बुरी खबर: पेट्रोल पंप पर करंट लगने से तीन युवकों की दर्दनाक मौत, एक गंभीर रूप से घायल

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सावधान! आप घर को रौशनी से भर देने के लिए झालर लगा रहे हैं तो यह खबर पढ़ने के बाद जरूर सावधानी बरतें। पेट्रोल पम्प को दीपावली पर रौशनी से जगमगाने के लिए झालर लगाने में बड़ी लापरवाही बरती गई है। मुंगेली/सरगांव,29 अक्टूबर2024 – जिले के सरगांव थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें पेट्रोल पंप में झालर लगाते समय करंट लगने से तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। जानकारी के अनुसार, ये युवक पेट्रोल पंप पर दिवाली की सजावट के लिए झालर लगा रहे थे। अचानक बिजली की चपेट में आने से तीन युवकों की जान चली गई, और एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे की सूचना मिलते ही सरगांव पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है, वहीं प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं।  

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज रौतिया समाज के करमा महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने कंडोरा आएंगे

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जशपुर/कुनकुरी- आज दिनांक 27/10/2024 को दोपहर लगभग 1:00 बजे ग्राम पंचायत कंडोरा के (आम्बा बगीचा) में रौतिया समाज द्वारा, प्रदेश स्तरीय करमा महोत्सव अखिल भारतीय रौतिया विकास परिषद छत्तीसगढ़ प्रान्त के तत्वाधान में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, राजनांदगांव सांसद संतोष पाण्डे, बस्तर सांसद महेश कश्यप, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, पत्थलगांव विधायक श्रीमति गोमती साय, पूर्व संगठन मंत्री (भाजपा) रामप्रताप सिंह, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम के प्रान्तीय समिति एवं सदस्य, समाज बंधु गण शामिल होंगे। इस दौरान कम से कम 5000 करमा नर्तक, कलाकार कार्यक्रम में शामिल होंगे, वहीं कोरबा, जांजगीर, चांपा, बिलासपुर, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर एवं रायगढ़ जिले से भी लोग शामिल होंगे।

आदिकालीन प्रकृतिपूजक रौतिया समाज ने मनाया करमा पर्व,पारंपरिक वेशभूषा में पूरी रात जमकर नाचे,,देखें तस्वीरें

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जशपुर/कुनकुरी,24 अक्टूबर 2024 – अखिल भारतीय रौतिया समाज के कुनकुरी मंडल में जनजातीय समाज का पवित्र त्यौहार करमा महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया।यह पर्व करमा अर्थात कर्म देवता की आराधना करते हुए घर-परिवार,समाज,पृथ्वी के समस्त प्राणियों की सुख-समृद्धि की कामना करने का त्यौहार है।जिसमें सभी लोग करम वृक्ष की डगाल लाकर पूजा स्थल में गाड़ते हैं और रातभर लोकगीतों के साथ पारंपरिक वाद्ययंत्रों ( ढोलक,मांदर,नगाड़ा इत्यादि)बजाते हुए करम नृत्य करते हैं। अखिल भारतीय रौतिया समाज के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम रौतिया विशेष रूप से आज के युवाओं को अपनी प्राचीन लोकसंस्कृति, परम्परा, पूजा-पद्धति से जोड़ने के लिए रौतिया भवन पहुंचे हुए थे। दरअसल, रौतिया समाज कुछ गलतफहमियां और दस्तावेजों में हुई/की गईं त्रुटियों के कारण छत्तीसगढ़ में जनजाति समुदाय की सूची में नहीं जुड़ पाया।बीते तीन दशकों से इस विषय को लेकर समाज प्रमुखों के द्वारा सत्ता में बैठी राजनैतिक पार्टियों के सामने खुद को आदिवासी घोषित कराने के लिए लगातार प्रयास किया गया।पिछले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में भाजपा ने डबल इंजन की सरकार में समाज की मांग पूरी करने का भरोसा दिया था। अखिल भारतीय रौतिया समाज के कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मीनू सिंह कहते हैं कि हम वे आदिवासी हैं जिन्हें संविधान लागू होते समय सूचीबद्ध नहीं किया गया।1954 से इसके प्रयास शुरू हुए जो आज तक जारी है।वह अलग विषय है।हम यहां करम त्यौहार मनाने इकट्ठे हुए हैं।यह त्यौहार आधुनिकता के संक्रमण से छूट रहा था,जिसे हम पुनः गौरवशाली ढंग से स्थापित कर रहे हैं।27 अक्टूबर को कंडोरा आम बगीचा में राष्ट्रीय स्तर पर यह त्यौहार मनाने जा रहे हैं।

*मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने ग्रामीण महिलाओं के साथ किया करमा नृत्य*

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*पानी करमा के अवसर पर राज्य में अच्छी फसल और वर्षा के लिए की प्रार्थना *जशपुर, 20 अक्टूबर 2024/* मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बगिया स्थित निज निवास में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने स्थानीय ग्रामीण महिलाओं के साथ करमा त्यौहार मनाया। पानी करमा पर्व के अवसर पर नदी का जल अर्पण कर पीपल वृक्ष की पूजा करते हुए स्थानीय ग्रामीण महिलाओं के साथ करमा नृत्य में भाग लिया। ग्रामीणों के साथ मिल कर करम देवता की स्तुति करते हुए ग्राम एवं पूरे राज्य की खुशहाली और समृद्धि के साथ अंचल में अच्छी वर्षा की कामना के लिए अर्चना की। इस अवसर पर पूरे ग्राम की महिलाएं मुख्यमंत्री निवास में करम वृक्ष की डाल के साथ आईं जहां करमा वृक्ष की डाल को गाड़ कर सभी ने हर्षोल्लास से श्रीमती साय के साथ करमा नृत्य किया। इस अवसर पर श्रीमती कौशल्या साय ने बताया कि दशहरा के बाद स्थानीय महिलाएं इंद्र देवता को प्रसन्न कर ग्राम एवं प्रदेश में अच्छी वर्षा की कामना लेकर पानी करमा पर्व मनातीं हैं। इस अवसर पर दिन भर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और जंगल से करमा वृक्ष की लकड़ी लाकर हमारे निवास में नदी से जल लाकर पीपल वृक्ष के नीचे जल अर्पण कर पूजा करतीं है और इसके पश्चात ग्राम में जाकर रात भर पूजा आराधना एवं करमा नृत्य करतीं हैं। उन्होंने आज करम त्यौहार और करवाचौथ पर सभी को बधाई देते हुए बताया कि पतिदेव अभी दरिमा से निकले हैं।दो घण्टे बाद पहुंचेंगे तब तक करवाचौथ की तैयारी कर लूँगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की,देखें तस्वीरें

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जगदलपुर, 15 अक्टूबर 2024: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर के राजवाड़ा परिसर स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। उन्होंने प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री के साथ बस्तर दशहरा के माटीपुजारी कमल चंद भंजदेव, वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागांव विधायक लता उसेंडी, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने भी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर पूर्व सांसद, विधायक, पार्षदगण, क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि तथा बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा समेत जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के इस धार्मिक यात्रा का उद्देश्य बस्तर दशहरा की परंपराओं का सम्मान करना और प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना था।  

मुख्यमंत्री साय ने बस्तर दशहरा के लिए “दसराहा पसरा” का किया लोकार्पण, जनजातीय संस्कृति की विशिष्ट धरोहर का हुआ संरक्षण

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जगदलपुर, 15 अक्टूबर,2024 – छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा उत्सव के लिए समर्पित “दसराहा पसरा” का लोकार्पण किया, जो बस्तर की जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। 2 करोड़ 99 लाख 78 हजार की लागत से जीर्णोद्धारित इस स्थल का उद्देश्य बस्तर दशहरा की विभिन्न रस्मों और रीति-रिवाजों को सहेजकर पर्यटकों और आमजन को सुलभ जानकारी प्रदान करना है। मुख्यमंत्री साय ने मुरिया दरबार में शामिल होने के दौरान, दंतेश्वरी मंदिर के समीप पुराने तहसील कार्यालय को “दसराहा पसरा” के रूप में पुनर्निर्मित कर जनजातीय परंपराओं का सम्मान किया। उन्होंने बस्तर दशहरा की रस्मों के प्रतीकात्मक रथ, देवी-देवताओं के प्रतीकों और प्रदर्शनी की सराहना की, और फोटो प्रदर्शनी के समीप फोटो खिंचवाई। यह स्थल बस्तर दशहरा उत्सव के 75 दिवसीय समारोह में होने वाली प्रमुख रस्मों जैसे पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा और अन्य महत्वपूर्ण परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगा। बस्तर दशहरा न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देशभर में अनूठी पहचान रखने वाला त्योहार है, जो बस्तर के जनजातीय समुदायों की देवी-देवताओं के प्रति आस्था और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने इस पहल को बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और विश्व पटल पर बस्तर की परंपराओं को प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागांव विधायक लता उसेण्डी, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, महापौर सफीरा साहू और अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधियों के साथ कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस. और एसपी शलभ सिन्हा मौजूद रहे। बस्तर दशहरा, बस्तर की जनजातीय संस्कृति की समृद्ध धरोहर को संरक्षित करने और उसे दुनिया के सामने लाने का एक महान आयोजन है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट परंपराओं और रीति-रिवाजों को जीवंत बनाए रखता है।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बस्तर एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत, दशहरा उत्सव में होंगे शामिल

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जगदलपुर, 15 अक्टूबर 2024 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा भव्य और आत्मीय स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री साय विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए वनमंत्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरणदेव, कोंडागांव विधायक लता उसेण्डी, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, महापौर सफीरा साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक संतोष बाफना, लच्छुराम कश्यप, सुभाऊ कश्यप सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे। इसके साथ ही बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., सीसीएफ़ आरसी दुग्गा, कलेक्टर हरिस एस., और एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री साय का बस्तर दशहरा के कार्यक्रम में शामिल होना क्षेत्र के लोगों के लिए गर्व की बात है, जहां वे बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बनेंगे।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लैलूंगा में उरांव करमा महोत्सव में की कई घोषणाएं

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रायगढ़, 14 अक्टूबर 2024 / लैलूंगा में आयोजित उरांव समाज के करमा महोत्सव में आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय विशेष रूप से शामिल हुए। उनका हेलिकॉप्टर कुंजारा हैलीपैड पर लैंड हुआ, जिसके बाद वे सड़क मार्ग से सीधे इंद्रप्रस्थ मिनी स्टेडियम पहुंचे और उरांव समाज को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्टेडियम के जीर्णोद्धार के लिए 40 लाख रुपए, उरांव समाज भवन के निर्माण के लिए 49 लाख रुपए, और बास्केटबॉल स्टेडियम के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अन्य विकास कार्य भी जल्द ही पूरे किए जाएंगे। अपने भाषण में मुख्यमंत्री साय ने उरांव जनजाति के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उनकी संस्कृति और परंपराओं की सराहना की। इस अवसर पर उरांव समाज के नेताओं ने मुख्यमंत्री को रोहतासगढ़ किले की तस्वीर भेंट की, जो उरांव जनजाति के राजा का किला था और जहां से उन्होंने मुगलों के खिलाफ युद्ध किया था। मंच पर हिंदू स्वाभिमानी सूर्य की उपाधि प्राप्त प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया और उरांव समाज के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।  

गिनाबहार में ईसाई उरांव समाज ने करम त्यौहार मनाया,आदिवासी परम्परा से पूजा सम्पन्न

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 जशपुर/कुनकुरी 13 अक्टूबर2024 – आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में इन दिनों करम त्यौहार की धूम मची हुई है।गिनाबहार में निर्माणाधीन उरांव सामाजिक भवन के सामने कुनकुरी क्षेत्र के ईसाई उरांव जनजाति के लोगों ने पवित्र करम त्यौहार मनाया। उरांव समाज के एमेरियुस लकड़ा ने करम त्यौहार के बारे में बताया कि यह उरांव जनजाति के उन युवाओं के लिए खास त्यौहार है जो विवाह योग्य हो गए हैं।करम गाड़ने की विधि बताते हुए कहा कि पहले अखड़ा(नृत्य स्थल) की साफ-सफाई की जाती है,जिसे गोबर से लिपाई कर पूजा के लिए तैयार किया जाता है।इसके बाद उपवास किये हुए कुंवारे युवक-युवतियां जंगल जाते हैं और करम वृक्ष के नीचे इकट्ठा होकर हल्दी पानी छिड़ककर स्थल शुद्धिकरण किया जाता है।फिर कुंवारा युवक करम वृक्ष की डाल काटता है जिसे जमीन में गिरने से पहले ही कुंवारी युवतियां उसे अपने हाथों में ले लेती हैं।इसके बाद विधि-विधान से अखड़ा में करम डाल गाड़ा गया।इसके बाद करम पर्व से जुड़ी कथा कुँड़ुख़ भाषा ( उरांव जनजाति की भाषा) में कही गई। उन्होंने आगे बताया कि दिन भर उपवास रहते हुए करम राजा के चारों ओर नृत्य करते हैं।शाम को उपवास तोड़ने के बाद पाहन करम डाल को उखाड़ते हैं और फिर कुंवारी लड़कियां उन्हें लेकर पास के नदी-तालाब में ले जाकर विसर्जन किया गया। इस आयोजन में ईसाई आदिवासी महासभा के जिलाध्यक्ष वाल्टर कुजूर, उरांव समाज के शिक्षाविद डॉ. किशोर एक्का,अनिमानन्द,हेमंत, रॉबर्ट,दिलीप केरकेट्टा,अलमा सहित बड़ी संख्या में युवक-युवती,महिला-पुरुष शामिल होकर मांदर की थाप पर नृत्य करते दिखे।

सड़क पर अघोरियों का अभ्यंकर प्रदर्शन, खेल मैदान में भव्य आतिशबाजी, मुख्य अतिथि कौशल्या साय ने कहा – रामराज्य का सपना हमारे आपके विष्णु सरकार पूरा कर रहे हैं

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जशपुर/कुनकुरी,13 अक्टूबर 2024 – दशहरा का पर्व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के मुख्य आतिथ्य में भारी आतिशबाजी के साथ मनाया गया।शहर में 4 स्थानों पर मां दुर्गा विराजीं थीं।जिन्हें बड़ी सुंदर झांकियों के साथ तालाब में विसर्जित किया गया। जशपुर जिले के हृदयस्थल कुनकुरी शहर में इस बार नवरात्र पर ऐतिहासिक कार्यक्रम हुए।जिसका आनंद नगरवासियों ने खूब उठाया।सनातन दुर्गा पूजा समिति ने शिव मंदिर प्रांगण में दुर्गा पंडाल सजाया था।जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम,रास गरबा नृत्य का आयोजन किया गया।नवरात्रि के अंतिम दिन आयोजको ने प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।वहीं माँ दुर्गा की झांकी निकली तो अघोरी रूप में कानपुर से आये कलाकारों का प्रदर्शन देखकर नगरवासी महाकाल की जय जयकार करने लगे।शक्ति की आराधना के दृश्य रोंगटे खड़े कर दे रहे थे। बजरंगनगर दुर्गा पूजा समिति ने शहर के इतिहास में पहली बार माँ गंगा आरती का भव्य आयोजन किया।सप्तमी के दिन विसर्जन तालाब के घाट पर बनारस से आये पुजारियों ने गंगा आरती की,जिसे देखने पूरा शहर उमड़ पड़ा था। हम आपको बता दें कि कुनकुरी खेल maidan में सालों से रावण दहन का आयोजन किया जाता है।जिसमें इस बार 60 फीट का रावण बनाया गया। रावण दहन समिति के अध्यक्ष महेश त्रिपाठी ने बताया कि छाल के कारीगरों ने बड़ा सुंदर रावण बनाया।आतिशबाजी के लिए विशेष तौर पर राऊरकेला से बमबाज बुलाये गए जिनकी आतिशबाजी देखकर दर्शकों को खूब आनंद मिला। खेल मैदान में रावण दहन कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि श्रीमती कौशल्या साय ने अपने संबोधन में कुनकुरी विधानसभा के लोगों को दशहरा पर्व की बधाई दी।उन्होंने लोगों से राम का आचरण जीवन मे उतारने की बात कही।साथ ही नारी शक्ति का सम्मान करने को कहा।साथ ही मुख्यमंत्री बिष्णुदेव साय की ओर से सभी को दशहरा पर्व की बधाई और शुभकामना संदेश दिया। सनातन पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष गुप्ता ने बताया कि कुनकुरी धर्मनगरी है।यहां का दशहरा पर्व देखने सभी धर्म-समाज के लोग बड़े उत्साह से आते हैं।इस बार कानपुर से आये कलाकारों ने भगवान शिव के अघोरी रूप में उनकी कई कहानियों को नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाया।बारिश के बावजूद खेल मैदान में लोग भर गए।इसके साथ ही मैदान के चारो ओर हजारों लोग मकानों की छतों पर खड़े होकर कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया।