जशपुर,10 सितम्बर 2025 – ख्यातिप्राप्त मनोचिकित्सक डॉ. ग्रेस कुजूर मंगलवार को कांसाबेल विकासखंड के जुमईकेला स्थित डॉन बोस्को इंग्लिश मीडियम स्कूल और जनता हायर सेकेंडरी स्कूल की विशेष कार्यशाला में पहुँचीं। इस अवसर पर विद्यालयों के प्राचार्यों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
कार्यशाला में डॉ. ग्रेस ने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाते हुए बुद्धि बढ़ाने के कई उपयोगी टिप्स दिए। उन्होंने मोबाइल फोन के जिम्मेदाराना उपयोग की बात करते हुए कहा कि “मोबाइल को पढ़ाई और ज्ञान बढ़ाने का साधन बनाना चाहिए, न कि केवल मनोरंजन का।’’ साथ ही उन्होंने स्क्रीन टाइम को कम करने और उसका सही उपयोग करने के उपाय भी बताए।
डॉ. ग्रेस ने छात्रों को जीवन में लक्ष्य निर्धारण और मानसिक तैयारी पर जोर देते हुए कहा कि चाहे कोई भी सपना हो—डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस अधिकारी, शिक्षक या किसान बनने का—उसे हासिल करने के लिए पहले मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है। उन्होंने चेतन और अवचेतन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सरल भाषा में समझाते हुए बताया कि जब हम किसी लक्ष्य के बारे में लगातार सोचते हैं तो हमारा दिमाग उसी दिशा में काम करने लगता है।
इस अवसर पर डॉन बोस्को इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रिंसिपल पॉल तिर्की ने कहा कि “छात्र जीवन सीखने का काल है और इसे दिमाग से सीखा जाता है।” वहीं जनता हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल कांति तिर्की ने छात्रों को डॉ. ग्रेस की बातों को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी भी साझा की गई कि डॉ. ग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को समर्थन देने के लिए अपनी जीवनगाथा पर बन रही फिल्म ‘अर्पण’ को समर्पित किया है। मानसिक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले व्यक्तित्व आज के युग में विरले ही देखने को मिलते हैं।
आभार व्यक्त करने मंच पर पहुँची छात्रा आलिया ने कहा कि इस कार्यशाला ने विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच और लक्ष्य निर्धारण के प्रति एक नई दृष्टि दी।