*प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की उन्नति जय जवान-जय किसान के नारे को कर रही है सार्थक : विष्णु देव साय*

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*प्रदेश के किसानों की ओर से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का जताया आभार* *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त* *छत्तीसगढ़ के 24 लाख 98 हजार से अधिक किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि के 566 करोड़ 77 लाख रुपए अंतरित* रायपुर 05 अक्टूबर 2024// प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के वाशिम जिले से देश के लगभग 9 करोड़ 40 लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त के रूप में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 18वीं किस्त के ऑनलाइन अंतरण कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 18वीं किस्त के रूप में प्रदेश के 24 लाख 98 हजार से अधिक किसानों के खातों में 566 करोड़ 77 लाख रुपए से अधिक की राशि अंतरित होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। श्री साय ने इस मौके पर प्रदेश के किसानों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 17 वीं किश्त की तुलना में इस बार 66 हजार 485 अधिक किसानों ने योजना का लाभ उठाया है। इससे पहले भी 16 वीं किश्त की तुलना में 17वीं किश्त का लाभ उठाने वाले किसानों की संख्या 01 लाख 11 हजार 518 अधिक थी। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किश्त-दर-किश्त लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी होना इस बात का प्रमाण है कि भारत के कृषि क्षेत्र में कितनी तेजी से प्रगति हो रही है। यह मोदी सरकार पर किसानों के मजबूत भरोसे का भी प्रमाण है। श्री साय ने कहा कि 18 वीं किश्त के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के जो किसान भाई-बहन आज लाभान्वित हो रहे हैं, उनमें 02 लाख 49 हजार 867 वन-पट्टा धारक हैं और 30 हजार 408 किसान पीवीटीजी योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में किसानों की उन्नति जय जवान-जय किसान के नारे को सार्थक कर रही है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री  लखनलाल देवांगन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा,  ईश्वर साहू, गुरु खुशवंत साहेब और डॉ. रामप्रताप मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए PM किसान सम्मान निधि योजना के लाभ को बढ़ाने के दिए निर्देश,किसान अनिल ने कहा – ‘मदद से हम किसानों को मिली मजबूती’

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जशपुर, 28 सितंबर 2024 मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं। यह योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में दी जाती है, जिससे वे अपनी खेती-बाड़ी के कामों को बेहतर ढंग से कर सकें। जशपुर जिले के कांसाबेल विकास खंड के किसान अनिल राम को इस योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “किसान सम्मान निधि से मुझे खेती करने में बड़ी आर्थिक सहायता मिली है। इस योजना का लाभ उठाकर मैं अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित कर पा रहा हूँ।” मुख्यमंत्री श्री साय के सुशासन में यह योजना सीधा किसानों तक पहुंच रही है, जिससे छोटे किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए लाभदायक है जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है। योजना का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और कृषि विकास को बढ़ावा देना है। इसके तहत किसानों के बैंक खातों में सीधे राशि ट्रांसफर की जाती है, जिससे वे बिना किसी परेशानी के खेती-बाड़ी के लिए आवश्यक संसाधन जुटा सकें। अन्य लाभ इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है। यह पहल न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र को भी सशक्त बना रही है। किसान सम्मान निधि योजना, किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, और प्रदेश के किसान इसे सराहनीय पहल मानते हैं।  

*’मोदी है तो सम्भव है’ पुस्तक का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया विमोचन* *रामेश्वर वैष्णव द्वारा रचित है पुस्तक

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रायपुर, 22 सितंबर 2024/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार रात रायपुर स्थित निवास कार्यालय में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, गीतकार रामेश्वर दास वैष्णव द्वारा रचित पुस्तक ’मोदी है तो सम्भव है’ का विमोचन किया। विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुस्तक के लेखक रामेश्वर दास वैष्णव को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में प्रत्येक क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए हैं। साथ ही देश के प्रत्येक वर्ग का सर्वांगीण विकास हुआ है। ऐसे में उन्होंने साहित्यिक रचना हेतु पुस्तक के लेखक को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को अलग अंदाज में मुक्तकों के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री के प्रेस ऑफिसर आलोक सिंह, सुप्रसिद्ध रंगकर्मी अनिल शर्मा, लेखक विजय मिश्रा ’अमित’, सतीश शर्मा, पत्रकार योगेश मिश्रा, प्रमोद मिश्रा, हेमंत शर्मा उपस्थित रहे।

*पीएम विश्वकर्मा योजना भारत के हजारों वर्ष पुराने कौशल को विकसित भारत के लिए इस्तेमाल करने का एक रोड मैप हैः प्रधानमंत्री  मोदी*

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*प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विडियो क्रांफेसिंग से वर्धा में आयोजित पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत एक लाख लाभार्थियों को वितरण किया ई-स्किल प्रमाण पत्र* *जिला परियोजना लाईवलीवुड कॉलेज के प्रशिक्षित 400 शिल्पकारों को भी पीएम विश्वकर्मा योजनांतर्गत मिला प्रमाण-पत्र* जशपुरनगर 20 सितम्बर 2024/ प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज वर्धा में आयोजित प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत विडियो क्रांफेसिंग के माध्यम से एक लाख लाभार्थियों को डिजिटल आईडी कार्ड एवं सर्टिफिकेट का वितरण किया। इसके साथ ही उन्होंने एक लाख लाभार्थियों को ई-स्किल प्रमाण पत्र का वितरण और 75 हजार लाभार्थियों को ऋण का भी वितरण किया। जिला परियोजना लाईवलीवुड कॉलेज परिसर जशपुर में आयोजित पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत यहां प्रशिक्षण प्राप्त 400 लाभार्थियों को भी ई-स्किल प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शांति भगत ने लाभार्थियों को प्रभाण पत्र का वितरण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना केवल सरकारी प्रोग्राम भर नहीं है। ये योजना भारत के हजारों वर्ष पुराने कौशल को विकसित भारत के लिए इस्तेमाल करने का एक रोड मैप है। इतिहास में भारत की समृद्धि के कितने ही गौरवशाली अध्याय देखने को मिलते हैं। इस समृद्धि का बड़ा आधार हमारा पारंपरिक कौशल, उस समय का हमारा शिल्प, हमारी इंजीनियरिंग, हमारा विज्ञान था। हम दुनिया के सबसे बड़े वस्त्र निर्माता थे। हमारा धातु-विज्ञान, हमारी मेटलर्जी भी विश्व में बेजोड़ थी। उस समय के बने मिट्टी के बर्तनों से लेकर भवनों की डिजाइन का कोई मुकाबला नहीं था। इस ज्ञान-विज्ञान को कौन घर-घर पहुंचाता था? सुतार, लोहार, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, चर्मकार, बढ़ई-मिस्त्री ऐसे अनेक पेशे, ये भारत की समृद्धि की बुनियाद हुआ करते थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा योजना की एक और विशेषता है। जिस स्केल पर, जिस बड़े पैमाने पर इस योजना के लिए अलग-अलग विभाग एकजुट हुए हैं, ये भी अभूतपूर्व है। देश के 700 से ज्यादा जिले, देश की ढाई लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतें, देश के 5 हजार शहरी स्थानीय निकाय, ये सब मिलकर इस अभियान को गति दे रहे हैं। इस एक वर्ष में ही 18 अलग-अलग पेशों के 20 लाख से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा गया। सिर्फ साल भर में ही 8 लाख से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों को स्किल ट्रेनिंग मिल चुकी है। अब तक साढ़े 6 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं। इससे उनके उत्पादों की क्वालिटी बेहतर हुई है, उनकी उत्पादकता बढ़ी है। इतना ही नहीं, हर लाभार्थी को 15 हजार रुपए का ई-वाउचर दिया जा रहा है। अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपए तक लोन भी मिल रहा है। मुझे खुशी है कि एक साल के भीतर-भीतर विश्वकर्मा भाइयों-बहनों को 1400 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा समाज, इन पारंपरिक कार्यों में लगे लोग केवल कारीगर बनकर न रह जाएँ! बल्कि मैं चाहता हूं, वे कारीगर से ज्यादा वो उद्यमी बनें, व्यवसायी बनें, इसके लिए हमने विश्वकर्मा भाई-बहनों के काम को एमएसएमई का दर्जा दिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और एकता मॉल जैसे प्रयासों के जरिए पारंपरिक उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि ये लोग अपने बिज़नस को आगे बढ़ाएँ, ये लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन का हिस्सा बनें। उल्लेखनीय है कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत जिला में अब तक 22 हज़ार से अधिक लोगों का पंजीकरण किया गया है। जिसमें से 6 हज़ार लोगों की तृतीय स्तर की स्क्रीनिंग की जा चुकी है एवं परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जशपुर के द्वारा 530 शिल्पकारों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जशपुर के द्वारा 5 ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें दर्जी, लोहार, बढ़ई, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई एवं झाड़ू निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 40 घंटे का प्रशिक्षण एवं आधुनिक मशीनों से परिचित कराया जाता है। प्रशिक्षुकों को रहने एवं खाने के भत्ते के रूप में 4 हज़ार रुपयों के साथ 15 हज़ार रुपयों का टूलकीट एवं प्रशिक्षण पूर्ण करने का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण उपरांत 3 लाख रुपये तक का कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है जिसपर किसी प्रकार की बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं होती है। इस अवसर पर नगरपालिका उपाध्यक्ष श्री राजेश गुप्ता, लाईवलीवुड कॉलेज के प्राचार्य श्री अमरनाथ धमगया, जिला व्यापार एवं उद्योग के महाप्रबंधक  एम.एस. पैकरा, पीमएम योजना के लाभार्थी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोग मौजूद थे।