क्राइम स्टोरी: रायपुर के डीडी नगर में अनैतिक व्यापार का भंडाफोड़, 5 युवतियाँ गिरफ्तार, 3 फरार

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रायपुर, 9 जून 2025 | संवाददाता अमित कुमार की रिपोर्ट छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में देर रात वायरल हुए एक मारपीट वीडियो ने पुलिस को चौंकाने वाले अनैतिक व्यापार के खुलासे तक पहुँचा दिया। मामला है डीडी नगर थाना क्षेत्र का, जहां महादेव घाट स्थित विसर्जन कुंड के पास युवकों और युवतियों के बीच हुई झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने वायरल वीडियो की जांच शुरू की। घटना के दोनों पक्षों की शिकायत पर अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज कर विवेचना आगे बढ़ाई गई। जांच के दौरान जब पुलिस ने झगड़े में शामिल पांच युवतियों को पूछताछ के लिए थाना बुलाया, तब एक नया और गंभीर मामला सामने आया। पुलिस द्वारा युवतियों के मोबाइल फोन की डिजिटल जांच में वाट्सएप चैट और फोटो के जरिए अनैतिक व्यापार में संलिप्तता के पुख्ता सबूत मिले। चैट में विभिन्न ग्राहकों के साथ बातचीत, ‘रेट कार्ड’ और मिलने के स्थानों की जानकारी दर्ज थी। इन सबूतों के आधार पर डीडी नगर पुलिस ने अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की धारा 4, 5 और 7 के तहत अपराध क्रमांक 237/25 पंजीबद्ध कर 5 युवतियों को गिरफ्तार किया है। जबकि तीन युवतियां फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस पूरे मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सटीक डिजिटल जांच ने एक बड़े अनैतिक व्यापार नेटवर्क की परतें उधेड़ दी हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर और नगर पुलिस अधीक्षक श्री राजेश देवांगन के निर्देशन में, आई.वाई.एस.डब्ल्यू. उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती रूचि वर्मा और थाना प्रभारी डीडी नगर के नेतृत्व में की गई यह कार्रवाई पुलिस की मुस्तैदी का प्रमाण है। कुल 08 युवतियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 05 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। वहीं फरार युवतियों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा अलग टीम गठित की गई है। यह मामला न सिर्फ सोशल मीडिया की ताकत को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अनैतिक गतिविधियाँ कितनी गहराई तक फैल चुकी हैं — और अब पुलिस कितनी सख्ती से इन्हें जड़ से उखाड़ने को तैयार है। *(इस स्टोरी को स्थानीय अख

मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के शहीद होने पर जताया गहरा शोक

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*मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के शहीद होने पर जताया गहरा शोक* रायपुर 9 जून 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आईईडी विस्फोट में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे जी के शहीद होने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह अत्यंत ही दुखद है। मैं उनकी शहादत को नमन करता हूँ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस कायराना हमले में कुछ अन्य अधिकारी एवं जवानों के भी घायल होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है, जिसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से बौखलाकर नक्सली इस तरह की कायराना करतूतों को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे जी के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है।

“दोकड़ा के प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर में श्रीपुरी धाम की भांति शुरू हुआ दिव्य दीपोत्सव, निर्जला एकादशी से भक्तिमय आयोजन की हुई शुरुआत”

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जशपुर/दोकड़ा,07 मई 2025 –  श्री जगन्नाथ पूरी धाम की तरह अब दोकड़ा के ऐतिहासिक और प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर में भी भव्य स्तर पर धार्मिक आयोजन और परंपराएं जीवंत की जा रही हैं। यहां निर्जला एकादशी पर्व के अवसर पर शुरू हुआ द्वीप प्रज्वलन कार्यक्रम भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक आकर्षण बन गया है। यह परंपरा न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित कर रही है, बल्कि स्थानीय श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीजगन्नाथ के चरणों में समर्पित कर रही है।इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। श्रीजगन्नाथ धाम के स्वरूप में सजा मंदिर दोकड़ा स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर का ऐतिहासिक महत्व वर्षों पुराना है। अब यहां श्री जगन्नाथपुरी धाम की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा-अर्चना की जा रही है। मंदिर समिति और स्थानीय भक्तों के प्रयासों से यहां धार्मिक गतिविधियां तेज़ी से बढ़ रही हैं। द्वीप प्रज्वलन की अनूठी परंपरा निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर मंदिर शिखर में शुरू हुई द्वीप प्रज्वलन की परंपरा को भक्तों ने श्रद्धा और आस्था के साथ अपनाया है। सैकड़ों दीपकों से सजा मंदिर परिसर रात के समय अद्भुत आभा से चमक उठा। माना जाता है कि इस दिन जल ग्रहण न कर उपवास रखते हुए भगवान का ध्यान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। भक्तों की उमड़ी भारी भीड़ इस पावन आयोजन में दोकड़ा ही नहीं, आसपास के गांवों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि श्री जगन्नाथ स्वामी की सच्चे मन से आराधना करने पर जीवन की नैया पार हो जाती है। मंदिर समिति के अनुसार, हर साल इस आयोजन का विस्तार किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ सकें। देव स्नान और रथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर श्री जगन्नाथ मंदिर समिति के ठाकुर पुरुषोत्तम सिंह एवं बलराम भगत ने बताया कि आगामी देव स्नान पूर्णिमा और रथ यात्रा के लिए भव्य तैयारियां चल रही हैं। इस बार भक्तों के सहयोग से एक विशाल रथ का निर्माण किया जाएगा, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। रथ यात्रा को लेकर क्षेत्र में उत्साह और उल्लास का वातावरण है। मंदिर समिति का योगदान सराहनीय मंदिर समिति के सहयोग से यह आयोजन सफल हो पाया है। समिति के सदस्यों ने बताया कि इस आयोजन को हर वर्ष और अधिक भव्य रूप देने का संकल्प लिया गया है। आने वाले वर्षों में यह स्थल भी धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर प्रमुख स्थान बना सकता है।दोकड़ा स्थित श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर अब केवल एक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनता जा रहा है।

अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित हो दवाइयों की पहुंच – VDS .मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न पहुंच

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राज्य में आयुष के जरिए बेहतर उपचार की हैं संभावनाएं: मुख्यमंत्री राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम में देश में 5वें स्थान पर है छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य मंत्री श्श्याम बिहारी जायसवाल *आमजन के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार का मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश* रायपुर, 06 जून 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के सभी प्रमुख अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि दवाइयों की पहुंच अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि राज्य में आयुष के जरिए उपचार की बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं , इसे और विस्तारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आमजन के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित हो और उन्हें अपने घर के आस पास ही अच्छा इलाज मिले। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय आज मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एनीमिया, मैटरनल प्रोग्राम और लेप्रोसी जैसी बीमारियों पर प्राथमिकता से काम किया जाए। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम में देश में 5वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का और बेहतर विस्तार होता रहेगा। श्री जायसवाल ने राज्य सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गयी उपलब्धियों की जानकारी देते हुए भविष्य की योजनाओं को भी मुख्यमंत्री के सामने रखा। स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य टीबी और मलेरिया जैसी बीमारियों के उन्मूलन की दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है। टीबी उन्मूलन की दिशा में उपचार सफलता की दर 90 फीसदी है जबकि इस दौरान शत प्रतिशत टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया है। इसके साथ ही राज्य में मार्च 2025 तक टीकाकरण का 94 फीसदी लक्ष्य पूर्ण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत एवं मुकेश बंसल, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा एवं आयुक्त आयुष विभाग श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, प्रबंध संचालक एनएचएम एवं आयुक्त सह संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला, खाद्य एवं औषधि विभाग के नियंत्रक  दीपक अग्रवाल समेत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जाति जनगणना: भारत में सामाजिक न्याय को पुनर्परिभाषित करना

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निर्मल कुमार (लेखक आर्थिक,सामाजिक मामलों के जानकार हैं।समसामयिक घटनाक्रम पर उनके लेख सराहे जाते हैं।यह उनके निजी विचार हैं।) एक ऐतिहासिक कदम के तहत, भारत सरकार ने आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जाति गणना को शामिल करने को मंजूरी दे दी है, जो स्वतंत्रता के बाद बंद कर दी गई एक प्रथा की महत्वपूर्ण वापसी को दर्शाता है। समाज सुधारकों, विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा लंबे समय से मांगे जा रहे इस निर्णय को देश में समानता को बढ़ावा देने और सामाजिक न्याय की जड़ों को गहरा करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में सराहा जा रहा है। ऐसे समय में जब समावेशी विकास राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र है, जाति जनगणना, डेटा-संचालित नीति निर्माण के एक युग की शुरुआत करने का वादा करती है जो वास्तव में भारत के जटिल सामाजिक ताने-बाने को दर्शाती है। जाति जनगणना राष्ट्रीय गणना अभ्यास के हिस्से के रूप में व्यक्ति की जातिगत पहचान पर डेटा का व्यवस्थित संग्रह है। इसका लक्ष्य विभिन्न जाति समूहों के सामाजिक-आर्थिक वितरण की सटीक और विस्तृत समझ हासिल करना है, जिससे सरकार को लक्षित नीतियों को तैयार करने में मदद मिले जो सबसे वंचितों का उत्थान करें। ऐतिहासिक रूप से, 1931 तक औपनिवेशिक प्रशासन द्वारा जाति के आंकड़े नियमित रूप से एकत्र किए जाते थे। हालाँकि, स्वतंत्रता के बाद, जाति की गणना अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) तक सीमित थी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अन्य को व्यापक राष्ट्रीय डेटासेट से बाहर रखा गया था। इस अंतर को पाटने का आखिरी प्रयास, 2011 की सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) विसंगतियों और डेटा की अविश्वसनीयता से प्रभावित हुई थी, जिसका मुख्य कारण एक मानकीकृत जाति सूची का अभाव था। भारत ने ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के लिए संवैधानिक प्रतिबद्धताएं की हैं, लेकिन जाति पर विश्वसनीय डेटा के बिना जनसांख्यिकी के अनुसार, सकारात्मक कार्रवाई की नीतियाँ अक्सर अंधेरे में काम करती हैं। वर्तमान में, ओबीसी के लिए आरक्षण नीतियाँ 1931 की जनगणना के अनुमानों पर आधारित हैं, जिसमें ओबीसी की आबादी 52% आंकी गई थी। हालाँकि, बिहार के 2023 जाति सर्वेक्षण जैसे राज्य-स्तरीय सर्वेक्षणों से पता चला है कि ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्ग राज्य की आबादी का 63% से अधिक हिस्सा हैं। ऐसे निष्कर्ष कल्याणकारी लाभों और आरक्षण के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए एक अद्यतन राष्ट्रीय जाति डेटाबेस की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने एसईसीसी 2011 की खामियों को दूर करने के लिए एक परिष्कृत गणना तंत्र की जोरदार वकालत की है, जहां ओपन-एंडेड जाति रिपोर्टिंग के कारण 46 लाख से अधिक अलग-अलग प्रविष्टियां और 8 करोड़ से अधिक त्रुटियां हुईं। आगामी जाति जनगणना का उद्देश्य अधिक संरचित और सत्यापन योग्य डेटा संग्रह प्रक्रिया के माध्यम से इन चुनौतियों को दूर करना है। पहचान सत्यापन के लिए आधार को एकीकृत करना, शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना और छंटाई और वर्गीकरण के लिए एआई उपकरणों का लाभ उठाना अभ्यास की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित उपायों में से हैं। जाति जनगणना सिर्फ़ एक संख्यात्मक अभ्यास से कहीं ज़्यादा है, इसका सामाजिक समानता और शासन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विभिन्न समुदायों के वास्तविक जनसांख्यिकीय प्रसार को उजागर करके, यह पिछड़े समूहों के उप-वर्गीकरण की अनुमति देता है, जैसे कि न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग द्वारा अनुशंसित ओबीसी के भीतर। यह सुनिश्चित करता है कि आरक्षण का लाभ सबसे वंचितों तक पहुँचे, न कि प्रमुख उप-समूहों द्वारा एकाधिकार किया जाए। इसी तरह, सटीक जाति डेटा राजनीतिक प्रतिनिधित्व को संतुलित करने, ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों को आवाज़ देकर लोकतंत्र को मज़बूत करने में सहायक हो सकता है। इस कदम के महत्व को भारत के संवैधानिक दृष्टिकोण के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए। अनुच्छेद 340 राज्य को पिछड़े वर्गों के कल्याण की पहचान करने और उन्हें बढ़ावा देने का अधिकार देता है, और जाति जनगणना इस जनादेश के अनुरूप है। यह अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 के लक्ष्यों को प्रतिध्वनित करता है, जो भेदभाव को प्रतिबंधित करते हैं और अवसर की समानता की गारंटी देते हैं। हालांकि, विश्वसनीय डेटा के बिना, इन संवैधानिक आदर्शों को प्रतीकात्मक इशारों में कमजोर किए जाने का जोखिम है। हालांकि इस बात पर चिंता जताई गई है कि जाति जनगणना जातिगत पहचान को मजबूत कर सकती है या राजनीतिक शोषण का साधन बन सकती है, लेकिन पारदर्शी, नैतिक और विवेकपूर्ण कार्यान्वयन के माध्यम से ऐसे जोखिमों को कम किया जा सकता है। जाति जनगणना को राजनीतिक के बजाय विकास के साधन के रूप में मानना इसे समावेशी विकास के उत्प्रेरक में बदल सकता है। निगरानी तंत्र, कानूनी सुरक्षा उपाय और नीति मूल्यांकन अवश्य होने चाहिए।यह सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत रूप दिया गया है कि डेटा केवल सामाजिक न्याय के लिए काम करे न कि चुनावी अंकगणित के लिए। इसके अलावा, आय स्तर, शिक्षा और बहुआयामी गरीबी जैसे सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के साथ जाति के आंकड़ों को पूरक बनाने से समग्र कल्याण कार्यक्रमों को तैयार करने में मदद मिल सकती है। यह क्षेत्रीय असमानताओं को संबोधित करने और स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में अंतराल को पाटने के लिए अनुकूलित हस्तक्षेप की अनुमति देता है जहां जाति-आधारित असमानताएं बनी रहती हैं। निष्कर्ष रूप में, जाति जनगणना कराने का निर्णय भारत की अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज की ओर यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह सकारात्मक कार्रवाई को फिर से मापने, कल्याण लक्ष्यीकरण को परिष्कृत करने और हमारे संविधान में निहित समानता के प्रति प्रतिबद्धता को पुनर्जीवित करने का अवसर है। इस डेटा-संचालित दृष्टिकोण को ईमानदारी और सावधानी से अपनाकर, भारत संरचनात्मक असमानताओं को खत्म करने और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक कदम उठा सकता है, जहाँ प्रत्येक नागरिक की प्रगति में समान हिस्सेदारी हो।

बिलासपुर ब्रेकिंग न्यूज: शनिचरी बाजार में भीषण अग्निकांड, 2 दर्जन दुकानें जलकर खाक – लाखों का नुकसान

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बिलासपुर, 4 जून — शहर के व्यस्ततम शनिचरी बाजार में तड़के सुबह भीषण आग लग गई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आग सुबह करीब 3 बजे लगी, जिसने देखते ही देखते बाजार की दो दर्जन से अधिक दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आग की चपेट में तेल, कॉस्मेटिक, किराना समेत कई प्रकार की दुकानें आ गईं, जिससे लाखों रुपए का माल जलकर खाक हो गया। आग की भयावहता इतनी थी कि बाजार में धुएं और लपटों का गुबार दूर से ही दिखाई दे रहा था। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने के लिए घंटों मशक्कत की। दमकल विभाग की संयुक्त टीम ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन तंग गलियों की वजह से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्राथमिक रूप से आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है, हालांकि सटीक कारणों की पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी। सिटी कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फिलहाल क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से सील कर दिया गया है। इस भीषण अग्निकांड से दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने जीवन भर की पूंजी इन दुकानों में लगाई थी, जो चंद घंटों में जलकर राख हो गई। प्रशासन से राहत की उम्मीद पीड़ित दुकानदारों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है। जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर बाजारों में अग्नि सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कोटपा एक्ट के तहत कुनकुरी शहर में तंबाकू उत्पादों के खिलाफ सख्त कार्रवाई,स्कूलों के समीप कई दुकानें कोटपा के उल्लंघन करती मिली

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कोटपा एक्ट के तहत तंबाकू उत्पादों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कुनकुरी, 3 जून 2025: SDM नंदजी पांडे और एसडीओपी कुनकुरी विनोद मंडावी के निर्देश पर थाना प्रभारी राकेश यादव और तहसीलदार प्रमोद पटेल की टीम ने कोटपा एक्ट के तहत क्षेत्र में सख्त कार्रवाई की। यह कदम खासतौर पर स्कूलों के खुलने से पहले उठाया गया, ताकि बच्चों को तंबाकू और नशीले पदार्थों से बचाया जा सके। कुनकुरी क्षेत्र में शंकरनगर, जनपद कार्यालय और आसपास के इलाके में स्थित प्रमुख किराना दुकानों और ठेले-खोमचों में कार्रवाई की गई। इन दुकानों पर नशीले पदार्थों और तंबाकू उत्पादों की बिक्री की जा रही थी। कार्रवाई में राजेश गुप्ता किराना, दिलीप जैन किराना, कोलंबो खान, और मिश्रा किराना स्टोर्स के साथ-साथ अन्य दुकानों के मालिकों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया और तंबाकू उत्पादों को जब्त किया गया। थाना प्रभारी राकेश यादव ने बताया कि यह कार्रवाई 15 जून से स्कूलों के खुलने को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि बच्चों और युवाओं के बीच तंबाकू उत्पादों का सेवन न बढ़े। उन्होंने कहा, “यह कदम क्षेत्र में तंबाकू के अवैध बिक्री और इसके दुष्प्रभाव को रोकने के लिए उठाया गया है, और भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।” कोटपा एक्ट (कंट्रोल ऑफ टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) के तहत, यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो, और यह कदम बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

भ्रष्टाचार की शर्त पर विकास! कुनकुरी जनपद पंचायत की खारिझरिया पंचायत में सीसी रोड निर्माण पर उठे सवाल

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कुनकुरी (जशपुर) 02 जून 2025 – =कुनकुरी विकासखंड के खारिझरिया पंचायत में सीसी रोड निर्माण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इसे सरकारी धन का दुरुपयोग बताया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खारिझरिया ग्राम पंचायत में बन रही सीसी रोड का ठेका एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया है, जो खुद को मुख्यमंत्री के करीबी बताकर पंचायती ठेकों में सक्रिय है। बताया जा रहा है कि उक्त ठेकेदार भाजपा से अधिक मुख्यमंत्री की ‘परिक्रमा’ करके ठेके हासिल करता है।निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर भी ग्रामीण जांच की मांग कर रहे हैं। सरपंच पर निजी जमीन पर सड़क बनवाने का आरोप ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच दया किशोर एक्का ने आरोप लगाया है कि यह सीसी रोड सरपंच की निजी जमीन पर बनवाई जा रही है, जहां पहले कभी कोई सरकारी रास्ता नहीं था। उन्होंने कहा, “न तो यह स्पष्ट किया गया कि यह सड़क किस योजना के तहत बन रही है, न इसकी लागत बताई गई।। यह सरासर सरकारी पैसे का दुरुपयोग है।” दया किशोर एक्का और अन्य ग्रामीणों ने यह शिकायत ‘सुशासन तिहार’ के दौरान प्रशासन से करते हुए निर्माण कार्य को तत्काल रोकने और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी वहीं भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भी भारी नाराजगी देखी जा रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत कर वोट जुटाते हैं, लेकिन विकास कार्यों में उन्हें दरकिनार कर चाटुकारों को ठेके दे दिए जाते हैं। एक कार्यकर्ता ने कहा, “पंचायत के भीतर का कार्य पंचायत के कर्मठ कार्यकर्ताओं को दिया जाना चाहिए, न कि बिना जनाधार वाले लोगों को।” सरपंच ने आरोपों को नकारा, कहा – पुराना रास्ता था मौजूदा सरपंच सरिता एक्का ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सीसी रोड उनके निजी स्वार्थ में नहीं, बल्कि करमटोली बस्ती को पंचायत भवन से जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “मैंने परिवार की जमीन पंचायत को रास्ते के लिए दी है। यह पगडंडी वर्षों से थी, अब इसे पक्का किया जा रहा है। पंचायत चुनाव में हार से चिढ़कर झूठी शिकायत की जा रही है।”

कांग्रेस के कुशासन में जर्जर हुई सड़को को सीएम विष्णुदेव साय ने संवारा,अपनी ही सरकार में सड़क निर्माण का विरोध कर अड़ंगा लगाते रहे कांग्रेसी – सुनील गुप्ता,पूर्व जिलाध्यक्ष

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जशपुर, – जो कांग्रेसी अपने पूरे शासनकाल में जिले में सड़क निर्माण कार्यो का विरोध कर,निर्माण कार्य को बाधित करते रहे,उन्हें जिले में तेजी से विकसित हो रहा सड़को का जाल नहीं दिख रहा है। लेकिन जिले की जनता ना केवल देख रही है बल्कि कांग्रेस के कुशासन और विष्णुदेव साय के सुशासन में फर्क महसूस भी कर रही है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने उक्त बातें कही। जिले में सड़कों की बदहाली के कांग्रेसी आरोप पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेसियों ने पूरी ताकत सड़को के विकास को बाधित करने में झोंका था। जिले की जनता दमेरा चराईडांड,बंदरचुँवा-फरसाबहार और कुनकुरी-लवाकेरा सड़क निर्माण कार्य को बाधित करने के लिए कांग्रेस के तत्कालीन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए तमाशे को नहीं भूली है। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेसियो के भय से ठेकेदार यहां से काम छोड़ कर भागने लगे थे। जिले में चारों ओर जर्जर सड़कों से लोगों का चलना मुहाल हो गया था। सत्ता की बागडोर सम्हालते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले में सड़को की हालत को सुधारने की दिशा में तेजी से काम करना शुरू किया है। पत्थलगांव से कुनकुरी के बीच का राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। दमेरा चराईडांड,बंदरचुँवा-फरसाबहार,जशपुर सन्ना सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इतना ही नहीं भारतमाला सड़क जो कांग्रेसियो के षड्यंत्र के कारण अटका हुआ था का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। गांव से लेकर शहर तक कि सड़को को संवारने का काम तेजी से चल रहा है। जो सडके बची हुई है उनके निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है और कुछ प्रक्रियाधीन है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सुनील गुप्ता ने कहा कांग्रेसी इस बात का भरोसा रखे कि विष्णु के सुशासन में उन्हें कम से कम जिले की सड़को में चलने के दौरान झटका नहीं लगेगा।

गज़ब है : शासकीय भूमि पर पीएम आवास के निर्माण में तेजी,पटवारी प्रतिवेदन लेकर न्याय मांगने निकला प्रार्थी,आम रास्ता पर सरकारी मकान बनाने से लोगों को हो रही परेशानी

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जशपुर/कुनकुरी,29 मई,2025 –  प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आवास पाने के लिए सरकारी नियमों को ताक पर रखकर शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला ग्राम पंचायत रेमते (पटवारी हल्का नंबर 23, तहसील कुनकुरी) का है, जहां अमर सिंह पिता गंगा सिंह द्वारा शासकीय भूमि पर पीएम आवास का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों और एक भूमिधारी का वर्षों पुराना रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। संदीप जैन की शिकायत पर शुरू हुई जांच,आज भी है तारीख प्रार्थी संदीप कुमार जैन ने कलेक्टर सहित तहसील कार्यालय को लिखित में शिकायत दी थी कि उनकी निजी भूमि तक पहुंचने का एकमात्र सरकारी रास्ता – खसरा नंबर 216 की शासकीय भूमि – पर जबरन कब्जा कर मकान निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यह निर्माण कार्य बिना किसी वैध सीमांकन या अनुमति के किया जा रहा है और इस पर पहले भी न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया था। पटवारी रिपोर्ट में खुलासा – रास्ता शासकीय भूमि पर था 1 मई 2025 को प्रस्तुत पटवारी प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया गया कि खसरा नंबर 216, रकबा 0.498 हेक्टेयर भूमि “मिड रोड इंसान पथ” के रूप में शासकीय अभिलेख में दर्ज है। यह भूमि गांव के बीच से होकर गुजरती है और पूर्व से ही ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक रास्ते के रूप में उपयोग में लाई जाती रही है। प्रतिवेदन में यह भी उल्लेख है कि इस रास्ते की सीमांकन की पुष्टि ग्राम सरपंच, कोटवार और ग्रामीणों की उपस्थिति में की गई। न्यायालय का आदेश निरस्त होते ही तेज़ी से हुआ निर्माण प्रार्थी संदीप जैन ने बताया कि निर्माण रोकने के लिए तहसीलदार को आवेदन दिया था, लेकिन न सीमांकन कराया गया और न ही हल्का पटवारी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस बीच 25 अप्रैल को न्यायालय ने स्थगन आदेश निरस्त कर दिया, और उसी दिन से शासकीय भूमि पर रात-दिन तेज़ी से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। वर्षों पुराना रास्ता अवरुद्ध, 80 वर्षों से था उपयोग में पीड़ित का कहना है कि उनके स्व. दादा हुकुमचंद जैन द्वारा पिछले 70-80 वर्षों से उक्त भूमि के रास्ते का उपयोग किया जाता रहा है। अब यह रास्ता बंद हो जाने से न केवल उनका परिवार बल्कि अन्य ग्रामीण भी प्रभावित हो रहे हैं। मांग: निर्माण कार्य तत्काल रोका जाए, दोषियों पर कार्रवाई हो संदीप जैन ने प्रशासन से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर की जा रही इस अवैध कब्जाधारी कार्रवाई को तुरंत रोका जाए, ताकि उनका और अन्य ग्रामवासियों का रास्ता बहाल हो सके। साथ ही शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसे कृत्य दोहराए न जाएं। इस पूरे मामले की पड़ताल में जो बात सामने आई उसमें अमर सिंह पिता गंगा सिंह के परिजन अपनी पुश्तैनी जमीन का काफी हिस्सा बेच चुके हैं।जिसके कारण वर्षों से शासकीय भूमि पर कब्जे की जमीन ओर घर बना रहे हैं।पड़ोसी जमीन मालिक ने भी जमीन उसकी ओर बढ़ाकर मकान बनाने पर मौखिक आपत्ति की थी,जिसे दोनों पक्षों द्वारा सुलझा लेने की बात बताई गई।निर्माण स्थल पर अमर सिंह मौजूद नहीं थे,उनकी माता ने बताया कि अधिकारी लोग बोले तो बना रहे हैं।अभी कोर्ट में केस चल रहा है। बहरहाल,इस मामले में आवास मित्र दिलीप कुमार से संपर्क करने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।आज तहसील न्यायालय में सुनवाई होनी है।