जशपुर, 5 अप्रैल 2025: जिले के कुनकुरी स्थित हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज पहली बार विवादों में घिर गया है। कॉलेज में अध्ययनरत एक छात्रा द्वारा धर्मांतरण के प्रयास की शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर रोहित व्यास ने 3 अप्रैल को इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित की, जो लगातार तीन दिनों से जमीनी पड़ताल में जुटी हुई है।
जांच टीम ने पीड़िता छात्रा और मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही कॉलेज प्रशासन से बहुत सारे दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। 5 अप्रैल को टीम ने कॉलेज की प्राचार्या विंसी जोसफ़ से घंटों पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, टीम को जांच के दौरान कई प्रशासनिक अनियमितताएं और दस्तावेजीय विसंगतियाँ भी मिली हैं।
मामले को दबाने की कोशिश,चर्च से जुड़े लोगों की भूमिका पर उठे सवाल
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इस पूरे घटनाक्रम में चर्च से जुड़े कुछ लोगों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ रही है। खबर है कि कुछ प्रभावशाली लोग मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं।पुख़्ता खबर है कि मुख्य गवाह को धमकियां मिल रही है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर पूरी की जाएगी।
मामले में विश्व हिंदू परिषद और राजपरिवार कूदा
घटना के सामने आते ही विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष करणैल सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है। वे लगातार हिन्दू समाज की बैठकों का नेतृत्व कर रहे हैं और एक बड़े जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
इस मुद्दे पर राजपरिवार के सदस्य विजय आदित्य सिंह जूदेव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यदि धर्मांतरण जैसे कार्यों पर तत्काल रोक नहीं लगी, तो हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में तालाबंदी की जाएगी। उनका यह बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
सोशल मीडिया में उबाल,कार्रवाई की मांग हुई तेज
सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर जनता की प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। धर्मांतरण जैसे संवेदनशील विषय पर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
समिति जांच रिपोर्ट कलेक्टर को कल सौंप सकती है
सूत्रों के मुताबिक, जांच समिति को अब तक की जांच में कई अहम सबूत और गवाहियों की जानकारी मिली है। संभावना जताई जा रही है कि समिति 6 अप्रैल को कलेक्टर रोहित व्यास को अपना विस्तृत जांच प्रतिवेदन सौंप सकती है, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई संभव है।





















