मोंथा चक्रवात का असर अब भी जारी, मौसम विभाग ने फिर दी चेतावनी – कई जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट,जशपुर से आई तस्वीरें देखिए

मोंथा चक्रवात का असर अब भी जारी, मौसम विभाग ने फिर दी चेतावनी – कई जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट

 

रायपुर/जशपुर – चक्रवात मोंथा का असर अब तक खत्म नहीं हुआ है। मौसम विभाग ने बताया है कि छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में आज भी बारिश और गरज-चमक की संभावना बनी हुई है। कई जगहों पर तेज हवा चलने और बिजली गिरने का खतरा है।

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फोटो: लोरो घाटी में कोहरे और हल्की बारिश से विजिबिलिटी कम,लाइट जलाकर चलते वाहन

मौसम विभाग के अनुसार, मोंथा चक्रवात का असर इस समय पूर्वी विदर्भ और दक्षिण छत्तीसगढ़ के ऊपर एक निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में बना हुआ है, जो अब उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे में यह सिस्टम उत्तर छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्यप्रदेश की ओर बढ़कर एक नया दबाव क्षेत्र बना सकता है।

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फोटो: बालाछापर नेशनल हाईवे की तस्वीर

पिछले 24 घंटे में प्रदेश के कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई। बड़े बचेली में सबसे ज्यादा 6 सेमी, भोपालपटनम में 4 सेमी, कुसमी में 3 सेमी, जबकि कुटरू, गंगालूर, भैरमगढ़, दुर्गकोंदल और नारायणपुर में 2 सेमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा औंधी, सामरी, कांसाबेल, उसूर, मानपुर, जगदलपुर, ओरछा, बिहारपुर, कुआकोडा, कटघोरा और बुलबुला में हल्की वर्षा हुई।

 

जशपुर जिले में सुबह से कोहरा और हल्की बारिश देखने को मिली, जिससे विजिबिलिटी यानी दृश्यता कम हो गई। मौसम विभाग ने जशपुर, बलरामपुर और आसपास के इलाकों के लिए अगले 3 घंटे का अलर्ट जारी किया है। यहां बिजली गिरने, गरज के साथ बारिश और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना जताई गई है।

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फोटो: सुबह 10 बजे हैं,जशपुर शहर का मौसम कोहरे से ढका हुआ,स्ट्रीट लाइट जलते हुए

 

रायगढ़, कोरबा, गौरेला-पेंड्रा मरवाही, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर जिलों में भी मध्यम वर्षा की संभावना बताई गई है।

 

राजधानी रायपुर में आज पूरे दिन बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की बारिश हो सकती है। तापमान में भी गिरावट आएगी और अधिकतम तापमान करीब 23 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।

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फोटो: रणजीता स्टेडियम में राज्योत्सव की तैयारी में खराब मौसम का असर दिखता हुआ

 

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एक नवंबर तक उत्तर छत्तीसगढ़ यानी जशपुर, बलरामपुर और सरगुजा के इलाके में यह सिस्टम ज्यादा सक्रिय रहेगा। इसलिए किसानों और ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में बिजली गिरने के समय न जाएं और खुले में खड़े न रहें।