हिमालय अभियान पर निकली जशपुर की युवा टीम,कलेक्टर रोहित व्यास ने दी शुभकामनाएं

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जशपुर, 31 अगस्त 2025/ जशपुर से एक विशेष पर्वतारोहण दल हिमालयी अभियान के लिए रवाना हुआ है। दल में शामिल जशपुर के युवा पर्वतारोही हैं – रवि सिंह, तेजल भगत, रूसनाथ भगत, सचिन कुजुर और प्रतीक नायक। इस अभियान का एक और महत्वपूर्ण पहलू है – आदिवासी संस्कृति और उसकी जड़ों से जुड़ाव। जशपुर की पहचान उसकी समृद्ध जनजातीय परंपराओं, प्रकृति-आधारित जीवनशैली और सामूहिकता की भावना से है। हिमालय की ऊँचाइयों पर इन युवाओं का पहुँचना केवल एक खेल उपलब्धि नहीं बल्कि इस बात का प्रतीक है कि कैसे आदिवासी समाज अपनी सांस्कृतिक ताकत और प्रकृति से गहरे रिश्ते को लेकर दुनिया के सामने खड़ा हो रहा है। दल के सदस्य अपनी संस्कृति और साहस अपने साथ लिए हिमालय की ओर बढ़ रहे हैं।   यह अभियान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन से संचालित हो रहा है। दल जशपुर से रांची के लिए रवाना हुआ, जहां से वे ट्रेन द्वारा दिल्ली पहुँचेंगे। दिल्ली से आगे टीम जगतसुख पहुँचेगी, जहाँ वे 4 सितम्बर तक की प्रक्रिया पूरी करेंगे। इसके बाद 5 सितम्बर को टीम आधार शिविर (Base Camp) की ओर प्रस्थान करेगी।   दल को विदा करने के लिए जशपुर जिला प्रशासन एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। जशपुर कलेक्टर श्री रोहित व्यास, जशपुर के डीएफओ श्री शशि कुमार, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार और एसडीएम श्री विश्वास मस्के ने टीम को शुभकामनाएँ दीं और उनके सुरक्षित एवं सफल अभियान की कामना की।   इस अवसर पर कलेक्टर श्री व्यास ने कहा कि जशपुर की युवा प्रतिभाएँ इस अभियान के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले और प्रदेश का नाम रोशन करने में योगदान प्रदान कर रही हैं। वहीं डीएफओ श्री शशि कुमार ने इसे जिले की उभरती खेल एवं साहसिक गतिविधियों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। विशेष रूप से, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जो स्वयं एक अनुभवी पर्वतारोही हैं, ने दल के युवाओं को पर्वतारोहण और ट्रेकिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने सुरक्षा उपायों, ऊँचाई पर स्वास्थ्य प्रबंधन और टीम भावना की अहमियत पर बल देते हुए बच्चों को प्रेरित किया।   जशपुर के लोग भी इस अभियान को लेकर उत्साहित और गर्वित हैं। साथ ही स्थानीय जय जंगल कंपनी जो इस एक्सपीडिशन के स्पान्सर में से एक है, के संस्थापक समर्थ जैन का कहना है कि यह दल पूरे जिले के लिए प्रेरणा है और आने वाली पीढ़ियों को पर्वतारोहण तथा साहसिक खेलों की ओर अग्रसर करेगा। जगह-जगह लोग बच्चों के हौसले और साहस की चर्चा कर रहे हैं और सभी को उम्मीद है कि वे हिमालय से सफलता और गौरव की नई कहानियाँ लेकर लौटेंगे।   इस अभियान का नेतृत्व पर्वतारोही स्वप्निल राचेलवार एवं राहुल ओगरा कर रहे हैं।   साथ ही इस अभियान का एक और महत्वपूर्ण संदेश है – पर्यावरण संरक्षण और नशामुक्ति की दिशा में जागरूकता। यह पहल न केवल युवाओं को प्रकृति से जोड़ने का कार्य करेगी, बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। हिमालय अभियान से यह संदेश भी जाएगा कि साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी जा सकती है। इससे न केवल जशपुर बल्कि पूरे राज्य में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

बड़ी खबर: बच्चे चप्पल पहनकर स्कूल आए तो प्रिंसिपल ने कहा – भागो यहां से,अभिभावकों में रोष,लोयोला हाईस्कूल का मामला

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रिपोर्ट – संतोष चौधरी जशपुर/कुनकुरी, 2 अगस्त – एक तरफ सरकार हर बच्चे को शिक्षा दिलाने की कोशिश में करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विधानसभा से ही ऐसी तस्वीर सामने आई है जो न केवल अमानवीय है बल्कि “शिक्षा का अधिकार कानून” (RTE Act, 2009) की खुलेआम अवहेलना है। दरअसल, जशपुर जिले के कुनकुरी स्थित प्रतिष्ठित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल, जहां से खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पढ़ाई की है, वहां शनिवार को कुछ छात्रों को सिर्फ इसलिए स्कूल से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि वे बारिश में भीगने के कारण जूते नहीं पहन सके और चप्पल पहनकर आ गए थे। बताया गया कि शुक्रवार को स्कूल से लौटते समय बारिश के चलते कई बच्चों के जूते भीग गए। शनिवार को जब वे सूखे नहीं तो मजबूरी में बच्चों ने चप्पल पहनकर स्कूल आना उचित समझा, पर प्रिंसिपल फादर सुशील टोप्पो ने इसे “अनुशासनहीनता” मानते हुए बच्चों को स्कूल परिसर से बाहर निकाल दिया। छात्र हर्ष राम (कक्षा 9वीं) का कहना है – “हमने पहले भी देखा है कि पुराने प्रिंसिपल हमारी परिस्थितियों को समझते थे, लेकिन नए प्रिंसिपल बहुत सख्त हैं। आज हम लोग को बिना पढ़ाई के घर भेज दिए।बहुत खराब लग रहा है।” वहीं अभिभावक विष्णु राम और श्रवण यादव ने इसे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन बताया और जिला प्रशासन से मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है। क्या कहता है कानून? “शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009” (Right to Education Act) के तहत कोई भी स्कूल 6 से 14 वर्ष की आयु के किसी भी बच्चे को इस तरह शिक्षा से वंचित नहीं कर सकता। यूनिफॉर्म संबंधी नियमों के पालन में लचीलापन आवश्यक है, विशेषकर जब मामला गरीब परिवारों या प्राकृतिक परिस्थितियों से जुड़ा हो। प्रिंसिपल ने रखा अपना पक्ष इस घटना के बारे में जब हमने लोयोला हाईस्कूल हिंदी मीडियम के प्रिंसिपल फादर सुशील तिग्गा से बात की तो उन्होंने यह स्वीकार किया कि बिना जूता पहने स्कूल आने वाले छात्रों को बिना आवेदन के क्लास में बैठने नहीं दिया जाता।सुशील ने बताया कि हमने बच्चों को जुलाई तक रियायत दी थी।आज तीन छात्र मेरे पास आए थे,उन्होंने बारिश में जूता भींगने की बात बताई थी तो मैने उन्हें आवेदन देने को कहा था लेकिन उन्होंने आवेदन नहीं दिया और स्कूल से बाहर चले गए। प्रशासन से अपील इस मामले की जानकारी मिलने पर कई अभिभावकों ने कहा – “यह मामला न सिर्फ संवेदनशील है, बल्कि कानूनन भी गलत है। ज़रूरत है कि जिला शिक्षा अधिकारी, बाल संरक्षण आयोग और प्रशासन इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराए और बच्चों को पुनः शिक्षा से जोड़ा जाए। साथ ही स्कूल प्रशासन को निर्देशित किया जाए कि बच्चों की समस्याओं को मानवीय दृष्टिकोण से समझें।”

बिलासपुर गांव में दबंगई: धार्मिक-सामाजिक अशांति फैलाने और सीसी रोड पर कब्जा कर मकान निर्माण का आरोप, ग्रामीणों ने पट्टा निरस्तीकरण की उठाई मांग

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जशपुर/कुनकुरी, 24 जुलाई 2025/ कुनकुरी विधानसभा अंतर्गत ग्राम पंचायत रेंगारघाट के आश्रित ग्राम बिलासपुर में झूलन राम चौहान पिता स्व. गुरबारु राम द्वारा किए जा रहे मकान निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि झूलन राम न केवल सीमेंट-कांक्रीट (सीसी) सड़क से सटाकर मकान बना रहा है, बल्कि गांव में धार्मिक और सामाजिक अशांति भी फैला रहा है। ग्रामीणों ने 8 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगीचा में आवेदन प्रस्तुत कर शासन से मांग की है कि झूलन राम को प्रदाय किया गया आवासीय पट्टा शासन के नियमों के विरुद्ध है और इसे तत्काल निरस्त किया जाए। मुख्यमंत्री को सौंपे गए आवेदन में ग्रामीणों ने जो बिंदु प्रस्तुत किए, वे इस प्रकार हैं— झूलन राम को दिया गया पट्टा गलत तरीके से जारी हुआ है। वह जिस वार्ड का निवासी है, वह प्लॉट उस क्षेत्र में नहीं आता। मकान निर्माण सीसी रोड से बिल्कुल सटा हुआ है और दूसरी ओर सड़क किनारे बोर खनन भी किया गया है, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। वहीं गांव में धार्मिक-सामाजिक वातावरण को बिगाड़ने की नियत से लगातार दबाव और टकराव की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। ग्राम पंचायत व तहसील स्तर पर शिकायतों के बावजूद झूलन राम किसी भी निर्णय का पालन नहीं कर रहा है। उसके पास पहले से ही ग्राम बिलासपुर में 2.1920 हेक्टेयर और मकरिबन्धा (दुलदुला) में 1.7200 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। वह हर साल 73 क्विंटल से अधिक धान का उत्पादन कर मंडी में बिक्री करता है। वर्ष 2024-25 में उसने 72 क्विंटल मोटा धान बेचकर सरकार से ₹1,55,892.50 की राशि प्राप्त की है, जो प्रमाण सहित है। टीप स्वरूप तीन और गंभीर आरोप लगाए गए हैं— 1. झूलन राम ने ईब नदी से लगी हुई लगभग 3 एकड़ भूमि पर भी अवैध कब्जा कर रखा है। 2. गांव के स्थायी निवासी और पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ संतोष भगत पर झूठा आरोप लगाया गया है कि वह गांव वालों को भड़का रहा है, जबकि गांव वाले इसके साक्षी हैं कि यह आरोप निराधार है। 3. तहसील और पंचायत स्तर से प्राप्त आवेदन की प्रतिलिपि भी सलग्न की गई है। *आवेदन के बाद की स्थिति:* 8 जुलाई 2025 को यह आवेदन सीएम कैंप बगिया में दिया गया। इस आवेदन पर तहसीलदार स्तर पर जांच हुई है, जिससे डरकर झूलन राम अब सड़क के ऊपर बनाए छज्जे को तोड़ा है, लेकिन सड़क से मकान नहीं हटाया है। ग्रामीणों ने इस बात का प्रमाण खबर जनपक्ष को देते हुए बताया कि खरीफ वर्ष 2024-25 में झूलन ने 72 क्विंटल मोटा धान बेचकर सरकार से ₹1,55,892.50 प्राप्त किया है। ऐसे में उसे भूमिहीन कैसे माना जाए? अब ग्रामीणों ने झूलन की करतूतों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीणों की स्पष्ट मांग है कि शासन इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए तत्काल उक्त विवादित पट्टा को निरस्त करे ताकि ग्राम का सामाजिक सौहार्द बना रह सके। राजनीतिक संदर्भ में भी मामला संवेदनशील उल्लेखनीय है कि यह वही ग्राम बिलासपुर है, जो कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र में आता है और जहां वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बंपर वोट मिला था।भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में यह चिंता है कि यदि शासन को गुमराह कर बड़े किसान को लाभ पहुंचाने वाले इस पट्टे को निरस्त नहीं किया गया, तो इसका सीधा नुकसान पार्टी को आगामी चुनाव में हो सकता है।

गलत खाते में ट्रांसफर हुए पैसे चार महीने बाद लौटे, खाताधारिका ने बैंक अधिकारियों का जताया आभार – खाताधारकों के लिए सीख: ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में सावधानी बरतें

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जांजगीर-चांपा,16 मई  2025 – जिले की एक महिला खाताधारिका रितु लक्ष्मीनारायण शुक्ला के साथ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान एक छोटी सी चूक ने उन्हें मानसिक तनाव में डाल दिया। रितु अपने वॉलेट से बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में 25,500 रुपये ट्रांसफर कर रही थीं, लेकिन अकाउंट नंबर की एक अंक की गलती के कारण ये राशि गुजरात निवासी सुनील भाई लड्डू कुमार के खाते में चली गई। रितु का अकाउंट नंबर 54860100003062 था, लेकिन उन्होंने गलती से 5489 से शुरुआत कर दिया जो सुनील भाई का खाता 4589100003062 से मेल खा गया और पैसे ट्रांसफर हो गए। पैसे लौटाने के लिए रितु ने कई बार निवेदन किया, लेकिन 4 महीने तक उन्हें टालमटोल कर मानसिक रूप से परेशान किया गया। बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा, चांपा के हेड कैशियर आजाद सिंह और क्लर्क सुमिता साहा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गुजरात के बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर गिरीश कुमार राठौर से संपर्क किया। तीनों की समन्वित कोशिशों से संबंधित खाते को होल्ड किया गया और अंततः रितु को उनकी रकम 25,500 रुपये वापस मिल गई। रितु शुक्ला ने इन सभी अधिकारियों का दिल से आभार जताया और कहा, “इनकी मदद के बिना मुझे मेरी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिलती। मैं सभी खाताधारकों से अपील करती हूं कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय हर अंक की सावधानीपूर्वक जांच करें।” खाताधारकों के लिए सावधानी के टिप्स: ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करते समय अकाउंट नंबर दो बार जरूर जांचें। IFSC कोड और नाम का मिलान संभव हो तो करें। गलती से ट्रांसफर हो जाए तो तुरंत संबंधित बैंक शाखा में लिखित शिकायत दें। बैंकिंग फ्रॉड की स्थिति में साइबर सेल की मदद लें। यह मामला उन सभी खाताधारकों के लिए एक सीख है जो डिजिटल ट्रांजैक्शन करते हैं कि छोटी सी गलती से बड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन समय रहते सही प्रयास से समाधान भी संभव है।

भीख मांगती सुमित्रा बाई और सोती सरकार — मयूरचुंदी में जनकल्याण योजनाओं की पोल खुली,अंत्योदय का नारा यहां कैसे हुआ फेल? मरे विपक्ष के कारण गिद्धों की मौज

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जशपुर/दुलदुला, 6 मई – “जब पेट भूखा हो, बच्चे रोते हों, और सरकार चुप — तब सवाल उठता है कि किसके लिए बने हैं ये योजनाएं?” दुलदुला विकासखंड के मयूरचूंदी पंचायत की सुमित्रा बाई,आज गांव-गांव घूमकर भीख मांगने को मजबूर है। हाथ में अंत्योदय का राशन कार्ड है, पर पेट खाली। दो छोटे बच्चों के साथ यह विधवा महिला अब सरकारी दुकानों के आगे नहीं, बल्कि गांववालों के दरवाजे पर झोली फैला रही है। यह एक महिला की नहीं, पूरे सिस्टम की विफलता की कहानी है। राशन कार्ड है, चावल नहीं — यह कैसा न्याय? सुमित्रा को अप्रैल में केवल चना मिला, चावल देने से मना कर दिया गया। कई बार दुकान गई, मिन्नतें कीं, लेकिन जवाब मिला – “चावल नहीं है।” क्या यही है ‘जनकल्याणकारी राज्य’ का चेहरा? सत्ता-तंत्र की संवेदनहीनता एक ओर सरकारें करोड़ों के विज्ञापन देती हैं – “हर गरीब को मिलेगा राशन” – वहीं जमीनी हकीकत सुमित्रा बाई जैसे हजारों लोगों की चीख बनकर उठती है, जिसे कोई सुनने को तैयार नहीं। जनप्रतिनिधि खामोश, अफसर नदारद पंचायत से लेकर जनपद तक, कोई जवाबदेही नहीं। जिन प्रतिनिधियों को सुमित्रा ने चुनकर भेजा, वे आज सत्ता की गर्मी में गुम हैं।जब सरपँच ही दुकानदार है तो सुमित्रा भला उम्मीद किससे करेगी? एक ही सवाल — कब मिलेगा न्याय? पंचायत के लोगों ने कहा कि “हम मांग करते हैं कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और सुमित्रा बाई जैसे हर जरूरतमंद को तत्काल राशन उपलब्ध कराया जाए।” बड़ी बात सुमित्रा को न तो सुशासन तिहार के बारे में जानकारी है न ही आवेदन कैसे बनता है,यह वो जानती है। ऐसी सामान्य महिलाएं हों या पुरुष जिनके दर्द को जब विपक्ष भी नहीं समझता तो ऐसे मरे विपक्ष के कारण पंचायती गिद्ध तो मौज उड़ाएंगे ही। तो,सुमित्रा की यह करुण कहानी आपको कैसी लगी? कमेंट करके बताइए ताकि आपके कमेंट से ऐसी और कहानियां ढूंढकर खबर ज़नपक्ष आपके सामने लाता रहेगा।

कुनकुरी हॉलीक्रॉस अस्पताल पर गंभीर आरोप: गलत इंजेक्शन से महिला का बायाँ पैर हुआ बेकार, परिजनों ने किया हंगामा

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कुनकुरी (जशपुर) 29 अप्रैल 2025 – जिले के बड़े चैरिटी वाला हॉलीक्रॉस अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिरता नजर आ रहा है। बनकोम्बो गांव की 42 वर्षीय चित्रलेखा यादव ने अस्पताल पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन दिए जाने से उनका बायां पैर काम करना बंद कर चुका है। पीड़िता और परिजनों का कहना है कि यह घटना 15 अप्रैल को हुई जब वह यूरिन इंफेक्शन के इलाज के लिए हॉस्पिटल गई थीं। चित्रलेखा ने मीडिया को बताया कि हॉलीक्रॉस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उन्हें पैर मोड़कर कमर के नीचे इंजेक्शन दिया गया। कुछ ही देर बाद जब वह बिस्तर से उठकर पेशाब करने जा रही थीं तो उनका बायां पैर काम करना बंद कर गया। 26 अप्रैल को जब वह दोबारा अस्पताल गईं तो बताया गया कि डॉक्टर मौजूद नहीं हैं। आज, 29 अप्रैल को जब वह फिर से पहुंचीं, तो डॉक्टर ने माना कि गलत इंजेक्शन लग गया है और अब न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना पड़ेगा। इस लापरवाही से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। पीड़िता के पति दिनेश यादव ने बताया कि उनकी पत्नी पहले बिलकुल ठीक थीं और स्कूटी चलाकर बच्चों को स्कूल छोड़ने भी जाती थीं। अब हालत ऐसी हो गई है कि घर की स्थिति और बिगड़ रही है। पीड़िता के भाई अक्षय यादव ने बताया कि इलाज के दस्तावेज मांगे जाने पर अस्पताल ने पेपर देने से इनकार कर दिया, जिससे उनका गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए पेपर छीन लिया और अब मामले की सूचना कुनकुरी थाना में देकर राउरकेला में बेहतर इलाज के लिए रवाना हो गए हैं। अस्पताल ने किया आरोपों से इनकार इस पूरे मामले पर हॉलीक्रॉस अस्पताल की अधीक्षिका डॉ. दीपशिखा ने बताया कि चित्रलेखा 15 अप्रैल को ओपीडी में आई थीं और सामान्य इलाज हुआ था। वह भर्ती नहीं थीं और पैरालाइज होने की बात पूरी तरह गलत है। डॉ. दीपशिखा का कहना है कि इंजेक्शन के बाद दर्द बढ़ सकता है, लेकिन इतनी दिनों के बाद आकर इस तरह का आरोप लगाना समझ से परे है। पहले भी विवादों में रहा हॉलीक्रॉस गौरतलब है कि इससे पहले भी हॉलीक्रॉस कई मामलों को लेकर विवादों में रहा है।महीने भर के भीतर इसी कैम्पस में संचालित हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज पर धर्मांतरण की कोशिश जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं, जिसके बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था। अब इस नए मामले से एक बार फिर अस्पताल सवालों के घेरे में आ गया है। बता दें कि जशपुर ही नहीं, झारखंड और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों के मरीजों के लिए भी यह मिशन अस्पताल नाम से मशहूर अस्पताल एक बड़ी सुविधा का केंद्र रहा है। ऐसे में इलाज में लापरवाही से भविष्य में और भी बड़ा जन आक्रोश खड़ा कर सकता है। देखना यह होगा कि यह मामला चिकित्सा लापरवाही के दायरे में जांच के लिए जाएगा या फिर केवल एक खबर बनकर रह जायेगा।

हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में धर्मांतरण के प्रयास का आरोप, जांच में जुटी प्रशासनिक टीम — मामला गरमाया, सियासी हलचल तेज

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जशपुर, 5 अप्रैल 2025: जिले के कुनकुरी स्थित हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज पहली बार विवादों में घिर गया है। कॉलेज में अध्ययनरत एक छात्रा द्वारा धर्मांतरण के प्रयास की शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर रोहित व्यास ने 3 अप्रैल को इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित की, जो लगातार तीन दिनों से जमीनी पड़ताल में जुटी हुई है। जांच टीम ने पीड़िता छात्रा और मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही कॉलेज प्रशासन से बहुत सारे दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। 5 अप्रैल को टीम ने कॉलेज की प्राचार्या विंसी जोसफ़ से घंटों पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, टीम को जांच के दौरान कई प्रशासनिक अनियमितताएं और दस्तावेजीय विसंगतियाँ भी मिली हैं। मामले को दबाने की कोशिश,चर्च से जुड़े लोगों की भूमिका पर उठे सवाल जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इस पूरे घटनाक्रम में चर्च से जुड़े कुछ लोगों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ रही है। खबर है कि कुछ प्रभावशाली लोग मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं।पुख़्ता खबर है कि मुख्य गवाह को धमकियां मिल रही है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर पूरी की जाएगी। मामले में विश्व हिंदू परिषद और राजपरिवार कूदा घटना के सामने आते ही विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष करणैल सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है। वे लगातार हिन्दू समाज की बैठकों का नेतृत्व कर रहे हैं और एक बड़े जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मुद्दे पर राजपरिवार के सदस्य विजय आदित्य सिंह जूदेव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यदि धर्मांतरण जैसे कार्यों पर तत्काल रोक नहीं लगी, तो हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में तालाबंदी की जाएगी। उनका यह बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया में उबाल,कार्रवाई की मांग हुई तेज सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर जनता की प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। धर्मांतरण जैसे संवेदनशील विषय पर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। समिति जांच रिपोर्ट कलेक्टर को कल सौंप सकती है सूत्रों के मुताबिक, जांच समिति को अब तक की जांच में कई अहम सबूत और गवाहियों की जानकारी मिली है। संभावना जताई जा रही है कि समिति 6 अप्रैल को कलेक्टर रोहित व्यास को अपना विस्तृत जांच प्रतिवेदन सौंप सकती है, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई संभव है।

हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी में धर्म परिवर्तन का दबाव, छात्रा का आरोप – जिला प्रशासन से की शिकायत,विहिप ने दी चेतावनी

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जशपुर,02 अप्रैल 2025 – बड़ी खबर कुनकुरी से सामने आई है जहाँ हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी की एक छात्रा ने कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा का कहना है कि कॉलेज की प्रिंसिपल सिस्टर विंसी जोसेफ द्वारा उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया और मना करने पर मानसिक प्रताड़ना दी गई। कलेक्टर जशपुर को छात्रा ने अपने शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि वह कॉलेज में  नर्सिंग कोर्स के अंतिम वर्ष की छात्रा है और उसे फर्स्ट ईयर में दाखिले के लगभग 3 महीने बाद से ही सिस्टर विंसी द्वारा धर्म परिवर्तन कर नन बनने के लिए बार-बार दबाव डाला गया। जब उसने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो प्रबंधन ने उसके साथ भेदभाव करना शुरू कर दिया। छात्रा ने आरोप लगाया कि 01 अप्रैल 2024 को उसे हॉस्टल से निकाल दिया गया और कॉलेज परिसर में प्रवेश से भी रोका गया। इसके बाद उसे पढ़ाई और वार्षिक परीक्षा से वंचित करने की कोशिश की गई। जब उसने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही तब जाकर उसे परीक्षा में बैठने दिया गया, लेकिन प्रबंधन ने उसे प्रैक्टिकल परीक्षा से बाहर रखने की कोशिश की।सिस्टर विंसी छात्रा का शैक्षणिक जीवन खराब कर रही है। छात्रा ने इस उत्पीड़न के खिलाफ जशपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। छात्रा ने एएसपी शशिमोहन सिंह को भी शिकायत की एक कॉपी सौंपी है। छात्रा ने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगी। इस शिकायत के बारे में जैसे ही हिन्दू संगठन विश्व हिंदू परिषद के जिला प्रमुख करनैल सिंह को जानकारी मिली तो उन्होंने इस विषय को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।करनैल सिंह ने कहा कि ” शिक्षा और सेवा को धर्मान्तरण का हथियार बनाने वाली मिशनरी संस्था में एक गरीब हिन्दू लड़की को नन बनाने के लिए उसे धर्मपरिवर्तन करने के लिए प्रताड़ित करने से सर्व हिन्दू समाज आहत है।यदि कलेक्टर ,एसपी इस विषय पर तत्काल कार्रवाई कर दोषी संस्था को बंद करते हुए धर्मांतरण करने के लिए छात्रा को फेल करने तक कि साजिश रचनेवाली संस्था प्रमुख को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो हमें मजबूरन सड़क पर उतरना होगा।” इस मामले में ख़बर ज़नपक्ष हॉलीक्रॉस नर्सिंग कालेज प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश कर रहा है ,जैसे ही उनका पक्ष सामने आता है,पाठकों तक तत्काल पहुंचाया जाएगा।

कलेक्टर और एसएसपी का सराहनीय प्रयास: जेल, नशा मुक्ति केंद्र और बाल संरक्षण गृह का किया निरीक्षण

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जशपुर, 31 मार्च 2025 – जशपुर जिले में कानून-व्यवस्था और समाज कल्याण को मजबूत करने के लिए कलेक्टर रोहित व्यास और एसएसपी शशि मोहन सिंह लगातार सक्रिय हैं। हाल ही में उन्होंने जिला जेल, नशा मुक्ति केंद्र और बाल सम्प्रेक्षण गृह का आकस्मिक निरीक्षण किया, जहां उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लेकर सुधार के महत्वपूर्ण निर्देश दिए। जेल में सुरक्षा और सुधार पर विशेष ध्यान कलेक्टर और एसएसपी ने जिला जेल का निरीक्षण कर बंदियों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने कैदियों को ईद और चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और उन्हें सही राह पर लौटने की प्रेरणा दी। जेल में भोजन की गुणवत्ता, चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। कलेक्टर ने बंदियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन देने, गंभीर रूप से बीमार कैदियों का इलाज सुनिश्चित करने और जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए। नशा मुक्त समाज की ओर कदम इसके बाद कलेक्टर और एसएसपी ने नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण किया, जहां नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों को एक माह तक इलाज और काउंसलिंग दी जाती है। अधिकारियों ने भर्ती मरीजों को नशे से पूरी तरह दूर रहने की सलाह दी और समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि घर लौटने के बाद इन व्यक्तियों की ट्रैकिंग की जाए, ताकि वे पुनः नशे की चपेट में न आएं। बच्चों के भविष्य को संवारने की पहल कलेक्टर रोहित व्यास ने बाल सम्प्रेक्षण गृह और बालिका खुला आश्रय गृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और खेल-कूद गतिविधियों की समीक्षा की। बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने, कौशल विकास में प्रशिक्षित करने और खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया गया। कलेक्टर ने बच्चों को बैडमिंटन, बैट और बॉल उपहार स्वरूप भेंट किए, जिससे बच्चे उत्साहित हुए और उन्होंने कलेक्टर को धन्यवाद दिया। बहरहाल,इन तीनों स्थानों के निरीक्षण से कहा जा सकता है कि जिला प्रशासन केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज सुधार की दिशा में भी ठोस कदम उठा रहा है।

जशपुर: पंचायत चुनाव में लापरवाही पर तीन शासकीय कर्मचारी निलंबित

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जशपुर: पंचायत चुनाव में लापरवाही पर तीन शासकीय कर्मचारी निलंबित जशपुर, 20 फरवरी 2025 – त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2024-25 के दौरान लापरवाही बरतने पर तीन शासकीय कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने सख्त कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों के निलंबन आदेश जारी किए। पीठासीन अधिकारी नशे की हालत में पाए गए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय जशपुर में निर्वाचन सामग्री वितरण के दौरान पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात प्रधान पाठक श्री जुनास खलखो और व्याख्याता श्री गणेश कुमार मंडल नशे की हालत में पाए गए। चिकित्सकीय परीक्षण में उनके शराब के सेवन की पुष्टि हुई, जिससे वे ड्यूटी करने की स्थिति में नहीं थे। यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-23 का उल्लंघन माना गया, जिसके चलते दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। 70 दिनों तक ड्यूटी से गायब रहे पटवारी वहीं, तहसील फरसाबहार में पदस्थ पटवारी श्री विजय कुमार श्रीवास्तव को मतदाता सूची की मॉर्ड कॉपी तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन, वे बिना किसी पूर्व अनुमति के 2 दिसंबर 2024 से 10 फरवरी 2025 (कुल 70 दिन) तक अपने कर्तव्य से अनुपस्थित रहे। रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। इसे निर्वाचन प्रक्रिया में घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें भी निलंबित कर दिया गया। तत्काल प्रभाव से निलंबन कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में श्री जुनास खलखो और श्री गणेश कुमार मंडल का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कांसाबेल तथा श्री विजय कुमार श्रीवास्तव का मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) फरसाबहार निर्धारित किया गया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निर्वाचन कार्य में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।