*जशपुर: राजी पड़हा की आक्रोश रैली को बताया राजनीतिक स्टंट, स्थानीय नेताओं ने जताई कड़ी आपत्ति* *विधायक रायमुनी भगत समेत कई आदिवासी नेता आये सामने*

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  जशपुर, 1 सितंबर: जशपुर जिले में 3 सितंबर को आयोजित की जाने वाली राजी पड़हा की आक्रोश रैली को स्थानीय नेताओं ने एक राजनीतिक स्टंट करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत ने इस रैली को समाज के भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह करने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि चंद लोग राजनीतिक फायदे के लिए समाज के लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। विधायक श्रीमती भगत ने स्पष्ट किया कि दीपू बगीचा में राजी पड़हा द्वारा अवैध रूप से संचालित किए जा रहे छात्रावास को जिला प्रशासन ने 10 अगस्त को बंद कराया था। इस कार्रवाई को लेकर राजी पड़हा द्वारा गलत जानकारी फैलाकर समाज में भ्रम पैदा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर कोई रोक नहीं है, और प्रशासन ने किसी प्रकार की सीलबंदी की कार्रवाई भी नहीं की है। श्रीमती शांति भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष, ने भी इस मामले में राजी पड़हा के नेताओं के ऐसे प्रयासों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज आक्रोश रैली का पुरजोर विरोध करता है। शांति भगत ने आरोप लगाया कि वे राजनीतिक लाभ के लिए भोले-भाले आदिवासियों का उपयोग कर रहे हैं और प्रशासन से इस रैली की अनुमति न देने की मांग की। कई आदिवासी नेताओं ने भी राजी पड़हा के नेताओं के निर्णय पर असंतोष जाहिर किया और इसे समाज को समाज से लड़ाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि दीपू बगीचा में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर कोई रोक नहीं है और प्रशासन से अनुमति लेकर इन्हें आयोजित किया जा सकता है। नगर पालिका अध्यक्ष राधेश्याम राम ने भी राजी पड़हा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राजी पड़हा ने कभी भी स्थानीय आदिवासियों को विश्वास में लेकर कार्य नहीं किया है और अब अवैध छात्रावास के मामले में समाज के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वे राजी पड़हा के बहकावे में न आएं और इस रैली का विरोध करें। जशपुर के विभिन्न जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने 3 सितंबर को आयोजित की जाने वाली आक्रोश रैली को लेकर अपने कड़े विरोध के स्वर बुलंद कर दिए हैं। अब देखना यह है कि इस विरोध के बीच रैली का क्या परिणाम होता है।

आत्मानन्द के प्रिंसिपल पर गिरी गाज, कलेक्टर ने शो-कॉज नोटिस थमाया तो शासन ने हटा दिया,छात्रों के बीच मारपीट की घटना पर हुई कार्रवाई

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जशपुर/कुनकुरी – स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल कुनकुरी में दो दिन पहले दो छात्रों की आपसी लड़ाई के मामले में प्रिंसिपल इकबाल खान पर बड़ी कार्रवाई की गई है।उन्हें राज्य शासन ने स्कूल से हटा दिया है।वहीं कलेक्टर जशपुर ने शो-कॉज नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। दरअसल,घटना 28 जुलाई की है जब SAGES कुनकुरी के प्रिंसिपल इकबाल खान का बेटा और उसी स्कूल का एक छात्र आपस में भिड़ गए।उनके बीच हुई मारपीट में 12 वीं का एक छात्र का सिर फट गया।जिसकी बाकायदा कुनकुरी थाने में रिपोर्ट हुई है,जिसपर पुलिस कार्रवाई कर रही है। कलेक्टर जशपुर डॉ. रवि मित्तल ने शासकीय स्कूल परिसर के अंदर हुई इस घटना को गम्भीरता से लेते हुए कारण बताओ नोटिस देते हुए प्रिंसिपल इकबाल खान पर पदीय कर्तव्य निभाने में घोर लापरवाही बरतने जैसे शब्दों के साथ तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा है। वहीं संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, इंद्रावती रायपुर के पत्र क्रमांक 9051/30-08-2024 के आदेश पत्र के अनुसार प्रभारी प्राचार्य इकबाल खान की प्रतिनियुक्ति आदेश को समाप्त करते हुए मूलतः वापस भेजने के लिए प्रस्तावित किया गया है।वहीं आत्मानन्द स्कूल के व्याख्याता अनिल सिंह के प्रभारी प्राचार्य के लिए प्रस्तावित करने सम्बन्धी आदेश जारी किया गया है।इसके साथ ही इसी आदेश में कोतबा SEGES के प्राचार्य फिलमोन मिंज को हटाते हुए व्याख्याता जय कुमार सिदार को प्रशासनिक व्यवस्था के तहत प्रभारी प्राचार्य के पद पर प्रस्तावित किया गया है। हम आपको बता दें कि 28 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे 12 वीं के दो छात्र के बीच हुई मारपीट के समय प्राचार्य इकबाल खान कलेक्टर मीटिंग में शामिल होने जशपुर गए हुए थे।घटना में आरोपी छात्र प्रिंसिपल का बेटा है जो कथित रूप से विशेष अनुमति लेकर कक्षा 12 वीं में अध्ययनरत है।वहीं पीड़ित भी उसी कक्षा का छात्र है।प्रिंसिपल इकबाल खान पर आरोप है कि उन्होंने दूसरे स्कूल में दर्ज छात्र को गलत तरीके से अपने स्कूल में पुत्रमोह के कारण पढाई करने की अनुमति कैसे दे दी?जिसकी वजह से यह घटना हुई है। बहरहाल,सवाल कई हैं लेकिन यह बात स्पष्ट तौर पर कहा जा रहा है कि विष्णु के सुशासन में सबकुछ सांय-सांय चल रहा है।

*खेल अलंकरण समारोह में सुश्री एलिजाबेथ बेक को मिला शहीद पंकज विक्रम सम्मान*

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*जशपुरनगर, 30 अगस्त 2024*: राज्य के खेल जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, जशपुर जिले की सायकलिस्ट सुश्री एलिजाबेथ बेक को शहीद पंकज विक्रम सम्मान 2022-23 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें साइक्लिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर दिया गया है। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित इस राज्य खेल अलंकरण समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के हाथों से कुल 502 प्रतिभावान खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया और 01 करोड़ 36 लाख रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई। सुश्री एलिजाबेथ बेक, जो जशपुर जिले के बगीचा तहसील के महादेवडांड (दर्रीटोली) गांव की निवासी हैं, 2015 से साइक्लिंग में सक्रिय हैं और अब तक विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 7 मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने पुणे, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात और गोवा जैसी जगहों पर आयोजित नेशनल गेम्स और प्रतियोगिताओं में अपने कौशल का प्रदर्शन किया है। सम्मान प्राप्त करने के बाद, सुश्री बेक ने मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हें आगे भी राज्य का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करेगा। उनकी इस उपलब्धि पर जशपुर जिले के कई गणमान्य व्यक्तियों, जैसे जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष वाल्टर कुजूर, उपाध्यक्ष संतोष चौधरी, डॉ. पी.सी. कुजूर, नवीन रोशन बेक, ज्योति प्रकाश लकड़ा, डेविड कुजूर, अभय मिंज और प्रेस क्लब जशपुर के उपाध्यक्ष दीपक सिंह, संजीत यादव ने उन्हें बधाई दी। खेल अलंकरण समारोह में 2021-22 और 2022-23 के लिए कुल 97 पुरस्कारग्राही खिलाड़ियों को 76 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गई, जबकि पदक विजेता 502 खिलाड़ियों के बैंक खातों में 60.33 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। इस अवसर पर शहीद राजीव पांडेय, शहीद कौशल यादव, वीर हनुमान सिंह, शहीद पंकज विक्रम, शहीद विनोद चौबे सम्मान और मुख्यमंत्री ट्रॉफी सहित विभिन्न पुरस्कार भी प्रदान किए गए। कुल मिलाकर खिलाड़ियों को 01 करोड़ 36 लाख 33 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।

*कैसा सुशासन? आंगनबाड़ी भर्ती में भ्रष्टाचार साबित होने के बावजूद नहीं हुई कोई कार्यवाही, अब जनजाति सुरक्षा मंच करेगा आंदोलन*

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  *जशपुर/सन्ना:* जशपुर जिले में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार के मामले में 9 महीने बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए जनजाति सुरक्षा मंच ने बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में आगामी 1 सितंबर को कल्याण आश्रम के सामुदायिक भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। जानकारी के अनुसार, जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक अंतर्गत सन्ना परियोजना में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में खुल्लमखुल्ला भ्रष्टाचार हुआ था। यह मामला तब उजागर हुआ जब दो अलग-अलग स्थानों पर फर्जी अंकसूचियां लगाकर अवैध तरीके से नियुक्तियां की गईं। पीड़िताओं ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त कर न्यायालय अपर कलेक्टर में प्रकरण दर्ज किया। जांच के बाद न्यायालय ने पाया कि फर्जी अंकसूचियों का उपयोग कर अधिकारियों ने ये नियुक्तियां की थीं। पीड़िताओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय और सन्ना थाने में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद पीड़िताओं ने जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मंत्री गणेश राम भगत से संपर्क किया। भगत के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन ने पीड़िताओं को नियुक्ति आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं में इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी है। मंच के रडार पर कई उच्च अधिकारी हैं, जिन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। 1 सितंबर की बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी, जिसमें सन्ना में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जाने की संभावना है।

जशपुर विधायक श्रीमती भगत ने बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाकर की कार्यक्रम की शुरूआत

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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: पुत्रीशाला जशपुर में हुआ कार्यक्रम का आयोजन जशपुरनगर 30 अगस्त 2024/जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत की उपस्थिति में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर विगत दिवस शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पुत्रीशाला जशपुर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। विधायक श्रीमती भगत ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से स्कूली बच्चों को बताते हुए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला गया और बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। उन्होंने सभी जनों को कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आहवान किया गया। जिला नोडल अधिकारी आशुतोष तिर्की ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 3 लाख 37 हजार का लक्ष्य रखा गया है। जिसे शत् प्रतिशत पूर्ण किया जाएगा। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला कार्यक्रम प्रबंधक के द्वारा स्कूली शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास एवं अन्य विभाग के समन्वय से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 29 अगस्त 2024 एवं मॉपअप दिवस 04 सितम्बर 2024 को कार्यक्रम का सफल आयोजन कराया जाना सुनिश्चित है। कार्यक्रम अंतर्गत जिले के समस्त विकासखण्डों में 29 अगस्त 2024 को शास., अर्द्ध शासकीय शिक्षण स्थानों, अनुदान प्राप्त संस्थाओं, निजी शिक्षा संस्थानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, महावि., मदरसों, तकनीकी शिक्षा के माध्यम से 1 वर्ष से 19 वर्ष तक समस्त छात्र-छात्राओं एवं शालात्यागी किशोर-किशोरियों को शासन के निर्देशानुसार कृमिनाशक दवा ऐलबेन्डाजोल की गोली दी जाएगी। जिसमें 1 वर्ष से 2 वर्ष के समस्त बच्चों को 200 एमपी आधी गोली पिसकर एवं 2 से 3 वर्ष के बच्चों को 1 गोली पिसकर एवं 3 वर्ष से 5 वर्ष के बच्चों को 1 गोली चबाकर एवं 5 से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर-किशोरियों के लिए पूरी 1 गोली चबाकर के पानी के साथ सेवन कराई जाएगी। साथ ही मॉपअप दिवस के दौरान छुटे हुये छात्र- छात्राओं एवं शाला त्यागी किशोर एवं किशोररियों को कृमि नाशक दवा का सेवन कराया जाना है। जिसके फलस्वरूप स्वास्थ्य पोषण रक्त अल्पता एवं बच्चों के शारिरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास में सुधार हो सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी. एस. जात्रा सर एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक गनपत कुमार नायक ने सभी आमजन से अपील की है कि अपने आस-पास व रिश्तेदारों में 1-19 वर्ष के सभी बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाने के लिए प्रेरित करेंगे।

वर्षों पुरानी मांग पूरी करके मुख्यमंत्री साय ने घासीमुंडा को दी नई पहचान,लोगों ने जताया आभार

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जशपुर/कुनकुरी – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वर्षों पुरानी मांग घासीमुंडा मुहल्ला को राजस्व ग्राम का दर्जा मिल गया है,इसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने सीएम कैंप कार्यालय बगिया आकर सीएम साय का आभार जताते हुए खुशी जाहिर की है। आप को बता दें की जशपुर जिले के फरसाबहार तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत केरसई के घांसीमुंडा मुंहल्ला के ग्रामीण विगत कई वर्षों से राजस्व ग्राम का दर्जा पाने के लिए लगातार मांग करते आ रहे थे। प्रदेश में सरकार बदली और कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बनने के बाद यहां के ग्रामीणों ने सीएम साय से मुलाकात कर घासीमुंडा को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाने की मांग की थी । जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने इस मुहल्ले को राजस्व ग्राम का दर्जा देते हुए आदेश जारी किया है। घासीमुंडा के जनप्रतिनिधि सरिता पैंकरा महिला बीडीसी,पूर्व सरपंच विशेश्वर साय, पूर्व सरपंच बैजनाथ साय एवं ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निजी निवास बगिया पहुंचकर उनका आभार जताया ।

*बड़ी सौगात* *32 करोड़ की लागत से कुनकुरी में बनेगा 220 बिस्तर अस्पताल का भवन* *राज्य सरकार ने जारी किया निविदा* *मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर मिली स्वीकृति

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  जशपुर – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर कुनकुरी में प्रस्तावित 220 बिस्तर की क्षमता वाले अत्याधुनिक अस्पताल के भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने निविदा जारी कर दिया है। इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने 32 करोड़ 9 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। उल्लेखनिय है राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने अपने बजट में कुनकुरी में 220 बिस्तर की क्षमता वाली अत्याधुनिक अस्पताल निर्माण की घोषणा की थी। इस बजट में अस्ताल भवन निर्माण के लिए आवश्यक राशि की स्वीकृति भी सरकार ने प्रावधान कर दिया था। आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले के लिए इस अस्पताल को मील का पत्थर माना जा रहा है। सरकार की मंशा आगे चल कर,इसे मेडिकल कालेज के रूप में विकसीत करने की है। जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष दिसंबर माह में राज्य की बागडोर सम्हालने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जशपुर सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के विस्तार और इसमें गुणात्मक सुधार के लिए लगातार कार्य कर रहें हैं। उन्होनें शपथ ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रदेश में एंबुलेंस सेवा में सुधार के लिए जिम्मेदार अधिकारियोें को सख्त निर्देश दिया था। इस निर्देश में जरूरतमंदों से काल प्राप्त होने के आधा घंटे के अंदर मरीज को एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया था। केबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों के लिए सस्ती जेनरीक दवाओं को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिया था। बीते 8 माह के कार्यकाल के दौरान जशपुर जिले में स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के लिए तेजी से काम हुआ है। कुनकुरी में 220 बिस्तर के अस्पताल के साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए 25 अतिरिक्त एंबुलेंस और 1 शव वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 7 उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा देते हुए,आवश्यक मानव संसाधन को स्वीकृति दी जा चुकी है। जिले में 19 एमबीबीएस चिकित्सक और 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना कर,चिकित्सकों की कमी को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अस्पतालों में मशीनों की कमी को दूर करने के लिए 2 करोड़ 32 लाख की स्वीकृति राज्य सरकार ने दी है। इस राशि से कुनकुरी में डायलिसिस केन्द्र शुरू करने के साथ ही जशपुर,मनोरा,लोदाम,बगीचा के अस्पतालो में आवश्यक उपकरणो की खरीदी में किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा जशपुर जिले को स्वास्थ्य सेवा कर क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाना है ताकि मरीज और उनके स्वजनों को उपचार के लिए भटकना ना पड़े।

कार्य में लापरवाही व समीक्षा बैठक में गैरहाजिर होने पर मुटु सचिव सस्पेंड,सीईओ जिला पंचायत की कार्रवाई

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*जिला पंचायत सीईओ ने प्रधानमंत्री जनमन योजनांतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाये जाने का लक्ष्य पूर्ति नहीं करने तथा समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने के कारण की कार्यवाही* *जशपुर 29 अगस्त 2024/* मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जशपुर ने जनपद पंचायत मनोरा के ग्राम पंचायत मुटू सचिव गुलेश्वर यादव को प्रधानमंत्री जनमन योजनांतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाये जाने का लक्ष्य पूर्ति नहीं करने तथा समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मनोरा के पत्र 19 जुलाई 2024 के द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार जनपद पंचायत मनोरा के ग्राम पंचायत मुटू सचिव गुलेश्वर यादव द्वारा जनपद स्तरीय साप्ताहिक समीक्षा बैठकों में 15 मई, 29 मई, 07 जून एवं 21 जून 2024 को अनुपस्थित रहे। उक्त संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मनोरा के पत्र 21जून 2024 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसका जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही समक्ष में उपस्थित हुए। इसी प्रकार पूर्व में भी पत्र 21 जून .2024 के तहत प्रधानमंत्री जनमन योजनांतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाये जाने का लक्ष्य पूर्ति नहीं करने तथा समीक्षा बैठक 24 फरवरी .2024 में अनुपस्थित रहने के कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था किन्तु इसका भी जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। इस प्रकार ग्राम पंचायत सचिव मुटू गुलेश्वर यादव द्वारा कार्य में लापरवाही बरतते हुए उच्चाधिकारियों द्वारा दिये गये आदेशों-निर्देशों का अवहेलना किया गया है, जो छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम तथा छ.ग. ग्राम पंचायत (सचिव की शक्तियां तथा कृत्य) नियम के विपरीत है। जिस हेतु  गुलेश्वर यादव ग्राम पंचायत सचिव मुटू को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जनपद पंचायत कार्यालय मनोरा निर्धारित किया जाता है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

**जशपुर की बेटी अर्चना बुनकर ने कूडो चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक, नेशनल में बनाई जगह**

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जशपुर/मनोरा:छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग में आयोजित 4th छत्तीसगढ़ स्टेट कूडो ट्रेनिंग सेमिनार एवं 3rd छत्तीसगढ़ स्टेट कूडो टूर्नामेंट 2024-2025 में जशपुर जिले की ग्राम मनोरा की बेटी अर्चना बुनकर ने कांस्य पदक जीतकर अपने जिले का नाम रोशन किया है। यह प्रतियोगिता 20 से 24 अगस्त तक स्वामी विवेकानंद हॉल में आयोजित की गई थी, जिसमें छत्तीसगढ़ के 21 जिलों के महिला और पुरुष खिलाड़ियों ने भाग लिया। अर्चना बुनकर ने सबजूनियर, जूनियर, और सीनियर वर्ग के विभिन्न वजन श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करते हुए इस पदक को हासिल किया। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे जशपुर जिले का मान बढ़ाया है। अब अर्चना गुजरात में होने वाले राष्ट्रीय कूड़ो चैंपियनशिप 2024-25 में हिस्सा लेंगी, जहां वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी और अपने राज्य के लिए पदक जीतने का प्रयास करेंगी। बलरामपुर कूड़ो संघ के अध्यक्ष विकास दोहरे, सरगुजा संभाग के सेंसई हेमलाल पनिका, प्रदेश संघ के अध्यक्ष राजा कौशल, और राष्ट्र कूड़ो संघ के हेड कोच सिहान जैस्मिन मकवाना ने अर्चना और अन्य खिलाड़ियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कूड़ो प्रशिक्षक सेंसई विकास दोहरे ने यह जानकारी साझा की और बताया कि अर्चना की मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। **कूड़ो खेल के बारे में:** कूड़ो एक मार्शल आर्ट और स्पोर्ट्स डिसिप्लिन है, जो जापान में उत्पन्न हुआ और इसमें कराटे, जूडो, और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स जैसी तकनीकों का समावेश होता है। इस खेल में खिलाड़ी अपनी मानसिक और शारीरिक ताकत के साथ-साथ तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करते हैं। कूड़ो का अभ्यास न केवल आत्मरक्षा के लिए किया जाता है, बल्कि यह शरीर और मन की मजबूती को भी बढ़ावा देता है। छत्तीसगढ़ में कूड़ो खेल धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल कर रहा है, और राज्य के कई युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।

**जशपुर के किसानों का अनोखा विरोध: आवारा मवेशियों को नीलाम करने की दी चेतावनी**

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  जशपुर/सन्ना: जशपुर जिले के सन्ना थाना क्षेत्र के किसानों ने एक साहसिक और अनोखा कदम उठाते हुए आवारा मवेशियों से परेशान होकर विरोध का अनूठा तरीका अपनाया है। क्षेत्र के अनेकों किसान हाथों में डंडा लेकर सड़कों पर उतर आए और सन्ना के अटल चौक के पास स्थित एक बाउंड्री के भीतर आवारा गाय-बैलों को बंद कर दिया। किसानों का यह कदम मवेशी मालिकों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, जो अपने मवेशियों को सड़कों पर खुला छोड़ देते थे, जिससे किसानों की फसलें नष्ट हो रही थीं। मामला तब गरमाया जब कुछ मवेशी मालिक अपने पशुओं को छुड़ाने के लिए रात में ही किसानों से बहस करने लगे। हालांकि, स्थानीय लोगों के समझाने पर मामला शांत हुआ। किसानों ने मवेशी मालिकों को चेतावनी दी कि अगर उनके मवेशी दोबारा सड़कों पर या खेतों में आवारा घूमते पाए गए, तो उन्हें नीलाम कर दिया जाएगा। इसके बाद, कुछ मवेशियों को उनके मालिकों को लौटा दिया गया, लेकिन कई मवेशी अभी भी बाउंड्री के अंदर बंद हैं, जिनके मालिकों का कोई अता-पता नहीं है। दरअसल, यह कदम उस लंबे संघर्ष का नतीजा है जो किसान पिछले चार वर्षों से झेल रहे थे। आवारा मवेशियों के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा था, क्योंकि ये मवेशी उनकी फसलें चट कर जाते थे। कई बार ग्राम पंचायत, तहसील कार्यालय, और पुलिस थाना में लिखित शिकायत देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई। हफ्ते भर पहले ही किसानों ने लोकल प्रशासन को मवेशियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो किसानों ने खुद ही समस्या का समाधान करने का फैसला किया। किसानों का कहना है कि अब अगर मवेशियों को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता, बल्कि ग्राम पंचायत के सहयोग से इन आवारा मवेशियों की नीलामी की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में कोई भी मवेशी मालिक अपने पशुओं को इस तरह से सड़कों पर नहीं छोड़ेगा। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी हाल ही में आवारा मवेशियों के संबंध में ऐसी ही पहल की है, जिससे प्रदेश के अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है। जशपुर के किसानों का यह कदम न केवल उनकी मजबूरी और आक्रोश को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जब प्रशासन चुप बैठता है, तो आम जनता अपने हक के लिए खुद ही खड़ी हो जाती है।