दिल्ली के ताज होटल में बैठा था शातिर ठगों का सिंडिकेट, छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस बनी ‘मंत्रालय का अफसर’, रची ऐसी स्क्रिप्ट कि फंस गए दोनों
जशपुर, 08 मई 2025
क्या आपने कभी सोचा है कि कोई पुलिस टीम फिल्मी स्टाइल में सादी वर्दी में, नकली मंत्रालय अफसर बनकर दिल्ली के ताज होटल में ठगों से मीटिंग करे और उन्हें रंगे हाथों दबोच ले? जी हां, जशपुर पुलिस ने ऐसा ही कर दिखाया है। 150 करोड़ की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय ठगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने चाल चली – और ठगों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया – “जैसे को तैसा!”
ठगों का ‘बंटी-बबली स्टाइल’ गैंग
अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड रत्नाकर उपाध्याय और उसकी पत्नी अनीता उपाध्याय, जिन्होंने खुद को ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ का डायरेक्टर बताकर देशभर में व्यापारियों को करोड़ों का चूना लगाया, अब सलाखों के पीछे हैं। इन ठगों ने CSR फंड और सरकारी टेंडर के नाम पर व्यापारियों को सपने दिखाए, और फिर उनसे सिक्योरिटी मनी, प्रोसेसिंग चार्ज और एडवांस पेमेंट ले डकार गए।
पत्थलगांव के व्यापारी ने तोड़ी चुप्पी, पुलिस ने बुनी जाल
पत्थलगांव के व्यापारी अमित अग्रवाल ने जब इनकी ठगी का शिकार होने की शिकायत की, तो जशपुर पुलिस एक्टिव हुई। एसएसपी शशि मोहन सिंह के डायरेक्शन में एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम दिल्ली रवाना हुई। लेकिन ये कोई आम गिरफ्तारी नहीं थी – ये था ‘ऑपरेशन मंत्रालय’! हालांकि एसएसपी शशिमोहन सिंह ने क्लियर किया है कि इस ऑपरेशन का कोई नाम नहीं रखा है।
पुलिस अफसर बना ‘मंत्रालय का अफसर’, मॉडल को बनाया असिस्टेंट
पुलिस ने अनीता उपाध्याय से खुद को मंत्रालय का अफसर बताते हुए 1000 करोड़ की सप्लाई का झांसा दिया और होटल ताज में मीटिंग फिक्स की। भरोसा जमाने के लिए दिल्ली में एक लोकल मॉडल को हायर कर उसे नया कोट-पैंट पहनाया, उसे मंत्रालय का ‘असिस्टेंट’ बताया गया। अनीता चकमा देने की बहुत कोशिश करती रही, पर पुलिस की एक्टिंग इतनी परफेक्ट थी कि वो मीटिंग के लिए तैयार हो गई।
रत्नाकर को ढूंढा, पीछा किया, और… पकड़ लिया!
मीटिंग के दौरान अनीता से रत्नाकर का संपर्क करवाया गया, और पुलिस की तकनीकी टीम ने रत्नाकर के मोबाइल को ट्रेस कर लिया। लोकेशन बार-बार बदलते रत्नाकर को पकड़ना आसान नहीं था। मगर आखिरकार सागरपुर के मेडिकल स्टोर के पास उसे एसडीओपी ध्रुवेश ने दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के वक्त उसने जोर से चिल्लाकर कहा – “मेरा अपहरण हो रहा है!” लेकिन पुलिस पहले से ही दिल्ली पुलिस को अलर्ट कर चुकी थी।
हंगामा, मारपीट और फिर गिरफ़्तारी
गिरफ्तारी के दौरान रत्नाकर और अनीता दोनों ने एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल पर हाथापाई करने की कोशिश की, पर अफसर ने गर्दन नहीं छोड़ी। दिल्ली पुलिस के आने तक आरोपी पुलिस की पकड़ में ही रहे। इस बहादुरी पर रेंज आईजी दीपक झा ने टीम को नकद इनाम देने की घोषणा की है।
अब बारी संपत्ति की – करोड़ों की कमाई, जांच जारी
पुलिस जांच में सामने आया है कि ठगों के पास लखनऊ में 24 फ्लैट, दिल्ली में 2 फ्लैट और एक 2.5 करोड़ की रेंज रोवर है। अनुमान है कि अब तक ये गिरोह देशभर में 150 करोड़ से ज़्यादा की ठगी कर चुका है। पुलिस विवेचना में जुट गई है।