पोटाश बम खाने से हाथी का शावक गम्भीर,अज्ञात शिकारियों के खिलाफ थाने में शिकायत,घायल हाथी ड्रोन में दिखा,देखे तस्वीरें

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छत्तीसगढ़ में शिकारीयों के पोटाश बम से हाथी का शावक गंभीर रूप से घायल होने की खबर से वन विभाग अलर्ट हुआ है। गरियाबंद 10 नवंबर,2024 – छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें शिकारीयों द्वारा छोड़े गए पोटाश बम का शिकार होकर एक हाथी का शावक गंभीर रूप से घायल हो गया।वन विभाग ने शिकारियों का नाम बताने वाले को 10 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की है। रिपोर्टों के अनुसार, सिकासेर दल के 38 से अधिक हाथी इस क्षेत्र में विचरण कर रहे थे, जब इस दल में शामिल शावक ने गलती से पोटाश बम को मुंह में ले लिया। बम के फटने से शावक के मुंह और आसपास के हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं, जिससे जंगल में कई जगहों पर खून के निशान देखे गए हैं। घटना के बाद हाथियों का यह दल दो हिस्सों में बंट गया, और घायल शावक अपनी मां के साथ मुख्य झुंड से अलग हो गया है। वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शावक के उपचार के लिए एक विशेष योजना बनाई है। वन विभाग के उपसंचालक वरुण जैन ने बताया कि उपचार के लिए शावक और उसकी मां दोनों को ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोश करना होगा। वर्तमान में विभाग ड्रोन कैमरे, थर्मल इमेजिंग और डॉग स्क्वॉड की मदद से इन दोनों हाथियों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। वन विभाग ने इस गंभीर घटना के बाद जंगल में तलाशी अभियान चलाकर पोटाश बम के अवशेष और झाड़ियों में खून के निशान पाए हैं। इस मामले में उदंती वन विभाग ने थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है और शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विभाग ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से पोटाश बम लगाने वाले शिकारियों की जानकारी देने वालों के लिए 10,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया है। बढ़ता खतरा और वन्यजीव संरक्षण की चुनौती शिकारीयों द्वारा जानवरों के शिकार के लिए पोटाश बम का उपयोग बढ़ते खतरे का संकेत है, जो न केवल हाथियों बल्कि अन्य वन्यजीवों के लिए भी गंभीर जोखिम पैदा कर रहा है। इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। वन विभाग का कहना है कि इस घटना ने हाथियों के आवासीय क्षेत्र की सुरक्षा पर पुनर्विचार करने का अवसर दिया है और इससे भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपायों पर जोर दिया जाएगा।  

#IHATECRIME : दस्तावेजों की चोरी और फर्जीवाड़े से वाहन बेचने वाले गिरोह का स्टेप-बाय-स्टेप भंडाफोड़,पढ़िए पूरी स्टोरी

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जशपुर, 04 नवंबर 2024 – जशपुर पुलिस ने ठगी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें दस्तावेजों का धोखे से दुरुपयोग कर वाहनों का फाइनेंस और अवैध बिक्री की जा रही थी। कोतबा पुलिस की सतर्कता और सटीक कदमों की बदौलत, इस रैकेट का सरगना शाहरूख खान और उसका साथी वसीम अकरम को गिरफ्त में लिया गया। स्टेप 1: शिकायत के जरिए सुराग मिला कोतबा निवासी आशीष शर्मा ने चौकी में एक शिकायत दर्ज कराई कि उसे कोरियर से एक अनजान आर.सी. बुक मिली है, जिसमें एक वाहन (रजिस्ट्रेशन नंबर CGV29 AG 1344) का विवरण था, जो उसकी जानकारी के बिना फाइनेंस कर खरीदा गया था। आशीष के अनुसार, न तो उन्होंने और न उनके परिवार के किसी सदस्य ने इस साल कोई वाहन खरीदा है। स्टेप 2: दस्तावेजों के दुरुपयोग का खुलासा जांच में पता चला कि आशीष के दस्तावेज की छायाप्रति स्कूटी की डिक्की से चोरी की गई थी। पुलिस ने पाया कि अज्ञात व्यक्ति ने इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वाहन फाइनेंस कराए और उन्हें बेच दिया। ठगी का गंभीर मामला सामने आते ही पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने इस मामले को गहराई से जांचने का आदेश दिया। स्टेप 3: साइबर सेल और मुखबिर की मदद से आरोपी का पता पुलिस टीम ने साइबर सेल की सहायता से संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी। मुखबिर से जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी शाहरूख खान अम्बिकापुर में मौजूद है।कोतबा चौकी प्रभारी राकेश सिंह ने बिना समय गंवाए टीम को तैनात कर उसे हिरासत में लिया और कोतबा चौकी लाया गया। स्टेप 4: पूछताछ में रैकेट का भंडाफोड़ शाहरूख से सख्ती से पूछताछ की गई। उसने कबूल किया कि उसने फर्जी दस्तावेजों की मदद से कई वाहनों का फाइनेंस कराया और उन्हें अलग-अलग लोगों को बेच दिया। उसने यह भी बताया कि इन दस्तावेजों को तैयार करने में उसका साथी वसीम अकरम उर्फ चम्पा मदद करता था। दोनों ने वाहन बिक्री से प्राप्त राशि आपस में बांटी है। स्टेप 5: वाहनों की बरामदगी शाहरूख की निशानदेही पर पुलिस ने अम्बिकापुर और सूरजपुर में छापेमारी कर 10 बुलेट मोटरसाइकिल और 1 स्कूटी को बरामद किया। शाहरूख ने वाहन बेचने में संलिप्त अन्य व्यक्तियों के नाम बताए, जिससे पुलिस को पूरी ठगी की योजना समझ में आ गई। स्टेप 6: वसीम अकरम की गिरफ्तारी पुलिस ने वसीम अकरम को भी अम्बिकापुर से गिरफ्तार कर लिया, जिसने पूछताछ में ठगी की योजना में शामिल होने की बात स्वीकार की। इसके बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में कारागृह भेज दिया गया। आगे की कार्रवाई पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि, “यह गिरफ्तारी ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक अहम कदम है। दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश करना पुलिस की सटीक कार्यवाही का नतीजा है। इस मामले में और भी आरोपी शामिल हो सकते हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द होगी।” चेतावनी और जागरूकता पुलिस ने नागरिकों से अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की है।  

* I.A.S. रोहित व्यास ने जशपुर कलेक्टर का पदभार किया ग्रहण*ऑफिस स्टॉफ ने किया स्वागत*

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जशपुर 28 अक्टूबर 2024 –  जशपुर जिले के नवपदस्थ कलेक्टर आईएएस रोहित व्यास ने आज जिला कार्यालय में अपना पदभार ग्रहण कर लिया। श्री व्यास ने जिले के 20वें कलेक्टर के रूप में आज से कार्य शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री व्यास 2017 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। श्री व्यास ने 28 अगस्त 2017 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी में ट्रेनिंग के बाद रोहित की फील्ड पोस्टिंग के लिए राजनांदगांव में सहायक कलेक्टर के तौर पर नियुक्ति हुई। फिर 3 महीने तक भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय में अवर सचिव रहे। वहां से वापस लौट कर जशपुर जिले के बगीचा में एसडीएम, बगीचा के बाद मुंगेली और बस्तर के जिला पंचायत में सीईओ, बस्तर के बाद दुर्ग जिले के भिलाई नगर निगम आयुक्त, दुर्ग जिले के अपर कलेक्टर भी रहे। फिर सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले के कलेक्टर के रूप में कार्य कर चुके हैं।

बड़ी खबर: भाठागांव बस स्टैंड पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 12.8 किलो अवैध सोना जब्त, 8 करोड़ रुपये की अनुमानित कीमत

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रायपुर, 18 अक्टूबर 2024। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भाठागांव बस स्टैंड पर पुलिस ने आज एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 किलो 800 ग्राम सोना जब्त किया, जिसकी अनुमानित कीमत 8 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह सोना तीन यात्रियों से बरामद हुआ, जो सोने से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। रायपुर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के निर्देशानुसार, शहर में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत आज बस स्टैंड भाठागांव में यात्रियों की औचक चेकिंग के दौरान लिंगराज नायक, हितेश तांडी और शुभम पात्रों से बड़ी मात्रा में अवैध सोना से बने जेवरात बरामद हुए। तीनों यात्री रायपुर के तेलीबांधा और टिकरापारा के निवासी बताए जा रहे हैं। आकस्मिक चेकिंग के दौरान मिली सफलता शहर में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस लगातार पेट्रोलिंग और सूचना संकलन कर रही है। इसी कड़ी में, नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती श्री राजेश देवांगन और थाना प्रभारी टिकरापारा निरीक्षक मनोज कुमार साहू के नेतृत्व में बस स्टैंड भाठागांव पर यात्रियों की रूटीन चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान तीन यात्रियों के बैग से 12.8 किलो सोना बरामद हुआ। पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपी सोने के संबंध में किसी भी प्रकार के वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिसके बाद सोने को सील कर आयकर विभाग को अग्रिम कार्यवाही के लिए सौंप दिया गया। पुलिस की सतर्कता से मिली सफलता पुलिस की इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में नगर पुलिस अधीक्षक पुरानी बस्ती राजेश कुमार देवांगन, निरीक्षक मनोज कुमार साहू, सहायक उप निरीक्षक नीलमणी साहू और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस द्वारा जब्त किए गए सोने की कीमत 8 करोड़ रुपये आंकी गई है, और मामले की आगे की जांच जारी है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान जारी की है। लिंगराज नायक, पिता पवित्र नायक, उम्र 34 वर्ष, निवासी बीएसयूपी कॉलोनी, तेलीबांधा, रायपुर,हितेश तांडी, पिता विजय तांडी, उम्र 27 वर्ष, निवासी बीएसयूपी कॉलोनी, तेलीबांधा, रायपुर,शुभम पात्रों, पिता तपन पात्रों, उम्र 28 वर्ष, निवासी आरडीए कॉलोनी, बोरियाखुर्द, रायपुर जिनके कब्जे से अवैध सोना मिला।  

विश्लेषण : *सड़कों से गांवों तक पहुंचने की कोशिश, यह कोई बुरी बात तो नहीं*

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बरुण सखाजी (लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं) बीते कुछ वर्षों से विपरीत दलों की सरकारों में आपसी अदावत (कटुता) बढ़ी है। इस अदावत के लिए कौन जिम्मेदार हैं, सब जानते हैं। हर दल अपने आपको लोकतंत्र का पहरूआ बता रहा है लेकिन इस अहंकार को नहीं छोड़ पा रहा कि वह विपक्ष में भी बैठ सकता है। 2014 के बाद से ऐसी अदावतें बढ़ी हैं। इसका कारण साफ है, सदा सत्ता मे रहने का अहंकार। जनता की राय का अपमान। साठ साल तक राज करके ऐसा स्वभाव हो जाना स्वभाविक भी है, किंतु चुनावी लोकतंत्र में इसे जितने जल्दी हो समझ लेना चाहिए। आज हैं, कल नहीं हैं, कल रहेंगे परसों नहीं होंगे। जनता जिसे चाहेगी वही बैठेगा और वह वैसा ही करेगा जैसा करने के लिए उसे चुना गया है। छत्तीसगढ़ में इस बात को ठीक से समझ लिया गया है। जमीन पर महसूस किया जा रहा है। कहीं कोई चूक न हो पाए इसलिए जनता को सबसे ऊपर जानकर उससे किए वादों को पूरा किया जा रहा है। आलोचना की जा सकती है, किंतु धैर्यपूर्वक देखेंगे तो समझ आएगा आलोचना बेवजह है। चूंकि जो कहा वह करना और वह करके दिखाना ही सफल सियासत और राजनेता की पहचान है। बदले हुए दौर में समझ लेना होगा, लोगों को गुमराह करना अब संभव नहीं है। साल 2023 के विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ में भाजपा की विजय वास्तव में बदले जनमत का ही प्रमाण है। इसमें भी सरकार संचालन के लिए ऐसे व्यक्तित्व का चयन बड़ी चुनौती थी, जिसकी स्वीकार्यता, अनुभव, विनम्रता, मिलनसारता, सियासत की समझ, विकास के कार्यों के प्रति सकारात्मक रवैया और टीम को लेकर चलने का हुनर हो। इस मामले में मोदी की गारंटी और मोदी का चयन दोनों को मानना ही पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का महकमा यूं तो देशभर में सड़कों की सुंदरता, मजबूती और सुलभता के लिए जाना जाता है। लेकिन इसमें भी छत्तीसगढ़ के लिए दिल खोल देना महत्वपूर्ण बात है। सड़कों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। 2018 तक प्रदेश में सड़कों का निर्माण सामान्यतः अच्छी रफ्तार से चल रहा था, किंतु बाद के कुछ वर्ष जैसे काम रुक गया। न गलियों में निर्माण हो रहा था, न गांवों में। जो नेशनल हाईवे भी बन रहे थे तो उन्हें भी स्टेट लेवल के क्लीयरेंस गैर प्राथमिकता में मिलता था। यानि मिल गया तो मिल गया नहीं तो किसी को पड़ी नहीं थी। परंतु अब ऐसा नहीं है। *नए* दौर में सड़कों को लेकर सरकार आंतरिक रूप से स्पष्ट है। वह मानती है, भले ही कितनी ही रफ्तार से समाज में बदलाव हो रहे हों, लेकिन सड़क, बिजली, पानी मूलभूत जरूरतें बनी रहेंगी। जो भी सरकार इनसे खिलवाड़ करेगी, उसे भुगतना पड़ेगा। इस बात को जो राजनीतिक दल सत्ता में रहते ही समझ जाए वह समझदार, अन्यथा अहंकार तो कोई भी कुर्सियों पर विराजते ही पाल ही लेते हैं। प्रदेश की दुखती रग रहा है जशपुर, पत्थलगांव रोड, केशकाल का घंटो जाम को मजबूर टेढ़ामेढ़ा रास्ता, बस्तर को और दूर करता धमतरी-जगदलपुर का रास्ता। बस्तर के अन्य आंतरिक रास्ते, सरगुजा के भीतरी इलाकों के रोड, बिलासपुर संभाग में आने वाले जिलों की सड़कें। यह सब चीख-चीखकर कह रही हैं इनका निर्माण जरूरी है। वर्तमान सरकार ने सारी बातों को मजबूती से रखा। मुख्यमंत्री ने पूरी सच्चाई से गडकरी से सहयोग मांगा। विभागीय मंत्री ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। पैसा भी मिला, समय-सीमा का वादा भी मिला और प्रदेश की ओर से वचनबद्धता भी दी गई। यही होना चाहिए। केंद्र बड़प्पन दिखाता है और प्रदेश अपने गरिमा और आवश्यकता के अनुरूप काम करते हैं। वाद-विवाद की कोई जगह नहीं होती। छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षों से विवाद ने स्थान लिया था। असहमतियों का भ्रम खड़ा किया गया। संकुचित राजनीतिक सोच के चलते टकराव पैदा किए गए। अब यह सब खत्म हो गए हैं। नतीजे में प्रदेश को हजारों करोड़ की सड़कें मिल रही हैं। यह सड़कें एक ही दल की केंद्र और प्रदेश में सरकार होने के कारण भी मिल रही हैं। संभवतः इसे ही डबल इंजन की सरकार कहा गया था। सड़कों के जरिए गांवों तक पहुंचने की कोशिश, कोई बात बुरी तो नहीं है। क्या इसकी भी आलोचना करेंगे आप? sakhajee.blogpsot.com (यह लेखक के निजी विचार हैं।)

स्पेशल 72,ब्लाइंड मर्डर केस : दुष्कर्म के बाद पैसे मांगने पर परिचितों ने कर दी हत्या,हत्यारे जेल की सलाखों में

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हवस की आग में महिला की हत्या करने का सनसनीखेज मामले का खुलासा क्राइम किलर एसपी शशिमोहन सिंह ने खुद के दिये टारगेट 72 घण्टे के भीतर करते हुए दरिंदों को जेल की सलाखों के पीछे धकेल दिया। पढ़िए क्राइम स्टोरी,,,, जशपुर, 21 सितंबर 2024: जशपुर जिले में घटित अंधे कत्ल की गुत्थी को पुलिस ने महज 72 घंटों के भीतर सुलझा लिया है। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम भभरी में 30 फीट गहरी खाई से एक अज्ञात महिला का शव मिला था, जिसकी पहचान और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जशपुर पुलिस ने सघन अभियान चलाया। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी राजेन्द्र राम मिंज (30) और उसके सहयोगी संजय राम भगत (30) को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी शशिमोहन सिंह ने अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि 17 सितंबर की रात, आरोपियों ने महिला के साथ दुष्कर्म किया और पैसे मांगने पर उसकी हत्या कर दी। मृतिका ने आरोपी से पूर्व में लंबित एक केस की पेशी में जाने के लिए 4000 रुपये मांगे थे। पैसे न देने पर महिला ने आरोपी को किसी केस में फंसा देने की धमकी दी, जिसके बाद आरोपी ने गला दबाकर और डंडे से मारकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद, शव को भभरी के जंगल में फेंक दिया गया। उन्होंने आगे बताया,आरोपी राजेन्द्र राम मिंज के कपड़ों पर खून के धब्बे मिलने से पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिससे जांच की दिशा और स्पष्ट हुई। आरोपियों से घटना में इस्तेमाल की गई मोटर साइकिल, लकड़ी, डंडा और खून से सने कपड़े बरामद कर लिए गए हैं। सिटी कोतवाली मेंअपराध क्रमांक 225/2024 के तहत धारा 103(1), 70(1), 3(5) भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में इस मामले की विवेचना की गई और आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। इस कठिन और संवेदनशील मामले को सुलझाने वाली पुलिस टीम को एसपी द्वारा नगद इनाम से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है। स्पेशल 72,ब्लाइंड मर्डर केस की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपियों की गिरफ्तारी में एसडीओपी जशपुर चंद्रशेखर परमा, निरीक्षक रविशंकर तिवारी, उप निरीक्षक सरिता तिवारी, स.उ.नि. चंद्रप्रकाश त्रिपाठी, आर. 350 हेमंत कुजूर, आर. 178 विनोद तिर्की, आर. शोभनाथ सिंह, न.सै. थानेश्वर देशमुख, सायबर सेल से उप निरीक्षक नसरूद्दीन अंसारी, स.उ.नि. हरिशंकर सिंह, आर. अनिल सिंह, आर. संदीप  का योगदान रहा है।

‘क्राइम किलर S. P. शशिमोहन सिंह’ ने 72 घण्टे में ब्लाइंड मर्डर के अपराधियों को पकड़ा, प्रेस कांफ्रेंस में किया वारदात का खुलासा, 4 आरोपी गिरफ्तार

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जशपुर,17 सितंबर 2024 / बीते 12 सितंबर को श्रीनदी पुल से लगे जंगल में हुई नृशंस हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार लिया है जिनमें मृतक का बड़ा भाई, दो मौसेरे भाई और एक पड़ोसी शामिल है।पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में अंधे कत्ल का खुलासा किया है। घटनाक्रम पर नजर डालें तो इस हत्या की दो वजह सामने आई, एक जमीन विवाद और दूसरा मृतक अभिषेक का शराब पीकर पूरे गांव में लड़ाई झगड़ा करना। जो कहानी अभी तक सामने आई है उसके मुताबिक अभिषेक लकड़ा उर्फ़ “अभी’’ की माँ का बीते माह निधन हो गया था। जिस कारण वह होशंगाबाद से गांव आया था। जैसा कि अभिषेक की पत्नी अर्पिता ने बताया कि “अभी” शराब पीकर झगड़ा करता था। वह किसी से भी झगड़ जाता था, जिसकी वजह से पत्नी भी 2022 में उसे छोड़कर अपने मायके केरसई लौट गई थी।इस हत्या में पुलिस के शक की सुई सबसे पहले अभी की पत्नी पर ही गई लेकिन लंबी पूछताछ के बाद हत्या में किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं पाए जाने पर उसे छोड़ दिया गया। उधर अभिषेक अपने गांव बरजोर में माँ के दफन – कफ़न के बाद घर में ही रुक गया, जिसका एक भाई मंदबुद्धि है। पिता क्रिस्टोफर मजदूरी करने गांव के राजमिस्त्री के साथ सरगुजा जिले के उदयपुर चला गया था। यूँ नहीं बना हत्या का फुलप्रूफ प्लान… अब “अभी” घर में दिनभर शराब पिये और अपने मौसी के बेटों और पड़ोसियों से झगड़ा करे।शराब के लिए जमीन भी गिरवी रख देता था। रोज- रोज की किचकिच से तंग आकर मौसेरे भाई अभय लकड़ा अपने भाई व अन्य के साथ मिलकर अभिषेक की पिटाई कर दी, जिसमें उसका एक पैर टूट गया। जिसका इलाज भाइयों ने जड़ी- बूटी से कराने की कोशिश की लेकिन उसके गाली – गलौच से नाराज होकर उसे हमेशा के लिए शांत करने की योजना बनाने लगे। फोटो: वारदात वाली मारुति वेन 11 सितंबर को चारों आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए मारुति वेन में कमजोर हो चुके अभिषेक को डालकर बरजोर से कुंजारा होते हुए श्रीनदी तक लाए।जहां उसके मौसेरे भाई अभय लकड़ा ने उसकी निर्मम हत्या की।इस समय मृतक का सगा बड़ा भाई अनूप उर्फ़ अनु हत्या करते देख रहा था।वहीं संदीप और निर्दोष सड़क पर मारुति वेन में पहरा दे रहे थे।हत्यारे अभय एक्का सिर धड़ से अलग करने के बाद सिर को नदी में बहाने की योजना बनाया लेकिन धड़ को जंगल के काफी अंदर ठिकाने लगाने के बाद सिर को ढूंढ नहीं पाया।तब तक भोर हो गया,उजाला बढ़ता देख सभी मारुति वेन से वापस बरजोर आ गए। आरोपियों ने सुनियोजित ढंग से वारदात को अंजाम देने के बाद घरवालों को गुमराह करने के लिए यह झूठ फैला दी कि ‘अभी’ को वैद्य से इलाज कराकर बस से उसके पिता ख़रीस्टोफर के पास उदयपुर भेज दिए हैं।अभय ने बताया कि उसने यह हत्या क्राइम पेट्रोल देखकर की। ‘स्पेशल 72’  नृशंस हत्या की सूचना मिलते ही एसपी शशिमोहन सिंह ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम देनेवालों को 72 घण्टे के अंदर पकड़ने का टास्क दिया।जिसके लिए विशेष टीम बनाई और एएसपी अनिल कुमार सोनी के साथ लगातार मॉनिटरिंग करते रहे।डीएसपी विजय सिंह राजपूत के कुशल मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सुनील सिंह विशेष टीम के साथ जघन्य हत्या की कड़ियाँ जोड़ते हुए हत्या में प्रयुक्त औजार व मारुति वेन की जप्ती कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया।’स्पेशल 72′ को सफल बनानेवाली टीम में डीएसपी विजय राजपूत, थाना प्रभारी सुनील सिंह,सब इंस्पेक्टर संतोष तिवारी,एएसआई ईश्वर वारले,सब इंस्पेक्टर नसीरुद्दीन (साइबर)अंसारी,एएसआई नसीरुद्दीन (क्राइम)अंसारी, प्रधान आरक्षक मोहन बंजारे,जितेंद्र गुप्ता,गणेश यादव,नंदलाल यादव,प्रदीप एक्का,तुलसी रात्रे,मुकेश पांडे,अनिल सिंह,ताराचंद मिरेंद्र, चंद्रशेखर बंजारे,अजय श्रीवास्तव लालाजी शामिल थे।इसके अलावा सीन ऑफ क्राइम यूनिट जिला जशपुर सलीम कुजूर ने फॉरेंसिक साक्ष्य का संग्रहण किया।एसपी ने इस टीम को नगद इनाम देने की घोषणा की है।

बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील सीएम साय ने आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के पोषण पर दिया निर्देश,मिलने लगा गर्म पौष्टिक भोजन,बच्चों ने कहा – थैंक्यू सीएम अंकल

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जशपुर 16 सितंबर 24/ बाल-अधिकारों की रक्षा करने के लिए दृढसंकल्पित मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के निर्देश पर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को हरी सब्जियों के साथ दाल , चावल पुड़ी सब्जी परोसा गया। आंगनबाड़ी के बच्चों ने उत्साह के साथ भोजन ग्रहण किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा विशेषकर पालकों को अपने घर के बाड़ी या आंगन में हरि साग सब्जी लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि नियमित भोजन में उन सब्जी का उपयोग हो सके । कुनकुरी शंकरनगर के आंगनबाड़ी में मजदूर शिवराम ने बेटी की थाली में भरपूर पोषण से भरे गर्म भोजन देखकर सीएम साय को खूब धन्यवाद दिया।इसी तरह बच्चों ने भी कहा – “थैंक्यू सीएम अंकल।”

*दुर्ग: शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ा, तटीय गांवों में अलर्ट जारी*

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  *दुर्ग, 10 सितम्बर 2024* – शिवनाथ नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से दुर्ग जिले में स्थित तटीय गांवों में खतरे की स्थिति पैदा हो गई है। मोगरा बैराज से लगभग 1 लाख 88 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद, महमरा एनीकेट पर पानी पांच फीट ऊपर बह रहा है, जिससे तटीय इलाकों में जलभराव की आशंका है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नदी के किनारे बसे 30 से अधिक गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को सतर्क किया है। जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए शाम तक हालात और बिगड़ने की संभावना जताई जा रही है। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से नदी किनारे जाने से बचने की अपील की है और सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए निगरानी टीमें तैनात की गई हैं, और बाढ़ संभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्यों की तैयारी की जा रही है।

*बड़ी सौगात* *32 करोड़ की लागत से कुनकुरी में बनेगा 220 बिस्तर अस्पताल का भवन* *राज्य सरकार ने जारी किया निविदा* *मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर मिली स्वीकृति

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  जशपुर – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर कुनकुरी में प्रस्तावित 220 बिस्तर की क्षमता वाले अत्याधुनिक अस्पताल के भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने निविदा जारी कर दिया है। इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने 32 करोड़ 9 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। उल्लेखनिय है राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने अपने बजट में कुनकुरी में 220 बिस्तर की क्षमता वाली अत्याधुनिक अस्पताल निर्माण की घोषणा की थी। इस बजट में अस्ताल भवन निर्माण के लिए आवश्यक राशि की स्वीकृति भी सरकार ने प्रावधान कर दिया था। आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले के लिए इस अस्पताल को मील का पत्थर माना जा रहा है। सरकार की मंशा आगे चल कर,इसे मेडिकल कालेज के रूप में विकसीत करने की है। जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष दिसंबर माह में राज्य की बागडोर सम्हालने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जशपुर सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के विस्तार और इसमें गुणात्मक सुधार के लिए लगातार कार्य कर रहें हैं। उन्होनें शपथ ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रदेश में एंबुलेंस सेवा में सुधार के लिए जिम्मेदार अधिकारियोें को सख्त निर्देश दिया था। इस निर्देश में जरूरतमंदों से काल प्राप्त होने के आधा घंटे के अंदर मरीज को एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया था। केबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों के लिए सस्ती जेनरीक दवाओं को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिया था। बीते 8 माह के कार्यकाल के दौरान जशपुर जिले में स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के लिए तेजी से काम हुआ है। कुनकुरी में 220 बिस्तर के अस्पताल के साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए 25 अतिरिक्त एंबुलेंस और 1 शव वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 7 उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा देते हुए,आवश्यक मानव संसाधन को स्वीकृति दी जा चुकी है। जिले में 19 एमबीबीएस चिकित्सक और 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना कर,चिकित्सकों की कमी को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अस्पतालों में मशीनों की कमी को दूर करने के लिए 2 करोड़ 32 लाख की स्वीकृति राज्य सरकार ने दी है। इस राशि से कुनकुरी में डायलिसिस केन्द्र शुरू करने के साथ ही जशपुर,मनोरा,लोदाम,बगीचा के अस्पतालो में आवश्यक उपकरणो की खरीदी में किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा जशपुर जिले को स्वास्थ्य सेवा कर क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाना है ताकि मरीज और उनके स्वजनों को उपचार के लिए भटकना ना पड़े।