बड़ी खबर : नक्सल मोर्चे पर विष्णु सरकार जीत की ओर, नारायणपुर एनकाउंटर में 31 नक्सलियों की डेडबॉडी मिली,40 पार जा सकता है आंकड़ा, एक जवान जख्मी

IMG 20241004 WA0025

रायपुर/नारायणपुर,05 सितंबर2024/ छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र थुलथुली/नेदुर में हुई इस मुठभेड़ में डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए हैं। सर्च अभियान अभी भी जारी है, और सुरक्षा बलों को और भी नक्सलियों के मारे जाने की आशंका है। यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब इंटेलिजेंस को अबूझमाड़ के जंगलों में नक्सली कमांडर कमलेश की मौजूदगी की जानकारी मिली। करीब 250 जवानों की टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया और लगभग 70 नक्सलियों के साथ सीधी मुठभेड़ हुई। जवानों ने सटीक रणनीति के साथ नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया, जिससे बड़ी सफलता हाथ लगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस ऑपरेशन को सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक और बड़ी जीत करार दिया। उन्होंने कहा, “पिछले 9 महीनों में नक्सलियों के खिलाफ मिली यह सबसे बड़ी सफलता है। हमारी डबल इंजन सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस दौरान सुरक्षाबलों ने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन अंजाम दिए, जिसमें सैकड़ों नक्सली या तो मारे गए हैं या गिरफ्तार किए गए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब शांति और विकास की राह पर कदम बढ़ाए जा रहे हैं।” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नारायणपुर एनकाउंटर पर कहा, “जवानों के साहस और अदम्य हौसले को मैं नमन करता हूं। नक्सलवाद के खात्मे के लिए शुरू हुई हमारी लड़ाई अब अपने अंजाम तक पहुंचकर ही दम लेगी। हम छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए पूरी शक्ति और संसाधन लगा रहे हैं।” इस मुठभेड़ से पहले भी सरकार ने विभिन्न ऑपरेशनों के माध्यम से नक्सलियों के खिलाफ कई अहम जीत दर्ज की है। पिछले 9 महीनों में दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर के इलाकों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, जिससे नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र को कमजोर किया गया है।  

प्राचार्य का ट्रांसफर रद्द कराने छात्र संघ सड़क पर उतरा,सुबह 8 बजे से सड़क पर हैं छात्र-छात्राएं,पुलिस मौके पर

IMG 20241005 WA0002

जशपुर/कोतबा 05 अक्टूबर 2024– बड़ी खबर कोतबा-लवाकेरा स्टेट हाइवे से आई है,जहां स्वामी आत्मानन्द विशिष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल का छात्र संघ प्रिंसिपल फिलमोन एक्का के ट्रांसफर आर्डर आने की खबर से आक्रोशित होकर सड़क पर है। सुबह करीब 8 बजे छात्र – संघ के आह्वान पर कक्षा 1 से लेकर 12 वीं तक के सभी स्टूडेंट्स प्रिंसिपल का ट्रांसफर रद्द कराने की मांग को लेकर नारे लगा रहे हैं।हाथों में तख्तियां लेकर शनिवार की सुबह की क्लास छोड़कर स्कूल ड्रेस में ही सड़क किनारे नारेबाजी कर रहे हैं।मौके पर कोतबा पुकिस चौकी प्रभारी राकेश सिंह दल-बल के साथ मौजूद हैं।

सिरफोड़वा कांड 3 : हेडमास्टर स्कूल से बाहर,मैडम स्कूल के अंदर, दो बच्चों में मारपीट, एक का सिर फूटा,लोगों में शिक्षकों के खिलाफ गुस्सा

IMG 20241005 080946

जशपुर/कुनकुरी – स्वामी आत्मानन्द में सिरफोड़वा कांड 2 के बाद अब एक ग्रामीण प्राथमिक शाला में सिरफोड़वा कांड हो गया है।घटना शुक्रवार 4 अक्टूबर की है।घायल बच्चे के सिर में टांके लगे हैं।इस घटना में गांव में लोगों का गुस्सा हेडमास्टर और टीचर के खिलाफ भड़का हुआ है। दरअसल, कुनकुरी विकासखंड के ढोढ़ीडांड ग्राम पंचायत के प्राथमिक शाला नवाटोली में खेल छुट्टी के दौरान यह घटना हुई है।स्कूल में पढ़नेवाले छात्रों ने बताया कि सभी बच्चे खेल रहे थे।उसी समय कक्षा 5 वीं के छात्र और कक्षा 4 थी के छात्र के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा शुरू हुआ।4 ने 5  को एक थप्पड़ मारा तो 5 चप्पल से 4 को मारा और भागने लगा,4 ने पत्थर से फेंककर मारा तो 5 के सिर में गड्ढा हो गया खून निकला।इस समय स्कूल में एक शिक्षिका कविता सिदार थी।हेडमास्टर मनोज गुप्ता 12 बजे के बाद भाग गया था।टीचर को जब छात्रों ने घटना की जानकारी दी तो वह बाहर आकर 4 को एक थप्पड़ मारी और घायल छात्र को अपनी स्कूटी में बिठाकर अस्पताल के गई। इस घटना के बारे में पूछे जाने पर ढोढ़ीडांड सरपँच श्रीमती कलिस्ता ने बताया कि ‘मुझे अभी तक स्कूल के हेडमास्टर ने नहीं बताया है।जाकर देखती हूँ।वैसे हेडमास्टर मनोज गुप्ता स्कूल से ज्यादा अपने निजी धंधे में ज्यादा ध्यान देता है।उसकी बहुत शिकायत है।दो अक्टूबर को विशेष ग्रामसभा में इसको हटाने के लिए चर्चा भी हुई है।’ वहीं ग्रमीणों ने बताया कि घटना के बाद टीचर कविता सिदार घायल बच्चे को सरकारी अस्पताल कुनकुरी ले गई जहां हेडमास्टर मनोज गुप्ता पहुंचा और हल्का मरहम-पट्टी कराकर बच्चे को घर भेज दिया।उसके सिर में गड्ढा ज्यादा होने से खून रिस रहा था।परिजन बच्चे को कुनकुरी के निजी अस्पताल पहुंचे जहां उसे टांका लगाया गया।हालांकि इन सब का खर्च टीचर कविता सिदार ने उठाया। बहरहाल,कुनकुरी विकासखंड में डेढ़ महीने के अंदर ऐसी तीन घटनाओं से साफ है सरकारी स्कूलों के जिम्मेदार शिक्षक,प्रशासकों पर शासन-प्रशासन का नियंत्रण मजबूत नहीं है।देखना यह होगा कि इस घटना पर जिला प्रशासन का क्या एक्शन होता है?

स्टेट लेबल क्वान की डो मार्शल आर्ट में जशपुर की खिलाड़ी अर्चना ने कहाँ जीता स्वर्ण पदक? पढ़िए एक्सक्लूसिव खबर,,,

IMG 20241004 WA0029

जशपुर, 4 अक्टूबर 2024: द्वितीय छत्तीसगढ़ राज्यस्तरीय क्वान की डो मार्शल आर्ट चैंपियनशिप 2024 का आयोजन अंबिकापुर के मल्टीपरपज इनडोर हॉल में किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से 150 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। जशपुर जिले के मनोरा ब्लॉक की अर्चना बुनकर ने इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। अर्चना ने कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को हराकर न केवल स्वर्ण पदक हासिल किया, बल्कि अपने ऐज और वेट कैटेगरी में नेशनल चैंपियनशिप के लिए छत्तीसगढ़ टीम में भी स्थान बनाया। उनके कोच विकास दोहरे ने बताया कि राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों का चयन नेशनल स्तर के लिए किया गया है। कार्यक्रम के अध्यक्ष संजय अंबास्थ, प्रदेश संघ के सचिव अमन गुप्ता, और सरगुजा जिले के सचिव मोहम्मद शराफत ने अर्चना को स्वर्ण पदक जीतने पर शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। दोहरे जी ने क्वान की डो के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक वियतनामी मार्शल आर्ट है जिसे फ्रांस में विकसित किया गया। इसके ग्रैंड मास्टर शाओलिन कुंग फू के मास्टर हैं, जिन्होंने शाओलिन कुंग फू से प्रेरित होकर इस खेल को विकसित किया। इस मौके पर यह भी घोषणा की गई कि जल्द ही बलरामपुर और जशपुर जिले के सभी खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल और बढ़ेगा, और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता की ओर कदम बढ़ाएंगे।  

मोदी के चलते भाजपा से जुड़े सिरजीयुस ने क्यों की भाजपा विधायक रायमुनी की गिरफ्तारी की मांग? सीएम की विधानसभा से उठी नाराजगी,,,देखें वीडियो

IMG 20241003 175704

जशपुर/कुनकुरी,03 अक्टूबर2024  – भाजपा विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत के बिगड़े बोल ने भाजपा समर्थित ईसाई आदिवासियों को नाराज कर दिया है।यह बात आज ईसाई आदिवासी महासभा के बैनर तले बनाई गई मानव श्रृंखला को कवर करने के दौरान सामने आई। यहां आपको बता दें कि 2023 के चुनाव में यूडी मिंज जो 2018 में कांग्रेस विधायक बने थे,25 हजार के बड़े अंतर से हार गए।जीते विष्णुदेव साय जो मुख्यमंत्री हैं।हार का अंतर काफी ज्यादा होने की वजह ईसाई मतदाताओं का भाजपा की ओर जाना बताया गया।हालांकि ईसाई परम्परागत रूप से कांग्रेस के वोट बैंक है लेकिन लुंड्रा में प्रबोध मिंज को भाजपा की टिकट देने, 2013 में कांग्रेस की टिकट से हारे अब्राहम तिर्की का भाजपा प्रवेश करने के अलावा सिटिंग एमएलए से स्थानीय ईसाई नेताओं की दूरी हार के कारण बने।इधर मुख्यमंत्री बनने के बाद विष्णुदेव साय की सरल,सहृदय,मिलनसार और मिशन स्कूल लोयोला में पढ़ाई करने से ईसाई समाज का झुकाव लगातार उनकी ओर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हमेशा सुर्खियों में रहनेवाली दबंग विधायक रायमुनी भगत के द्वारा बीते माह सितंबर में पवित्र धार्मिक ग्रन्थ बाइबिल और ईसाई धर्म के आराध्य ईसा मसीह पर की गई टिप्पणी ने मोदी का नारा ‘सबका साथ,सबका विश्वास,सबका विकास’ को कमजोर किया है।जिसका असर रायमुनी भगत को कितना पड़ेगा यह अलग बात है लेकिन सिटिंग सीएम विष्णुदेव साय की बढ़त में फर्क जरूर पड़ सकता है। नीचे जो वीडियो आप देखने जा रहे हैं उसे देखने के बाद कमेंट जरूर करें,,,

सत्ता में बैठी विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शन,130 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला में 1 लाख ईसाई समुदाय के लोग सड़क पर, प्रदर्शन शांतिपूर्ण सम्पन्न

IMG 20241003 WA0043

जशपुर/कुनकुरी/पत्थलगांव,03 अक्टूबर 2024 – भाजपा विधायक श्रीमती रायमुनी भगत का ईसाई धर्म व प्रभु ईसा मसीह के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद से जशपुर जिले में ईसाई समुदाय में आक्रोश है।जशपुर विधानसभा से निर्वाचित विधायक श्रीमती भगत की गिफ्तारी की मांग को लेकर नेशनल हाइवे 43 पर 130 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई जिसमें 1 लाख से ज्यादा ईसाई समुदाय के लोग खड़े रहे।यह मानव श्रृंखला सुबह 10 बजे से शुरू हुई जो 12 बजे खत्म की गई। दरअसल, जशपुर भाजपा विधायक रायमुनी भगत ने 1 सितंबर को आस्ता थाना क्षेत्र के ग्राम ढेंगनी में एक कार्यक्रम के दौरान ईसाई धर्म, धर्मांतरण की बात कहते हुए ईसा मसीह पर विवादित टिप्पणी की।जिसका वीडियो वायरल होने के बाद 10 सितंबर को जशपुर जिले के सभी थानों में विधायक के खिलाफ एफआईआर करने के लिए शिकायत की गई।जिसपर अल्टीमेटम तारीख 25 सितंबर तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर 3 अक्टूबर को ईसाई आदिवासी महासभा ने विधायक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मानव श्रृंखला बनाई।  डॉ. पीसी कुजूर,संरक्षक ईसाई आदिवासी महासभा ने कहा कि यह विडंबना है कि हमारे क्षेत्र से मुख्यमंत्री हैं और उनकी ही पार्टी की  विधायक ने ऐसी घटिया बातें कहीं है।जिससे हमारे लोग काफी नाराज हैं।हम विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हैं और उनकी जब तक गिफ्तारी नहीं हो जाती है तब तक आंदोलन करते रहेंगे।संवैधानिक पद पर रहते हुए हमारे पूज्य ईसा मसीह पर अभद्र टिप्पणी करने वाली विधायक से इस्तीफा लेना चाहिए। पूर्व कुनकुरी विधायक यूडी मिंज, वाल्टर कुजूर, अध्यक्ष ईसाई आदिवासी महासभा,जशपुर ने भी विधायक रायमुनी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं करने पर गहरी नाराजगी जताई है। मानव श्रृंखला खत्म कर प्रदर्शनकारी 1 बजे नेशनल हाइवे पर टाँगरपानी अटल चौक से 100 मीटर अंदर सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा हुए और रायमुनी भगत मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए एक और मानव श्रृंखला बनाई। बहरहाल,भाजपा विधायक श्रीमती भगत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर बनाई गई मानव श्रृंखला पूरे प्रदेश में ऐतिहासिक घटना बन गई है क्योंकि छत्तीसगढ़ में अबतक किसी विधायक के खिलाफ इतनी लंबी मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन नहीं किया गया है। मानव श्रृंखला को सफल बनाने में ईसाई आदिवासी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा, संरक्षक डॉ. पी.सी. कुजूर,डॉ. सी.डी.बाखला,अध्यक्ष वॉल्टर कुजूर,काथलिक सभा अध्यक्ष अभिनंद खलखो,पूर्व विधायक यूडी मिंज,बीडीसी बसन्त बेक, संदीप मिंज,विनय तिर्की,अनिमानन्द,रॉबर्ट,अंजना मिंज,अजेम टोप्पो,राजकुमारी लकड़ा,अलमा,हेमंत,सुमित,जॉनी वकील समेत अनेक लोगों का सक्रिय योगदान रहा।

विश्लेषण : *सड़कों से गांवों तक पहुंचने की कोशिश, यह कोई बुरी बात तो नहीं*

IMG 20241002 173152

बरुण सखाजी (लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं) बीते कुछ वर्षों से विपरीत दलों की सरकारों में आपसी अदावत (कटुता) बढ़ी है। इस अदावत के लिए कौन जिम्मेदार हैं, सब जानते हैं। हर दल अपने आपको लोकतंत्र का पहरूआ बता रहा है लेकिन इस अहंकार को नहीं छोड़ पा रहा कि वह विपक्ष में भी बैठ सकता है। 2014 के बाद से ऐसी अदावतें बढ़ी हैं। इसका कारण साफ है, सदा सत्ता मे रहने का अहंकार। जनता की राय का अपमान। साठ साल तक राज करके ऐसा स्वभाव हो जाना स्वभाविक भी है, किंतु चुनावी लोकतंत्र में इसे जितने जल्दी हो समझ लेना चाहिए। आज हैं, कल नहीं हैं, कल रहेंगे परसों नहीं होंगे। जनता जिसे चाहेगी वही बैठेगा और वह वैसा ही करेगा जैसा करने के लिए उसे चुना गया है। छत्तीसगढ़ में इस बात को ठीक से समझ लिया गया है। जमीन पर महसूस किया जा रहा है। कहीं कोई चूक न हो पाए इसलिए जनता को सबसे ऊपर जानकर उससे किए वादों को पूरा किया जा रहा है। आलोचना की जा सकती है, किंतु धैर्यपूर्वक देखेंगे तो समझ आएगा आलोचना बेवजह है। चूंकि जो कहा वह करना और वह करके दिखाना ही सफल सियासत और राजनेता की पहचान है। बदले हुए दौर में समझ लेना होगा, लोगों को गुमराह करना अब संभव नहीं है। साल 2023 के विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ में भाजपा की विजय वास्तव में बदले जनमत का ही प्रमाण है। इसमें भी सरकार संचालन के लिए ऐसे व्यक्तित्व का चयन बड़ी चुनौती थी, जिसकी स्वीकार्यता, अनुभव, विनम्रता, मिलनसारता, सियासत की समझ, विकास के कार्यों के प्रति सकारात्मक रवैया और टीम को लेकर चलने का हुनर हो। इस मामले में मोदी की गारंटी और मोदी का चयन दोनों को मानना ही पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का महकमा यूं तो देशभर में सड़कों की सुंदरता, मजबूती और सुलभता के लिए जाना जाता है। लेकिन इसमें भी छत्तीसगढ़ के लिए दिल खोल देना महत्वपूर्ण बात है। सड़कों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। 2018 तक प्रदेश में सड़कों का निर्माण सामान्यतः अच्छी रफ्तार से चल रहा था, किंतु बाद के कुछ वर्ष जैसे काम रुक गया। न गलियों में निर्माण हो रहा था, न गांवों में। जो नेशनल हाईवे भी बन रहे थे तो उन्हें भी स्टेट लेवल के क्लीयरेंस गैर प्राथमिकता में मिलता था। यानि मिल गया तो मिल गया नहीं तो किसी को पड़ी नहीं थी। परंतु अब ऐसा नहीं है। *नए* दौर में सड़कों को लेकर सरकार आंतरिक रूप से स्पष्ट है। वह मानती है, भले ही कितनी ही रफ्तार से समाज में बदलाव हो रहे हों, लेकिन सड़क, बिजली, पानी मूलभूत जरूरतें बनी रहेंगी। जो भी सरकार इनसे खिलवाड़ करेगी, उसे भुगतना पड़ेगा। इस बात को जो राजनीतिक दल सत्ता में रहते ही समझ जाए वह समझदार, अन्यथा अहंकार तो कोई भी कुर्सियों पर विराजते ही पाल ही लेते हैं। प्रदेश की दुखती रग रहा है जशपुर, पत्थलगांव रोड, केशकाल का घंटो जाम को मजबूर टेढ़ामेढ़ा रास्ता, बस्तर को और दूर करता धमतरी-जगदलपुर का रास्ता। बस्तर के अन्य आंतरिक रास्ते, सरगुजा के भीतरी इलाकों के रोड, बिलासपुर संभाग में आने वाले जिलों की सड़कें। यह सब चीख-चीखकर कह रही हैं इनका निर्माण जरूरी है। वर्तमान सरकार ने सारी बातों को मजबूती से रखा। मुख्यमंत्री ने पूरी सच्चाई से गडकरी से सहयोग मांगा। विभागीय मंत्री ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। पैसा भी मिला, समय-सीमा का वादा भी मिला और प्रदेश की ओर से वचनबद्धता भी दी गई। यही होना चाहिए। केंद्र बड़प्पन दिखाता है और प्रदेश अपने गरिमा और आवश्यकता के अनुरूप काम करते हैं। वाद-विवाद की कोई जगह नहीं होती। छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों से विवाद ने स्थान लिया था। असहमतियों का भ्रम खड़ा किया गया। संकुचित राजनीतिक सोच के चलते टकराव पैदा किए गए। अब यह सब खत्म हो गए हैं। नतीजे में प्रदेश को हजारों करोड़ की सड़कें मिल रही हैं। यह सड़कें एक ही दल की केंद्र और प्रदेश में सरकार होने के कारण भी मिल रही हैं। संभवतः इसे ही डबल इंजन की सरकार कहा गया था। सड़कों के जरिए गांवों तक पहुंचने की कोशिश, कोई बात बुरी तो नहीं है। क्या इसकी भी आलोचना करेंगे आप? sakhajee.blogpsot.com (यह लेखक के निजी विचार हैं।)

*जिले में संचालित विकास कार्यों को तीव्र गति से पूरा करने कलेक्टर ने दिए निर्देश**निर्माण से जुड़े विभागों के कार्यों की हुई समीक्षा*

IMG 20241002 WA0043

*जशपुर, 02 अक्टूबर 2024/* जिले विभिन्न विभागों के अंतर्गत संचालित विकास कार्यों की समीक्षा हेतु मंगलवार को कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल द्वारा समीक्षा बैठक आहूत की गई। इस बैठक में लोक निर्माण विभाग, सेतु निर्माण विभाग, गृह निर्माण मंडल छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड, आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई। जिसमें कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की विभिन्न परियोजनाओं के प्रस्ताव निर्माण, तकनीकी, वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति हेतु तीव्र गति से किये गए उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुए, सभी स्वीकृति प्राप्त कार्यों की निविदा प्रक्रिया उपरांत जल्द से जल्द कार्य को पूर्ण कराने के निर्देश दिए। वहीं निर्माणाधीन कार्यों की स्थिति का जायजा लेते हुए उन्होंने सभी को समयानुसार पूर्ण कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पीडब्लूडी के सेतु उपसंभाग के अधिकारियों को सेतु निर्माण में तीव्रता लाते हुए बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों में प्राथमिकता से कार्य करने को कहा। इसके अतिरिक्त उन्होंने आदिम जाति विकास विभाग के अंतर्गत आश्रम छात्रावासों के निर्माण स्थिति का जायजा लेते हुए उन्हें समयानुसार पूर्ण कराने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने गृह निर्माण मंडल एवं सीजीएमएससी के कार्यों की भी समीक्षा की। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर हरिओम द्विवेदी, ईई पीडब्लूडी पत्थलगांव मोचन कश्यप, ईई पीडब्लूडी जशपुर वीरेन्द्र कुमार चौधरी, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग संजय कुमार सिंह, पीडब्लूडी के सेतु उपसंभाग से अनुविभागीय अधिकारी मनोज मरकाम, गृह निर्माण मंडल से अनुविभागीय अधिकारी सर्वे पटेल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

बड़ी खबर : शेरा ने तेंदुए के जबड़े से छीनकर बचाई बच्चे की जान, वन विभाग की अनदेखी पर उठे सवाल

Picsart 24 10 02 16 52 52 148

इंसानी खून का स्वाद चख चुके तेंदुए पर वन विभाग की अनदेखी ने लोगों के अंदर खौफ़ बढ़ा दिया है। कांकेर,02 अक्टूबर2024/ जिले के दुधावा में बीती शाम दिल दहला देने वाली घटना हुई। 11 साल का नीरज ध्रुव अपने चाचा के घर जा रहा था, जब अचानक तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। तेंदुआ नीरज को गले से पकड़कर जंगल की ओर ले जा रहा था, लेकिन तभी पालतू कुत्ता शेरा सामने आया और तेंदुए पर टूट पड़ा। शेरा की बहादुरी से तेंदुआ बच्चे को छोड़कर भाग गया। नीरज के परिवार और ग्रामीणों ने शेरा की बहादुरी को सराहा और बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। पहले उसे कांकेर और फिर रायपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, नीरज की हालत अब स्थिर है। हैरानी की बात यह है कि इसी क्षेत्र में तेंदुआ पहले भी तीन बच्चों पर हमला कर चुका है, जिसमें एक बच्चे की जान भी जा चुकी है। इसके बावजूद, वन विभाग अब तक तेंदुए को पकड़ने में नाकाम रहा है। वन विभाग के अधिकारी डीएफओ आलोक बाजपेई ने बताया कि रायपुर से एक्सपर्ट की टीम तेंदुए को पकड़ने के लिए पहुंच गई है, और जल्द ही उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा। लेकिन, ग्रामीणों में वन विभाग की सुस्ती को लेकर नाराजगी है। पालतू कुत्ते शेरा की बहादुरी ने जहां एक ओर बच्चे की जान बचाई, वहीं वन विभाग की अनदेखी ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।  

गांधी जयंती पर मानव उत्थान सेवा समिति ने चलाया विशेष स्वच्छता अभियान, थाने में ली अनोखी शपथ

IMG20241002151328

जशपुर/कुनकुरी 02 अक्टूबर 2024:  सदगुरुदेव सतपाल महाराज की प्रेरणा से मानव उत्थान सेवा समिति की जिला जशपुर इकाई ने गांधी जयंती के अवसर पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया। समिति के सदस्यों ने स्वच्छता का संदेश देते हुए कुनकुरी थाना परिसर में सफाई की और समाज को स्वच्छता के महत्व की याद दिलाई। समिति ने न केवल बाहरी सफाई बल्कि आंतरिक स्वच्छता पर भी जोर दिया, जिसमें आत्मिक और नैतिक शुद्धि का संदेश दिया गया। अभियान का नेतृत्व संस्था प्रमुख जयनन्दन यादव और सचिव सन्तोष भगत ने किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को मानव धर्म की पुस्तिका भेंट की, जो जीवन में स्वच्छता और नैतिकता के महत्व को रेखांकित करती है। इस मौके पर एसडीओपी विनोद मंडावी ने समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “स्वच्छता अभियान देश के लिए एक बड़ा योगदान है और इससे समाज में जागरूकता फैलती है।” स्वच्छता अभियान में समिति के कई कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिनमें जयमन यादव, देवमन्त, जगेश्वर, मनधर, नीरज राम, श्रीमती सिरीमुनी भगत, मूलो बाई, शांति देवी, उमा बाई, नेहरू राम, राधेलाल सिंह और चन्द्रकिशोर यादव शामिल थे। इन सभी ने न केवल गांधी जी के स्वच्छता के सपने को साकार करने का प्रयास किया, बल्कि समाज को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह कार्यक्रम पूरे कुनकुरी क्षेत्र में एक प्रेरणा बनकर सामने आया, जो बताता है कि स्वच्छता केवल बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक भी होनी चाहिए।