धर्मांतरण मामले में सड़क पर उतरे लोग, हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या की गिरफ्तारी की मांग तेज,हिंदू संगठनों ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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जशपुर/कुनकुरी, 10 अप्रैल 2025 – हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या विंसी जोसफ पर धर्मांतरण की कोशिश के आरोप के बाद कुनकुरी में आज धार्मिक आक्रोश फूट पड़ा। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के बैनर तले बुधवार को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। सलियाटोली के नर्सरी से जयस्तंभ चौक तक निकली जनाक्रोश रैली का नेतृत्व संत राकेश महाराज ने किया। रैली जब हॉलीक्रॉस अस्पताल के पास पहुंची, तो कुछ देर के लिए उसे रोक दिया गया और आक्रोशित युवाओं ने नारेबाजी शुरू कर दी । स्थिति तनावपूर्ण होते देख पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए सड़क पर बैठे कार्यकर्ताओं को हटाया और रैली को आगे बढ़ाया। भीड़ ने कुनकुरी थाने के सामने भी प्राचार्या विंसी जोसफ की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान धर्मांतरण में लिप्त संस्थाओं पर ताला लगाने के नारे भी लगे। जय स्तंभ चौक पर रैली सभा में बदली, जहां संत राकेश महाराज ने कहा कि “हमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार पर पूरा भरोसा है, लेकिन जब एफआईआर दर्ज हो चुका है, तो अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?” उन्होंने प्रशासन से जल्द गिरफ्तारी की मांग की। सभा के पश्चात प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम कुनकुरी को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। रैली को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर रहे। शहर में जगह-जगह फोर्स की तैनाती की गई थी। हालांकि, विश्वस्त सूत्रों के अनुसार आयोजक 10 हजार लोगों की भीड़ जुटाने के अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके, लेकिन मुख्यमंत्री की विधानसभा में इस तरह हिंदू संगठनों का सड़कों पर उतरना स्थानीय राजनीति और सामाजिक वातावरण में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। रैली में विजय आदित्य सिंह जूदेव, संतोष सहाय, भाजपा जिलाध्यक्ष भरत सिंह समेत बीजेपी के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे। इस मामले ने कुनकुरी में धार्मिक और राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। अब सभी की नजरें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

धर्मातरण की कोशिश पर गरजे विजय आदित्य सिंह जूदेव, कल कुनकुरी में विहिप-बजरंगदल का विशाल प्रदर्शन

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कुनकुरी (जशपुर),09 अप्रैल 2025 – जिले के कुनकुरी स्थित नर्सिंग कॉलेज में एक हिंदू छात्रा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस प्रकरण को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने संयुक्त रूप से गुरुवार, 10 अप्रैल को कुनकुरी में बड़े पैमाने पर धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। बजरंग दल के जिलाध्यक्ष विजय आदित्य सिंह जूदेव ने इसे “सनातन संस्कृति पर सीधा हमला” बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए जूदेव ने कहा, “छात्राओं को शिक्षा की आड़ में मतांतरण के जाल में फंसाने की कोशिश बेहद निंदनीय है। यह केवल एक छात्रा की बात नहीं, बल्कि हमारे धर्म और संस्कृति पर सुनियोजित हमला है। हम इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने जानकारी दी कि 10 अप्रैल को दोपहर 12 बजे सलियाटोली स्थित नर्सरी से एक विशाल रैली निकाली जाएगी, जिसमें जिलेभर से हजारों सनातन धर्मावलंबी शामिल होंगे। यह रैली जय स्तंभ चौक पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपेगी, जिसमें नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य विंसी जोसेफ की गिरफ्तारी और विवादित संस्था की मान्यता रद्द करने की मांग की जाएगी। धरना-प्रदर्शन का समापन बाजारडांड़ स्थित स्व. दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा स्थल पर होगा, जहां विशेष रूप से आचार्य राकेश भी शामिल होंगे। विजय आदित्य ने आगे कहा, “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच के लिए कमेटी तो बना दी है, लेकिन सनातन समाज यह जानना चाहता है कि जांच रिपोर्ट में क्या सामने आया और अब तक क्या कार्रवाई हुई है?” उन्होंने प्रशासन से जिले में कार्यरत सभी मिशनरी संस्थाओं की गहन जांच कर मतांतरण से जुड़ी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

धर्म नगरी कुनकुरी में 45 जैन साध्वियों का ऐतिहासिक पदार्पण, गाजे-बाजे और अश्रुधारा के साथ हुआ भव्य स्वागत

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कुनकुरी, जशपुर 6 अप्रैल 2025 छत्तीसगढ़ की पावन धर्मनगरी कुनकुरी शनिवार 5अप्रैल को आध्यात्म और तप के अनुपम दृश्य का ऐतिहासिक साक्षी बना, जब 45 जैन साध्वियों का विशाल संघ नगर में पदार्पित हुआ। आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्य समयसागर जी महाराज की प्रमुख शिष्या, आर्यिका श्री गुरु मति माता जी एवं आर्यिका दृण मति माता जी के नेतृत्व में यह संघ तीर्थराज सम्मेद शिखरजी की ओर पदविहार कर रहा है।यह जानकारी अंशुल रारा ने दी। धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत वातावरण में, गाजे-बाजे और श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए जैन समाज एवं नगरवासियों ने साध्वी संघ का भव्य स्वागत किया। श्वेत वस्त्रधारी माताजीगण के चरण पड़ते ही श्रद्धालु भावविभोर हो उठे, कई की आँखों से अश्रुधारा बह निकली। यह पहला अवसर है जब धर्मनगरी कुनकुरी में इतनी बड़ी संख्या में साध्वियों का आगमन हुआ है। लगभग 100 श्रावक भी इस पदयात्रा में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि जैन साधु-साध्वियाँ वाहन का उपयोग नहीं करते और नंगे पाँव ही जंगल, पर्वत और पथरीले मार्गों से गुजरते हुए तप और साधना का जीवन जीते हैं। अब तक यह संघ लगभग 500 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा पूरी कर चुका है। प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर तक का पदविहार, वह भी एक समय शुद्ध आहारचर्या के साथ—यह साधना अपने आप में एक तपस्वी जीवन का परिचायक है। यह संघ डोंगरगढ़ से विहार करते हुए जशपुर के रास्ते झारखंड स्थित जैन तीर्थों की सर्वोच्च भूमि तीर्थराज सम्मेद शिखरजी की ओर अग्रसर है। डोंगरगढ़ में पिछले वर्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की समाधि का एक वर्ष पूर्ण होने पर विशाल आयोजन किया गया था। उसी पावन स्थल से यह साध्वीगण आगे विहार कर रहे हैं। कुनकुरी का यह ऐतिहासिक पल धर्म प्रेमियों के हृदय में सदा अमिट रहेगा। नगरवासियों ने इस आगमन को पर्व की भांति मनाते हुए धर्म, संयम और तप की प्रेरणा ग्रहण की।

हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में धर्मांतरण के प्रयास का आरोप, जांच में जुटी प्रशासनिक टीम — मामला गरमाया, सियासी हलचल तेज

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जशपुर, 5 अप्रैल 2025: जिले के कुनकुरी स्थित हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज पहली बार विवादों में घिर गया है। कॉलेज में अध्ययनरत एक छात्रा द्वारा धर्मांतरण के प्रयास की शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर रोहित व्यास ने 3 अप्रैल को इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित की, जो लगातार तीन दिनों से जमीनी पड़ताल में जुटी हुई है। जांच टीम ने पीड़िता छात्रा और मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही कॉलेज प्रशासन से बहुत सारे दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। 5 अप्रैल को टीम ने कॉलेज की प्राचार्या विंसी जोसफ़ से घंटों पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, टीम को जांच के दौरान कई प्रशासनिक अनियमितताएं और दस्तावेजीय विसंगतियाँ भी मिली हैं। मामले को दबाने की कोशिश,चर्च से जुड़े लोगों की भूमिका पर उठे सवाल जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इस पूरे घटनाक्रम में चर्च से जुड़े कुछ लोगों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ रही है। खबर है कि कुछ प्रभावशाली लोग मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं।पुख़्ता खबर है कि मुख्य गवाह को धमकियां मिल रही है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर पूरी की जाएगी। मामले में विश्व हिंदू परिषद और राजपरिवार कूदा घटना के सामने आते ही विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष करणैल सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है। वे लगातार हिन्दू समाज की बैठकों का नेतृत्व कर रहे हैं और एक बड़े जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मुद्दे पर राजपरिवार के सदस्य विजय आदित्य सिंह जूदेव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यदि धर्मांतरण जैसे कार्यों पर तत्काल रोक नहीं लगी, तो हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में तालाबंदी की जाएगी। उनका यह बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया में उबाल,कार्रवाई की मांग हुई तेज सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर जनता की प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। धर्मांतरण जैसे संवेदनशील विषय पर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। समिति जांच रिपोर्ट कलेक्टर को कल सौंप सकती है सूत्रों के मुताबिक, जांच समिति को अब तक की जांच में कई अहम सबूत और गवाहियों की जानकारी मिली है। संभावना जताई जा रही है कि समिति 6 अप्रैल को कलेक्टर रोहित व्यास को अपना विस्तृत जांच प्रतिवेदन सौंप सकती है, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई संभव है।

समसामयिक लेख: ‘वक्फ़ संशोधन विधेयक’ पर इतना हल्ला क्यों मचा है?

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निर्मल कुमार “धर्म जनता के लिए अफीम के समान है।” – यह प्रसिद्ध कथन कार्ल मार्क्स का है, जो यह इंगित करता है कि धर्म कई बार समाज में तर्कसंगत सोच को दबाकर केवल भावनात्मक प्रभाव डालता है। यह कथन वर्तमान में वक्फ़ संशोधन विधेयक को लेकर बनाए जा रहे विमर्श पर सटीक बैठता है। कुछ समूह इस विधेयक को इस्लामिक संस्थानों पर सीधा हमला बताने का प्रयास कर रहे हैं और इसे धार्मिक अधिकारों के हनन के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। इस तरह की भ्रामक व्याख्याओं का उद्देश्य जनता की धार्मिक भावनाओं को भड़काना और वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाना है। लेकिन जब इस विधेयक के प्रावधानों का गहराई से विश्लेषण किया जाता है, तो यह स्पष्ट होता है कि सरकार का उद्देश्य किसी भी धार्मिक समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि वक्फ़ बोर्डों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। दरअसल,भारत में वक्फ़ संपत्तियाँ व्यापक पैमाने पर फैली हुई हैं और बड़ी मात्रा में भूमि वक्फ़ के अधीन है। सरकार द्वारा प्रस्तुत यह संशोधन विधेयक इन संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर रोक और न्यायिक संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऐतिहासिक रूप से, वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर कई विवाद सामने आए हैं, जिनमें अनियमितताएँ, गैर-कानूनी अतिक्रमण, संपत्तियों के दुरुपयोग और वक्फ़ बोर्डों की जवाबदेही की कमी प्रमुख समस्याएँ रही हैं। वर्तमान संशोधन विधेयक का उद्देश्य इन सभी समस्याओं को दूर करना और वक्फ़ संपत्तियों का वास्तविक उपयोग समाज के कल्याण और विकास में सुनिश्चित करना है। क्या वक्फ़ इस्लामिक शरीयत का अनिवार्य भाग है? वक्फ़ की अवधारणा इस्लामी शरीयत में सीधे तौर पर उल्लिखित नहीं है। यदि हम क़ुरआन का अध्ययन करें, तो यह परोपकार और दान करने को प्रोत्साहित करता है, लेकिन वक्फ़ जैसी किसी संस्था की स्थापना का कोई प्रत्यक्ष निर्देश नहीं देता। क़ुरआन में कई आयतें दान और परोपकार को बढ़ावा देने की बात करती हैं, जैसे: “तुम्हें सच्ची भलाई तब तक नहीं मिलेगी, जब तक कि तुम अपनी प्रिय वस्तुओं में से (अल्लाह की राह में) खर्च न करो। और जो कुछ तुम खर्च करते हो, अल्लाह उसे भली-भांति जानता है।” (सूरह आले-इमरान: 92) “जो लोग अल्लाह के मार्ग में अपना धन खर्च करते हैं और फिर अपनी दानशीलता को एहसान जताने या ठेस पहुँचाने वाली बातों से व्यर्थ नहीं करते, उनके लिए उनके रब के पास प्रतिफल है।” (सूरह अल-बक़रा: 262) इन आयतों से स्पष्ट होता है कि इस्लाम में दान और परोपकार को महत्व दिया गया है, लेकिन वक्फ़ एक संस्थागत रूप में बाद में विकसित हुआ। यह सामाजिक और सांस्कृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से अस्तित्व में आया और धीरे-धीरे इसे धार्मिक मान्यता मिलती चली गई। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो वक्फ़ संशोधन विधेयक को केवल धार्मिक चश्मे से देखना अनुचित होगा, क्योंकि यह संस्था पूरी तरह से धार्मिक आदेशों पर आधारित नहीं है, बल्कि इसका प्रशासनिक और कानूनी पक्ष भी उतना ही महत्वपूर्ण है। वक्फ़ प्रबंधन और गैर-मुस्लिम प्रशासकों की भूमिका इस्लामी कानून की हनफ़ी व्याख्या, जिसे भारत के अधिकांश मुस्लिम समुदाय द्वारा अपनाया जाता है, यह अनिवार्य नहीं मानती कि वक्फ़ संपत्तियों का प्रबंधन केवल मुस्लिम प्रशासकों द्वारा किया जाए। प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षा केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने अपने फ़तवा संख्या 34944 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि यदि कोई व्यक्ति वक्फ़ मामलों की गहरी समझ रखता है, ईमानदार और सक्षम है, तो वह किसी भी धर्म से हो सकता है और वक्फ़ संपत्तियों का प्रशासन कर सकता है। इस संदर्भ में, गैर-मुस्लिम प्रशासकों की भागीदारी को लेकर जताई जा रही आपत्तियाँ निराधार प्रतीत होती हैं। वक्फ़ संपत्तियों का प्रबंधन एक प्रशासनिक कार्य है, जिसका उद्देश्य संसाधनों का कुशल उपयोग और न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है। इसके लिए किसी विशेष धार्मिक पहचान की आवश्यकता नहीं है, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और कार्यकुशलता की आवश्यकता होती है। सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ़ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ़ अधिनियम की संरचनात्मक कमियों को दूर करना और वक्फ़ बोर्डों को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और समावेशी बनाना है। इसके तहत कुछ महत्वपूर्ण सुधार प्रस्तावित किए गए हैं: 1. वक्फ़ संपत्तियों का सत्यापन – अब किसी भी भूमि को वक्फ़ संपत्ति घोषित करने से पहले एक विस्तृत और पारदर्शी सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इससे फर्जी दावों पर रोक लगेगी और वास्तविक संपत्तियों की रक्षा होगी। 2. न्यायिक निगरानी – यदि किसी संपत्ति को वक्फ़ संपत्ति घोषित करने पर विवाद उत्पन्न होता है, तो न्यायालय इसमें हस्तक्षेप कर सकता है और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करेगा। इससे कानूनी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा। 3. वक्फ़ बोर्डों का पुनर्गठन – वक्फ़ बोर्डों की संरचना को अधिक प्रतिनिधिक और समावेशी बनाया जाएगा। इसमें महिलाओं और विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमियों के व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा, जिससे प्रबंधन अधिक विविध और उत्तरदायी बन सके। 4. मनमानी शक्तियों पर अंकुश – वर्तमान कानून में वक्फ़ बोर्डों को कुछ मामलों में असीमित अधिकार दिए गए हैं, जिससे कई बार शक्तियों का दुरुपयोग देखा गया है। संशोधन विधेयक के माध्यम से इन अधिकारों को संतुलित किया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति या संस्था इनका दुरुपयोग न कर सके। निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कि यह विधेयक धार्मिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार का हिस्सा है वक्फ़ संशोधन विधेयक को धार्मिक विवाद के रूप में प्रस्तुत करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने का भी प्रयास है। यह विधेयक किसी विशेष समुदाय को लक्षित करने के लिए नहीं, बल्कि वक्फ़ बोर्डों की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए लाया गया है। धर्म और शासन को अलग रखना आवश्यक है ताकि प्रशासनिक संस्थाएँ कुशलता से कार्य कर सकें और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। यह संशोधन विधेयक न केवल संविधान की भावना के अनुरूप है, बल्कि इस्लामी परोपकार की मूल भावना का भी समर्थन करता है, जो पारदर्शिता, ईमानदारी और न्याय पर आधारित है। अब समय आ गया है कि हम धार्मिक भावनाओं से परे जाकर एक निष्पक्ष और तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाएँ और यह सुनिश्चित करें कि वक्फ़ संपत्तियाँ वास्तव में समाज की भलाई के लिए उपयोग की जाएँ, न कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का अड्डा बनें। (लेखक अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक,आर्थिक मामलों के जानकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।)

धर्मांतरण : हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल का आया बयान,छात्रा के बारे में बताई बात,,,

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जशपुर ,03 अप्रैल 2025 – हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी की एक छात्रा द्वारा प्रिंसिपल विंसी जोसफ पर जबरन धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया है।जिसपर आज शाम 5 बजे प्रिंसिपल ने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए आरोप को बेबुनियाद बताया है। प्राचार्य ने बताया कि वह 2012 से प्रिंसिपल है और नर्सिंग की ट्रेनिंग करा रही है।जिस छात्रा ने धर्मांतरण का आरोप लगाया है,वह कक्षा में नहीं आती और न ही अस्पताल में अपनी ड्यूटी कर रही है। दो दिन पहले वह छात्रा आई थी तो उसे कहा कि अपना पढाई पूरा कीजिये,ड्यूटी पूरा कीजिए,अपना नर्सिंग का पढाई पूरा कीजिये और आगे जाइये। प्रिंसिपल विंसी ने यह भी कहा कि हम धर्मांतरण नहीं करते हैं।हमारे नर्सिंग कालेज और जीएनएम में 312 स्टूडेंट्स ट्रेनिंग ले रहे हैं।जिसमें लगभग 40 स्टूडेंट गैर ईसाई हैं।यह अल्पसंख्यक संस्था है।मैंने या मेरे किसी भी सिस्टर ने किसी को भी कन्वर्ट करने का काम नहीं किया है।जो स्टूडेंट हैं उन्हें चर्च जाने से मना नहीं किया है।जिसको जाना है जा सकता है। वहीं छात्रा ने और छात्रा की माँ ने बताया कि सिस्टर विंसी बेटी को सिस्टर लाइन में भेजना चाहती थी और उस लाइन में जाने के लिए ईसाई धर्म अपनाना पड़ता जो छात्रा और उसके माता-पिता को स्वीकार नहीं था।छात्रा ने आज मीडिया को बताया कि सिस्टर की धर्मपरिवर्तन करने की बात नहीं मानी तो वह मुझे बहुत परेशान की।यह बात अन्य छात्रा के अलावा माँ को भी बताई थी। छात्रा की माँ ने कहा कि सिस्टर ने मुझे कभी नहीं कहा कि धर्मपरिवर्तन कर लो लेकिन छोटी-छोटी बात पर हमें बुलाकर बेटी के बारे में खूब उल्टा सीधा बोलती है। बेटी को मैं हमेशा कहती रहती हूँ कि  हम हिन्दू धर्म से हैं तो सिस्टर बनने क्यों ईसाई धर्म में जाएँ,शादी नहीं करना चाहती है तो हमारे धर्म में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी में जाकर सेवा करेगी। बहरहाल,धर्मांतरण के मामले में दोनों पक्ष अब आमने-सामने हो गए हैं।नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल छात्रा के आरोपों को खारिज कर रही है वहीं इसे छात्रा धर्म नहीं बदलने की सजा बता रही है। बता दें कि कलेक्टर,एसएसपी जशपुर को छात्रा ने 2 अप्रैल को शिकायत दी है।जिसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने की दशा में हिन्दू संगठन भी एक्शन के मूड में है।ऐसी सुगबुगाहट आज शाम से मिल रही है।

हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी में धर्म परिवर्तन का दबाव, छात्रा का आरोप – जिला प्रशासन से की शिकायत,विहिप ने दी चेतावनी

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जशपुर,02 अप्रैल 2025 – बड़ी खबर कुनकुरी से सामने आई है जहाँ हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी की एक छात्रा ने कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा का कहना है कि कॉलेज की प्रिंसिपल सिस्टर विंसी जोसेफ द्वारा उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया और मना करने पर मानसिक प्रताड़ना दी गई। कलेक्टर जशपुर को छात्रा ने अपने शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि वह कॉलेज में  नर्सिंग कोर्स के अंतिम वर्ष की छात्रा है और उसे फर्स्ट ईयर में दाखिले के लगभग 3 महीने बाद से ही सिस्टर विंसी द्वारा धर्म परिवर्तन कर नन बनने के लिए बार-बार दबाव डाला गया। जब उसने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो प्रबंधन ने उसके साथ भेदभाव करना शुरू कर दिया। छात्रा ने आरोप लगाया कि 01 अप्रैल 2024 को उसे हॉस्टल से निकाल दिया गया और कॉलेज परिसर में प्रवेश से भी रोका गया। इसके बाद उसे पढ़ाई और वार्षिक परीक्षा से वंचित करने की कोशिश की गई। जब उसने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही तब जाकर उसे परीक्षा में बैठने दिया गया, लेकिन प्रबंधन ने उसे प्रैक्टिकल परीक्षा से बाहर रखने की कोशिश की।सिस्टर विंसी छात्रा का शैक्षणिक जीवन खराब कर रही है। छात्रा ने इस उत्पीड़न के खिलाफ जशपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। छात्रा ने एएसपी शशिमोहन सिंह को भी शिकायत की एक कॉपी सौंपी है। छात्रा ने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगी। इस शिकायत के बारे में जैसे ही हिन्दू संगठन विश्व हिंदू परिषद के जिला प्रमुख करनैल सिंह को जानकारी मिली तो उन्होंने इस विषय को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।करनैल सिंह ने कहा कि ” शिक्षा और सेवा को धर्मान्तरण का हथियार बनाने वाली मिशनरी संस्था में एक गरीब हिन्दू लड़की को नन बनाने के लिए उसे धर्मपरिवर्तन करने के लिए प्रताड़ित करने से सर्व हिन्दू समाज आहत है।यदि कलेक्टर ,एसपी इस विषय पर तत्काल कार्रवाई कर दोषी संस्था को बंद करते हुए धर्मांतरण करने के लिए छात्रा को फेल करने तक कि साजिश रचनेवाली संस्था प्रमुख को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो हमें मजबूरन सड़क पर उतरना होगा।” इस मामले में ख़बर ज़नपक्ष हॉलीक्रॉस नर्सिंग कालेज प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश कर रहा है ,जैसे ही उनका पक्ष सामने आता है,पाठकों तक तत्काल पहुंचाया जाएगा।

जशपुर के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ की ख्याति देश विदेश तक पहुंची -पंडित श्री प्रदीप मिश्रा

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सात दिवसीय महाशिवपुराण कथा का भव्य समापन पंडित श्री मिश्रा ने सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, श्रीमती कौशल्या साय और जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, आयोजन समिति को दिया धन्यवाद महाशिवपुराण की कथा 272 देश विदेश के शिव भक्तों ने भी सुना जशपुर, 27 मार्च 2025/ कुनकुरी मयाली में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के पास 21 से 27 मार्च तक आयोजित महाशिवपुराण का भव्य समापन किया गया। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी ने शिव भक्तों को 7 दिन तक कथा का श्रवण कराया और सभी को भव्य आयोजन के लिए अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा की महाशिवपुराण कथा का श्रवण करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय भी आए थे। साथ ही पूरे भारत वर्ष के लगभग 272 देशों के लोगों ने विभिन्न सोशल मीडिया, चैनल के माध्यम से कथा को सुना जशपुर में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ की ख्याति भारत देश के साथ देश विदेश तक पहुंच चुकी है। इसका पूरा श्रेय जशपुरवासियों को जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीमती कौशल्या साय, राजपरिवार ,कलेक्टर  रोहित व्यास,एस एस पी  शशि मोहन सिंह जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक कुमार सहित जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारीयों पत्रकारों, भोजन , पेयजल की व्यस्था नगर पालिका अधिकारी, कर्मचारियों को और आयोजन समिति के साथ प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी लोगों, जशपुर के शिव भक्तों का हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा कि आपके सहयोग से शिवमहापुराण कथा सफल हो गई। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा के सातवें दिन सुबह 8 बजे 11 बजे तक कथा का श्रवण कराया उन्होंने कहा कि भोला … कहां… मिलेगा… भोले …एक.. एक.. कण.. कण .. मेँ मिलेंगे भक्तों के हृदय में भोले मिल जाएंगे।बाबा ने मनुष्यों को अपने कर्म से महान बनने का संदेश दिया इसके लिए भूखें को खाना खिलाओं प्यासे को पानी पिलावो पीपल के नीचे चींटियों को आटा खिलाओ, इस भंडारे के समान ही पुन्य मिलता है। आप भंडारे नहीं कर सकते कोई बात नहीं जितनी शक्ति उतनी भक्ति। पंडित मिश्रा ने कहा कि अपने छत पर पक्षियों के लिए चारा पानी की व्यवस्था करें, मटका में पानी भरकर रखें ,गौमाता को घास रोटी पानी पिलाएं, यह सब कार्य भंडारे से कम नहीं है। जहां जहां अच्छा कार्य हो वहां भोले जरूर मिलेंगे। शिवभक्तों को भोले बाबा को एक लोटा जल अवश्य चढ़ाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जो तुम्हें जल चढ़ाने को मना करते तुम उन्हें छोड़ दो जशपुर के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ का यह शिवधाम,जहां पूरे विधि विधान से कलश यात्रा के साथ सात दिन शिव महापुराण कथा से चारों दिशाओं में हर हर महादेव गुंजने लगा है। मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने महाशिवपुराण की कथा के समापन के अवसर पर पंडित प्रदीप मिश्रा और उनके साथ आए सभी लोगों का धन्यवाद दिया। जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वास्थ्य विभाग, पेयजल विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय निकाय के साथ सभी का सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

पंडित प्रदीप मिश्रा के महाशिवपुराण कथा में VVIP पास की डुप्लीकेसी का पर्दाफाश: प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, दुकान सील

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जशपुर(कुनकुरी), 24 मार्च 2025 – मयाली में आयोजित शिवमहापुराण कार्यक्रम के लिए बनाए जा रहे VVIP पास की डुप्लीकेसी का बड़ा मामला सामने आया है। प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने गुप्ता नीड्स नामक दुकान पर छापा मारकर फर्जी पास बनाने के आरोप में व्यवसायी रितिक गुप्ता (40 वर्ष) को पकड़ा है। मौके से कलर फोटोकॉपी मशीन और दो नकली VVIP पास बरामद किए गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने दुकान को तत्काल सील कर दिया है। गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई सोमवार दोपहर प्रशासन को मुखबिर से सूचना मिली कि गुप्ता नीड्स के संचालक रितिक गुप्ता द्वारा शिवमहापुराण के VVIP पास की रंगीन फोटोकॉपी कर उसकी नकल तैयार की जा रही है। इस पर तहसीलदार प्रमोद पटेल, पुलिस अधिकारी ऋतुराज सिंह और थाना कुनकुरी से स.उ.नि. मनोज कुमार साहू के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने दुकान पर दबिश दी, जहां आरोपी को मौके पर ही नकली पास की फोटोकॉपी करते पकड़ा गया। प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई,दुकान सील कार्रवाई के दौरान दुकान से दो फर्जी पास, कलर फोटोकॉपी प्रिंटर मशीन समेत अन्य आपत्तिजनक सामग्री ज़ब्त की गई। मामले को गंभीर मानते हुए दुकान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ऐसे कृत्यों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शिवमहापुराण कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम शिवमहापुराण कार्यक्रम को लेकर VVIP पास जारी किए गए हैं, ताकि आयोजन स्थल पर भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और व्यवस्था बनी रहे। लेकिन नकली पास बनाए जाने की इस घटना से सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जांच जारी, और भी खुलासे संभव फिलहाल प्रशासन और पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। यह जांच भी की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में कोई और व्यक्ति शामिल तो नहीं। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें इस तरह की किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले, तो तुरंत सूचित करें। मयाली में हो रहे शिवमहापुराण कार्यक्रम को लेकर प्रशासन सतर्क है। नकली पास बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

शिव महापुराण कथा में उमड़ा भक्तों का सैलाब, पंडित प्रदीप मिश्रा के प्रवचनों से भाव-विभोर हुए श्रद्धालु,कोरवा जनजाति भी कथा सुनने पहुंचा

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जशपुर, 23 मार्च 2025। जशपुर के मयाली में मधेश्वर महादेव के पावन धाम में चल रही शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। प्रख्यात कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने अपने दिव्य प्रवचनों से भक्तों को शिव महापुराण के गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि “जिसने भी इस मृत्युलोक में जन्म लिया है, उसे सुख के साथ दुख भी झेलना पड़ेगा। भगवान राम और कृष्ण को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा।” शिव महापुराण: दुख सहने की शक्ति देता है कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिव महापुराण कथा व्यक्ति को कठिन समय में शक्ति प्रदान करती है। जिस प्रकार छाता बारिश से बचाता है, उसी तरह यह कथा जीवन की समस्याओं से लड़ने का संबल देती है। उन्होंने बताया कि “जिन्हें अधिक अपमानित किया जाता है, वे ही आगे चलकर संसार में बड़ा नाम कमाते हैं।” भगवा रंग में रंगा भारत, दया ही सबसे बड़ा धर्म अपने प्रवचन में पंडित मिश्रा ने कहा कि आज भारत भगवा रंग में रंग चुका है, यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का परिणाम है। उन्होंने भक्तों से आग्रह किया कि वे धर्म और भक्ति के मार्ग पर अडिग रहें। “समुद्र मंथन में निकले विष को भगवान शिव ने ग्रहण कर समस्त लोक की रक्षा की, यही सच्ची त्याग और बलिदान की पराकाष्ठा है।” पहाड़ी कोरवाओं ने किया शिव कथा का श्रवण कथा के तीसरे दिन युवराज विजय आदित्य सिंह जूदेव के साथ बोरोकोना, तहसील मनोरा से आए विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समाज के लोग भी इस भक्ति-धारा में सराबोर हो गए। दिनेश राम, राजनाथ राम, रंजीत राम ने कहा कि “भगवान शिव की कथा सुनकर आत्मिक शांति मिली। पंडित प्रदीप मिश्रा जी के प्रवचन हमें भक्ति और जीवन का सही मार्ग दिखा रहे हैं।” राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की उपस्थिति इस अवसर पर सांसद राधेश्याम राठिया, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रियम्वदा सिंह जूदेव, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी कथा स्थल पहुंचे और शिव महापुराण कथा का श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। भक्तों में भक्ति की उमंग, जारी रहेगी कथा मधेश्वर महादेव धाम में चल रही शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओं का उत्साह लगातार बढ़ रहा है। हर दिन हजारों भक्त भगवान शिव की महिमा का गुणगान सुनने पहुंच रहे हैं। कथा का आयोजन अगले कुछ दिनों तक इसी भव्यता के साथ जारी रहेगा।