीड़ितों के लिए मेरी मांग जारी रहेगी। यदि मेरे किसी कथन से किसी समाज को ठेस पहुँची है तो मैं पुनः खेद प्रकट करता हूं और मेरी लड़ाई सरकार से है, जो जारी रहेगी।” इससे पहले,अग्रवाल समाज के नेताओं ने आरोप लगाया कि बगीचा के जुरूडांड में गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे में मृतकों को मिले मुआवज़े को लेकर विनयशील गुप्ता ने फेसबुक पर टिप्पणी की, जिसमें अग्रवाल समाज को अलग से टारगेट करते हुए समाजों के बीच भेदभावपूर्ण बातें लिखी गईं। नेताओं का कहना है कि यह जातिवाद को बढ़ावा देने वाला कदम है जिससे समाज में आक्रोश और विद्वेष फैल रहा है। उन्होंने कहा कि अग्रवाल समाज के लोग सभी राजनीतिक दलों में हैं और ऐसे बयानों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बहरहाल,इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में कांग्रेस और भाजपा की लड़ाई छिड़ी हुई है।सियासी पंडित मान रहे हैं कि लोग बगीचा के जुरुडांड में गणेश विसर्जन के दौरान हुए पांच लोगों की मौत और घायलों की पीड़ा से हटते हुए सियासी लड़ाई का आनंद उठाने में व्यस्त होने लगे हैं।वहीं विनयशील कांग्रेस की मांग को अपनी जिद बनाकर मैदान में कूद पड़े हैं।

कुनकुरी में अग्रवाल समाज का प्रदर्शन, नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता के खिलाफ एफआईआर की मांग,,देखें तस्वीरें

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कुनकुरी, 11 सितम्बर 2025/ कुनकुरी शहर में आज अग्रवाल समाज ने नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता की फेसबुक पोस्ट से नाराज होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने रैली निकालते हुए पुतला दहन किया और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर विनयशील के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। अग्र समाज के संभागीय अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि “गणेश विसर्जन के दौरान हुए सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हुई थी। इस पर 50 लाख रुपए मुआवजा मांगना जायज है, लेकिन किसी एक समाज के लिए अलग मांग करना और यह कहना कि फलाने समाज की कीमत इतनी और अन्य समाज की कीमत इतनी—यह बिल्कुल गलत है। राजनीति जातिवाद की नहीं होनी चाहिए। जातिवाद में बयान देने से समाज में विद्वेष फैलता है। इसी कारण आज पूरे संभाग के सभी जिलों के थानों में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।” अग्र समाज के जिला सचिव अमित अग्रवाल ने विनयशील गुप्ता के फेसबुक पोस्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “बगीचा के जुरूडांड में हुई घटना में सरकार ने मृतकों के वारिसों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया। उससे असंतुष्ट होकर विनयशील ने फेसबुक पर समाज को टारगेट करते हुए टिप्पणी की कि अग्रवाल समाज के व्यक्ति की जान की कीमत 50 लाख और अन्य समाज—जिनमें उन्होंने तीन-चार समाजों का नाम लिया—उनकी कीमत पांच लाख। आखिर अग्रवाल समाज को टारगेट करने का उद्देश्य क्या था, यह मैं समझ नहीं पा रहा हूं। उनकी इस टिप्पणी से पूरे अग्रवाल समाज में आक्रोश व्याप्त है।” वहीं, अग्र समाज के जिलाध्यक्ष मुरारीलाल अग्रवाल ने कहा कि “अग्रवाल समाज के लोग सभी राजनीतिक दलों में हैं। विनयशील की टिप्पणी से समाज में नाराजगी है और हम उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए थाने पहुंचे हैं।” फिलहाल, कुनकुरी थाने में अग्रवाल समाज ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप दिया है। पुलिस ने विनयशील गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। बता दें कि 2 सितम्बर को बगीचा थानांतर्गत ग्राम जुरूडांड में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान एक तेज रफ्तार बोलेरो वाहन भीड़ में घुस गया था। इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई और करीब 22 लोग घायल हुए थे। घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार से मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की थी। इसी मुद्दे पर नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ लगातार मुखर होकर टिप्पणी कर रहे हैं।

भारत के राष्ट्रीय अध्यापक विनोबा भावे की जयंती पर विशेष लेख,पढ़ें विनायक से विनोबा तक का सफर

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आचार्य विनोबा भावे / जयंती पर विशेष आलेख जन्म : 11 सितंबर 1895 मृत्यु : 15 नवंबर 1982   आज भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और गांधीवादी नेता, संत विनोबा भावे को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। इन्हें महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माना जाता है, और भारत का राष्ट्रीय अध्यापक भी कहा जाता है, जिस कारण लोग संत विनोबा भावे को आचार्य कहकर भी संबोधित करते हैं।   आचार्य विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर, 1895 को महाराष्ट्र के कोलाबा ज़िले के गागोड गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम ‘विनायक नरहरि भावे’ था। उनके पिता का नाम नरहरि शंभू राव व माता का नाम रुक्मिणी देवी था। उनकी माता एक विदुषी महिला थी। आचार्य विनोबा भावे का ज़्यादातर समय धार्मिक कार्य व आध्यात्म में बीतता था। बचपन में वह अपनी मां से संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर और भगवत् गीता की कहानियां सुनते थे। इसका प्रभाव, उनके जीवन पर काफी गहरा पड़ा और इस वजह से उनका रुझान, आध्यात्म की तरफ बढ़ गया।   आगे चलकर विनोबा भावे ने रामायण, कुरान, बाइबल, गीता जैसे अनेक धार्मिक ग्रंथों का, गहन अध्ययन किया। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ, और अर्थशास्त्री भी थे। उनका संपूर्ण जीवन साधू, सन्यासियों व तपस्वी की तरह बीता। इसी कारण, उनको संत कहकर संबोधित किया जाने लगा।   वह इंटर की परीक्षा देने के लिए 25 मार्च, 1916 को मुंबई जाने वाली रेलगाड़ी में सवार हुए, परंतु उस समय उनका मन स्थिर नहीं था। उन्हें लग रहा था कि वह जीवन में जो करना चाहते हैं, वह डिग्री द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता। उनके जीवन का लक्ष्य, कुछ और ही था।   अभी उनकी गाड़ी सूरत पहुंची ही थी कि उनके मन में हलचल होने लगी। गृहस्थ जीवन या सन्यास, उनका मन दोनों में से किसी एक को नहीं चुन पा रहा था। तब थोड़ा विचार करने के बाद, उन्होंने संन्यासी बनने का निर्णय लिया, और हिमालय की ओर जाने वाली गाड़ी में सवार हो गए।   1916 में मात्र 21 वर्ष की आयु में, उन्होंने घर छोड़ दिया और साधु बनने के लिए, काशी नगरी पहुंच गए। वहां पहुंचकर, उन्होंने महान पंडितों के सानिध्य में, शास्त्रों का गहन अध्ययन किया। उस समय, स्वतंत्रता आंदोलन भी अपनी चरम सीमा पर था।   महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटकर भारत आ गए थे। तब विनोबा जी ने अहमदाबाद के कोचरब आश्रम में, गांधी जी से पहली मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उनका जीवन बदल गया और उन्होंने अपना पूरा जीवन गांधीजी को समर्पित कर दिया।   1921 से 1942 तक, वह अनेकों बार जेल गए। उन्होंने 1922 में नागपुर में सत्याग्रह किया, जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। 1930 में विनोबा जी ने, गांधीजी के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह को अंजाम दिया। 11 अक्टूबर, 1940 को प्रथम सत्याग्रही के रूप में गांधी जी ने विनोबा भावे को चुना।   समय के साथ गांधीजी और विनोबा जी के संबंध काफी मज़बूत होते गए। वह गांधी जी के आश्रम में रहने लगे, और वहां की गतिविधियों में हिस्सा लेने लगे। आश्रम में ही उनको विनोबा नाम मिला।   विनोबा भावे ने गरीबी को खत्म करने के लिए, काम करना शुरू किया। 1950 में उन्होंने, सर्वोदय आंदोलन आरंभ किया। इसके तहत, उन्होंने ‘भूदान आंदोलन’ की शुरुआत की। 1951 में, जब वह आंध्रप्रदेश का दौरा कर रहे थे, तब उनकी मुलाकात, कुछ हरिजनों से हुई, जिन्होंने विनोबा जी से 80 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने की विनती की।   विनोबा जी ने ज़मींदारों से आगे आकर अपनी ज़मीन दान करने का निवेदन किया, जिसका काफी ज़्यादा असर देखने को मिला और कई ज़मींदारों ने अपनी ज़मीनें दान में दीं। वहीं इस आंदोलन को पूरे देश में प्रोत्साहन मिला। 17 सितम्बर 1992 को हज़ारीबाग़ में इनके नाम पर “विनोबा भावे विश्वविद्यालय” इनके भूदान आंदोलन से प्राप्त जमीन पर स्थापित किया गया। विनोबा भावे जी को भूदान आंदोलन में सबसे ज्यादा जमीन हज़ारीबाग़ में मिली थी।   1959 में उन्होंने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, ब्रह्म विद्या मंदिर की स्थापना की। स्वराज शास्त्र, गीता प्रवचन और तीसरी शक्ति उनकी लिखी किताबों में से प्रमुख है।   नवंबर 1982 में विनोबा भावे गंभीर रूप से बीमार हो गए और उन्होंने अपने जीवन को त्यागने का फैसला किया। उन्होंने जैन धर्म के संलेखना-संथारा के रूप में भोजन और दवा को त्याग दिया और इच्छा पूर्वक मृत्यु को अपनाने का निर्णय लिया। 15 नवंबर, 1982 को विनोबा भावे ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

डॉ. ग्रेस ने जुमाइकेला में स्कूली बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य और लक्ष्य निर्धारण के दिए टिप्स

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जशपुर,10 सितम्बर 2025 –  ख्यातिप्राप्त मनोचिकित्सक डॉ. ग्रेस कुजूर मंगलवार को कांसाबेल विकासखंड के जुमईकेला स्थित डॉन बोस्को इंग्लिश मीडियम स्कूल और जनता हायर सेकेंडरी स्कूल की विशेष कार्यशाला में पहुँचीं। इस अवसर पर विद्यालयों के प्राचार्यों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यशाला में डॉ. ग्रेस ने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाते हुए बुद्धि बढ़ाने के कई उपयोगी टिप्स दिए। उन्होंने मोबाइल फोन के जिम्मेदाराना उपयोग की बात करते हुए कहा कि “मोबाइल को पढ़ाई और ज्ञान बढ़ाने का साधन बनाना चाहिए, न कि केवल मनोरंजन का।’’ साथ ही उन्होंने स्क्रीन टाइम को कम करने और उसका सही उपयोग करने के उपाय भी बताए। डॉ. ग्रेस ने छात्रों को जीवन में लक्ष्य निर्धारण और मानसिक तैयारी पर जोर देते हुए कहा कि चाहे कोई भी सपना हो—डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस अधिकारी, शिक्षक या किसान बनने का—उसे हासिल करने के लिए पहले मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है। उन्होंने चेतन और अवचेतन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सरल भाषा में समझाते हुए बताया कि जब हम किसी लक्ष्य के बारे में लगातार सोचते हैं तो हमारा दिमाग उसी दिशा में काम करने लगता है। इस अवसर पर डॉन बोस्को इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रिंसिपल पॉल तिर्की ने कहा कि “छात्र जीवन सीखने का काल है और इसे दिमाग से सीखा जाता है।” वहीं जनता हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल कांति तिर्की ने छात्रों को डॉ. ग्रेस की बातों को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी भी साझा की गई कि डॉ. ग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को समर्थन देने के लिए अपनी जीवनगाथा पर बन रही फिल्म ‘अर्पण’ को समर्पित किया है। मानसिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले व्यक्तित्व आज के युग में विरले ही देखने को मिलते हैं। आभार व्यक्त करने मंच पर पहुँची छात्रा आलिया ने कहा कि इस कार्यशाला ने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच और लक्ष्य निर्धारण के प्रति एक नई दृष्टि दी।

*जशपुर जिले में 56 करोड़ 57 लाख की लागत से 484 नए आंगनबाड़ी भवन निर्माण की मिली स्वीकृति , मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से बच्चों और माताओं के पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य को मिलेगा नया आयाम*

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*जशपुर जिले में 56 करोड़ 57 लाख की लागत से 484 नए आंगनबाड़ी भवन निर्माण की मिली स्वीकृति , मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से बच्चों और माताओं के पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य को मिलेगा नया आयाम* जशपुर,09 सितंबर 2025 । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्राथमिकता हमेशा से प्रदेश के बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा को लेकर रही है। इसी दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जशपुर जिले में 56 करोड़ से भी अधिक की लागत से 484 नए आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रत्येक आंगनबाड़ी भवन पर 11 लाख 69 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। इस प्रकार करोड़ों रुपए की राशि सीधे तौर पर जिले में आंगनबाड़ी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और विस्तार पर लगाई जाएगी। इससे न केवल बच्चों और माताओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी एक स्थायी और सुसज्जित कार्यस्थल प्राप्त होगा। *जर्जर भवन एवं अस्थाई से स्थायी भवन की ओर* अब तक अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र भवन जर्जर हालत में या किराए के मकानों में संचालित होते थे।ऐसे स्थानों में न तो बच्चों को बैठने की समुचित सुविधा मिलती थी और न ही साफ-सफाई का पर्याप्त वातावरण। लेकिन नए भवन बनने के बाद बच्चों को स्वच्छ, सुरक्षित और अनुकूल माहौल उपलब्ध होगा, जिससे उनकी शिक्षा और पोषण संबंधी गतिविधियाँ व्यवस्थित ढंग से संचालित होंगी। *बच्चों और माताओं के लिए एक संपूर्ण केंद्र* नए आंगनबाड़ी भवन सिर्फ पढ़ाई या आहार वितरण का स्थान नहीं होंगे, बल्कि ये ग्रामीण समाज में पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और जागरूकता का केंद्र बनेंगे। इन भवनों में बच्चों को पौष्टिक आहार ,खेल-खेल में सीखने की व्यवस्था,नियमित स्वास्थ्य जांच,माताओं के लिए पोषण व स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता कार्यक्रम जैसी सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे जिले में कुपोषण को कम करने और शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने में बड़ी भूमिका निभाई जाएगी। *मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संकल्प अब कोई भी बच्चा शिक्षा की कमी से नहीं होगा वंचित* मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा का संकल्प है कि जशपुर का कोई भी बच्चा अब कुपोषण और शिक्षा की कमी से वंचित नहीं रहेगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चे और हर माता को स्वस्थ, शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। नए आंगनबाड़ी भवन आने वाली पीढ़ी के जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगे और प्रदेश में पोषण क्रांति की नींव मजबूत करेंगे। *ग्रामीणों की खुशी और सीएम साय के प्रति आभार* ग्रामीण अंचलों के लोगों ने इस नए आंगनबाड़ी भवन की स्वीकृति का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उनका कहना है कि यह पहल आने वाली पीढ़ी के भविष्य को उज्ज्वल बनाने वाली साबित होगी। अब बच्चे अस्थायी कमरों में नहीं, बल्कि सुसज्जित भवनों में शिक्षा और पोषण प्राप्त करेंगे।

एसएसपी शशिमोहन सिंह ने जिले के नागरिकों से की अपील,धरना – रैली – जलूस से पूर्व दें सूचना

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*// अपील //*   वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जशपुर  शशि मोहन सिंह द्वारा जिले के सभी *नागरिकों से अपील किया है कि कोई भी सांस्कृतिक, राजनीतिक या सामाजिक धरना, प्रदर्शन, रैली अथवा कार्यक्रम आयोजित* किया जाता है तो *उसकी सूचना पूर्व में ही प्रशासन को दिया जाये,* तभी समुचित पुलिस बल लगाना संभव होता है।   👉 *पूर्व सूचना मिलने पर ही आवश्यकतानुसार* पुलिस बल तैनात किया जा सकता है और उचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है।   *कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का एक मुख्य कारण यह भी रहा कि* गणेश विसर्जन के साथ निकाले गए डीजे एवं जुलूस की जानकारी पुलिस एवं जिला प्रशासन को पूर्व में नहीं दी गई थी, जिसके कारण सुरक्षा व्यवस्था लगाना संभव नहीं हो पाया। इस घटना में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए तथा मूल्यवान जनहानि हुई, जिस पर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन गहरा दुख व्यक्त करता है।   अतः पुनः सभी नागरिकों से आग्रह है कि *भविष्य में किसी भी प्रकार का जुलूस/कार्यक्रम आयोजित करने से पूर्व प्रशासन को सूचित करें, ताकि पर्याप्त पुलिस बल* एवं सुरक्षा व्यवस्था लगाई जा सके और ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति न हो।   – शशि मोहन सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जशपुर

जशपुर में गणेश विसर्जन हादसे पर बवाल, मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर उतरी कांग्रेस

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Iजशपुर,03 सितंबर 2025 – बगीचा थाना क्षेत्र के जुरूडांड गांव में गणेश विसर्जन के दौरान हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। तेज रफ्तार बोलेरो की चपेट में आने से तीन श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं और जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं।   घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने त्वरित राहत की घोषणा करते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की बात कही है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इस घोषणा को नाकाफी बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है।   सोमवार को जुरूडांड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों ने पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह के नेतृत्व में सड़क पर बैठकर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस की मांग है कि मृतकों के परिवार को 50-50 लाख रुपये और घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।   फायरब्रांड नेता विनयशील ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “दो-तीन साल पहले पत्थलगांव में दुर्गा विसर्जन हादसे में भाजपा ने सड़क पर उतरकर मृतकों के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वह मुआवजा दिया भी था। अब भाजपा सरकार क्यों पीछे हट रही है?”   प्रदर्शन के चलते मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि हालात काबू से बाहर न हों। वहीं प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर शव का अंतिम संस्कार कराने की अपील कर रहे हैं।  

जशपुर के बगीचा में गणेश विसर्जन के दौरान हादसे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया गहरा शोक, मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि का ऐलान, घायलों के समुचित इलाज के लिए दिए निर्देश

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Update News : जशपुर के बगीचा में गणेश विसर्जन के दौरान हादसे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया गहरा शोक, मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि का ऐलान, घायलों के समुचित इलाज के लिए दिए निर्देश….*   जशपुर,03 सितम्बर 2025  जशपुर जिले के जुरुडांड, बगीचा में गणेश विसर्जन की झांकी के दौरान हुए दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की मृत्यु तथा कई अन्य के घायल होने की दुखद खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए घायलों की समुचित चिकित्सा एवं आवश्यक मदद के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुःखद घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार मृतकों के परिजनों एवं घायलों के साथ खड़ी है। राज्य सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख रुपए एवं घायलों को पचास-पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है।उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की है। हम आपको बता दें कि घायलों में इस हादसे में घायल हुए 22 लोगों को बेहतर उपचार किए जाने की जानकारी जिला प्रशासन ने दी है। इनमें से 15 का इलाज अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में तथा 7 का इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है। शेष 8 घायलों का इलाज बगीचा सीएचसी में चल रहा है। घायलों में 2 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

स्टेट हाइवे पर गणेश विसर्जन जुलूस पर तेज रफ्तार बोलेरो चढ़ी, 3 की मौत, 22 से ज्यादा घायल

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उल्लास का माहौल मातम में बदला, घायलों में एक दर्जन की हालत गंभीर, आरोपी चालक गिरफ्तार जशपुर (छत्तीसगढ़)03 सितम्बर 2025 – छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में गणेश विसर्जन का जुलूस उस वक्त मातम में बदल गया जब एक तेज रफ्तार बोलेरो अनियंत्रित होकर भीड़ में घुस गई। यह हादसा बगीचा थाना क्षेत्र के जुरुडांड गांव में बीती रात करीब साढ़े दस बजे हुआ। घटना में 3 लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 22 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें से एक दर्जन से ज्यादा की हालत गंभीर बताई जा रही है। कैसे हुआ हादसा? जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण गणेश प्रतिमा का ग्राम भ्रमण कर विसर्जन करने तालाब की ओर जा रहे थे। इसी दौरान अंबिकापुर से कुनकुरी की ओर जा रही बोलेरो ने अचानक भीड़ को अपनी चपेट में ले लिया। वाहन की रफ्तार इतनी तेज थी कि कई लोग हवा में उछलकर दूर जा गिरे और कई लोग वाहन के नीचे कुचल गए। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने चालक की जमकर पिटाई कर दी, जबकि वाहन में सवार अन्य लोग मौके से फरार हो गए। मृतकों की पहचान   इस दर्दनाक हादसे में जिनकी मौत हुई है, उनमें – अरविंद (19 वर्ष), पिता तोबियस केरकेट्टा विपिन कुमार प्रजापति (17 वर्ष), पिता देवनारायण खिरोवती यादव (32 वर्ष), पत्नी हरीश यादव शामिल हैं। घायलों का उपचार जारी घायलों को तुरंत बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां बीएमओ डॉ. सुनील लकड़ा और उनकी टीम ने पूरी रात इलाज किया। गंभीर घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है। इस बीच सीएमएचओ डॉ. जी.एस. जात्रा ने पूरे स्वास्थ्य अमले को अलर्ट पर रखा है और घायलों की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। मौके पर विधायक, कलेक्टर और एसएसपी हादसे की खबर मिलते ही जशपुर विधायक रायमुनि भगत रात में ही अस्पताल पहुंचीं और घायलों व परिजनों से मुलाकात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास और एसएसपी शशिमोहन सिंह भी देर रात अस्पताल पहुंचे। कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन की ओर से मेडिकल ऑफिसर और दो नायब तहसीलदार को अंबिकापुर भेजा गया है ताकि घायलों के इलाज में किसी तरह की कमी न हो। पुलिस ने बोलेरो व चालक को पकड़ा एसएसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि बोलेरो और उसके चालक को पुलिस ने पकड़ लिया है। “प्रकरण की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” पूरे इलाके में शोक गणेश उत्सव के उल्लास के बीच हुए इस हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। जहां तालाब से लौटते ग्रामीणों को उत्सव का समापन करना था, वहीं अचानक हुए हादसे ने पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल पैदा कर दिया।