“दोकड़ा के प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर में श्रीपुरी धाम की भांति शुरू हुआ दिव्य दीपोत्सव, निर्जला एकादशी से भक्तिमय आयोजन की हुई शुरुआत”

IMG 20250607 WA0003

जशपुर/दोकड़ा,07 मई 2025 –  श्री जगन्नाथ पूरी धाम की तरह अब दोकड़ा के ऐतिहासिक और प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर में भी भव्य स्तर पर धार्मिक आयोजन और परंपराएं जीवंत की जा रही हैं। यहां निर्जला एकादशी पर्व के अवसर पर शुरू हुआ द्वीप प्रज्वलन कार्यक्रम भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक आकर्षण बन गया है। यह परंपरा न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित कर रही है, बल्कि स्थानीय श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीजगन्नाथ के चरणों में समर्पित कर रही है।इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। श्रीजगन्नाथ धाम के स्वरूप में सजा मंदिर दोकड़ा स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर का ऐतिहासिक महत्व वर्षों पुराना है। अब यहां श्री जगन्नाथपुरी धाम की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा-अर्चना की जा रही है। मंदिर समिति और स्थानीय भक्तों के प्रयासों से यहां धार्मिक गतिविधियां तेज़ी से बढ़ रही हैं। द्वीप प्रज्वलन की अनूठी परंपरा निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर मंदिर शिखर में शुरू हुई द्वीप प्रज्वलन की परंपरा को भक्तों ने श्रद्धा और आस्था के साथ अपनाया है। सैकड़ों दीपकों से सजा मंदिर परिसर रात के समय अद्भुत आभा से चमक उठा। माना जाता है कि इस दिन जल ग्रहण न कर उपवास रखते हुए भगवान का ध्यान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। भक्तों की उमड़ी भारी भीड़ इस पावन आयोजन में दोकड़ा ही नहीं, आसपास के गांवों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि श्री जगन्नाथ स्वामी की सच्चे मन से आराधना करने पर जीवन की नैया पार हो जाती है। मंदिर समिति के अनुसार, हर साल इस आयोजन का विस्तार किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ सकें। देव स्नान और रथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर श्री जगन्नाथ मंदिर समिति के ठाकुर पुरुषोत्तम सिंह एवं बलराम भगत ने बताया कि आगामी देव स्नान पूर्णिमा और रथ यात्रा के लिए भव्य तैयारियां चल रही हैं। इस बार भक्तों के सहयोग से एक विशाल रथ का निर्माण किया जाएगा, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। रथ यात्रा को लेकर क्षेत्र में उत्साह और उल्लास का वातावरण है। मंदिर समिति का योगदान सराहनीय मंदिर समिति के सहयोग से यह आयोजन सफल हो पाया है। समिति के सदस्यों ने बताया कि इस आयोजन को हर वर्ष और अधिक भव्य रूप देने का संकल्प लिया गया है। आने वाले वर्षों में यह स्थल भी धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर प्रमुख स्थान बना सकता है।दोकड़ा स्थित श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर अब केवल एक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनता जा रहा है।

अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित हो दवाइयों की पहुंच – VDS .मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न पहुंच

IMG 20250606 WA0004

राज्य में आयुष के जरिए बेहतर उपचार की हैं संभावनाएं: मुख्यमंत्री राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम में देश में 5वें स्थान पर है छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य मंत्री श्श्याम बिहारी जायसवाल *आमजन के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार का मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश* रायपुर, 06 जून 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के सभी प्रमुख अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि दवाइयों की पहुंच अंतिम व्यक्ति तक सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि राज्य में आयुष के जरिए उपचार की बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं , इसे और विस्तारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आमजन के हित में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित हो और उन्हें अपने घर के आस पास ही अच्छा इलाज मिले। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय आज मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एनीमिया, मैटरनल प्रोग्राम और लेप्रोसी जैसी बीमारियों पर प्राथमिकता से काम किया जाए। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) कार्यक्रम में देश में 5वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का और बेहतर विस्तार होता रहेगा। श्री जायसवाल ने राज्य सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गयी उपलब्धियों की जानकारी देते हुए भविष्य की योजनाओं को भी मुख्यमंत्री के सामने रखा। स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य टीबी और मलेरिया जैसी बीमारियों के उन्मूलन की दिशा में बेहतर कार्य कर रहा है। टीबी उन्मूलन की दिशा में उपचार सफलता की दर 90 फीसदी है जबकि इस दौरान शत प्रतिशत टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया है। इसके साथ ही राज्य में मार्च 2025 तक टीकाकरण का 94 फीसदी लक्ष्य पूर्ण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत एवं मुकेश बंसल, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा एवं आयुक्त आयुष विभाग श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, प्रबंध संचालक एनएचएम एवं आयुक्त सह संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला, खाद्य एवं औषधि विभाग के नियंत्रक  दीपक अग्रवाल समेत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जाति जनगणना: भारत में सामाजिक न्याय को पुनर्परिभाषित करना

IMG 20250602 183928

निर्मल कुमार (लेखक आर्थिक,सामाजिक मामलों के जानकार हैं।समसामयिक घटनाक्रम पर उनके लेख सराहे जाते हैं।यह उनके निजी विचार हैं।) एक ऐतिहासिक कदम के तहत, भारत सरकार ने आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जाति गणना को शामिल करने को मंजूरी दे दी है, जो स्वतंत्रता के बाद बंद कर दी गई एक प्रथा की महत्वपूर्ण वापसी को दर्शाता है। समाज सुधारकों, विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा लंबे समय से मांगे जा रहे इस निर्णय को देश में समानता को बढ़ावा देने और सामाजिक न्याय की जड़ों को गहरा करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम के रूप में सराहा जा रहा है। ऐसे समय में जब समावेशी विकास राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र है, जाति जनगणना, डेटा-संचालित नीति निर्माण के एक युग की शुरुआत करने का वादा करती है जो वास्तव में भारत के जटिल सामाजिक ताने-बाने को दर्शाती है। जाति जनगणना राष्ट्रीय गणना अभ्यास के हिस्से के रूप में व्यक्ति की जातिगत पहचान पर डेटा का व्यवस्थित संग्रह है। इसका लक्ष्य विभिन्न जाति समूहों के सामाजिक-आर्थिक वितरण की सटीक और विस्तृत समझ हासिल करना है, जिससे सरकार को लक्षित नीतियों को तैयार करने में मदद मिले जो सबसे वंचितों का उत्थान करें। ऐतिहासिक रूप से, 1931 तक औपनिवेशिक प्रशासन द्वारा जाति के आंकड़े नियमित रूप से एकत्र किए जाते थे। हालाँकि, स्वतंत्रता के बाद, जाति की गणना अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) तक सीमित थी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अन्य को व्यापक राष्ट्रीय डेटासेट से बाहर रखा गया था। इस अंतर को पाटने का आखिरी प्रयास, 2011 की सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) विसंगतियों और डेटा की अविश्वसनीयता से प्रभावित हुई थी, जिसका मुख्य कारण एक मानकीकृत जाति सूची का अभाव था। भारत ने ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के लिए संवैधानिक प्रतिबद्धताएं की हैं, लेकिन जाति पर विश्वसनीय डेटा के बिना जनसांख्यिकी के अनुसार, सकारात्मक कार्रवाई की नीतियाँ अक्सर अंधेरे में काम करती हैं। वर्तमान में, ओबीसी के लिए आरक्षण नीतियाँ 1931 की जनगणना के अनुमानों पर आधारित हैं, जिसमें ओबीसी की आबादी 52% आंकी गई थी। हालाँकि, बिहार के 2023 जाति सर्वेक्षण जैसे राज्य-स्तरीय सर्वेक्षणों से पता चला है कि ओबीसी और अत्यंत पिछड़े वर्ग राज्य की आबादी का 63% से अधिक हिस्सा हैं। ऐसे निष्कर्ष कल्याणकारी लाभों और आरक्षण के समान वितरण को सुनिश्चित करने के लिए एक अद्यतन राष्ट्रीय जाति डेटाबेस की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने एसईसीसी 2011 की खामियों को दूर करने के लिए एक परिष्कृत गणना तंत्र की जोरदार वकालत की है, जहां ओपन-एंडेड जाति रिपोर्टिंग के कारण 46 लाख से अधिक अलग-अलग प्रविष्टियां और 8 करोड़ से अधिक त्रुटियां हुईं। आगामी जाति जनगणना का उद्देश्य अधिक संरचित और सत्यापन योग्य डेटा संग्रह प्रक्रिया के माध्यम से इन चुनौतियों को दूर करना है। पहचान सत्यापन के लिए आधार को एकीकृत करना, शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना और छंटाई और वर्गीकरण के लिए एआई उपकरणों का लाभ उठाना अभ्यास की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित उपायों में से हैं। जाति जनगणना सिर्फ़ एक संख्यात्मक अभ्यास से कहीं ज़्यादा है, इसका सामाजिक समानता और शासन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विभिन्न समुदायों के वास्तविक जनसांख्यिकीय प्रसार को उजागर करके, यह पिछड़े समूहों के उप-वर्गीकरण की अनुमति देता है, जैसे कि न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग द्वारा अनुशंसित ओबीसी के भीतर। यह सुनिश्चित करता है कि आरक्षण का लाभ सबसे वंचितों तक पहुँचे, न कि प्रमुख उप-समूहों द्वारा एकाधिकार किया जाए। इसी तरह, सटीक जाति डेटा राजनीतिक प्रतिनिधित्व को संतुलित करने, ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों को आवाज़ देकर लोकतंत्र को मज़बूत करने में सहायक हो सकता है। इस कदम के महत्व को भारत के संवैधानिक दृष्टिकोण के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए। अनुच्छेद 340 राज्य को पिछड़े वर्गों के कल्याण की पहचान करने और उन्हें बढ़ावा देने का अधिकार देता है, और जाति जनगणना इस जनादेश के अनुरूप है। यह अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 के लक्ष्यों को प्रतिध्वनित करता है, जो भेदभाव को प्रतिबंधित करते हैं और अवसर की समानता की गारंटी देते हैं। हालांकि, विश्वसनीय डेटा के बिना, इन संवैधानिक आदर्शों को प्रतीकात्मक इशारों में कमजोर किए जाने का जोखिम है। हालांकि इस बात पर चिंता जताई गई है कि जाति जनगणना जातिगत पहचान को मजबूत कर सकती है या राजनीतिक शोषण का साधन बन सकती है, लेकिन पारदर्शी, नैतिक और विवेकपूर्ण कार्यान्वयन के माध्यम से ऐसे जोखिमों को कम किया जा सकता है। जाति जनगणना को राजनीतिक के बजाय विकास के साधन के रूप में मानना इसे समावेशी विकास के उत्प्रेरक में बदल सकता है। निगरानी तंत्र, कानूनी सुरक्षा उपाय और नीति मूल्यांकन अवश्य होने चाहिए।यह सुनिश्चित करने के लिए संस्थागत रूप दिया गया है कि डेटा केवल सामाजिक न्याय के लिए काम करे न कि चुनावी अंकगणित के लिए। इसके अलावा, आय स्तर, शिक्षा और बहुआयामी गरीबी जैसे सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के साथ जाति के आंकड़ों को पूरक बनाने से समग्र कल्याण कार्यक्रमों को तैयार करने में मदद मिल सकती है। यह क्षेत्रीय असमानताओं को संबोधित करने और स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में अंतराल को पाटने के लिए अनुकूलित हस्तक्षेप की अनुमति देता है जहां जाति-आधारित असमानताएं बनी रहती हैं। निष्कर्ष रूप में, जाति जनगणना कराने का निर्णय भारत की अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज की ओर यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह सकारात्मक कार्रवाई को फिर से मापने, कल्याण लक्ष्यीकरण को परिष्कृत करने और हमारे संविधान में निहित समानता के प्रति प्रतिबद्धता को पुनर्जीवित करने का अवसर है। इस डेटा-संचालित दृष्टिकोण को ईमानदारी और सावधानी से अपनाकर, भारत संरचनात्मक असमानताओं को खत्म करने और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक कदम उठा सकता है, जहाँ प्रत्येक नागरिक की प्रगति में समान हिस्सेदारी हो।

भ्रष्टाचार की शर्त पर विकास! कुनकुरी जनपद पंचायत की खारिझरिया पंचायत में सीसी रोड निर्माण पर उठे सवाल

IMG 20250602 WA0001

कुनकुरी (जशपुर) 02 जून 2025 – =कुनकुरी विकासखंड के खारिझरिया पंचायत में सीसी रोड निर्माण को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इसे सरकारी धन का दुरुपयोग बताया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खारिझरिया ग्राम पंचायत में बन रही सीसी रोड का ठेका एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया है, जो खुद को मुख्यमंत्री के करीबी बताकर पंचायती ठेकों में सक्रिय है। बताया जा रहा है कि उक्त ठेकेदार भाजपा से अधिक मुख्यमंत्री की ‘परिक्रमा’ करके ठेके हासिल करता है।निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर भी ग्रामीण जांच की मांग कर रहे हैं। सरपंच पर निजी जमीन पर सड़क बनवाने का आरोप ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच दया किशोर एक्का ने आरोप लगाया है कि यह सीसी रोड सरपंच की निजी जमीन पर बनवाई जा रही है, जहां पहले कभी कोई सरकारी रास्ता नहीं था। उन्होंने कहा, “न तो यह स्पष्ट किया गया कि यह सड़क किस योजना के तहत बन रही है, न इसकी लागत बताई गई।। यह सरासर सरकारी पैसे का दुरुपयोग है।” दया किशोर एक्का और अन्य ग्रामीणों ने यह शिकायत ‘सुशासन तिहार’ के दौरान प्रशासन से करते हुए निर्माण कार्य को तत्काल रोकने और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी वहीं भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भी भारी नाराजगी देखी जा रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत कर वोट जुटाते हैं, लेकिन विकास कार्यों में उन्हें दरकिनार कर चाटुकारों को ठेके दे दिए जाते हैं। एक कार्यकर्ता ने कहा, “पंचायत के भीतर का कार्य पंचायत के कर्मठ कार्यकर्ताओं को दिया जाना चाहिए, न कि बिना जनाधार वाले लोगों को।” सरपंच ने आरोपों को नकारा, कहा – पुराना रास्ता था मौजूदा सरपंच सरिता एक्का ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सीसी रोड उनके निजी स्वार्थ में नहीं, बल्कि करमटोली बस्ती को पंचायत भवन से जोड़ने के लिए बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “मैंने परिवार की जमीन पंचायत को रास्ते के लिए दी है। यह पगडंडी वर्षों से थी, अब इसे पक्का किया जा रहा है। पंचायत चुनाव में हार से चिढ़कर झूठी शिकायत की जा रही है।”

ऑपरेशन अंकुश की बड़ी सफलता: एसएसपी शशि मोहन सिंह के कार्यकाल में अपराध नियंत्रण की ऐतिहासिक उपलब्धि,पढ़िए हत्या और बलात्कार के आरोपियों की हुई गिरफ्तारी

IMG 20250529 WA0018

जशपुर, 29 मई 2025 जशपुर पुलिस को ऑपरेशन अंकुश के तहत दो लंबे समय से फरार आरोपियों की गिरफ्तारी में बड़ी सफलता मिली है। हत्या और बलात्कार के संगीन मामलों में वांछित इन दोनों अपराधियों को पकड़कर पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि अपराध कितना भी पुराना हो, कानून से बचना असंभव है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में चल रहे इस विशेष अभियान के तहत, थाना कुनकुरी क्षेत्र के 12 वर्षों से फरार एक आरोपी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। यह आरोपी वर्ष 2013 में एक महिला की निर्मम हत्या और उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में वांछित था। वहीं, एक अन्य दुष्कर्म के मामले में तीन साल से फरार आरोपी मोहम्मद फैज़ अकरम को आजाद मोहल्ला कुनकुरी से गिरफ्तार किया गया है, जो पहचान छुपाकर झारखंड में रह रहा था। इन दोनों अभियानों में कुनकुरी थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश यादव सहित पूरी पुलिस टीम की सतर्कता, समर्पण और तकनीकी दक्षता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि “ऑपरेशन अंकुश केवल एक अभियान नहीं, बल्कि अपराध मुक्त जशपुर की दिशा में एक संकल्प है। यह सफलता पुलिस विभाग की प्रतिबद्धता, तकनीकी रणनीति और मजबूत खुफिया तंत्र का परिणाम है।” उनके कार्यकाल में लगातार की जा रही त्वरित, प्रभावी और नीतिगत कार्रवाइयों ने जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत किया है। संगठित अपराधों से लेकर संवेदनशील मामलों में की गई कार्रवाइयां जशपुर को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही हैं। पुलिस का यह संदेश साफ है – कोई भी अपराधी कानून से ऊपर नहीं, और जशपुर पुलिस हर हाल में न्याय दिलाने के लिए कटिबद्ध है।  

पाक बॉर्डर से लौटे वीर BSF जवान कुलवंत पन्ना की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, ऑपरेशन सिंदूर में निभाई थी अहम भूमिका

IMG 20250527 222437

जशपुर/कुनकुरी। पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के जांबाज़ कांस्टेबल कुलवंत पन्ना की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। 35वीं बटालियन, डाबला (जैसलमेर, राजस्थान) में ड्यूटी कर रहे कुलवंत हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” में शामिल थे, जहां उन्होंने पाकिस्तान की ओर से हुए ड्रोन हमलों के दौरान बहादुरी से मोर्चा संभाला था। देश सेवा से लौटा यह वीर सपूत मंगलवार 27 मई की दोपहर लगभग डेढ़ बजे एक हादसे का शिकार हो गया। मूलतः जशपुर जिले के कुनकुरी थाना अंतर्गत गिनाबहार बरटोली निवासी 35 वर्षीय कुलवंत छुट्टी पर कल ही अपने घर आया था। मंगलवार को वह अपनी पत्नी से मिलने दुलदुला जा रहा था, तभी गिनाबहार के पास गोठान पुलिया के नजदीक उसकी स्कूटी पुलिया से टकरा गई। हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।मृतक के भाई के मुताबिक उसे सिर में गंभीर चोट आई थी। जवान की मृत्यु की सूचना उसके भाई आसित पन्ना को मिली, जिसके बाद मौके पर कुनकुरी पुलिस पहुंची और मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। हादसे की जानकारी मिलते ही मृतक के साथ एक ही पोस्ट पर ड्यूटी कर रहे जशपुर के दो और जवान — विशाल कुमार (आरक्षक, कांसाबेल) और विक्रांत मिंज (गोरिया) भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुष्टि की कि कुलवंत हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। इस असामयिक और दर्दनाक घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों के अनुसार, बुधवार दोपहर तक सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी और फिर बीएसएफ के इस बहादुर जवान को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। देश ने एक वीर सपूत खो दिया है, जिसने सीमाओं पर दुश्मन का डटकर मुकाबला किया और लौटते ही नियति का शिकार हो गया। जवान की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सौगात: जशपुर में 18.46 करोड़ से बनेंगी 6 नई सड़कें, मधेश्वर पहाड़ तक पक्के रास्ते से पहुंचेंगे शिवभक्त

IMG 20250524 WA0011

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, ग्रामीण आवागमन होगा सुलभ, जनता में खुशी की लहर जशपुर, 23 मई 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर जशपुर जिले को एक और बड़ी सौगात मिली है। राज्य शासन द्वारा जिले में 6 प्रमुख सड़कों के निर्माण के लिए 18 करोड़ 46 लाख 87 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे न केवल ग्रामीण अंचलों के लोगों को आवागमन में सुगमता मिलेगी, बल्कि विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग माने जाने वाले मधेश्वर पहाड़ तक श्रद्धालुओं की आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। मधेश्वर मंदिर तक पक्की सड़क – धार्मिक पर्यटन को लगेगा पंख कुनकुरी क्षेत्र के मयाली नेचर कैंप से लेकर मधेश्वर मंदिर और जोकारी से मधेश्वर पहाड़ तक पक्की सड़क का निर्माण होना है। इस पहल से न सिर्फ शिवभक्तों की आस्था की राहें आसान होंगी, बल्कि क्षेत्रीय धार्मिक पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। जोकारी और भंडरी पंचायत के ग्रामीणों में इस खबर से गहरी प्रसन्नता है और लोग मुख्यमंत्री की जय-जयकार कर रहे हैं। ये हैं स्वीकृत सड़कों के विवरण – 1. चटकपुर से रेंगारबहार (2.46 किमी) – ₹2.89 करोड़ 2. कुनकुरी-औरीजोर-मतलूटोली-पटेलापारा (2.54 किमी) – ₹3.01 करोड़ 3. NH-43 से मयाली डेम तक (2.28 किमी) – ₹2.85 करोड़ 4. मयाली नेचर कैंप से मधेश्वर मंदिर (2.20 किमी) – ₹2.71 करोड़ 5. रानीबंध चौक–चिडराटांगर–पंडरीआमा–उपरकछार (3.44 किमी) – ₹3.29 करोड़ 6. जोकारी से मधेश्वर पहाड़ (2.88 किमी) – ₹3.68 करोड़   “अब जशपुर में विकास की नई राह खुल रही है। श्रद्धा, सुविधा और समर्पण के संग मुख्यमंत्री की यह सौगात सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि ग्रामीण जनजीवन को जोड़ने वाला भविष्य का पुल है।” – नरेश नंदे, वरिष्ठ अधिवक्ता व विचारक जशपुर जिला प्रशासन सक्रिय, जल्द होगा कार्य प्रारंभ कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य है कि प्रत्येक गांव और धार्मिक स्थल तक पक्की और सुरक्षित सड़क पहुंचे ताकि आमजन को विकास का सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री का वादा – “सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, सबको साथ लेकर चलेंगे” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहले ही स्पष्ट किया था कि जशपुर जिले को बुनियादी सुविधाओं में आत्मनिर्भर बनाना उनकी प्राथमिकता है। सड़क निर्माण की यह नई श्रृंखला विष्णु के सुशासन मॉडल का प्रत्यक्ष प्रमाण है।  

कुनकुरी डायलिसिस सेंटर किडनी मरीजों को दे रहा जीवन लेकिन मरीजों ने खोली पोल,कभी भी जा सकती है जान

IMG 20250524 WA0005

अब तक 955 सेशन, छत्तीसगढ़ ही नहीं, ओडिशा के मरीज भी ले रहे निःशुल्क लाभ कुनकुरी, 24 मई 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता से स्थापित कुनकुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डायलिसिस सेंटर बीते पाँच महीनों में किडनी मरीजों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ है। यह सेंटर न केवल कुनकुरी विकासखंड, बल्कि कांसाबेल, दुलदुला, फरसाबहार जैसे आसपास के इलाकों के मरीजों की जीवनरेखा बन चुका है। इतना ही नहीं, पड़ोसी राज्य ओडिशा के सीमावर्ती जिला सुंदरगढ़ से भी दर्जनों मरीज यहां आकर निःशुल्क डायलिसिस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। अब तक 955 डायलिसिस सेशन हो चुके हैं – हर एक सेशन उन परिवारों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो अब तक अंबिकापुर,रायपुर,रांची जाकर निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का बोझ उठाने को मजबूर थे। इस प्रशंसनीय पहल के बीच एक गंभीर तकनीकी समस्या लगातार मरीजों और उनके परिजनों को चिंतित कर रही है – बिजली की अनियमित आपूर्ति। डायलिसिस और बिजली का सीधा रिश्ता – जानलेवा हो सकती है लापरवाही डायलिसिस के दौरान मरीज के शरीर से खून बाहर निकालकर मशीन में साफ किया जाता है और फिर शरीर में वापस पहुंचाया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया अत्याधुनिक मशीनों द्वारा संचालित होती है, जो पूरी तरह बिजली पर निर्भर हैं। यदि डायलिसिस के दौरान बिजली अचानक गुल हो जाए और तुरंत बैकअप चालू न हो, तो मशीन में मौजूद खून क्लॉट होकर वापस नहीं लौट सकता। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति में 2.5 से 3 लीटर खून शरीर से बाहर ही जम सकता है – यह सीधे मरीज के प्राणों पर संकट ला सकता है। मरीज ने जताई चिंता, प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग ख़बर जनपक्ष के संपादक संतोष चौधरी को मरीजों और परिजनों ने बताया कि डायलिसिस की गुणवत्ता बेहतर है, लेकिन बिजली कटते ही उनका दिल कांप जाता है। डंडाडीह,दुलदुला से आए मरीज ने आपबीती सुनाते हुए कहा – एक बार लाइट भाग गया तो मशीन के पाइप में मेरा खून जम गया था।फिर गर्मी भी लगती है।यह परेशानी अभी पानी-बिजली खूब किया तब से बढ़ गया है।ऐसी ही परेशानी दो और बुजुर्ग मरीजों के परिजनों ने भी बताई। डायलिसिस सेंटर से जानकारी मिली कि समस्या उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है और समाधान जल्द किया जाएगा। समस्या नहीं, जीवन-मरण का प्रश्न है ये स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डायलिसिस जैसे जीवन रक्षक इलाज के लिए 24 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति और प्रभावी बैकअप सिस्टम जैसे जेनरेटर अनिवार्य हैं। इसमें एक पल की लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को खतरे से बचाना ज़रूरी कुनकुरी का डायलिसिस सेंटर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की  पहल का नतीजा है, जिसने सीमावर्ती अंचलों के गरीब और जरूरतमंद मरीजों को नई ज़िंदगी दी है। अब प्रशासन और तकनीकी विभागों की जिम्मेदारी है कि इस जनहित योजना की विश्वसनीयता और सतत संचालन सुनिश्चित करें, ताकि हर मरीज यहां निश्चिंत होकर जीवन पा सके – डर नहीं।  

नवनिर्मित श्री जगन्नाथ मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा एवं मूर्ति स्थापना अनुष्ठान में सपत्नीक शामिल होगें मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय, 21 से 27 मई तक अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित

IMG 20250519 WA0115

*21 मई से प्रतिदिन विशाल मीना बाजार का भी होगा आयोजन* दोकड़ा/जशपुर, 20 मई 2025 – नवमिर्मित श्री जगन्नाथ मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा एवं मूर्ती स्थापना अनुष्ठान कांसाबेल विकासखण्ड के ग्राम दोकड़ा में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय मुख्य अतिथि के रूप में 21 मई 2025 को शामिल होगें। दोकड़ा के प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार पश्चात् नव निर्मित मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा एवं मूर्ति स्थापना किया जा रहा है। इस दौरान 21 से 27 मई तक अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जहॉ 21 मई से प्रतिदिन विशाल मीना बाजार का भी आयोजन होगा। आयोजित धार्मिक कार्यक्रम अनुसार 21 मई को दोपहर 2 बजे से मैनी नदी बगिया से मंदिर प्रांगण तक कलश यात्रा के साथ मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम प्रांरभ होगा,साथ संध्या बेला में जी टीवी कलर टीवी फेम वैशाली रायकवार की टीम प्रस्तुति देंगे। 22 मई को सुबह 7 बजे से सूर्य पूजन, गौ पूजन, मंदिर प्रवेश, पार्श्व विग्रह, नेत्र उनिजन तथा रात्रि 8 बजे झारखंड के मशहूर गायक नागपुरी संगीत से समां बांधेंगे। 23 मई को प्रातः 7 बजे से सूर्य पूजन, मंडल पूजन, शिखर कलश, एवं नीलचक्र स्थापना, पार्श्व विग्रह महास्नान एवं रात्रि ओडिशा के संबलपुर के टीम द्वारा बादी पाला का आयोजन किया जाएगा। 24 मई को प्रातः 7 बजे से सूर्य पूजन, मंडल पूजन,एवं रात्रि ओडिशा भुवनेश्वर के मशहूर गायक अरविंद मुदली द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।, 25 मई को श्री जगन्नाथ स्वामी जी, बलभ्रद्र जी, सुभद्रा जी का मंदिर प्रवेश एवं संध्या भव्य कलश यात्रा अधिवास 26 मई को सुबह 8 बजे से अष्ट प्रहरी अखंड कीर्तन हरि नाम यज्ञ शुरू होगा,जिसमें ओडिशा,झारखंड, छत्तीसगढ़ के कीर्तन मंडली शामिल होकर प्रस्तुति देंगे। 27 मई को प्रातः 8 बजे पूर्णाहूति, दधीभंजन एवं नगर भ्रमण जिसमें ओडिशा के कीर्तन मंडली द्वारा ओड़िसा भजन की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके पश्चात् महाप्रसाद वितरण एवं समापन होगा। श्री जगन्नाथ मंदिर समिति के आयोजकों ने सभी भक्तोजनों को अत्यंत हर्ष के साथ आमंत्रित किया गया है।

ख़बर जनपक्ष की खबर का बड़ा असर: बारांगजोर के ग्रामीणों की प्यास बुझाने पहुंचा पीएचई विभाग, SDO ने दिया आश्वासन

IMG 20250519 WA0100

कुनकुरी/जशपुर,19 मई 2025 – जनपक्ष की खबर ने एक बार फिर अपना असर दिखाया है। शहीद लेओस का गांव बारांगजोर, जहां जल जीवन मिशन की योजना फेल साबित हो रही थी, वहां अब हलचल तेज हो गई है। सुकबासु पारा और मांझीटोली की बस्तियों में पानी टंकी और पाइपलाइन तो बना दी गई थी, लेकिन नलों से पानी के बजाय केवल हवा निकल रही थी। इस गंभीर समस्या को जनपक्ष ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद पीएचई विभाग हरकत में आया। सोमवार को पीएचई के एसडीओ विनोद कुमार मिश्रा खुद बारांगजोर पहुंचे और मौके का मुआयना किया। उन्होंने ठेकेदार के मैनेजर को भी मौके पर तलब किया। पंचायत की सरपंच श्रीमती रोशन आरा ख़ेस और बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर मौजूद रहे। गर्मी और पानी की किल्लत से परेशान ग्रामीणों ने अधिकारियों और ठेकेदार से तीखे सवाल पूछे – “सरकार ने लाखों रुपये खर्च किए, फिर भी पानी क्यों नहीं आया?” सरपंच रोशन आरा ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “समस्या मत बताइए, समाधान दीजिए और पानी पहुंचाइए।” उनकी इस सख्त टिप्पणी ने अधिकारियों को भी जवाब देने पर मजबूर कर दिया। एसडीओ मिश्रा ने ‘ ख़बर जनपक्ष‘ के माध्यम से ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि अगले दो हफ्तों में हर घर तक पानी पहुंचाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। हालांकि ग्रामीणों का भरोसा अभी पूरी तरह नहीं लौटा है। उनका कहना है कि अब जबकि अधिकारी स्वयं आश्वासन दे रहे हैं, तो वे कुछ दिन इंतजार करेंगे, लेकिन यदि वादा पूरा नहीं हुआ, तो वे फिर चुप नहीं बैठेंगे। ख़बर जनपक्ष की खबर ने जहां जिम्मेदारों को जवाबदेह बनाया, वहीं पीड़ितों की आवाज शासन तक पहुंचाने का काम भी किया,जो जारी रहेगा।