कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के 350 विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा, जीवन व करियर पर हुई प्रभावशाली चर्चा
कुनकुरी(जशपुर), 11मई 2025
डॉन बॉस्को जुमईकेला शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे वार्षिक इंग्लिश स्पोकन कोर्स (1 मई से 31 मई) के अंतर्गत आयोजित व्यक्तित्व विकास और करियर गाइडेंस वर्कशॉप में ग्रामीण पुनर्वास कार्य प्रमुख मनोवैज्ञानिक डॉ. ग्रेस कुजूर ने छात्रों को जीवन निर्माण की प्रेरणादायक दिशा दी। कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के लगभग 350 छात्र-छात्राओं ने इस सत्र में भाग लेकर जीवन, शिक्षा और करियर की बारीकियों को समझा।
डॉ. ग्रेस ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से बच्चों को समझाया कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का जरिया नहीं, बल्कि एक अच्छा इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनने का आधार है। उन्होंने कहा, “हर कोई अच्छी जिंदगी चाहता है, लेकिन उसे जीने का तरीका सीखना होता है – और यही इस वर्कशॉप का उद्देश्य है।”
असफलता को बनाएं चुनौती, न कि बाधा
डॉ. ग्रेस ने छात्रों को 12वीं के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “फॉर्म भरिए, तैयारी कीजिए, अगर असफल भी हो गए तो हार मानने की जरूरत नहीं है — असफलता को चुनौती बनाइए और कहिए कि मैं सफल होकर ही रहूंगा।”
केवल विरासत नहीं, विकल्प को भी बनाएं अपना भविष्य
उन्होंने एक अहम संदेश देते हुए कहा, “अगर पढ़ाई नहीं करेंगे तो किसान का बेटा किसान और व्यापारी का बेटा व्यापारी बनता रहेगा। लेकिन पढ़ाई करने से आपको अपनी पहचान खुद बनाने का विकल्प मिलेगा। विरासत से आगे बढ़ने का यही रास्ता है।”
शिक्षा से ही बनेगा स्वस्थ समाज
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. ग्रेस ने शिक्षा और समाज के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य में सोचने, समझने और संवेदनशीलता की शक्ति होती है, जिसे शिक्षा सकारात्मक दिशा में मोड़ती है। उन्होंने कहा, “जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन – वैसे ही जैसा पढ़ेगा बालमन, वैसा बनेगा जीवन। आप देश का भविष्य हैं। अगर आपकी सोच सकारात्मक विकास की ओर बढ़ेगी तो आपका घर, गांव, समाज और देश सब मजबूत बनेंगे।”
यह वर्कशॉप डॉन बॉस्को सेंटर जुमईकेला द्वारा संचालित वार्षिक इंग्लिश स्पोकन कोर्स का हिस्सा है, जिसमें हर वर्ष की भांति इस बार भी विद्यार्थियों को व्यक्तित्व विकास व करियर गाइडेंस के लिए विशिष्ट वक्ताओं से मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। आयोजकों ने बताया कि 31 मई तक इसी तरह के उपयोगी सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इस सत्र को बहुउपयोगी बनाने के लिए समन्वयक फ़ा. पॉल तिर्की SDB, फा लिवेंस ऐंड SDB,शिक्षकगण सिस्टर नेहा कुजूर FMA, सिस्टर महिमा बारला FMA, ब्रदर बिपिन एक्का SDB, ब्रदर अर्पण तिर्की SDB, सिस्टर मार्था कुजूर FMA, ब्रदर अनिल टोप्पो,सहायक स्टाफ सिल्वेस्टर टोप्पो, लिबुन टोप्पो, अपोल केरकेट्टा सक्रिय हैं।