मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सौगात: जशपुर में 18.46 करोड़ से बनेंगी 6 नई सड़कें, मधेश्वर पहाड़ तक पक्के रास्ते से पहुंचेंगे शिवभक्त

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धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, ग्रामीण आवागमन होगा सुलभ, जनता में खुशी की लहर जशपुर, 23 मई 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर जशपुर जिले को एक और बड़ी सौगात मिली है। राज्य शासन द्वारा जिले में 6 प्रमुख सड़कों के निर्माण के लिए 18 करोड़ 46 लाख 87 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे न केवल ग्रामीण अंचलों के लोगों को आवागमन में सुगमता मिलेगी, बल्कि विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग माने जाने वाले मधेश्वर पहाड़ तक श्रद्धालुओं की आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। मधेश्वर मंदिर तक पक्की सड़क – धार्मिक पर्यटन को लगेगा पंख कुनकुरी क्षेत्र के मयाली नेचर कैंप से लेकर मधेश्वर मंदिर और जोकारी से मधेश्वर पहाड़ तक पक्की सड़क का निर्माण होना है। इस पहल से न सिर्फ शिवभक्तों की आस्था की राहें आसान होंगी, बल्कि क्षेत्रीय धार्मिक पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। जोकारी और भंडरी पंचायत के ग्रामीणों में इस खबर से गहरी प्रसन्नता है और लोग मुख्यमंत्री की जय-जयकार कर रहे हैं। ये हैं स्वीकृत सड़कों के विवरण – 1. चटकपुर से रेंगारबहार (2.46 किमी) – ₹2.89 करोड़ 2. कुनकुरी-औरीजोर-मतलूटोली-पटेलापारा (2.54 किमी) – ₹3.01 करोड़ 3. NH-43 से मयाली डेम तक (2.28 किमी) – ₹2.85 करोड़ 4. मयाली नेचर कैंप से मधेश्वर मंदिर (2.20 किमी) – ₹2.71 करोड़ 5. रानीबंध चौक–चिडराटांगर–पंडरीआमा–उपरकछार (3.44 किमी) – ₹3.29 करोड़ 6. जोकारी से मधेश्वर पहाड़ (2.88 किमी) – ₹3.68 करोड़   “अब जशपुर में विकास की नई राह खुल रही है। श्रद्धा, सुविधा और समर्पण के संग मुख्यमंत्री की यह सौगात सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि ग्रामीण जनजीवन को जोड़ने वाला भविष्य का पुल है।” – नरेश नंदे, वरिष्ठ अधिवक्ता व विचारक जशपुर जिला प्रशासन सक्रिय, जल्द होगा कार्य प्रारंभ कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य है कि प्रत्येक गांव और धार्मिक स्थल तक पक्की और सुरक्षित सड़क पहुंचे ताकि आमजन को विकास का सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री का वादा – “सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, सबको साथ लेकर चलेंगे” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहले ही स्पष्ट किया था कि जशपुर जिले को बुनियादी सुविधाओं में आत्मनिर्भर बनाना उनकी प्राथमिकता है। सड़क निर्माण की यह नई श्रृंखला विष्णु के सुशासन मॉडल का प्रत्यक्ष प्रमाण है।  

कुनकुरी डायलिसिस सेंटर किडनी मरीजों को दे रहा जीवन लेकिन मरीजों ने खोली पोल,कभी भी जा सकती है जान

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अब तक 955 सेशन, छत्तीसगढ़ ही नहीं, ओडिशा के मरीज भी ले रहे निःशुल्क लाभ कुनकुरी, 24 मई 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता से स्थापित कुनकुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डायलिसिस सेंटर बीते पाँच महीनों में किडनी मरीजों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ है। यह सेंटर न केवल कुनकुरी विकासखंड, बल्कि कांसाबेल, दुलदुला, फरसाबहार जैसे आसपास के इलाकों के मरीजों की जीवनरेखा बन चुका है। इतना ही नहीं, पड़ोसी राज्य ओडिशा के सीमावर्ती जिला सुंदरगढ़ से भी दर्जनों मरीज यहां आकर निःशुल्क डायलिसिस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। अब तक 955 डायलिसिस सेशन हो चुके हैं – हर एक सेशन उन परिवारों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो अब तक अंबिकापुर,रायपुर,रांची जाकर निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का बोझ उठाने को मजबूर थे। इस प्रशंसनीय पहल के बीच एक गंभीर तकनीकी समस्या लगातार मरीजों और उनके परिजनों को चिंतित कर रही है – बिजली की अनियमित आपूर्ति। डायलिसिस और बिजली का सीधा रिश्ता – जानलेवा हो सकती है लापरवाही डायलिसिस के दौरान मरीज के शरीर से खून बाहर निकालकर मशीन में साफ किया जाता है और फिर शरीर में वापस पहुंचाया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया अत्याधुनिक मशीनों द्वारा संचालित होती है, जो पूरी तरह बिजली पर निर्भर हैं। यदि डायलिसिस के दौरान बिजली अचानक गुल हो जाए और तुरंत बैकअप चालू न हो, तो मशीन में मौजूद खून क्लॉट होकर वापस नहीं लौट सकता। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति में 2.5 से 3 लीटर खून शरीर से बाहर ही जम सकता है – यह सीधे मरीज के प्राणों पर संकट ला सकता है। मरीज ने जताई चिंता, प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग ख़बर जनपक्ष के संपादक संतोष चौधरी को मरीजों और परिजनों ने बताया कि डायलिसिस की गुणवत्ता बेहतर है, लेकिन बिजली कटते ही उनका दिल कांप जाता है। डंडाडीह,दुलदुला से आए मरीज ने आपबीती सुनाते हुए कहा – एक बार लाइट भाग गया तो मशीन के पाइप में मेरा खून जम गया था।फिर गर्मी भी लगती है।यह परेशानी अभी पानी-बिजली खूब किया तब से बढ़ गया है।ऐसी ही परेशानी दो और बुजुर्ग मरीजों के परिजनों ने भी बताई। डायलिसिस सेंटर से जानकारी मिली कि समस्या उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है और समाधान जल्द किया जाएगा। समस्या नहीं, जीवन-मरण का प्रश्न है ये स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डायलिसिस जैसे जीवन रक्षक इलाज के लिए 24 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति और प्रभावी बैकअप सिस्टम जैसे जेनरेटर अनिवार्य हैं। इसमें एक पल की लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को खतरे से बचाना ज़रूरी कुनकुरी का डायलिसिस सेंटर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की  पहल का नतीजा है, जिसने सीमावर्ती अंचलों के गरीब और जरूरतमंद मरीजों को नई ज़िंदगी दी है। अब प्रशासन और तकनीकी विभागों की जिम्मेदारी है कि इस जनहित योजना की विश्वसनीयता और सतत संचालन सुनिश्चित करें, ताकि हर मरीज यहां निश्चिंत होकर जीवन पा सके – डर नहीं।  

उरांव महिलाओं ने दिखाई शौर्यगाथा की झलक, पारंपरिक ‘जनी शिकार’ का किया प्रदर्शन, पांच दिवसीय सम्मेलन में संस्कृति, परंपरा और अस्तित्व की रक्षा का लिया संकल्प, हजारों महिलाओं ने पुरुष वेश में नगाड़ों की थाप पर किया जुलूस, धर्मांतरण के खिलाफ गरजे गणेश राम भगत

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जशपुर,23 मई 2025 – जशपुरनगर के तेतरटोली में 18 से 22 मई तक हिन्दू उरांव महिला समिति के बैनर तले एक पांच दिवसीय महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उरांव समाज की महिलाओं को अपनी पारंपरिक संस्कृति, लोकगीत, नृत्य और जातिगत परंपराओं से जोड़ना था, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी मूल पहचान और गौरवशाली विरासत को समझ सकें। कार्यक्रम के अंतिम दिन ऐतिहासिक ‘जनी शिकार’ परंपरा का प्रतीकात्मक प्रदर्शन हुआ, जिसमें हजारों महिलाओं ने पारंपरिक पुरुष वेश में हाथों में पारंपरिक हथियार लेकर नगाड़ों की थाप पर शहर में विशाल रैली निकाली। यह प्रदर्शन रोहतासगढ़ की उस गौरवशाली गाथा की याद दिलाने के लिए था, जब उरांव महिलाओं ने अपने शौर्य से मुगलों को तीन बार पराजित किया था। आमसभा में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने धर्मांतरण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि छोटा नागपुर क्षेत्र को ‘ईसाई राज’ में बदलने की साजिशें लगातार चल रही हैं, लेकिन समाज अब जागरूक हो चुका है। उन्होंने डीलिस्टिंग कानून की मांग को दोहराते हुए सरकार से इस पर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। फोटो: पारंपरिक परिधान में दंत चिकित्सक डॉ कांति प्रधान अन्य सामाजिक नेताओं के साथ रैली में सभा में झारखंड के संदीप उरांव और अंबिकापुर से आए डॉ. आज़ाद भगत ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि यदि जनजातीय समाज अपनी भाषा, परंपरा और रीति-रिवाजों को नहीं भूले, तो धर्मांतरण जैसी चुनौतियों से सहजता से निपटा जा सकता है। इस मौके पर गणेश राम भगत ने जशपुर रेल परियोजना में अवरोध उत्पन्न करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह जनभावना से जुड़ा मामला है, और ऐसे तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने संरक्षित जंगलों में अंधाधुंध पेड़ कटाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए उसकी जांच की मांग की तथा बारिश में वृक्षारोपण का आह्वान किया। इस आयोजन में हज़ारों की संख्या में महिलाएं और समाजजन शामिल हुए। तेज धूप में रैली में शामिल लोगों के सेवा में शहर के सामाजिक संगठनों ने भी भागीदारी निभाई। संवेदना फाउंडेशन, श्री बालाजी जन कल्याण समिति, और गुड मॉर्निंग ग्रुप जैसे संगठनों ने रैली में शामिल लोगों को पानी, शीतल पेय और फल वितरित कर सेवा भाव का परिचय दिया। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक एकता, जनजागरण और आत्मगौरव की मिसाल भी प्रस्तुत कर गया।

हम ही बनाए हैं, हम ही संवारेंगे: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्थलगांव को नगर पालिका का दर्जा दिलाया

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जशपुर, 20 मई 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में पत्थलगांव को बड़ी सौगात मिली है। अब पत्थलगांव नगर पंचायत नहीं, बल्कि नगर पालिका के रूप में पहचाना जाएगा। राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पत्थलगांव को नगर पालिका में सम्मिलित करने हेतु छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 के तहत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर अटल ने दिनांक 1 मई 2025 को यह अधिसूचना जारी की है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि नगर पालिका पत्थलगांव की सीमाएं वही होंगी, जो वर्तमान में नगर पंचायत पत्थलगांव की हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, इस क्षेत्र की जनसंख्या 16,613 है। इस ऐतिहासिक निर्णय पर पत्थलगांव विधायक ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि— “यह निर्णय न केवल क्षेत्र के विकास की नई दिशा तय करेगा, बल्कि भाजपा के इस संकल्प को भी दर्शाता है कि हम ही बनाए हैं, हम ही संवारेंगे।” स्थानीय नागरिकों में भी इस घोषणा के बाद हर्ष का माहौल है। उम्मीद की जा रही है कि नगर पालिका बनने से पत्थलगांव में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार होगा और नगरीय विकास को नई गति मिलेगी।  

कुनकुरी नगर पंचायत के अध्यक्ष विनयशील पर मुख्यमंत्री एवं छ.ग. शासन की छवि धूमिल करने भाजपा पार्षदों ने प्रेस वार्ता कर लगाया आरोप, कहा- नगर विकास में डाल रहे हैं बाधा

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कुनकुरी/जशपुर,19 मई 2025 –  नगर पंचायत कुनकुरी में इन दिनों विकास कार्यों को लेकर गंभीर राजनीतिक टकराव उभरकर सामने आया है। नगर पंचायत के भाजपा जनप्रतिनिधियों (पार्षद) ने प्रेसवार्ता कर नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे अपने पद का दुरुपयोग कर न केवल विकास कार्यों को बाधित कर रहे है बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और भाजपा सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। विकास कार्यों में अवरोध पुरानी स्वीकृत योजनाएं पर लगा रहे व्यवधान प्रेसवार्ता में पार्षद अमन शर्मा और अमित मिश्रा ने नगर अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि विनयशील द्वारा अध्यक्ष पद की शपथ लेने के बाद पूर्व कार्यकाल में स्वीकृत और प्रक्रिया में चल रहे तमाम विकास कार्यों को जानबूझकर रोका जा रहा है। इनमें सीएमओ व इंजीनियर के आवासीय क्वार्टर,जिम निर्माण तथा विर्सजन तालाब सौंदर्यीकरण कार्य प्रमुख हैं। ठेकेदार को डराया धमकाया जा रहा है ताकि कार्य बीच में रुक जाएं और बाद में  विफल योजना के रूप में प्रचारित कर सरकार को बदनाम किया जा सके। राशन वितरण में अवैध दुकान खोलने का आरोप अध्यक्ष विनयशील के द्वारा पीडीएस व्यवस्था में भी अनियमितता फैलाने का प्रयास हो रहा है। भाजपा पार्षदों ने बताया कि पिछले कार्यकाल में परिषद से एक नई राशन दुकान खोलने का प्रस्ताव भेजा गया था जिसकी स्वीकृति की प्रक्रिया अभी जारी है। परंतु अध्यक्ष ने बिना वैध प्रक्रिया अपनाए और बिना स्वीकृति प्राप्त किए गैरकानूनी रूप से राशन दुकान ,दो स्थान पर खुलवा दी। ताकि भविष्य में इस पर कोई कानूनी विवाद होता है तो इसका दोष वर्तमान सरकार पर मढ़ा जा सके। डेम सफाई कार्य पर राजनीतिक रंगः 97.50 लाख की परियोजना पर उठाया जा रहा सवाल इस प्रेस वार्ता में यह भी बताया गया कि नगर पंचायत ‌द्वारा स्वीकृत डेम सफाई योजना को भी अध्यक्ष विनयशील ने विवादों के घेरे में जाकर रोक दिया है। इस योजना में ₹48.75 लाख के भुगतान को लेकर फर्जी सवाल खड़े किए जा रहे है, जबकि नगर पंचायत द्वारा सभी वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। संबंधित कार्यों का लॉग बुक, बिल, वाहनों का विवरण, तथा कैमिकल व शुद्धिकरण सामग्री के दस्तावेजी फाइल पत्रकारों को दिखाया गया।अमन शर्मा ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस के वे पार्षद, जिन्होंने पहले इस योजना का समर्थन किया था, अब उसी कार्य के खिलाफ पोस्टर लेकर विरोध कर रहे हैं। यह दोहरे चरित्र और राजनैतिक स्वार्थ का स्पष्ट प्रमाण है। प्लेसमेंट टेंडर विवादः लिपिकीय त्रुटि को बनाया जा रहा मु‌द्दा नगर पंचायत के प्लेसमेंट टेंडर में हुई एक लिपिकीय त्रुटि को भी गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। टेंडर की सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूर्णतः वैध है और सभी दस्तावेजों में नगर पंचायत कुनकुरी का नाम स्पष्ट रूप से अंकित है। लेकिन एक स्थान पर गलती से दूसरे नगर पंचायत का नाम अंकित हो जाने को ‘नगर का नाम परिवर्तन’ बताकर राजनैतिक रंग देने की कोशिश हो रही है।दो वर्ष के प्लेसमेंट टेंडर को सही बताने के लिए भाजपा पार्षदों ने कहा कि ऐसा ही दो-दो वर्ष का टेंडर चंद्रखुरी, प्रतापपुर, और भैरमगढ़ नगर पंचायतों में भी किया गया है, जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि कुनकुरी में की गई प्रक्रिया भी विधिसम्मत है। पुराने भवन को बताया ‘हवेली’: मरम्मत को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान नगर पंचायत का पुराना भवन नमक की बोरियों और कचरे का गोदाम बना हुआ था। प्रेस वार्ता में बताया गया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस भवन की मरम्मत कराकर इसे उपयोगी रुप दिया गया है। भवन में सुरक्षा व सौंदर्य की दृष्टि से लगाए गए 7 गेट ,दरवाजों को ‘हवेली’ का गेट बताकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है।इस कार्य में प्रयुक्त 1620 किलोग्राम वजन के 5 दरवाजों,। मुख्य गेट, । चैनल गेट आदि की मरम्मत जोनल मद से की गई है, जिसके समस्त दस्तावेज उपलब्ध हैं,लेकिन स्टीमेट और बिल को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर जनता को षडयंत्रपूर्वक गुमराह किया जा रहा है। हालांकि प्रेसवार्ता में सीएमओ की हवेली के आरोप पर कुछ नहीं कहा गया। नगर पंचायत कर्मचारियों को धमकाने का आरोप प्रेस वार्ता में यह भी गंभीर आरोप लगाया गया कि अध्यक्ष विनयशील ‌द्वारा नगर पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाकर भय का वातावरण बनाया जा रहा है, जिससे वे उनकी मनमर्जी के अनुसार कार्य करें और भ्रष्ट गतिविधियों के लिए आधार तैयार हो सके। यह लोकतंत्र की मर्यादा के विरुद्ध है। जनता से अपीलः षड्यंत्रों के प्रति रहें सतर्क प्रेस वार्ता में  बीजेपी पार्षद अमन शर्मा,राजेश ताम्रकार,शीतल बजाज,अमित मिश्रा और गुलापी पैंकरा द्वारा नगरवासियों से अपील की गई कि वे इस प्रकार की विकास विरोधी राजनीति के प्रति सजग रहें और ऐसे नेताओं के बहकावे में न आएं जो अपने राजनैतिक एजेंडे के लिए नगर के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं वर्तमान भाजपा सरकार के प्रति विश्वास बनाए रखें, जो राज्य के हर कोने में पारदर्शी विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। तो यह प्रेसवार्ता कांग्रेस के नगर पंचायत अध्यक्ष  विनयशील के प्रेस कांफ्रेंस का जवाब माना जाए?  इस सवाल पर अमन शर्मा ने कहा कि उन्होंने सीएमओ पर आरोप लगाए हैं सीएमओ उसका जवाब देंगे।हमने कुनकुरी अध्यक्ष द्वारा विकास कार्यों को रोकने और मनमानी करते हुए उल्टा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिशों को मीडिया के माध्यम से जनता के सामने लाने का काम किया है।अमन शर्मा ने यह भी जोड़ा कि अध्यक्ष विनयशील पिछले कांग्रेस शासनकाल में हुए भ्रष्टाचारों पर मौन हैं।वहीं सनातनी विधायक बताने वाले यूडी मिंज ने भी अध्यक्ष विनयशील के झूठे आरोपों पर कुछ नहीं कहा है। बहरहाल,अब देखना यह है कि सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोलकर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस लाने की विष्णु सरकार के दावे की याद दिलाने वाले विनयशील का अगला कदम क्या होगा?

गलत खाते में ट्रांसफर हुए पैसे चार महीने बाद लौटे, खाताधारिका ने बैंक अधिकारियों का जताया आभार – खाताधारकों के लिए सीख: ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में सावधानी बरतें

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जांजगीर-चांपा,16 मई  2025 – जिले की एक महिला खाताधारिका रितु लक्ष्मीनारायण शुक्ला के साथ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान एक छोटी सी चूक ने उन्हें मानसिक तनाव में डाल दिया। रितु अपने वॉलेट से बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में 25,500 रुपये ट्रांसफर कर रही थीं, लेकिन अकाउंट नंबर की एक अंक की गलती के कारण ये राशि गुजरात निवासी सुनील भाई लड्डू कुमार के खाते में चली गई। रितु का अकाउंट नंबर 54860100003062 था, लेकिन उन्होंने गलती से 5489 से शुरुआत कर दिया जो सुनील भाई का खाता 4589100003062 से मेल खा गया और पैसे ट्रांसफर हो गए। पैसे लौटाने के लिए रितु ने कई बार निवेदन किया, लेकिन 4 महीने तक उन्हें टालमटोल कर मानसिक रूप से परेशान किया गया। बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा, चांपा के हेड कैशियर आजाद सिंह और क्लर्क सुमिता साहा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गुजरात के बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर गिरीश कुमार राठौर से संपर्क किया। तीनों की समन्वित कोशिशों से संबंधित खाते को होल्ड किया गया और अंततः रितु को उनकी रकम 25,500 रुपये वापस मिल गई। रितु शुक्ला ने इन सभी अधिकारियों का दिल से आभार जताया और कहा, “इनकी मदद के बिना मुझे मेरी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिलती। मैं सभी खाताधारकों से अपील करती हूं कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय हर अंक की सावधानीपूर्वक जांच करें।” खाताधारकों के लिए सावधानी के टिप्स: ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करते समय अकाउंट नंबर दो बार जरूर जांचें। IFSC कोड और नाम का मिलान संभव हो तो करें। गलती से ट्रांसफर हो जाए तो तुरंत संबंधित बैंक शाखा में लिखित शिकायत दें। बैंकिंग फ्रॉड की स्थिति में साइबर सेल की मदद लें। यह मामला उन सभी खाताधारकों के लिए एक सीख है जो डिजिटल ट्रांजैक्शन करते हैं कि छोटी सी गलती से बड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन समय रहते सही प्रयास से समाधान भी संभव है।

डॉन बॉस्को जुमईकेला में व्यक्तित्व विकास व करियर गाइडेंस वर्कशॉप, डॉ. ग्रेस ने विद्यार्थियों को दिखाई सफलता की राह

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कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के 350 विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा, जीवन व करियर पर हुई प्रभावशाली चर्चा कुनकुरी(जशपुर), 11मई 2025 डॉन बॉस्को जुमईकेला शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे वार्षिक इंग्लिश स्पोकन कोर्स (1 मई से 31 मई) के अंतर्गत आयोजित व्यक्तित्व विकास और करियर गाइडेंस वर्कशॉप में ग्रामीण पुनर्वास कार्य प्रमुख मनोवैज्ञानिक डॉ. ग्रेस कुजूर ने छात्रों को जीवन निर्माण की प्रेरणादायक दिशा दी। कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के लगभग 350 छात्र-छात्राओं ने इस सत्र में भाग लेकर जीवन, शिक्षा और करियर की बारीकियों को समझा। डॉ. ग्रेस ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से बच्चों को समझाया कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का जरिया नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनने का आधार है। उन्होंने कहा, “हर कोई अच्छी जिंदगी चाहता है, लेकिन उसे जीने का तरीका सीखना होता है – और यही इस वर्कशॉप का उद्देश्य है।” असफलता को बनाएं चुनौती, न कि बाधा डॉ. ग्रेस ने छात्रों को 12वीं के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “फॉर्म भरिए, तैयारी कीजिए, अगर असफल भी हो गए तो हार मानने की जरूरत नहीं है — असफलता को चुनौती बनाइए और कहिए कि मैं सफल होकर ही रहूंगा।” केवल विरासत नहीं, विकल्प को भी बनाएं अपना भविष्य उन्होंने एक अहम संदेश देते हुए कहा, “अगर पढ़ाई नहीं करेंगे तो किसान का बेटा किसान और व्यापारी का बेटा व्यापारी बनता रहेगा। लेकिन पढ़ाई करने से आपको अपनी पहचान खुद बनाने का विकल्प मिलेगा। विरासत से आगे बढ़ने का यही रास्ता है।” शिक्षा से ही बनेगा स्वस्थ समाज कार्यक्रम के समापन पर डॉ. ग्रेस ने शिक्षा और समाज के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य में सोचने, समझने और संवेदनशीलता की शक्ति होती है, जिसे शिक्षा सकारात्मक दिशा में मोड़ती है। उन्होंने कहा, “जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन – वैसे ही जैसा पढ़ेगा बालमन, वैसा बनेगा जीवन। आप देश का भविष्य हैं। अगर आपकी सोच सकारात्मक विकास की ओर बढ़ेगी तो आपका घर, गांव, समाज और देश सब मजबूत बनेंगे।” यह वर्कशॉप डॉन बॉस्को सेंटर जुमईकेला द्वारा संचालित वार्षिक इंग्लिश स्पोकन कोर्स का हिस्सा है, जिसमें हर वर्ष की भांति इस बार भी विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास व करियर गाइडेंस के लिए विशिष्ट वक्ताओं से मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। आयोजकों ने बताया कि 31 मई तक इसी तरह के उपयोगी सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस सत्र को बहुउपयोगी बनाने के लिए समन्वयक फ़ा. पॉल तिर्की SDB, फा लिवेंस ऐंड SDB,शिक्षकगण सिस्टर नेहा कुजूर FMA, सिस्टर महिमा बारला FMA, ब्रदर बिपिन एक्का SDB, ब्रदर अर्पण तिर्की SDB, सिस्टर मार्था कुजूर FMA, ब्रदर अनिल टोप्पो,सहायक स्टाफ सिल्वेस्टर टोप्पो, लिबुन टोप्पो, अपोल केरकेट्टा सक्रिय हैं।

भीख मांगती सुमित्रा बाई और सोती सरकार — मयूरचुंदी में जनकल्याण योजनाओं की पोल खुली,अंत्योदय का नारा यहां कैसे हुआ फेल? मरे विपक्ष के कारण गिद्धों की मौज

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जशपुर/दुलदुला, 6 मई – “जब पेट भूखा हो, बच्चे रोते हों, और सरकार चुप — तब सवाल उठता है कि किसके लिए बने हैं ये योजनाएं?” दुलदुला विकासखंड के मयूरचूंदी पंचायत की सुमित्रा बाई,आज गांव-गांव घूमकर भीख मांगने को मजबूर है। हाथ में अंत्योदय का राशन कार्ड है, पर पेट खाली। दो छोटे बच्चों के साथ यह विधवा महिला अब सरकारी दुकानों के आगे नहीं, बल्कि गांववालों के दरवाजे पर झोली फैला रही है। यह एक महिला की नहीं, पूरे सिस्टम की विफलता की कहानी है। राशन कार्ड है, चावल नहीं — यह कैसा न्याय? सुमित्रा को अप्रैल में केवल चना मिला, चावल देने से मना कर दिया गया। कई बार दुकान गई, मिन्नतें कीं, लेकिन जवाब मिला – “चावल नहीं है।” क्या यही है ‘जनकल्याणकारी राज्य’ का चेहरा? सत्ता-तंत्र की संवेदनहीनता एक ओर सरकारें करोड़ों के विज्ञापन देती हैं – “हर गरीब को मिलेगा राशन” – वहीं जमीनी हकीकत सुमित्रा बाई जैसे हजारों लोगों की चीख बनकर उठती है, जिसे कोई सुनने को तैयार नहीं। जनप्रतिनिधि खामोश, अफसर नदारद पंचायत से लेकर जनपद तक, कोई जवाबदेही नहीं। जिन प्रतिनिधियों को सुमित्रा ने चुनकर भेजा, वे आज सत्ता की गर्मी में गुम हैं।जब सरपँच ही दुकानदार है तो सुमित्रा भला उम्मीद किससे करेगी? एक ही सवाल — कब मिलेगा न्याय? पंचायत के लोगों ने कहा कि “हम मांग करते हैं कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और सुमित्रा बाई जैसे हर जरूरतमंद को तत्काल राशन उपलब्ध कराया जाए।” बड़ी बात सुमित्रा को न तो सुशासन तिहार के बारे में जानकारी है न ही आवेदन कैसे बनता है,यह वो जानती है। ऐसी सामान्य महिलाएं हों या पुरुष जिनके दर्द को जब विपक्ष भी नहीं समझता तो ऐसे मरे विपक्ष के कारण पंचायती गिद्ध तो मौज उड़ाएंगे ही। तो,सुमित्रा की यह करुण कहानी आपको कैसी लगी? कमेंट करके बताइए ताकि आपके कमेंट से ऐसी और कहानियां ढूंढकर खबर ज़नपक्ष आपके सामने लाता रहेगा।

सत्ता के नशे में चूर सरपंच और उसके पार्टनर का तांडव — ट्रैफिक पुलिस से की बदसलूकी, वर्दी उतरवाने की धमकी, नशे में धुत होकर कहा “ऊपर तक लिंक है”

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कुनकुरी (जशपुर), 6 मई,2025 –  लोकतंत्र में चुने गए प्रतिनिधि जब खुद को कानून से ऊपर समझने लगें, तो यह न केवल व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि समाज के लिए भी खतरे की घंटी बन जाता है। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला कुनकुरी नगर में सामने आया है, जहां कुनकुरी विकाखण्ड के ग्राम पंचायत बेने – चटकपुर का सरपंच नवीन साय शराब के नशे में ट्रैफिक पुलिस से उलझ गया, गाली-गलौच की, वर्दी उतरवाने की धमकी दी और खुद को ‘ऊपर तक पहुँच वाला’ बताते हुए खुलेआम गुंडागर्दी पर उतर आया। घटना का ब्योरा सोमवार शाम लगभग 5 से 6 बजे के बीच बस स्टैण्ड मार्ग पर ट्रैफिक पुलिस ड्यूटी पर तैनात थी, जब एक कार रास्ते में अवरोधक बनी हुई थी। पुलिसकर्मियों ने जब कार हटाने के लिए टोका, तो कार सवार नवीन साय और उसका साथी दीपक पाठक आपे से बाहर हो गए। गुस्से में दोनों ने पुलिस से बहस शुरू कर दी और देखते ही देखते मामला हाथापाई की कगार तक पहुँच गया।तस्वीर में दीपक पाठक दिखाई दे रहा है। पुलिस द्वारा जब मोबाइल से वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की गई, तो दीपक पाठक ने मोबाइल छीनकर सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान सरपँच खुलेआम गाली देते हुए कहता रहा – “हम ऊपर तक जुड़े हैं, तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा!” इस अभद्रता और सत्ता के घमंड से भरे व्यवहार ने राहगीरों को भी हैरान कर दिया।एक प्रत्यक्षदर्शी ने भाजपा की कार और भाजपाई दबंगों को देखकर चुटकी लेते हुए कहा – ‘हम ही बनाये हैं,हम ही सँवारेंगे।अभी सुशासन तिहार चल रहा है,ऐसे समय में ऐसी तस्वीरें सरकार की छवि खराब करती हैं।’ पुलिस की तत्परता और मेडिकल पुष्टि सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस बल पहुंचा और दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया।ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।आज दोनों को न्यायालय में पेश किया जाएगा। कौन है नवीन साय? नवीन साय वर्तमान में ग्राम पंचायत चटकपुर का सरपंच है। ग्रामीणों के अनुसार, नवीन पहले रायपुर में काम करता था और हाल ही में बेने गांव के लोगों ने उसे बुलाकर सरपंच चुनाव में उतारा और जिताया था। लेकिन सत्ता मिलते ही उसके तेवर बदल गए। ग्रामीणों का आरोप है कि वह अक्सर शराब के नशे में अभद्र व्यवहार करता है और खुद को ‘तोपचन्द’ समझता है।अपनी कार के पीछे भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल का फूल के ऊपर सरपँच लिखवाकर गुंडागर्दी करता है। गाँव में रोष, बर्खास्तगी की मांग इस घटना की खबर जब गांव में फैली, तो लोगों में रोष फैल गया। कई ग्रामीणों ने सरपंच के निलंबन और बर्खास्तगी की मांग की है। लोगों का कहना है कि लोकतंत्र में चुनी हुई कुर्सी जनसेवा के लिए होती है, न कि पुलिस से बदसलूकी और कानून को चुनौती देने के लिए। प्रशासन सख्त रुख में पुलिस प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि ऐसे मामलों में किसी भी राजनीतिक दबाव की परवाह किए बिना सख्त कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, यदि दोष सिद्ध होता है तो सरपंच पद से भी कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।

क्रेडा विभाग में भ्रष्टाचार का सूरज चमका, सौर सुजला योजना में खुली ठेकेदारी की पोल मुख्यमंत्री के जिले में सहायक अभियंता के कारनामे सवालों के घेरे में, सत्ता के संरक्षण में फल-फूल रहा भ्रष्टाचार?

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जशपुर,02 मई 2025 – जिले के क्रेडा विभाग में सौर सुजला योजना के साथ भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जा रही है। विभाग के सहायक अभियंता निलेश श्रीवास्तव पर खुलेआम ठेकेदारी करने, ईकाई संचालकों से कमीशन वसूलने और योजनाओं को निजी व्यवसाय में बदलने के गंभीर आरोप लगे हैं।सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार श्रीवास्तव न केवल विभागीय कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं, बल्कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मिलकर योजनाओं को ठेकेदारी का जरिया बना चुके हैं। SSY, SHM, JJM सहित अन्य योजनाओं में टेक्नीशियन और हेल्परों के माध्यम से काम बंटवाया जा रहा है, और ईकाई वालों से JCC निकलवाने तक हर मोड़ पर “सुविधा शुल्क” वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं, हितग्राहियों से योजनाओं का लाभ दिलाने से पहले कमीशन तय करने की बात की जा रही है। आरोप तो यह भी है कि यह अधिकारी यूपीआई से भी रिश्वत स्वीकार कर रहे हैं, जो तकनीकी रूप से डिजिटल भ्रष्टाचार का नया उदाहरण बनता है।तस्वीरें जो सोशल मीडिया में तैर रही हैं – पूर्व में सूरजपुर जिले में भी इन पर ऐसे ही आरोप लग चुके हैं, जहां इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी हुई थी, लेकिन शायद सबक नहीं मिला। सत्ता का संरक्षण या उदासीन प्रशासन? सबसे गंभीर सवाल यह है कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद अधिकारी पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही। क्या सत्तारूढ़ दल के कुछ प्रभावशाली लोग इन्हें संरक्षण दे रहे हैं? जनता  पूछ रही है — क्या मुख्यमंत्री के जिले में अधिकारियों को सिर्फ भ्रष्टाचार फैलाने के लिए नियुक्त किया गया है? क्या विष्णु सरकार का सुदर्शन चक्र ऐसे भ्रष्टाचारियों पर चलेगा या यह सिर्फ नारे तक ही सीमित रहेगा? अब जनता जवाब चाहती है। जशपुर की जनता इस पूरे मामले पर सीधी कार्रवाई की मांग कर रही है। अगर ऐसे अधिकारियों पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो सौर ऊर्जा जैसी लोक-कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएंगी।एक समर्पित भाजपाई ने इस मामले पर चुटकी लेते हुए कहा – यह अधिकारी सत्ता की जांघ में चिपका वह जोंक है जो धनरक्त चूस रहा है। बहरहाल,भ्रष्टाचार के इस चर्चे पर अधिकारी का क्या कहना है,यह उनका पक्ष सामने आते ही पाठकों को बताया जाएगा।फिलहाल उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।