कुनकुरी का सरकारी अस्पताल बना किडनी मरीजों के लिए नई उम्मीद की किरण,मरीजों ने कहा- ‘जीवन वापसी के लिए धन्यवाद’

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जशपुर,कुनकुरी 19 अप्रैल 2025 – आदिवासी बहुल जिला जशपुर के हृदयस्थल कुनकुरी में अब किडनी रोग से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत और जीवन की नयी उम्मीद का केंद्र बन चुका है – कुनकुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत संचालित किडनी डायलिसिस सेंटर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी सोच और दृढ़ संकल्प से यह सेंटर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और पीएमएनडीपी के तहत 21 फरवरी 2025 से शुरू किया गया। दीपचंद्र डायलिसिस सेंटर, दिल्ली के सहयोग से संचालित यह सुविधा आज सैकड़ों मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। मरीजों की जुबानी – जीवन वापसी की कहानी   फरसाबहार विकासखंड के देवरी गांव से आये विजय कुमार एक्का, एक रिटायर्ड फौजी हैं। वे सीकेडी स्टेज 5 से पीड़ित हैं और पहले रांची व अंबिकापुर जाकर डायलिसिस कराने की परेशानी झेलते थे। अब कुनकुरी में उपचार मिल रहा है तो विजय एक्का और उनकी पत्नी को राहत की सांस मिली है। विजय कहते हैं, ” जीने की उम्मीद छोड़ दिया था,अब लगता है जीवन लंबा और आसान रहेगा। बस एक ब्लड बैंक की सुविधा और हो जाए तो  किडनी मरीजों को और राहत मिल जाएगी।” बेमताटोली के प्रदीप पाल पहले रायपुर जाकर डायलिसिस कराते थे। हर यात्रा में 8 से 10 हजार रुपये खर्च हो जाते थे। वे बताते हैं, “अब कुनकुरी में फ्री डायलिसिस से राहत मिली है, जिससे मुझे कर्ज से निकलने की राह दिखाई दे रही है।” चटकपुर के लाल बहादुर सिंह को सप्ताह में चार बार डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। वे अब आसानी से हर बार मोटरसाइकिल से 50 रुपये के पेट्रोल से कर आ-जा पाते हैं। उनका कहना है, “सरकार ने सारी सुविधाएं मुफ्त दी हैं, हम जैसे गरीबों के लिए यह बहुत बड़ी बात है।” ऐसे ही अनुभव और भी मरीजों ने ख़बरजनपक्ष से शेयर किए। आधुनिक मशीनें ,महानगरों जैसी सुविधा भी सेंटर मैनेजर अभिषेक कुमार गिरी और सीनियर टेक्नीशियन सुमित मिश्रा मरीजों की सेवा में पूरी तल्लीनता से जुटे हैं। मरीजों को समय पर डायलिसिस, परामर्श और जीवन जीने की प्रेरणा भी दी जा रही है। अब तक सेंटर पर – 21 से 28 फरवरी के बीच 14 डायलिसिस सेशन हुए, मार्च महीने में 185 डायलिसिस सेशन, 17 एक्टिव मरीजों के साथ, और 1 से 18 अप्रैल तक 116 सेशन हो चुके हैं। सेंटर हर दिन सुबह 7:30 से शाम 4:30 तक चालू रहता है। एक मरीज के डायलिसिस में करीब 4 घंटे का समय लगता है। खास बात यह है कि यहाँ की मशीनें अत्याधुनिक हैं, जो किसी भी बड़े शहर के अस्पताल से कम नहीं। जरूरत – बंद ब्लड बैंक शुरू करने की कई मरीजों ने बताया  कि डायलिसिस से पहले ब्लड की आवश्यकता होती है, पर कुनकुरी में ब्लड बैंक बंद होने के कारण जशपुर जाकर ब्लड चढ़वाना पड़ता है। इससे न सिर्फ आर्थिक बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी वे परेशान होते हैं। यदि कुनकुरी में ही ब्लड बैंक की सुविधा मिले तो मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। जानकारी का आभाव-बाकी विकासखंडों तक पहुंचे यह संदेश इस बेहतरीन सुविधा की जानकारी अभी केवल कुनकुरी और आसपास के क्षेत्र तक सीमित है। जबकि दुलदुला, कांसाबेल, बगीचा और फरसाबहार जैसे विकासखंडों के कई मरीज अभी तक इससे अनजान हैं। जरूरत है कि शासन और प्रशासन द्वारा इन इलाकों में जागरूकता फैलाकर अधिक से अधिक मरीजों को इसका लाभ दिलाया जाए। कुनकुरी का यह डायलिसिस सेंटर एक मिसाल बन चुका है – जहां सरकार की नीतियां, तकनीकी उन्नति और संवेदनशीलता का संगम दिखाई देता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह पहल आदिवासी क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। यह सिर्फ एक हेल्थ सेंटर नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों की मुस्कान और उम्मीदों का केंद्र बन गया है।

हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या पर गंभीर आरोप : धर्मांतरण का दबाव बनाकर रेपिस्ट को बचाने की कोशिश?

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जशपुर, 06 अप्रैल 2025- जिले के प्रतिष्ठित हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी की प्राचार्या नन विंसी जोसफ एक गंभीर विवाद के केंद्र में हैं। एक छात्रा ने उन पर न सिर्फ मानसिक दबाव बनाने का आरोप लगाया है, बल्कि यह भी कहा है कि उन्होंने उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया ताकि वह अपने साथ हुए यौन अपराध के आरोपी को माफ कर कोर्ट में बयान बदल दे। पीड़िता के अनुसार, यह मामला वर्ष 2020 से जुड़ा है। जब वह वर्ष 2021-22 में फर्स्ट ईयर नर्सिंग में दाखिल हुई, तभी से सिस्टर विंसी जोसफ उस पर लगातार दबाव बनाती रहीं कि वह आरोपी को माफ कर दे और बयान बदल दे। पीड़िता का दावा है कि आरोपी का पिता हॉलीक्रॉस अस्पताल में कर्मचारी है, और यही वजह रही कि प्राचार्या ने आरोपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की। छात्रा बताती है कि जब उसने इस दबाव की जानकारी अपनी मां को दी तो मां ने कहा—”वो तो सिस्टर है, उसने बेटी नहीं जनी है, इस दर्द को क्या समझेगी?” पीड़िता ने आगे बताया कि कुछ महीनों तक सिस्टर विंसी ने बेहद आत्मीयता दिखाते हुए उसे यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उसका भविष्य हिंदू धर्म में अंधकारमय है, क्योंकि ‘खराब नाम वाली लड़की से कौन शादी करेगा’, इसलिए ‘सिस्टर लाइन’ में आ जाना ही बेहतर होगा। पीड़िता ने यह भी बताया कि प्राचार्या उसकी पढ़ाई और काबिलियत से खुश थीं, और यही वजह रही कि शुरू में उसका विश्वास जीतने की कोशिश की गई। परंतु जब 2023 में आरोपी को सजा हो गई और छात्रा ने धर्मांतरण से इनकार कर दिया, तो सिस्टर विंसी का रवैया पूरी तरह बदल गया। बार-बार अनुपस्थित दिखाकर परेशान किया गया और अंततः 1 अप्रैल 2024 को उसे हॉस्टल से निकाल दिया गया। इसके बाद जब वह अस्पताल में ड्यूटी पर जाती थी तो वहां भी उसे काम नहीं करने दिया गया। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि ईसाई समाज के कुछ लोग अब उसकी सहेलियों को धमका रहे हैं, जबकि उन्हें सच्चाई सामने लाने के लिए आगे आना चाहिए। “अगर आप उन लड़कियों से जाकर बात करें जो कोर्स बीच में छोड़ चुकी हैं, तो सारा मामला साफ हो जाएगा,” छात्रा ने कहा। फिलहाल छात्रा ने जशपुर कलेक्टर और स्थानीय पुलिस को शिकायत दी है। शिकायत पर कलेक्टर ने जांच बिठा दी है। सवाल यह है कि क्या इस गंभीर मामले में निष्पक्ष जांच हो पाएगी? क्या प्राचार्या पर लगे आरोप सही साबित होंगे, या यह एक सुनियोजित साजिश है? जांच के नतीजों का इंतजार अब पूरे जिले को है।

महाकुंभ 2025: भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक और साम्प्रदायिक सौहार्द का वैश्विक उदाहरण

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निर्मल कुमार प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित महाकुंभ मेला 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह भारत की “एकता में विविधता” की भावना का भव्य उत्सव भी बना। लाखों श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ के बीच, यह आयोजन सौहार्द और आपसी सहयोग की अद्भुत मिसाल पेश करता दिखा। कुछ नकारात्मक ताकतों द्वारा समाज में वैमनस्यता फैलाने की कोशिशों के बावजूद, इस मेले ने साबित कर दिया कि भारत की असली पहचान शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और परस्पर सम्मान में निहित है। महाकुंभ मेला, जिसे पृथ्वी का सबसे बड़ा मानव समागम कहा जाता है, हिंदू धर्म के लिए एक अत्यंत पवित्र आयोजन है। हर बारह वर्षों में आयोजित होने वाला यह महायोगिक समागम गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं को स्नान एवं आस्था के महासंगम का साक्षी बनाता है। हालांकि, इस बार 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या) के दिन एक दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई और सैकड़ों श्रद्धालु घायल हो गए। इस कठिन समय में, प्रयागराज के मुस्लिम समुदाय ने अपनी सद्भावना और मानवता का परिचय देते हुए जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने घरों, मस्जिदों और दरगाहों के दरवाजे खोल दिए। भगदड़ से प्रभावित 25,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को जॉर्ज टाउन, नक्खास कोहना, खुल्दाबाद, बहादुरगंज और जानसेनगंज रोड जैसे इलाकों की मस्जिदों, दरगाहों और इमामबाड़ों में शरण दी गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने न केवल जरूरतमंदों को आश्रय दिया, बल्कि उनके लिए भंडारे (सामूहिक भोजन वितरण) का आयोजन भी किया। इनमें हलवा-पूरी, चाय, पानी और फलाहार जैसी व्यवस्थाएँ प्रमुख थीं, जिससे थके-मांदे श्रद्धालुओं को राहत मिली। यह सिर्फ एक सेवा कार्य नहीं था, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का एक जीवंत प्रमाण भी था, जो सदियों से इस देश में भाईचारे और मेल-जोल की भावना को पोषित करता आया है। इंसानियत और भाईचारे की मिसाल इस अवसर पर कई ऐसे प्रेरणादायक उदाहरण सामने आए, जिन्होंने दिखाया कि धर्म के नाम पर विभाजन की राजनीति कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन आम भारतीय लोगों की मानवीयता और सहिष्णुता हमेशा विजयी होती है। बहादुरगंज के निवासी इरशाद ने भावुक होकर कहा, “ये हमारे मेहमान थे, उनकी पूरी देखभाल करना हमारा कर्तव्य था।” वहीं, अपना चौक के शिक्षक मसूद अहमद ने कहा, “मुसलमानों ने कोई उपकार नहीं किया, बल्कि यह हमारा धार्मिक और नैतिक कर्तव्य था कि हम हिंदू श्रद्धालुओं की सहायता करें ताकि वे अपने धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण कर सकें।” सबसे प्रेरणादायक उदाहरणों में से एक रहा फरहान आलम का, जिन्होंने एक 35 वर्षीय श्रद्धालु राम शंकर की जान बचाई। राम शंकर को दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन फरहान ने बिना समय गंवाए CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देकर उनकी जान बचा ली। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। फरहान का यह साहसिक और निःस्वार्थ कार्य भारतीय समाज में मानवता और परस्पर सहयोग की सुदृढ़ भावना को उजागर करता है। अन्य प्रेरणादायक घटनाएँ महाकुंभ मेला 2025 में बुलंदशहर के मुसलमानों ने भी भाईचारे की मिसाल पेश की। वहाँ के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बन्ने शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाकर कुंभ के श्रद्धालुओं की सुरक्षा और मंगलकामना के लिए विशेष प्रार्थनाएँ कीं। वहीं, प्रयागराज में मुस्लिम भाईयों ने तीर्थयात्रियों का स्वागत फूलों और रामनामी अंगवस्त्र भेंट कर किया। यह एक ऐसा दृश्य था जिसने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की मूल आत्मा भाईचारे, आपसी सम्मान और सांस्कृतिक सौहार्द में निहित है। इसके अलावा, वसीउल्लाह मस्जिद के इमाम और स्थानीय लोगों ने रोशन बाग पार्क में तीर्थयात्रियों के लिए भोजन और पानी वितरण केंद्र स्थापित किया। यह पहल केवल एक सेवा कार्य नहीं थी, बल्कि इस्लाम की करुणा और सेवा भावना का प्रतीक भी थी। प्रोफेसर वी.के. त्रिपाठी: सौहार्द के संदेशवाहक इस मेले में प्रोफेसर वी.के. त्रिपाठी का योगदान भी उल्लेखनीय रहा। उन्होंने नफरत और भेदभाव को समाप्त करने का संदेश देते हुए हजारों लोगों के बीच शांति और सौहार्द के पर्चे बाँटे। उनका यह प्रयास दर्शाता है कि अगर समाज में कुछ लोग नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं, तो उससे कहीं अधिक लोग प्रेम और एकता का संदेश फैलाने में लगे हुए हैं। गंगा-जमुनी तहजीब की पुनर्स्थापना महाकुंभ मेला 2025 ने यह दिखाया कि कुछ लोग भले ही राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज को विभाजित करने की कोशिश करें, लेकिन भारत की असली ताकत इसके आम नागरिकों की एकता, प्रेम और सेवा भावना में ही निहित है। मुस्लिम समुदाय की उदारता, फरहान आलम की बहादुरी और प्रोफेसर त्रिपाठी का शांति संदेश – यह सभी घटनाएँ भारतीय समाज के मूलभूत मूल्यों की याद दिलाती हैं। भारत हमेशा से ही विविधता में एकता का प्रतीक रहा है। सिखों द्वारा लंगर सेवा, हिंदुओं द्वारा मुस्लिम त्योहारों में भागीदारी और मुसलमानों द्वारा कुंभ श्रद्धालुओं की मदद – ये सभी उदाहरण दिखाते हैं कि जब बात मानवता की आती है, तो धर्म, जाति और भाषा की सीमाएँ महत्वहीन हो जाती हैं। महाकुंभ मेला 2025 को सिर्फ एक धार्मिक आयोजन के रूप में नहीं, बल्कि भारत के बंधुत्व, सहिष्णुता और सामाजिक समरसता के उत्सव के रूप में भी याद किया जाएगा। ऐसे समय में जब हिंसा और कट्टरता के बीज बोने की कोशिशें हो रही हैं, प्रयागराज की जनता ने दिखा दिया कि असली धर्म दया, करुणा और सहयोग में निहित है। भारत एक ऐसा देश है जिसने विविध संस्कृतियों को आत्मसात कर अपने समाज को मजबूत बनाया है और यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी। महाकुंभ मेला 2025 न केवल आस्था का महापर्व था, बल्कि यह एक संदेश भी था कि जब दुनिया में नफरत बढ़ रही हो, तब प्रेम और भाईचारे की लौ को जलाए रखना ही सच्चा धर्म और सच्ची मानवता है। (लेखक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व सामाजिक मामलों के जानकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।)

कुनकुरी में सड़क निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार! गिट्टी-बालू-सीमेंट से ज्यादा मजबूत दिखा ठेकेदार-नेता-अधिकारी का गठजोड़

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जशपुर,07 जनवरी 2025 – घोड़े को लगाम लगाकर दौड़ाने की जगह घोड़े को ही लगाम दे दी जाय तो फिर क्या होगा?इस सवाल का जवाब आपको कुनकुरी जनपद पंचायत क्षेत्र में विकास रूपी घोड़े को देखने से मिल जाएगा। नेशनल हाइवे 43 के किनारे पंडरीपानी गाँव में कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र बना है जिसमें सीसीरोड नामक विकास का घोड़ा बेलगाम दौड़ा है।इस रोड के बारे में जानकारी मिली कि यह महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत 10 लाख से ज्यादा की लागत से बन रही है।यह निर्माण कार्य ग्राम पंचायत रेमते के अंतर्गत भाजपा से जुड़े कलिबा निवासी एक ठेकेदार के द्वारा बनवाया जा रहा है। जहाँ सब-इंजीनियर ने भी आंख मूंद ली है या फिर एडजस्टमेंट करने की डील बड़ी होगी तभी तो निर्माण कार्य के समय मौके पर नहीं दिखे। सरपँच श्रीमती सरिता तिर्की से फोन पर बात करने से उन्होंने बताया कि सीसीरोड तो बढ़िया बन रहा है।ठेकेदार अशोक यादव बनवा रहा है।निर्माण कार्य का कार्यादेश (work Order) नहीं देखी हूँ। वहीं जब पंचायत के सचिव अमर यादव से फोन पर जानकारी ली तो उन्होंने आवश्यक कार्य से बाहर होने की बात कही। अब इस सम्बन्ध में प्रभारी आरईएस एसडीओ पीटर से बात करने पर उन्होंने कहा कि सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है।स्टीमेट नहीं दिखाया। अब हम आपको तस्वीर दिखाते हैं – इस तस्वीर में सीसीरोड पर प्लास्टर चढ़ाया जा रहा है।वाईब्रेटर का कोई इस्तेमाल यहाँ नहीं हो रहा है।गिट्टी की बात करें तो सीसीरोड में 20 एमएम की जगह पूरा 30 एमएम से सीसीरोड बनाया गया है।सीमेंट,बालू का अनुपात 1:7 का डाला गया है जबकि 1:4 का होना बताया गया है।निर्माण करने से पहले बेस तैयार करने के लिए न मुरुम बिछाया गया,न तो रोलर चलाया गया और न ही लेबल किया गया।बस प्लास्टिक बिछाते हुए उसके ऊपर मनमाने ढंग से बिना वाईब्रेटर चलाये बनाया जा रहा है।मौके पर सूचना बोर्ड भी नहीं है जिससे निर्माण कार्य की  जानकारी यहां आनेवाले आम नागरिक,पत्रकार,अधिकारी को मिल सके। ऐसे में समझा जा सकता है कि विकासपुरुष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विधानसभा कुनकुरी में उनके सुशासन पर भ्रष्टाचार की कालिख़ पोतनेवाले क्यूँ इतना बेख़ौफ़ हैं?ग्रामीणों का कहना है कि रेमते पंचायत में घटिया निर्माण करनेवाले ठेकेदार भाजपा से जुड़े हैं जिनके सामने सरपँच-सचिव केवल चेक लेकर पैसा निकालने का काम करते हैं।अधिकारी-इंजीनियर का कोई नियंत्रण नहीं है।सालभर में सीसीरोड खराब हो जाते हैं।यह सड़क तो बनते ही खराब होने लगी है। देखिए –  

#justiceformukesh : प्रेस क्लब रायपुर ने सीएम साय से की मुलाकात,गृहमन्त्री विजय शर्मा पहुंचे प्रेस क्लब

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रायपुर,06 जनवरी 2025 – पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग को लेकर रायपुर प्रेस क्लब और वरिष्ठ पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते शाम 5 जनवरी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने भरोसा दिलाया कि मामले की गहन जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात रायपुर प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने कुछ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह जघन्य हत्याकांड बेहद गंभीर है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने त्वरित और निष्पक्ष जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी संदिग्ध पहलुओं पर गंभीरता से कार्रवाई होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी एवं अरविंद सोनवानी, कार्यकारिणी सदस्य सुधीर तम्बोली, वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा और पीसी रथ शामिल रहे। गृहमंत्री से संवाद रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा और संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों ने राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा को घटना की जानकारी दी। गृहमंत्री अपनी अन्य बैठक के कारण प्रारंभ में उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन बैठक समाप्त होते ही वे प्रेस क्लब पहुंचे। पत्रकारों ने एसआईटी में स्थानीय अधिकारियों के बजाय साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों को शामिल करने की मांग की। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “मुख्यमंत्री से चर्चा कर एसआईटी में बदलाव पर विचार किया जाएगा। जांच की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और हर बिंदु पर ध्यान दिया जाएगा। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।” श्रद्धांजलि सभा में जुटा पत्रकार समुदाय पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से पत्रकार समुदाय में गहरा आक्रोश है। रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में पत्रकार शामिल हुए और घटना की निंदा की। सभा में मांग की गई कि हत्याकांड की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता से की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। हम आपको बता दें कि पत्रकार मुकेश    चंद्राकर की हत्या के तीन आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं।मुख्य आरोपी, ठेकदार सुरेश चन्द्रकार अभी भी फरार है । मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की ओर से मिले आश्वासन के बाद पत्रकार समुदाय को उम्मीद है कि मामले में जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।पत्रकार साथी की हत्या से देशभर के पत्रकार एकजुट हैं।  

सेवानिवृत्त उप निरीक्षक एल.आर.चौहान को पुलिस विभाग ने दी भावभीनी विदाई

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सरगुजा,1 जनवरी 2025 – सरगुजा पुलिस विभाग ने सेवानिवृत्त उप निरीक्षक लोहरा राम के सम्मान में एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया।31 दिसम्बर की शाम जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में लोहरा राम के लंबे, ईमानदार और समर्पित सेवा कार्यकाल की सराहना की गई। पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा, “श्री लोहरा राम ने अपने कर्तव्यों का पालन न केवल ईमानदारी और निष्ठा के साथ किया, बल्कि संवेदनशील पुलिसिंग का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी सेवाओं से सरगुजा पुलिस को विशेष लाभ हुआ है। अब हमें उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके और उनके परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।” समारोह के दौरान लोहरा राम चौहान को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, सेवानिवृत्ति की सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें मौके पर ही पेंशन भुगतान आदेश (PPO) प्रदान किया गया। सेवानिवृत्त उप निरीक्षक के अनुभव साझा लोहरा राम चौहान ने अपने कार्यकाल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पुलिस सेवा में बिताए गए दिन उनके जीवन के सबसे मूल्यवान क्षणों में से एक रहे। उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद की अपनी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। सम्मान समारोह में वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों, निरीक्षक अंजू चेलक, मुख्य लिपिक निरीक्षक (एम) अजय गुहा, सहायक उप निरीक्षक संजय श्रीवास्तव सहित अन्य पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और श्री चौहान के परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन एक भावुक पल के साथ हुआ, जहां उनके सहकर्मियों और इष्टमित्रों ने उन्हें सामाजिक जीवन में प्रवेश करने पर शुभकामनाएं दीं। श्री चौहान ने सरगुजा जिले में आरक्षक पद से अपनी सेवा की शुरुआत की थी और उप निरीक्षक पद तक पहुंचने तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और परिश्रम के साथ किया।सरगुजा पुलिस ने उन्हें उनके उज्जवल और स्वस्थ भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।  

जशपुर: गोकुला मेला स्थल पर बरगद की डगाल काटने से विवाद, समिति ने वन रेंजर को बुलाने की मांग की

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जशपुर/कुनकुरी,26 नवम्बर 2024 – जशपुर जिले के कंडोरा स्थित गोकुला मेला स्थल में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला सामने आया है। मंच के सामने स्थित बरगद के पेड़ की डगाल काटे जाने से स्थानीय यदुवंशी समाज में आक्रोश फैल गया। डगाल काटने वाले व्यक्ति दिगंबर राम को गोकुला समिति के सदस्यों ने बंधक बना लिया और वन विभाग के रेंजर सुरेंद्र होता को मौके पर बुलाने की मांग की। कैसे हुआ विवाद? मामला तब बढ़ा जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के 30 नवंबर को लोधमा में प्रस्तावित नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच तैयारियों के तहत एक पेड़ की डगाल काटने का निर्देश दिया गया था। लेकिन रेंजर सुरेंद्र होता के स्टाफ ने गलती से कंडोरा स्थित गोकुला मेला स्थल के बरगद के पेड़ की तीन डगाल काट दी। रेंजर ने फोन पर सफाई देते हुए कहा कि यह गलती से हुआ है, क्योंकि टीम को लोधमा भेजने के बजाय कंडोरा भेज दिया गया। समिति की कड़ी आपत्ति बरगद के पेड़ को धार्मिक प्रतीक मानने वाले यदुवंशी समाज ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। गोकुला समिति के अध्यक्ष रवि यादव और सदस्यों हेमानंद यादव, गजानन यादव, निराकार यादव, और तेजराज यादव ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने रेंजर सुरेंद्र होता और उनकी टीम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन सतर्क, मामला शांत करने की कोशिश घटना के बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है। धार्मिक स्थल पर बरगद के वृक्ष की डगाल काटने से उपजे विवाद को शांत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह मामला कुनकुरी थाना क्षेत्र का है और पुलिस प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर सवाल यह घटना केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं है, बल्कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा है। बरगद का वृक्ष यदुवंशी समाज के लिए आस्था का केंद्र है। इसे काटे जाने से न केवल स्थानीय समाज बल्कि पूरे क्षेत्र में नाराजगी का माहौल बन गया है। प्रशासन को इस विवाद को सुलझाने के लिए फौरन कदम उठाने होंगे ताकि समाज में शांति बनी रहे और धार्मिक स्थलों के प्रति सम्मान कायम रहे।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सपत्नीक मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की

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रायपुर, 19 नवम्बर 2024// दंतेवाड़ा में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय और परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। पूजा-अर्चना के दौरान विधायक चैतराम अटामी, राज्य महिला आयोग की सदस्य ओजस्वी मण्डावी और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह सहित अन्य अधिकारीगण ने भी भाग लिया। मुख्यमंत्री ने मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेते हुए प्रदेश की जनता के लिए शांति और प्रगति की कामना की। इस धार्मिक आयोजन में उपस्थित जनसमूह ने भी देवी मां के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की और क्षेत्र में समृद्धि और विकास के लिए प्रार्थना की।  

खलिहान से पहले ही बिचौलियों तक कैसे पहुंच रहा धान? सरकार को चूना लगाने की कोशिश हुई फेल पढ़िए पूरी स्टोरी,,

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जशपुर, 18 नवंबर 2024 // जिले में अवैध धान परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर श्री रोहित व्यास के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। सन्ना में तहसीलदार, खाद्य निरीक्षक, आरआई और पटवारी की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर नीलेश कुमार गुप्ता के घर से 300 बोरी अवैध धान जब्त किया। सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में पाया गया कि भंडारित धान के संबंध में मालिक कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। कलेक्टर द्वारा गठित टास्क फोर्स और चेक पोस्टों पर निगरानी के कारण जिले में अन्य राज्यों से अवैध धान की आवक और फर्जी किसानों के नाम पर धान बिक्री की कोशिशों पर कड़ी रोकथाम की जा रही है। अवैध धान पर जिला प्रशासन सख्त कलेक्टर रोहित व्यास ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जिले में धान खरीदी अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिले की 21 चेक पोस्टों पर तीन पालियों में अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की गई है। वहीं, किसानों के खेतों से बाहर के स्रोतों से धान की खरीदारी की कोशिशों को नाकाम करने के लिए विशेष उड़नदस्ता टीम सतर्क है। ग्रामीणों की सूचना से मिली सफलता सन्ना की कार्रवाई में ग्रामीणों से मिली सूचना अहम रही। प्रशासन की अपील पर नागरिक अब अवैध गतिविधियों की जानकारी देने में सहयोग कर रहे हैं। इस सफलता के बाद कलेक्टर ने ग्रामीणों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अवैध धान भंडारण और परिवहन पर रोक लगाने के लिए जनभागीदारी अहम है। फर्जी किसानों पर भी कड़ी नजर प्रश्शासनिक अधिकारियों द्वारा इस बात की आशंका जताई गई थी कि कोचियों और बिचौलियों द्वारा अन्य राज्यों से लाए गए धान को स्थानीय किसानों के पंजीयन में खपाने की कोशिशें हो सकती हैं। इस संदर्भ में सन्ना की यह कार्रवाई एक कड़ा संदेश है कि प्रशासन ऐसी किसी भी गतिविधि को सफल नहीं होने देगा। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए अवैध धान व्यापारियों और बिचौलियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।  

केंद्रीय खेलमंत्री ने जशपुर के लिए की बड़ी घोषणा,MY Bharat के माटी के वीर पदयात्रा का सन्देश प्रधानमंत्री मोदी तक ऐसे पहुंचाया

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जशपुर,14 नवम्बर 2024 – पूरे देश में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में 15 नवम्बर को मनाया जाता है।जिसके पूर्व बीते कल 13 नवम्बर को जशपुर ज़िला मुख्यालय से लगे बालाछापर में माई भारत के 15 हजार से ज्यादा वालेंटियर्स मुख्य अतिथि डॉ. मनसुख मण्डाविया,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ लगातार 8 किलोमीटर तक माटी के वीर पदयात्रा में साथ चले।जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री श्री मण्डाविया ने अपने अनुभवों को सोशल मीडिया हैंडल X पर शेयर किया है। उन्होंने कहा है – जनजातीय गौरव को जन-जन तक पहुँचाने और जनजातीय समाज के वैभव, संस्कृति, जीवनशैली, महानायकों के योगदान का उत्सव मनाने हेतु आज छत्तीसगढ़ के जशपुर में @MYBharatGov के हमारे हज़ारों युवा साथियों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा #माटी_के_वीर पदयात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री @vishnudsai जी एवं अन्य साथी उपस्थित रहे। यात्रा के दौरान कदम-कदम पर जनजातीय समुदाय की विविध संस्कृति व जीवनशैली के अनेक पहलू देखने को मिले, जिन्हें MY Bharat के हमारे 15 हज़ार से अधिक युवा साथियों ने बेहद क़रीब से अनुभव किया। प्रधानमंत्री श्री @NarendraModi जी ने युवाओं से विकसित भारत में योगदान देने का आह्वान किया है, और इस यात्रा के दौरान युवाओं ने देश के प्रति समर्पित होकर राष्ट्र को आगे बढ़ाने का संकल्प भी लिया। मैंने आज जशपुर में खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा भी की है, ताकि यहाँ के जनजातीय युवाओं की प्रतिभा को और आगे बढ़ाया जा सके – खेल मंत्री मनसुख मंडाविया हमारा देश जनजातीय समुदाय के गौरवशाली योगदान का सदैव ऋणी रहेगा और हम इसका उत्सव मनाते रहेंगे। आने वाली 15 तारीख़ को भी जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। मैं भगवान बिरसा मुंडा जी को कोटि-कोटि नमन करता हूँ।