🟢 खबर जनपक्ष। शिक्षा संवाद | 23 जून 2025 🟢
📍 जशपुर, छत्तीसगढ़
जशपुर जिले में वर्ष 2022 की सीधी भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त सहायक शिक्षकों ने सोमवार को परीक्षा अवधि समाप्ति एवं सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी श्री पी.के. भटनागर को औपचारिक निवेदन पत्र सौंपा। शिक्षकों ने बताया कि 20 जून 2025 को उनकी तीन वर्ष की निर्धारित परीक्षा अवधि पूर्ण हो चुकी है, ऐसे में नियमानुसार उन्हें नियमित सेवा में शामिल किया जाए।
✅ शिक्षकों ने रखी यह प्रमुख मांगें:
परीक्षा अवधि समाप्ति की औपचारिक कार्रवाई शीघ्र पूरी की जाए।
नियमितीकरण आदेश जारी कर भविष्य की सेवाओं को स्थायित्व प्रदान किया जाए।
सेवा लाभ और शासकीय योजनाओं में पात्रता सुनिश्चित की जाए।
👥 ये शिक्षक रहे उपस्थित:
देवकी प्रधान, मुकेश कुमार, विजय पैंकरा, अंजना यादव, मधु पैंकरा, अनुपमा कुजूर, बांग्ला रात्रे समेत अन्य कई शिक्षक प्रतिनिधि इस मौके पर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों तक नियमों के पालन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य करने के बाद अब वे नियमित आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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🗣️ शिक्षकों का बयान:
देवकी प्रधान: “तीन वर्षों की सेवा में हमने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किए हैं, अब नियमितीकरण की प्रक्रिया समय पर होनी चाहिए।”
मधु पैंकरा: “परीक्षा अवधि समाप्ति का आदेश मिलने से शिक्षक समुदाय का मनोबल बढ़ेगा और सेवा के प्रति समर्पण और गहराएगा।”
मुकेश कुमार: “हमने कर्तव्यपरायणता से कार्य किया है, प्रशासन से उम्मीद है कि जल्द आदेश जारी होंगे।”
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📌 जिला शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया:
जिला शिक्षा अधिकारी श्री पी.के. भटनागर ने शिक्षकों की मांग को न्यायोचित और नियमसम्मत बताया। उन्होंने कहा—
“यह रूटीन प्रक्रिया है, शिक्षकों की तीन वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण हो चुकी है। हम शीघ्र आवश्यक कार्रवाई कर आदेश जारी करेंगे।”
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📢 प्रक्रिया का महत्व:
परीक्षा अवधि समाप्ति के आदेश से शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में नियमितता दर्ज होती है।
उन्हें शासकीय योजनाओं और लाभों का पात्र माना जाता है।
भविष्य की स्थिरता और पदोन्नति जैसे विषयों पर यह आदेश निर्णायक भूमिका निभाता है।
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📍जशपुर के सहायक शिक्षकों का यह सामूहिक प्रयास उनके अधिकारों के प्रति सजगता और एकजुटता को दर्शाता है।
अब सभी की निगाहें जिला शिक्षा विभाग पर टिकी हैं कि नियमितीकरण की दिशा में अगला कदम कब उठाया जाता है।
👉 शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, समयबद्ध कार्रवाई और शिक्षकों के मनोबल के लिए यह निर्णय अत्यंत आवश्यक है।
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📸 फोटो सौजन्य: शिक्षक प्रतिनिधिमंडल